लव मैरिज के फ़ायदे और नुकसान | लव मैरिज बेहतर है या अरैंज मैरिज? | Love Marriage Advantages And Disadvantages In Hindi

व मैरिज बेहतर है या अरैंज मैरिज? दोस्तों! वास्तव में यह सवाल अविवाहितों द्वारा पूछा जाने वाला अथवा उनके मन में उमड़ने वाला बड़ा ही दिलचस्प सवाल है। लेकिन उससे भी बड़ी दिलचस्प बात यह है कि इसी दिलचस्प सवाल का जवाब आज तक किसी ने पूरी शिद्दत से नहीं खोजा। हमारे आज के आर्टिकल का यह सब्जेक्ट इसलिए भी ख़ास है क्योंकि हम-आप बचपन  से ही लव मैरिज और अरेंज मैरिज के फ़ायदे और नुकसान सुनते आ रहे हैं। ये बात अलग है कि इन दोनों ही प्रकार की शादियों पर हमेशा ही प्रश्नचिन्ह लगता रहा है। जहाँ बड़े बुज़ुर्ग अरैंज मैरिज को बेहतर मानते हैं तो वहीँ अधिकतर युवा, प्रेम विवाह (लव मैरिज) की पैरवी करते नज़र आते हैं। 


Love marriage Vs Arrange marriage

दोस्तों शादी हमारी ज़िन्दगी का एक अहम फ़ैसला होता है जिसे दो लोग साथ मिलकर तय करते हैं। भारत में ऐसा भी माना जाता है कि यह मेल केवल दो लोगों का ही नहीं बल्कि दो परिवारों का मेल होता है। ऐसे में हमारे लिए यह निहायत ही ज़रूरी हो जाता है कि हम अपना कोई भी फ़ैसला लेने से पहले परिवार के फ़ैसले को ज़रूर जान लें। शादी एक पवित्र रिश्ता होता है जो दो लोगो को बांधकर रखता है। साथ ही दोनों से जुड़े लोगों या परिवारों से जुड़े रिश्तों को बाँधकर रखता है। 

ऐसा माना जाता है कि शादी के बाद ही इंसान को जिंदगी जीने की नई राह मिलती है। उन्हें शादी के बाद ही ज़िन्दगी में नए नियम सीखने को मिलते हैं। सच कहा जाये तो शादी के बाद ही इंसान, सही मायने में जीवन मूल्यों को जान पाता है। रिश्तों को निभाने की कला, दो परिवारों के बीच सेतु बनकर खड़े रहने का तज़ुर्बा, आपसी रिश्तों के बीच तालमेल बनाकर रखना आदि सचमुच इतना कुछ सीखने मिलता है शादी के बाद हर एक इंसान को। 
 
आज के मॉडर्न समय में हर व्यक्ति अपने लिए एक ऐसा जीवनसाथी चाहता है जो उसकी पसंद का हो और उसकी उम्मीदों पर ख़रा उतरे। ऐसे में लोग अरेंज मैरिज के बजाय लव मैरिज को ज़्यादा  प्राथमिकता देते हैं। ज़्यादातर लोगों का मानना होता है कि अरेंज मैरिज करने पर जीवनसाथी को जानने और समझने में एक लंबा वक़्त लग जाता है और अगर वह अपनी पसंद का ना भी हो तब भी जीवनभर उसके साथ रहना एक मजबूरी बन जाती है।

जबकि लव मैरिज में कोई न कोई ऐसी ख़ासियत ज़रूर होती है जिस वजह से दो लोग अपनी मर्ज़ी से साथ रहने का अहम फ़ैसला करते हैं। मसलन उनके आपसी विचार मिलना, एक दूसरे पर विश्वास करना, आपसी प्रेम के साथ बेहतर तालमेल होना आदि। यही कारण है कि समय के साथ लव मैरिज करने का चलन बढ़ रहा है। आजकल युवा अपनी मर्ज़ी से शादी कर रहे हैं। 

परिवार की मर्जी से चुनी गई लड़की से शादी यानि कि अरेंज मैरिज और अपनी इच्छा से जीवनसाथी ढूंढकर शादी करना यानि कि लव मैरिज में बहुत फ़र्क है। तो आइए सबसे पहले जानते है कि इन दोनो शादियों में फ़र्क क्या है?

