स्तन कैंसर क्या होता है, स्तन कैंसर के बारे में जानकारी, ब्रेस्ट कैंसर क्यों होता है? (जानकारी, कारण, लक्षण, ब्रेस्ट कैंसर से बचने के उपाय) breast cancer kya hota hai, (karan, lakshan, bachne ke upay, Stan cancer ke bare me jankari, breast cancer se kaise bache in hindi)
महिलाओं के स्तन में जब असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित तरीक़े से बढ़ने लगती हैं। तब शरीर की इस स्थिति को ब्रेस्ट कैंसर (breast cancer) कहा जाता है। यह कैंसर, स्तन के ऊतकों से शुरु होता है। लेकिन अगर इसका समय पर इलाज न हो तो यह धीरे धीरे शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगता है।
जी हां, आज इस लेख के माध्यम से हम महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) की समस्या पर चर्चा करने वाले हैं। साथ ही ब्रेस्ट कैंसर के कारण, लक्षण और उपाय (breast cancer ke karan, lakshan aur upay) के बारे में जानकारी देने वाले हैं। बस इस लेख के अंत तक बने रहिए, यह एक बहुत ही आवश्यक और इमोशनल केयरिंग टिप्स से परिपूर्ण लेख होने वाला है।
दोस्तों, "ये रिश्ता क्या कहलाता हैं" के फेमस टीवी सीरियल से पॉपुलर हुईं मशहुर अभिनेत्री हिना खान का नाम तो आपने सुना ही होगा। किस तरह उन्हें 3rd स्टेज कैंसर से डायग्नोसिस किया गया है और किस तरह से उन के साथ साथ उनको चाहने वाले दर्शक भी बड़ी संख्या में बहुत आहत हुए हैं।
दरअसल इन सब के चलते, ज़ेहन में यह सवाल आता है कि इतनी अच्छी डाइट, इतना बढ़िया हेल्थ रूटीन और इतना केयरिंग होने के बाद भी आख़िर ऐसा क्या हो जाता है जिसके चलते कई सेलिब्रिटीज़ ज़िंदगी से जंग लड़ते नज़र आते है। हालांकि सबकी लाइफ़ में अपनी अपनी पर्सनल समस्याएं भी होती हैं। अपने टेंशन और स्ट्रेस अलग अलग, लेकिन उसके बावजूद भी ज़िंदगी का बैलेंस बनाने में इनबैलेंस हो जाते है।
इन सब बातो को मद्देनज़र रखते हुए हमें ये तो पता ही है कि एक दिन इस दुनिया को सभी को अलविदा कहना है प्रार्थना बस इतनी है कि सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया:। जी हां संस्कृत के इन पंक्तियों का बहुत ही गहरा और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिसमें प्रत्येक मनुष्य को सुखी और निरोगी रखने का आहवान किया गया है। सच में महान है भारत और भारत की संस्कृति। तो चलिए हम इस लेख के माध्यम से ब्रेस्ट कैंसर के बारे में (breast cancer ke bare me) विस्तार से जानते हैं।
Table of Contents :
ब्रेस्ट कैंसर क्या हैं? (What is breast cancer in hindi)
महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) सबसे कॉमन और बहुत ही डेंजरस बीमारी के रूप में उभरकर सामने आता है यह एक ऐसा कैंसर है जो महिलाओं में 25 से 30% मामलों के लिए ज़िम्मेदार है।पहले ऐसा माना जाता था कि ब्रेस्ट कैंसर वृद्धावस्था यानि 60 वर्ष के बाद होने वाली बीमारी है लेकिन आज के युग में ब्रेस्ट कैंसर युवावस्था 30 से 40 वर्ष की आयु में भी व्यापक रूप से फैल रहा है। कैंसर किसी भी उम्र में हो, अपने आप में यह बहुत ही ख़तरनाक बीमारी है। लेकिन 30 से 40 वर्ष की आयु में कैंसर हो जाए तो, यह बहुत ही तेज़ी और आक्रामक रूप से फैलने वाला माना जाता है।
WHO द्वारा 2020 में दिए गए आंकड़ों के अनुसार मानें तो, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले में चीन और अमेरिका के बाद अगर कोई देश है तो वह भारत है। अगर यह सच है तो फ़िर वाकई ये चौंकाने वाले आंकड़े हैं।
कैसे होता है ब्रेस्ट कैंसर (kaise hota hai breast cancer?)
