एक तरफ़ कोविड-19 के मरीज़ों की रिकवरी की खबरें आ रही हैं। जानकर दिल को सुकून और राहत मिलती है। मगर दूसरी तरफ़ यह सुनने मिलता है कि कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हुए मरीज़ो के साथ अनेक तरह की समस्याएँ हो रही हैं।

जानकर चिंता होती है कि न जाने कब तक हम इस समस्या से जूझते रहेंगे। आइये जानते हैं ये समस्याएँ किस तरह की हो रही हैं -
(1) थकान और सांस लेने में दिक़्क़त होती है - कुछ लोगों की कोरोना रिपोर्ट कुछ माह पहले पॉजिटिव आयी थी। 10 -12 दिन हॉस्पिटल में रहने के बाद जब पुनः Covid-19 Test लिया गया तो निगेटिव पाया गया। रिकवरी देखते हुए उन मरीज़ों को उनके घर वापस भेज दिया गया। लेकिन अब उन्हें थकान के साथ, सांस लेने की परेशानी होने लगी है। जबकि ऑक्सीजन का स्तर 95 - 96 रहता है।
(2 ) चिड़चिड़ापन बना रहता है - इसी तरह कुछ मरीज़ ऐसे भी हैं जो नेगटिव होने के बाद अपने घर वापस आ तो गए हैं लेकिन अब उन्हें लगातार चिड़चिड़ापन महसूस होता है। उनकी मानसिक अवस्था कुछ ठीक नहीं है।
(3) शरीर गर्म रहता है - Covid-19 रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अपने घर वापस आये मरीज़ों में से कुछ मरीज़ ऐसे भी हैं जिनका शरीर अब भी अक्सर गर्म ही रहता है। हालांकि डॉक्टर्स ने उन्हें कहा है कि अगर बुख़ार 100 फैरनहाइट से अधिक हो तब बुख़ार की दवा ले सकते हैं।
(4) हड्डियों व शरीर में दर्द रहता है - कोविड-19 की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अपने घर आये कुछ मरीज़ों के साथ समस्यायें पीछा नहीं छोड़ रही हैं। उनकी हड्डियों और शरीर में अब भी दर्द बना रहता है। ख़ासकर सुबह दर्द ज़्यादा रहता है। साथ ही घबराहट भी बनी रहती है।
(5) पाचन में परेशानी होना - मरीज़ो के गट्स सेल्स डैमेज हो जाने से कई सप्ताह तक दिक़्क़त बनी रहती है। जो कि Covid-19 report निगेटिव आने के बाद अपने घर आये मरीज़ों की पाचन क्रिया में भी परेशानी देखने मिल रही है।
हालांकि Covid-19 टीम से जुड़े डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना चपेट में आकर ठीक हुए मरीज़ों को 3 से 4 महीनों तक कमज़ोरी व थकान की समस्या रह सकती है। उनका कहना यह भी है कि 50 से 60 प्रतिशत भर्ती हुए मरीज़ों में ठीक होने के बाद इस तरह की परेशानी हो रही है।
इन परेशानियों से बचने के लिए क्या उपाय करें
कुछ डॉक्टर्स जैसे डॉ. आलोक गुप्ता, सीनियर फिज़िशियन, एस. एन. मेडिकल कॉलेज, जोधपुर और डॉ. एस. सी. मौर्या, कंसल्टेंट मेडिसिन, श्यामा प्रसाद मुखर्जी हॉस्पिटल, लखनऊ ने Covid-19 की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी परेशानियों से जूझ रहे मरीज़ो के लिए निम्न उपाय बताये हैं -
(1) थकान व सांस लेने में तकलीफ़ हो तो धीरे-धीरे व्यायाम करने की स्पीड यानी कि व्यायाम को बढ़ायें। हाई प्रोटीन डाईट लें। सुबह की धूप में बैठने आदत डालें।