अरेंज मैरिज/सुसंगत विवाह (Arrange Marriage in hindi)

अरेंज मैरज में लड़के और लड़की के परिवार एक दूसरे के लिए ख़ुद जीवनसाथी का चुनाव करते हैं। इस तरह की शादियों में ज़्यादातर लड़का-लड़की एक-दूसरे से अनजान होते हैं। शादी के बाद ही उनमें प्यार होता है और फिर जिंदगी भर के लिए वह एक.दूसरे के साथ खुशी-खुशी जिंदगी बिताते हैं। इसमें लड़का और लड़की दोनों के परिवार वालों के बीच का रिश्ता भी बहुत मज़बूत हो जाता है। दोनों ही परिवारों का सहयोग इन नवदम्पत्तियों को उनके विपरीत परिस्थितियों में बढ़चढ़कर मिलता है। यही कारण है कि अरेंज मैरिज को लव मैरिज के मुक़ाबले ज़्यादा सफल माना जाता है।

लव मैरिज/प्रेम विवाह (Love Marriage in hindi)

प्रेम विवाह की अगर बात करें तो इस शादी में लड़का-लड़की एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं और एक-दूसरे को पसंद करते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि परिवार वाले इस शादी से ख़ुश नहीं होते। लड़की को नए और अजनबी परिवार के साथ रहने और समझने में मुश्क़िलें  आने लगती हैं। इस तरह की शादी की ख़ास बात यह होती है कि लड़का-लड़की में आपसी समझ मिलती है। दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं लेकिन दोनों के परिवार वालों के बीच मेलजोल ज़रा कम ही होता है।
अरेंज मैरिज और लव मैरिज में से कौन सी शादी बेहतर है? यह कह पाना कठिन है। हाँ! मगर इतना ज़रूर कह सकते हैं कि शादी कोई भी हो बस, लोगों का समझदार होना और सोच का अच्छा होना बहुत ज़रूरी है। और इससे भी ज़्यादा ज़रूरी है युवक-युवतियों का प्रेम वास्तविक होना।



लव मैरिज करने से पहले यह ज़रूर जान लें कि आपका प्रेम महज़ आकर्षण तो नहीं !



चूँकि 
प्रेम की वजह से आज के युवा,परिवार से बग़ावत कर प्रेम विवाह की डोर में बँध जाते हैं। उन्हें ये महत्वपूर्ण फ़ैसला लेने से पहले भलीभांति सोच लेना चाहिए कि सच में उनका प्रेम वास्तव में प्रेम ही है या महज़ आकर्षण? 
चूँकि हम लव मैरिज की बात कर रहे हों और प्रेम का ज़िक्र ना हो, भला ये कैसे हो सकता है? ज़्यादातर मामलों में प्रेम विवाह, आकर्षण से प्रारम्भ होकर तिरस्कार पर ख़त्म हो जाते हैं। 

ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि युवा एक दूसरे के प्रति आकर्षण को ही प्रेम समझ लेते हैं। दोस्तों! ऐसे कई पहलू होते हैं जिसके आकर्षण को युवा अक्सर प्रेम समझने लगते हैं। और प्रेम विवाह के अहम फ़ैसले तक पहुँच जाते हैं। आइये इन पहलुओं को जानते हैं -

(1) पहलीे नज़र में होने वाला आकर्षण- पहली नज़र के आकर्षण या मोह को प्रेम समझने की भूल अक्सर युवा कर बैठते हैं। यह आकर्षण आपके अंदर प्रेम कम, काम भावना को ज़्यादा बनाता है जबकि प्रेम व्यक्ति का चारित्रिक उत्थान करता है। शारीरिक आकर्षण कभी भी जीवन भर नहीं रह सकता। यानि कि जहां सिर्फ़ काम वासना ही हो, वहाँ प्रेम का ख़ास अस्तित्व नहीं होता। वासना की तृप्ति होने पर प्रेम स्वतः ही ख़त्म हो जाता है। इसीलिए आपके साथ यदि इस तरह का आकर्षण मात्र हो तो कोई भी अहम निर्णय लेने से पूर्व सोच समझ लें। 