सामान्य तौर पर समझा जाए तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण ही होता है। ये असामान्य कोशिकाएं जब महिलाओं के स्तन में अनियंत्रित तरीक़े से बढ़ने लगती हैं। तब शरीर की इस स्थिति को ब्रेस्ट कैंसर (breast cancer) कहा जाता है।
यह कैंसर, स्तन के ऊतकों से शुरु होता है। दरअसल स्तन की कोशिकाएं एक निर्धारित पैटर्न के अनुसार बढ़ती हैं और मरती हैं। ये कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ते हुए एक ट्यूमर (गांठ) का रूप ले लेती हैं। अगर सही समय पर इलाज न हो तो धीरे धीरे यह शरीर के अन्य भागों जैसे, हड्डियों, लीवर और फेफड़ों में भी फैलने लगता है।
ब्रेस्ट कैंसर की पहचान की अगर बात करें, तो महिला के स्तनों में बदलाव, स्तनों में अनचाही सी गांठ, स्तनों के आसपास की स्किन में लालिमा, गड्ढे, ब्रेस्ट के निप्पल से कुछ लिक्विड (तरल पदार्थ) का आना, इस तरह के लक्षण दिखने पर शरीर में होने वाले अनचाहे परिवर्तन एवं इससे होने वाली परेशानियों को ब्रेस्ट कैंसर (stan cancer) का नाम दिया जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर सबसे अधिक महिलाओं के शरीर में दूध का निर्माण करने वाली कोशिकाओं और इन्हे दूध सप्लाई करने वाले लोबल में होता है गांठ के रूप में बढ़ने वाला कैंसर बहुत ही ख़तरनाक माना जाता है ब्रेस्ट के अंदर के टिश्यू गांठ के रूप में बढ़ने लगते हैं बहुत अधिक दिनों तक गांठ रहने पर और अनावश्यक रूप से बढ़ने पर कैंसर होने के चांसेस कई गुना बढ़ जाते हैं। महिलाएं नज़रअंदाज़ कभी न करें, अगर दिखाई दें ये लक्षण।
ब्रेस्ट कैंसर के कारण | Causes of breast cancer in hindi | स्तन कैंसर के कारण
ब्रेस्ट कैंसर होने के कारण (reason of breast cancer in hindi) निम्न हो सकते हैं -1. खानपान का ग़लत समय -
प्राचीन समय से ही भारत में और अन्य देशों के खानपान और रहन शैली में बहुत ही ज़्यादा अंतर है। उसके बावजूद भी बहुत से लोग आज भारतीय भोजन और जीवन शैली को छोड़कर पाश्चात्य संस्कृति की तरफ भागते जा रहे हैं। जिसके गंभीर दुष्परिणाम भी उभरकर आ रहे हैं। खानपान से संबंधित ग़लत आदतें आपके शरीर को अंदर तक खोखला बना सकती है। सही समय पर खाना खाने के फ़ायदे क्या क्या हैं जानिए।
2. सोने और जागने का ग़लत समय -
आधुनिक समय में लाइफ़ इतनी ज़्यादा दौड़ा भागी वाली होती जा रही है कि इंसान को किसी और के लिए तो छोड़ो, अपने ख़ुद के लिए ही टाइम जुटाने में बड़ी मशक्कत करनी होती है। जिस कारण ना हि वो समय पर खाना खा पाता है और ना हि समय पर सो पाता है। ऐसे में इंसान को हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेसर, डायबिटीज़ और हार्ट से संबंधित कई बीमारियां होने का ख़तरा बढ़ जाता हैं। यदि शरीर में एक बार कोई बड़ी बीमारी प्रवेश कर गई तो फ़िर उसके साथ साथ कई अन्य बीमारियां भी अपने आप घर कर लेती हैं।
3. शराब और नशे की बुरी आदत -
दोस्तों शराब और नशे की बुरी लत इतनी ख़राब है कि अगर लाइफ़ में किसी को एक बार लग जाए तो उससे पीछा छुड़ाना बहुत मुश्किल होता है। आजकल रेस्टोरेंट, फंक्शन, शादी, पार्टी या कोई भी छोटा सा ही प्रोग्राम क्यूं न हो, लोग ड्रिंक को अपनी शान-ए-शौकत मानते हैं। और उसमें अलग अलग प्रकार की वैरायटी वाली मदीरा रखते हैं जिसमें से बीयर या व्हिस्की को लोग तो mango juice की तरह बड़े चाव से पीते हैं। मानसिक तनाव क्या है? मानसिक तनाव दूर करने के उपाय क्या हैं?
