ट्रांज़ेक्शन फ़ेल, लेकिन एकाउंट से पैसे कटे, रिफंड में हुई देरी, तो बैंक देगा आपको रोज़ाना 100 रुपये का जुर्माना

ATM ट्रांजेक्शन फ़ेल होने पर बैंक देगा आपको 100 रु. पेनाल्टी रोज़, जानिए क्या हैं नियम ?


भले ही तकनीक की वजह से बैंकिंग आज हमारे लिए आसान हो गयी है। बावजूद इसके कई बार ग्राहकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अक़्सर देखा जाता है कि बैंक कस्टमर किसी एटीएम से पैसे निकालने का प्रयास करता है, उसके खाते से पैसे कट तो जाते हैं, लेकिन ATM मशीन से कैश नहीं निकलते। ऐसे में कस्टमर के पास इंतज़ार करने के अलावा कुछ नहीं होता।



कई बार फण्ड ट्रांसफ़र के वक़्त, किसी को पेमेंट करते वक़्त भी ट्रांज़ैक्शन फ़ेल हो जाता है। खाते से पैसा कट जाता है लेकिन पेमेंट नहीं पहुँचता और ना हि कोई कन्फर्मेशन मिलता है। ऐसी परिस्थिति में ग्राहकों के लिए एक बड़ी समस्या बन जाती है रिफंड को लेकर। ऐसी परिस्थिति में ग्राहकों का चिंतित होना लाज़मी है। लेकिन हम बताना चाहते हैं कि ऐसी परिस्थिति में आप बिल्कुल भी चिंता न करें क्योंकि बैंक एक निर्धारित समय के भीतर निश्चित रूप से आपके खाते में राशि जमा कर देगा। 

ट्रांजैक्शन फ़ेल हो जाने पर Account से कटा हुआ पैसा कभी तुरंत रिवर्स हो जाता है तो कभी इस प्रक्रिया में अधिक समय भी लग जाता है। रिज़र्व बैंक ने इसको लेकर एक सर्कुलर जारी कर दिया है, जिसके मुताबिक़ यदि रिफंड प्रक्रिया में तय सीमा से ज़्यादा समय लगता है तो बैंक अपनी तरफ़ से आपको इस लेटलतीफ़ी के लिए 100 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना देगा।

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) की एक सार्वजनिक जागरूकता की पहल के मुताबिक़, "यदि आपके ATM का लेनदेन असफल हुआ है तो आपका बैंक एक निश्चित अवधि तक आपके खाते में डेबिट किये गए पैसे को रिवर्स नहीं करता है तो आपको इसकी 100 रुपये/दिन की पेनाल्टी के रूप में भरपाई भी मिलेगी।"

फ़ेल ट्रांज़ेक्शन किसे कहते हैं -

यदि आप किसी को पेमेंट करते हैं। लिंक फ़ेल होने की वजह से, कैश न होने की वजह से या सेशन टाइम आउट हो जाने की वजह से ट्रांज़ैक्शन नहीं हो पाता है और Account से पैसे कट जाते हैं तो ऐसे ट्रांजेक्शन को फ़ेल ट्रांजेक्शन की कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे ट्रांजेक्शन को failed transaction कहा जाता है। जिसके लिए Refund की ज़िम्मेदारी बैंक की होती है।

सभी बैंकों के लिए एक सा नियम-

हम आपको बता दें कि पहले रिज़र्व बैंक की ओर से इस तरह का कोई ठोस नियम नहीं था जिस कारण सभी बैंक इस तरह की प्रॉब्लम्स को अपने-अपने तरीके से हैंडल करते थे। इसमें ग्राहकों को ज़्यादा परेशानी होती थी। लेकिन अब चूंकि RBI की गाइडलाइंस (circular) के बाद अब सभी बैंकों के लिए Transactions के एक जैसे नियम कर दिए हैं। इस नियम के मुताबिक, जितने दिन में पैसे आएंगे उतने दिन के हिसाब से बैंक आपको रोज़ाना मुआवज़े के तौर पर 100 रुपए देगा।

किन मामलों में नहीं होगी कस्टमर्स की ग़लती, बैंक स्वयं ज़िम्मेदारी लेगा-

बैंकों को निर्देशित किये गए सर्कुलर के मुताबिक़, ट्रांजेक्शन फ़ेल होने के ये कारण भी बताए गए हैं जिसमे ग्राहकों की कोई ग़लती नहीं होती जैसे- ट्रांसेक्शन करते वक़्त बैंक की लिंक या सर्वर में समस्या हो, ATM में उस वक़्त कैश न हो, बैंक की तरफ़ से टाइम आउट हो जाना आदि के कारण यदि ग्राहकों के Transactions फ़ेल होते हैं तब बैंकों को उनका मुआवज़ा देना होगा। 