(2) पैसा या समृद्धि देखकर होने वाला आकर्षण- अक्सर ऐसा देखा जाता है कि युवक-युवतियाँ एक दूसरे के स्टेटस या पैसों की चमक देखकर उनकी तरफ आकर्षित होते चले जाते हैं। आज के ज़माने में पैसा बेशक़ ज़रूरी चीज़ है जिसके चलते आप अपने तमाम शौक़ पूरे करते हुए मज़े से लाइफ़ जीने की तमन्ना रख सकते हैं। मगर ज़रा सोचिये, कहीं आप किसी की अमीरी देखकर आकर्षित तो नहीं हो गए हैं। क्योंकि अगर आपका पार्टनर संस्कार से परे निकला तो आपका पूरा जीवन नरक बन सकता है। फ़िर बाक़ी लोगों का सपोर्ट मिलना भी मुमक़िन नहीं होगा।

(3) बड़ा नाम, शोहरत या बड़ा पद देखकर होने वाला आकर्षण- कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी की प्रतिष्ठा, बड़ा पद या उसकी शोहरत से आपको आकर्षण हो गया हो और उस आकर्षण को ही आपने प्रेम समझ लिया हो। मगर ऐसे अंधे रिश्ते में बँधने से पहले सोच समझकर फ़ैसला लें क्योंकि कोई ज़रूरी नहीं कि उसके पास भी आपके लिए उतना ही टाईम हो जितना आप उम्मीद करते हैं। हो सकता है आप बाद में अकेलेपन के शिकार हो जाएँ और फ़िर आपके साथ कोई भी खड़ा ना हो।

(4) किसी की कोई अच्छी आदत देखकर होने वाला आकर्षण- किसी की कोई प्यारी बात, लहज़ा, ऊपरी लक्षण अथवा कुछ विशिष्ट बातों के कारण होने वाला आकर्षण अथवा खिंचाव अथवा मोह को प्रेम का नाम देने और विवाह के सपने सँजोने से पहले भलीभांति सोच-समझ लें।क्योंकि यह स्वाभाविक है कि हम किसी इन्सान से मिलते हैं तब उसकी कोई आदत या कोई गुण हमें पसंद आ जाता  है। लेकिन इस प्रभाव अथवा लगाव को प्रेम मानकर, इतने कम समय में किसी इंसान के लिए पूरी दुनिया से बग़ावत करने की ठान लेना तर्कसंगत नहीं है।

(5) सच्चे प्यार की परख आसान नहींसच्चे प्रेम को परखना कदाचित सम्भव है के किन्तु यह उतना भी आसान नहीं जितना आप समझते हैं। सच्चा प्रेम करने वाला व्यक्ति आपको हर परिस्थिति में अपनाता है। ऐसे अनेक उदाहरण देखने मिलते हैं जहाँ परिवार से बग़ावत कर, प्रेम विवाह कर तो लेते हैं। मगर फ़िर आपसी किसी समस्या को जानने के बाद एक दूसरे को फ़ौरन छोड़ देते हैं। प्रेम करने वाला आपकी किसी बीमारी, ग़रीबी या किसी भी कमज़ोरी से कभी परेशान नहीं होगा।

उपरोक्त कुछ विशेष पहलुओं को हमने जाना जिसके चलते अक्सर युवक-युवतियाँ गुमराह हो जाते हैं। जल्दबाज़ी में वो एक दूसरे को बिना समझे, घर परिवार से बग़ावत कर, प्रेम विवाह के बंधन में बँध जाते हैं। यदि उनका प्यार सच्चा ना हो, तो जल्द ही उनके बीच अलगाव की परिस्थितियाँ निर्मित हो जाती हैं। घर-परिवार और समाज से पहले ही तिरस्कृत किये जा चुके जोड़ों को संभालने वाला कोई नहीं होता। फलस्वरूप वे अकेलेपन का शिकार बनकर आत्महत्या अथवा हत्या जैसे संगीन जुर्म के रास्तों पर चलकर अपनी लाईफ़ बर्बाद कर देते हैं।

दोस्तों लव मैरिज के अपने फ़ायदे भी हैं बशर्ते दोनों के बीच आपसी तालमेल, समझदारी, विश्वास और सच्चा प्रेम हो। वर्ना इसके अनेक नुकसान भी भोगने पड़ सकते हैं जो जीवन को बर्बाद कर देते हैं। अगर आप भी प्रेम विवाह करने के बारे में सोच रहे हैं तो आइये हम आपको बताने जा रहे हैं कि लव मैरिज करने के फ़ायदे और नुकसान क्या हैं?