जब आम जनता का ये हाल है तो सोचने वाली बात ये है कि बड़े बड़े सेलिब्रिटीज, स्टार और अन्य businessmen के पास ना हि पैसों की कोई कमी होती है ना हि किसी को कोई जवाब देने की। ये तो बस अपनी मर्ज़ी के मालिक है। इन बड़े लोगो की पार्टी में कुछ मिले ना मिले पर महंगी और ब्रांडेड शराब ज़रूर मिलेगी। जो इनकी उल्टी सीधी तबियत का कारण बनती है।
4. अत्यधिक धूम्रपान करना -
आजकल कई जगहों पर धूम्रपान निषेध का बोर्ड लगा होता है और कई जगह इसे ख़त्म करने की मुहिम भी चलाई जा रही है। स्मोकिंग में कई तरह के सूंघने वाले केमिकल पदार्थ शामिल हैं जैसे सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, चिलम या अन्य जिनका सीधा कांटेक्ट आपकी नाक से आपके फेफड़े से होता है।
प्रदूषित वायु को नाक के माध्यम से फेफड़े तक पहुंचाता है जिसके कारण प्रदूषित रक्त शरीर के विभिन्न भागों में फैलकर कई प्रकार के रोगों को जन्म देता है। ये सब तो सेलिब्रिटीज़ और अन्य बड़े लोगो की रिहायशी आदतों में शामिल किया जाता है। जिस आदत का खामियाजा इन्हें लम्बे समय तक भुगतना पड़ता है।
5. जंक फ़ूड का अधिक सेवन -
अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन करने से शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस का ख़तरा बढ़ जाता है और कई प्रकार की बीमारियां शरीर में अपनी जड़ जमाने लगती हैं। जंक फूड में मिलाए जाने वाले केमिकल शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करते है जिससे शरीर की पाचन संबंधित प्रक्रिया बहुत धीमी हो जाती है। पेट में जमा हुआ भोजन सड़ने लगता है जो कि शरीर के भीतर बहुत से रोगों को जन्म देता है। इस तरह हमें लगता बहुत बड़ी बड़ी बीमारी होने के चांसेस कई गुना बढ़ जाते है।
6. अत्यधिक तनाव या अवसाद -
तनाव और अवसाद दो ऐसी गंभीर बीमारी है जिसका इलाज़ बड़े बड़े डॉक्टर के पास भी नही। ये बीमारी पता नहीं कब इंसान को अंदर ही अंदर इतना खोखला कर देती है कि वह ख़ुद ही इसका आकलन करने में चकमा खा जाता है। और सही समय पर सही जानकारी नहीं होने के कारण बीमारियां उसे अपनी चपेट में ले लेती हैं। तनाव से ग्रसित होती महिलाएं, क्या हैं लक्षण और इससे बचने के उपाय?
7. हार्मोनल असंतुलन -
स्तन कैंसर के मामलों में ऐसी महिलाएं भी शामिल होती हैं जिनकी लाइफ़स्टाइल में हार्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance) की समस्या आम हो।
8. वंशानुगत समस्या का होना -
अगर आपके पारिवारिक स्तर पर किसी के साथ यह समस्या रह चुकी है तो समझो आपको इस समस्या के लिए पहले से ही सतर्क रहना होगा। क्यूंकि अनुवांशिक रूप से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के चांस और भी ज़्यादा बढ़ जाते हैं। कुछ मामलों में, आनुवांशिक म्यूटेशन (जैसे BRCA1 या BRCA2 जीन में बदलाव) ब्रेस्ट कैंसर के जोख़िम को बढ़ा सकते हैं।
कैसे पता लगाएं ब्रेस्ट कैंसर का?
ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए डॉक्टर सेल्फ एग्जामिनेशन यानी ख़ुद को टटोलकर या महसूस करके परीक्षण को सबसे पहले और अहमियत देते हैं। लेकिन कई मामलों में ये उतना ठीक नहीं बैठ पाता इसीलिए इसके साथ वो मैमोग्राफी टेस्ट की सलाह देते हैं। इस टेस्ट के द्वारा भी आप कई मायनों में पता लगा सकते है। समय समय पर अपनी ब्रेस्ट का आंकलन करते रहें। देखते रहें कि इसमें कोई गांठ (lumps) या सूजन तो नहीं आ रही है। यदि ऐसी कुछ भी आशंका होती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। आइए ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण के बारे में जानते हैं।ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण इन हिंदी | Symptoms of breast cancer in hindi | स्तन कैंसर के लक्षण
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण (stan cancer ke symptoms) निम्न रूप में हो सकते हैं जिन्हें आप सामान्यतः देखकर या महसूस कर पता कर सकते हैं -1. ब्रेस्ट मे गांठ -