(2) कोविड-19 पॉज़िटिव होने पर ब्रेन पर सीधा असर होता है। जिस वजह से मरीज़ चिड़चिड़ा हो जाता है। इसीलिए इस स्थिति से जूझने के लिए गाने सुनें, पेंटिग्स करें। वही काम करें जिसे करने से मन अच्छा लगे।
(3) शरीर ज़्यादा गर्म होने पर घबरायें नहीं। अक्सर ज़्यादा काम करने से ऐसा हो जाता है। कम से कम ३ लीटर तक रोज़ गुनगुना पानी पीयें। कफ़ और गले में ख़राश से बचने में आसानी होगी।
(4) हड्डियों व बदन में दर्द के लिए कैल्शियम से सम्बंधित डेयरी प्रोडक्ट ज़्यादा से ज़्यादा लें। विटामिन डी के लिए सप्लीमेंट लें। रोज़ एक मुट्ठी नट्स लेने की हेबिट बनाएँ।
(5) गट्स सेल्स ख़राब होने से लगभग 4 सप्ताह तक इस प्रकार की दिक़्क़त रह सकती है। पाचन में परेशानी होने पर फ़ाइबर डाइट ज़्यादा लेने की आदत डालें। रात में हल्का-फुल्का खाना खाएं।
(6) प्रोटीन वाली चीज़ें जैसे पालक, छोले, सोयाबीन, फलियाँ, पनीर, अंकुरित दानें आदि ज़्यादा खाएं। टमाटर-पालक का जूस पीयें। गुनगुने पानी में नीबू का रस डालकर दिन में 2-3 बार पीयें। रात में हल्दी वाला दूध लेने की ज़रूर कोशिश करें।
(7) आयुर्वेदिक काढ़ा पीयें। आयुर्वेदिक काढ़ा त्रिदोषों को दूर करता है। इस बात का ध्यान रखें कि अत्यधिक मात्रा में काढ़े का सेवन न करें। क्योंकि 3 - 4 कप से भी ज़्यादा पीने से गर्म तासीर के कारण मुंह में छाले, आँखों में जलन, अपच होने के साथ-साथ लिवर पर असर हो सकता है।
(8) मेडिटेशन (ध्यान) करने की आदत बनायें। मेडिटेशन करने से घबराहट और तनाव कम होगा। स्ट्रेस हार्मोन के कम होने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। इससे आपके फेफड़ों की क्षमता भी बढ़ती है।
(9) हल्के फ़ुल्का जिम और व्यायाम करें। कोरोना वायरस में फेफड़ों को मज़बूत करने वाले योगासन करें। जैसे कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी का अभ्यास करना चाहिए। हल्के व्यायाम करते हुए धीरे-धीरे इसको बढ़ायें। अपनी दिनचर्या सही रखने का प्रयास करें।
(10) विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना वायरस से ख़ुद को सुरक्षित रखने का सबसे बेहतर और महत्वपूर्ण उपाय है कि हम साफ़-सफ़ाई से रहें। समय-समय पर हाथ धोएँ, सेनेटाइजर का उपयोग भी करते रहें। अपनी आंखों को छूने से बचें, नाक और मुंह पर भी हाथ लगाने से बचें।
सबसे अहम बात हम आपका बता दें कि कोरोना से सावधानी ही इसका उपचार है। आप अपनी दिनचर्या अच्छी रखें, अच्छा खाएं, नियमित व्यायाम और प्राणायाम करें। आपके लिए कोरोना तो क्या, किसी भी बीमारी से ग्रस्त होने का ख़तरा ना के बराबर हो जायेगा।
दूसरी अहम बात यह कि अगर आपको कोरोना पॉज़िटिव बता दिया जाये तब भी घबराना नहीं है। Covid-19 Test पॉज़िटिव होने के बाद बेहतर देखभाल से कोरोना निगेटिव होने का प्रतिशत ज़्यादा है। कोरोनाकाल में अधिकतर मामलों में देखा गया है कि मरीज़ घबराहट की वजह से अपना दिमाग़ी संतुलन और शारीरिक संतुलन जल्द ही खो देते हैं। परिणाम स्वरूप उनका Immunity Power तेज़ी से कम होने लगता है और वो किसी भी बीमारी के शिकार हो जाते है।