लव मैरिज के फ़ायदे (Advantage Of Love Marriage in hindi)



दोस्तों अगर युवाओं में तालमेल, एकदूसरे पर अटूट विश्वास, जीवन भर साथ निभाने का जज़्बा और एक दूसरे के लिए सच्चा प्रेम हो तो निश्चित रूप से उनके लिए लव मैरिज फ़ायदेमंद साबित हो सकती है। आइये जानते हैं प्रेम विवाह से होने वाले ऐसे ही कुछ फ़ायदों के बारे में- 

पसंदीदा हमसफ़र चुनने में स्वतंत्रता -

लव मैरिज करने का सबसे बड़ा फ़ायदा यह होता है कि आपको अपने पसंद का जीवनसाथी चुनने की स्वतंत्रता होती है। इसमें आपके घरवालों की राय आवश्यक नहीं होती। आप अपने मन मुताबिक पार्टनर से शादी कर सकते हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो घर-परिवार वालों के साथ मिलने की संभावनायें भी बढ़ जाती हैं। वैसे भी जब आप ख़ुद के लिए ख़ुद से साथी ढूंढते हैं तो ज़ाहिर है आप ख़ुश भी ज़्यादा रहेंगे। इसलिए पसंदीदा पार्टनर चुनने के लिए लव मैरिज एक बेहतर विकल्प होता है।

बेहतर समझदारी और तालमेल का होना - 

अपनी पसंद से शादी यानि कि लव मैरिज करने का फ़ायदा यह होता है कि उन कपल्स के बीच बेहतर समझ पहले से ही विकसित होती है जो शादीशुदा जीवन के लिए बहुत ज़रूरी होती है। लव मैरिज करने से पहले कपल्स एक दूसरे के साथ एक लम्बा समय बिता चुके होते हैं, एक दूसरे को अच्छे से जानने और समझने लगते हैं, अपने हित और अहित के बारे में बेहतर जानते हैं जो कि उनके इस रिश्ते के लिए आवश्यक भी है।

रिश्तों में विश्वास बनाए रखने में ज़्यादा बेहतर -

अपने पार्टनर पर विश्वास या भरोसा बन जाये तभी उसके साथ रिश्ता लम्बा चल सकता है। जब आप घर वालों की मर्ज़ी से शादी करते हैं तो अजनबी पार्टनर पर पूरा भरोसा करने में काफी वक़्त लग जाता है लेकिन वहीँ लव मैरिज के मामले में आप एक दूसरे पर पहले से ही भरोसा करते हैं। आप अपने पार्टनर के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को शादी से पहले से ही बेहतर जानते हैं। उसकी अच्छी के बीच और बुरी आदतों को अच्छी तरह जानते हैं। रिलेशनशिप जितनी पुरानी हो, भरोसा उतना ही ज़्यादा बढ़ता जाता है। इसलिए लव मैरिज करना फ़ायदेमंद होता है।
 
ताउम्र एक दूसरे के प्रति गहरा प्यार होना  -
लव मैरिज कपल्स के बीच सबसे ख़ास बात होती है उनके दिल में एक दूसरे के लिए अथाह प्रेम। जिस कारण ताउम्र उनका रिश्ता तरोताज़ा बना रहता है और प्यार कभी कम नहीं हो पाता। जब भी कभी रिश्तों में नीरसता आती है वे शादी से पहले एक दूसरे के साथ बिताए खूबसूरत पलों को याद करके फ़िर से प्यार में खो जाते हैं। एक दूसरे के प्रति इस तरह के अथाह प्रेम के कारण ही लव मैरिज की परिस्थितियाँ बनती हैं। यही लव मैरिज का फ़ायदा है। 

एक दूसरे की भावनाओं को अच्छी तरह समझना -

अरेंज मैरिज की तुलना में लव मैरिज की  सफल होने की ज्यादा संभावना होती है क्योंकि यह कपल्स के बीच प्यार और आकर्षण आपसी भावना से शुरू होता है। दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं, और इस तरह वे उनकी भावनाओं को समझ सकते हैं जिसे कोई और नहीं समझ सकता। वे एक दूसरे को बराबरी का दर्जा देते हैं और किसी भी तकलीफ़ या परेशानी में घर या बाहर एक दूसरे के साथ खड़े होते हैं। लव मैरिज का यह भी एक फ़ायदा है।