ऐसी परिस्थितियों के लिए RBI ने कस्टमर्स द्वारा शिक़ायत या क्लेम के बिना ही उन्हें मुआवज़ा दिए जाने का निर्देश है। इसके बावजूद भी यदि किसी कस्टमर को उसका मुआवज़ा नही मिलता है तब वह रिज़र्व बैंक के बैंकिंग लोकपाल को सीधे शिक़ायत कर सकता है।

आइये जानते हैं उन सभी Transactions के बारे में जिनके रिफंड में देरी होने पर बैंक आपको जुर्माना देगा।  

(1) ATM ट्रांज़ैक्शन करने पर - यदि एटीएम से ट्रांज़ैक्शन फ़ेल हो जाए, केश न निकले लेकिन ग्राहक के Account से रकम कट (Debit) जाये तो RBI के निर्देश के अनुसार ट्रांज़ैक्शन के दिन से 5 दिन के अंदर आपका पैसा रिफंड हो जायेगा। लेट होने पर 5 दिन के बाद से बैंक आपको 100 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना देगा।  

(2) कार्ड टू कार्ड मनी ट्रांसफ़र - रकम एक कार्ड से डेबिट तो हो जाये लेकिन दूसरे कार्ड (एकाऊंट) में न पहुँचे। तो रिफंड की अवधि अधिकतम 1 दिन होगी। अन्यथा लेटलतीफ़ी होने पर ₹100/दिन का जुर्माना बैंक की तरफ़ से आपको देय होगा।

(3) ऑनलाइन शॉपिंग से ट्रांज़ेक्शन - ऑनलाइन शॉपिंग के समय अकाउंट से पैसे कटे लेकिन मर्चेंट को कन्फर्मेशन नहीं आया हो या चार्ज स्लिप जनरेट नहीं हुई हो तब ऐसे मामले में रिफंड की अवधि अधिकतम 5 दिन होगी। अन्यथा लेटलतीफ़ी की स्थिति में आपको बैंक की ओर से ₹100/दिन का जुर्माना दिया जायेगा।

(4) UPI से फण्ड ट्रांसफ़र करने पर - एकाउंट से पैसा कट जाये लेकिन बेनिफिशयरी के एकाउंट में न पहुँचे। ना हि किसी प्रकार का कन्फर्मेशन मिले। तो ऐसी स्थिति में रिफंड मिलने की अवधि अधिकतम 5 दिन होगी अन्यथा बैंक की ओर से ₹100/दिन आपको जुर्माना देय होगा।

(5) IMPS से ट्रांजेक्शन करने पर- आपके एकाउंट से 
पैसा कट जाए लेकिन प्राप्तकर्ता के Account में पैसा न पहुँचे। तो ऐसी स्थिति में रिफंड की अधिकतम अवधि 1 दिन की होगी अन्यथा लेट होने होने पर बैंक की ओर से आपको ₹100/दिन का जुर्माना देय होगा।

(6) आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS)- आपके Account से पैसे तो कट जायें बेनिफिशयरी के Account में पैसा न पहुँचे और ना हि कोई कन्फर्मेशन हो पाए। तब रिफंड के लिए अधिकतम अवधि 5 दिन की होगी। अन्यथा ₹100/दिन बैंक की तरफ़ से जुर्माना दिया जाएगा।

(7) कार्ड, मोबाईल वॉलेट से UPI/Debit card/Credit card/IMPS के ज़रिए Transaction- इस मामले में भी ऊपर दिए IMPS/UPI के नियमानुसार रिफंड के  अधिकतम अवधि 1 दिन ही होगी। देरी होने पर रोज़ाना ₹100 का जुर्माना बैंक की ओर से दिया जाएगा।

(8) नेशनल ऑटोमोटेड क्लियरिंग हाउस (NACH)- इस तरह के transactions के फ़ेल हो जाने पर, बेनीफिशयरी के Account पर क्रेडिट न होने की दशा में, रिफंड होने के लिए अधिकतम अवधि 1 दिन की होगी। रिफंड में देरी होने पर ₹100/दिन का जुर्माना दिया जाएगा।

(9) प्रीपेड पेमेंट इस्टूमेंट्स (PPIs)/कार्ड/वॉलेट - बेनिफिशयरी के PPI में पैसे क्रेडिट न हों या PPI से पैसा कट जाए लेकिन Confirmation न मिले। तब इस स्थिति में रिफंड के लिए अधिकतम अवधि 1 दिन की होगी और देरी होने पर ₹100 प्रतिदिन जुर्माना दिया जाएगा।