दोनों के बीच आपसी झिझक का ना होना - 

जहाँ Arrange Marriage में कपल्स के बीच कई बातों में आपसी झिझक या दायरा हमेशा बना रहता है। तो वहीं Love Marriage में कपल्स के बीच कोई आपसी झिझक नहीं होती है क्योंकि वे एक-दूसरे को काफी समय से जानते हैं। वे बिना किसी शर्म या झिझक के अपनी शादी का पूरा आनंद लेते हैं और एक दूसरे से हर विषय पर चाहे वो पर्सनल हो, पारिवारिक हो अथवा जीवन से जुड़ी कोई भी समस्या ही क्यूँ न हो? एकदूसरे से खुलकर बात करने में सक्षम होते हैं। 

स्टडी में यह भी पाया गया है कि लव मैरिज करने वाले कपल्स की सेक्स लाइफ़, अरेंज मैरिज करने वालों की अपेक्षा अधिक बेहतर होती है। लव मैरिज करने वाले कपल्स, अरेंज मैरिज वाले कपल्स की अपेक्षा ज़्यादा रोमांटिक और खुशनुमा जीवन जीते हैं। वे आजकल की भागादौड़ी और तनाव पूर्ण जीवन की समस्याओं से जूझते हुए भी अपने लिए प्यार भरे पल चुराना जानते हैं। जो कि अरेंज मैरिज में ज़रा कम ही देखने मिलता है।

सामाजिक कुप्रथा, जातिवाद, दहेज प्रथा आदि को ख़त्म करने में सहायक -

अरेंज मैरिज की तरह लव मैरिज करने वालों को सामाजिक रस्मों में नहीं बंधना पड़ता है। ये  कपल्स रूढ़िवादी विचारों से बंधे नहीं होते हैं और ना हि रीति रिवाजों को मानते हैं। लव मैरिज करने का फ़ायदा यह भी होता है कि इससे दहेज जैसी कुप्रथा पर रोक लग पाती है और अन्य लोगों को इससे प्रेरणा मिलती है। इसके साथ ही इंटरकास्ट लव मैरिज करने से जाति प्रथा का दायरा भी टूटता है। 

बच्चों की परवरिश में जातिवाद और भेदभाव पूर्ण संस्कृति का ना होना -

प्रेम विवाह करने से भविष्य में होने वाले बच्चे काफी स्वतंत्र और खुले विचारों वाले होते हैं यानि कि उनके विचार जातिगत भेदभाव अथवा रूढ़िवादी संस्कारों से परे होते हैं। क्योंकि लव मैरिज करने वाले जोड़े अपने बच्चों को इसी तरह की परवरिश देते हैं और भेदभाव करना नहीं सिखाते हैं। इसके अलावा बच्चों को अपने माता और पिता दोनों की अलग-अलग संस्कृतियों को जानने और सीखने का मौक़ा मिलता है। जिससे बच्चों की मानसिकता में बेहतर विकास हेतु मदद मिलती है।




लव मैरिज के नुकसान (Disadvantage of Love Marriage in hindi)



दोस्तों अगर लव मैरिज से होने वाले साइड इफ़ेक्ट्स की बात करें तो ऐसे कपल्स के जीवन में अनेक समस्याएँ आती हैं जो ज़्यादातर सामाजिक होती हैं। लेकिन यदि उनके बीच आपसी तालमेल में गड़बड़ियाँ हों तो आपसी समस्याएँ और भी घातक बन जाती हैं। आइये ऐसी ही कुछ समस्याओं को जानें-

घरवालों का सपोर्ट न मिलना - 
लव मैरीज करने का सबसे बड़ा नुक़सान यही होता है कि कपल्स को घरवालों का सपोर्ट नहीं  मिल पाता। कई बार तो उन्हें घर में रहने की इजाज़त भी नहीं मिलती। जिस कारण ऐसे कपल्स को परिवार से अलग रहकर अपने लिए सभी चीज़ों की व्यवस्था करनी पड़ जाती है। बिल्कुल अकेले बिना किसी सहारे के रहना होता है।

समाज से तिरस्कार किया जाना-

लव मैरिज करने वाले अधिकांश लोगों के रिश्ते, अपने रिश्तेदारों और समाज के साथ ख़राब हो जाते हैं। या यूँ कहिये कि ख़त्म हो जाते हैं। ये समाज आसानी से प्रेम विवाह को स्वीकार नहीं करता इस वजह से Love Marriage करने वाले couples को अपनों से ही अपने वर्चस्व के लिए लड़ना पड़ता है। फलस्वरूप अपनों से ही दूरियाँ बढ़ जाती है।

कई परिवारों की ज़िंदगी तबाह हो जाना-

प्रेम विवाह के बाद ख़ासकर लड़की के घर में उसके माँ-बाप और भाई बहनों की ज़िंदगी तबाही की ओर चल पड़ती है। समाज में बदनामी से परेशान होकर कभी कभी घर के सदस्य आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। जिसके ज़िम्मेदार सिर्फ ये विवाहित जोड़े होते हैं।

धीरे धीरे प्यार की अहमियत कम हो जाना-

लव मैरिज करने के कुछ दिनों बाद अधिकतर कपल्स के बीच तालमेल का बिगड़ना आम बात है। शादी के बाद वे एक दूसरे के दोषों को हाईलाइट करते हुए लड़ते झगड़ते रहते हैं। एक दूसरे की कमियों पर दोषारोपण करने से उनके बीच प्यार ख़त्म होने लगता है।

अकेलेपन का शिकार होना-

प्रेम विवाह के बाद अक्सर पारिवारिक रिश्ते इतने बिगड़ जाते हैं कि फ़िर लाख कोशिश करने पर भी, किसी भी कीमत पर अपने परिवार में वापस नहीं आ पाते। परिणामस्वरूप इन्हें अकेलेपन का शिकार होना पड़ता है। 

जान का ख़तरा अक्सर बना ही रहता है-

वैसे भी इस क़दम से पारिवारिक दुश्मनी बढ़ जाती है। बाहरी लोगों से भी ख़तरा बना रहता है। कई बार यह देखा गया है कि आपसी नफ़रतों के चलते हत्या जैसे अपराध भी कर दिए जाते हैं। या प्रेम विवाह के बाद लड़कियों को कुछ ममलकन में बेच भी दिया जाता है।

छोटी छोटी बातों पर ही रिश्ता बिगड़ जाना-

कभी-कभी छोटी-छोटी ग़लतियों पर भी आपसी टकरार इतनी बढ़ जाती है कि उनके बीच रिश्ता ही ख़त्म होने के कगार पर आ जाता है। दरअसल ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि उस समय उनको समझाने वाला व समर्थन करने वाला परिवार या परिवार के सदस्य उनके साथ नहीं होते।

वित्तीय समस्याओं और घर परिवार से तिरस्कृत होने से संबंधों में तनाव-

चूंकि Love Marriage के बाद इन कपल्स को कभी कभी भारी वित्तीय समस्याओं से जूझना पड़ता है। और तो और पारिवारिक सहयोग की कमी की वजह से कपल्स के बीच आपसी संबंध तनावपूर्ण हो जाते हैं। कभी-कभी तो आपस में ही नफ़रतें पनपने लग जाती हैं। आपसी तालमेल पूरी तरह तहस-नहस जाता है। ज़्यादातर ऐसे जोड़ों को संकट में ही जीवन गुज़ारना पड़ जाता है।

एक दूसरे के रिश्ते से जल्दी ऊब जाना-

प्रेम विवाह का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि दोनों में से अगर किसी भी एक इंसान का प्रेम से मन भर जाए तो वह ये रिश्ता कभी भी ख़त्म कर सकता है। लव मैरिज करने वाले कपल्स अक्सर एक दूसरे से जल्दी ही ऊब जाते हैं। उनके बीच अगर ज़्यादा झगड़ा हो जाये तो फ़िर उनके बीच सुलह करने वाला कोई नहीं होता। परिणाम स्वरूप रिश्ते में पनपी शून्यता को भरने के लिए किसी अन्य के आने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसा होने पर ऐसे कपल्स एक ख़तरनाक अनुभव के साथ अवसाद में डूब जाते हैं। जिसके परिणाम घातक होते हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों हम आपसे यही कहना चाहते हैं कि शादी चाहे अरेंज की हुई हो या प्रेम विवाह हो। सबसे महत्वपूर्ण होता है आपका एकदूसरे पर प्रेम रूपी अटूट विश्वास। जिसे कोई भी डिगा न सके। अपने जीवन का रिमोड कण्ट्रोल दूसरों के हाथों में देने से बेहतर है ख़ुद ही अपनी समस्याओं को सुलझाकर जीवन जीने की कला सीखना। अगर आप एक दूसरे के साथ हैं तो एक दिन ज़माना भी आपके साथ होगा। 