(10) APBS के ज़रिए पेमेंट होने पर- इस तरह के 
पेमेंट के फ़ेल हो जाने पर रिफंड के लिए अधिकतम अवधि 1 दिन की होगी। रिफंड में देरी होने पर ₹100/दिन का जुर्माना दिया जाएगा।


क्या हैं उपाय जिसके तहत रिफंड के साथ-साथ मुआवज़ा भी मिले -

एक बैंक कस्टमर के तौर पर आपको अपना डेबिट कार्ड जारी करने वाले अपने बैंक के पास इसकी शिक़ायत करनी चाहिए। आपका ट्रांजेक्शन चाहे अपने बैंक के ATM पर फ़ेल हुआ हो या दूसरे बैंक के ATM पर, आप अपने बैंक से शिकायत कर अपना पैसा वापस मांग सकते हैं. साथ ही, उस पर मुआवज़ा भी ले सकते हैं।

मुआवज़ा लेने के लिए क्या करना होगा आइये जानें -

(1) बैंक से पेनाल्टी लेने के लिए आपको ट्रांजेक्शन फ़ेल के बाद 30 दिनों के भीतर शिकायत दर्ज करानी होगी।
(2) आपको अपने उस ट्रांजेक्शन की पर्ची या अकाउंट स्टेटमेंट के साथ अपनी शिकायत अपने  बैंक में दर्ज करानी होगी।
(3) आपको बैंक के अधिकृत कर्मचारी को अपने एटीएम कार्ड का डिटेल अथवा फ़ैल ट्रांज़ैक्शन का डिटेल बताना होगा।
(4) अगर 7 दिनों के भीतर आपका पैसा वापस नहीं आता तो आपको एनेक्शर-5 फॉर्म भरना होगा।
(5) जिस दिन बैंक में आप ये फॉर्म सबमिट करेंगे आपकी पेनाल्टी उसी दिन से चालू हो जाएगी। 

पैसे वापसी के साथ जुर्माना भी -रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का स्पष्ट निर्देश हैं कि बैंकों को जुर्माने की रकम ग्राहक के खाते में स्वयं ही डालनी होगी। इसके लिए ग्राहक की ओर से दावा करने की आवश्यकता नहीं होगी। ख़ास बात यह है कि जिस दिन ग्राहक के उस Failed Transaction के पैसे वापस होंगे, उसी दिन जुर्माने की रक़म भी अकाउंट में डालनी होगी।

100 रुपये रोज़ाना के हिसाब से मुआवज़ा देना होगा -RBI के नियम के मुताबिक, अगर बैंक शिकायत करने के 7 दिन के भीतर भुगतान नहीं करता है तो हर दिन 100 रुपए के हिसाब से जुर्माना ग्राहक को देना होगा। अगर बैंक आपका पैसा समय पर वापस नहीं करता है तो आप निश्चित रूप से बैंक से जुर्माना वसूलने के हक़दार हैं। 

आपको 30 दिन के अंदर ही करनी होगी शिक़ायत -बैंक से पैसा या जुर्माना वसूलने का हक़ तभी आपको मिलेगा जब ट्रांजेक्शन के 30 दिन के भीतर ही शिक़ायत दर्ज की जायेगी। अगर आप ट्रांज़ेक्शन के फ़ेल होने पर 30 दिन में शिक़ायत दर्ज नहीं कराते हैं तो आप जुर्माना वसूलने के हक़दार नहीं होंगे।

ध्यान देने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें -

(1) हम आपको बता दें कि RBI के इस नए फ्रेमवर्क के तहत सभी डोमेस्टिक ट्रांजेक्शन कवर किये जायेंगे।
(2) फंड ट्रांसफ़र के मामले में यदि भेजने वाले व्यक्ति के Account से पैसा कट गया हो लेकिन बेनिफिशयरी तक नहीं पहुंच पाया। तब उसे एक निश्चित अवधि के अंदर उस बेनिफिशयरी के ही Account में Credit किया जाएगा। ऐसा नहीं किये जाने पर मुआवज़ा बेनीफिशयरी को मिलेगा।
(3) यदि ट्रांजेक्शन में पैसा भेजने वाले कस्टमर के बैंक की ओर से हो रही हो तो तब उस स्थिति में मुआवज़ा पैसा भेजने वाले को मिलेगा।

आशा करते है कि Transactions के failed होने पर Refund करने की अवधि की जानकारी और साथ ही बैंक द्वारा Refund में देरी किये जाने पर ग्राहकों को पेनाल्टी के रूप में ₹100/दिन का मुआवज़ा देने के विषय में यह जानकारी आप सभी के लिए उपयोगी साबित होगी।

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