हालांकि लोग Love Marriage के पीछे ही ज़्यादा भागते हैं लेकिन यदि देखा जाए तो Arrange Marriage ही सबसे ज़्यादा सफल होती हैं। इसीलिए यदि आपको किसी से सच्चा प्रेम हो और शादी करनी ही हो तो हमारी राय यही है कि यदि घर परिवार वालों से बात करके आपसी सहमति से आपकी शादी हो, तो यह शादी सबसे बेस्ट शादी हो सकती है। क्योंकि इसमें आपके Love Marriage वाली ख़ुशबू भी होगी और Arrange Marriage वाला सुख भी। 

वैसे भी प्रेम विवाह स्वार्थ से परिपूर्ण होकर लिया गया निर्णय होता है जिसमें इंसान सिर्फ़ अपने बारे में सोचता है। लेकिन Arrange Marriage में सबको साथ लेकर चलने का जज़्बा होता है। इसीलिये Arrange Marriage में इंसान की समझ Love Marriage की अपेक्षा बढ़ती ही जाती है।

लव मैरिज हो या अरेंज मैरिज पति-पत्नी के प्रेम के बीच उतार चढाव तो आते ही रहते हैं। जो कि Arrange Marriage कपल्स सबके सहयोग से तालमेल स्थापित कर लेते है। तो वहीं Love Marriage कपल्स के बीच लगभग 85% मामलों में प्रेम में खटास उत्पन हो जाती है।

वैसे ये ज़रूरी नहीं कि लव मैरिज में ही प्रेम में कमी आने लगती है। कई बार अरेंज मैरिज में भी ऐसा होता है लेकिन पारिवारिक और सामाजिक स्थिति के कारण ऐसा बहुत कम होता है। अरेंज मैरिज में पति-पत्नी एक-दूसरे को समझने का प्रयास भी करते हैं और समझ भी लेते हैं। लेकिन ये समझदारी रोजी-रोटी या परिवार चलाने के दौरान अलग-अलग स्थिति पैदा कर देती है। फिर भी अरेंज मैरिज में इसका किसी न किसी प्रकार से समाधान निकल ही जाता है, जबकि प्रेम विवाह में इसके विपरीत होता है।


पति-पत्नी में अलगाव पैदा होने लगता है। प्रेम विवाह के बाद विवाहित जोड़ा जब परिवार और समाज से जुड़ता है तो परिवार और समाज के तानों से रूबरू होना पड़ता है जिसका सामना करना बेहद कठिन होता है।
 
ऐसा माना जाता है कि शादियाँ स्वर्ग में तय होती हैं। मगर वास्तव में हम ही इसे अपने अनुसार स्वर्ग या नरक में तब्दील कर देते हैं। चाहे Love Marriage हो या Arrange Marriage हो। परिवार के यदि सभी सदस्य समझदार और उनके बीच बेहतर तालमेल हो, तो प्रेम विवाह भी सफल हो जाते हैं। 


अंत में सबसे महत्त्वपूर्ण बात हम यह कहना चाहते है कि "शादी आपने प्रेम में की हो या अरेंज में। आप दोनों के बीच अगर समझदारी, प्यार, भरोसा, तालमेल और रिश्ता निभाने की कला न हो तो आप किसी भी शादी को लंबा निभा नहीं सकेंगे।" आपका परिवार भी आप दोनों के रिश्ते को नहीं बचा पायेगा। इसीलिये Love Marriage हो या Arrange Marriage हो। आपका एक दूसरे के लिए प्यार, भरोसा और बेहतर तालमेल ही तय करता है कि आपकी शादी टिक पाएगी या नहीं।

उम्मीद करते हैं आपको आज का यह लेख 'लव मैरिज के फ़ायदे और नुकसान' ज़रूर पसंद आया होगा। आशा है आप हमारे इस लेख 'लव मैरिज बेहतर है या अरैंज मैरिज' को शेयर ज़रूर करेंगे।

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