यदि आप के ब्रेस्ट मे किसी प्वाइंट या स्किन पर कुछ गांठ या टाईट सा गुठली जैसा लग रहा है तब आप उसे अपने घर के सदस्यों के साथ इस बात को बिना डरे और बिना हिचकिचाए ज़रूर शेयर करें। वो आपको सही सलाह और सही राय ज़रूर देंगे। और इसी के साथ आप एक अच्छे से डॉक्टर से अपना चेकअप ज़रूर करवाएं। सही समय पर treatment चालू होने से आपकी परेशानी हमेशा के लिए आसानी से ख़त्म भी हो सकती है।
यदि आप के ब्रेस्ट मे किसी प्वाइंट या स्किन पर कुछ गांठ या टाईट सा गुठली जैसा लग रहा है तब आप उसे अपने घर के सदस्यों के साथ इस बात को बिना डरे और बिना हिचकिचाए ज़रूर शेयर करें। वो आपको सही सलाह और सही राय ज़रूर देंगे। और इसी के साथ आप एक अच्छे से डॉक्टर से अपना चेकअप ज़रूर करवाएं। सही समय पर treatment चालू होने से आपकी परेशानी हमेशा के लिए आसानी से ख़त्म भी हो सकती है।
2. ब्रेस्ट में बदलाव -
यदि आपको अपनी ब्रेस्ट का आकार या बनावट में कोई भी बदलाव महसूस होता है या किसी भी प्रकार का कोई चेंज नज़र आए तो भी आप ज़रूर इसे डॉक्टर से चेक करा के अपने मन में उठ रहे सवालों को शांत कर सकती हैं और सही समय पर इलाज़ कराके अपने और अपने परिवार को एक बहुत बड़े दुःख के पहाड़ से मुक्त करा सकती हैं।
यदि आपको अपनी ब्रेस्ट का आकार या बनावट में कोई भी बदलाव महसूस होता है या किसी भी प्रकार का कोई चेंज नज़र आए तो भी आप ज़रूर इसे डॉक्टर से चेक करा के अपने मन में उठ रहे सवालों को शांत कर सकती हैं और सही समय पर इलाज़ कराके अपने और अपने परिवार को एक बहुत बड़े दुःख के पहाड़ से मुक्त करा सकती हैं।
3. ब्रेस्ट में लालिमा या सूजन
बेस्ट में लालिमा या सूजन या दानों का होना जरूरी नहीं कि ब्रेस्ट कैंसर का ही कारण हो लेकिन इसे हल्के में न लिया जाए क्योंकि आज कल के खानपान और बदली लाइफ़स्टाइल के चलते पता नहीं कब कौन सी बीमारी हमारे शरीर में घर कर रही हो, हमें पता ही नही चलता। इसीलिए सही समय पर सही इलाज बहुत ज़रूरी होता है।
बेस्ट में लालिमा या सूजन या दानों का होना जरूरी नहीं कि ब्रेस्ट कैंसर का ही कारण हो लेकिन इसे हल्के में न लिया जाए क्योंकि आज कल के खानपान और बदली लाइफ़स्टाइल के चलते पता नहीं कब कौन सी बीमारी हमारे शरीर में घर कर रही हो, हमें पता ही नही चलता। इसीलिए सही समय पर सही इलाज बहुत ज़रूरी होता है।
4. ब्रेस्ट में खिंचाव या तनाव
अगर आपकी ब्रेस्ट में खिंचाव या तनाव सा महसूस हो रहा है जिसके कारण आपको तकलीफ़ महसूस हो रही है तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें सकती हैं। इसके अलावा आप अपने साथ ही अपने से जुड़े अन्य लोगो को भी सही जानकारी दे सकती हैं और इस ब्रेस्ट कैंसर जैसे गंभीर मुद्दे के बारे में जागरूकता फैला सकती हैं।
अगर आपकी ब्रेस्ट में खिंचाव या तनाव सा महसूस हो रहा है जिसके कारण आपको तकलीफ़ महसूस हो रही है तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें सकती हैं। इसके अलावा आप अपने साथ ही अपने से जुड़े अन्य लोगो को भी सही जानकारी दे सकती हैं और इस ब्रेस्ट कैंसर जैसे गंभीर मुद्दे के बारे में जागरूकता फैला सकती हैं।
5. ब्रेस्ट में दर्द या घाव
अगर आपको अपनी ब्रेस्ट में कहीं फुंसी दर्द या घाव जैसा महसूस हो रहा है तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें सकती है। इसमें डरने या घबराने वाली कोई बात नहीं। क्योंकि हमारे शरीर में हर समय कोई न कोई हार्मोनल, शारीरिक या मानसिक परिवर्तन होता ही रहता है जिसके कारण हमें कई बार ऐसे कई फोड़े फुंसी, दर्द या और घाव होकर सही भी हो जाते हैं और हमें पता भी नही चलता है। ये सब डिपेंड करता है आपकी इम्यूनिटी पॉवर और आपके खानपान पर आपकी दिनचर्या पर। आप अपने शरीर पर जितना अधिक ध्यान देंगे शरीर भी आपको वैसा ही रिस्पॉन्स देगा।
अगर आपको अपनी ब्रेस्ट में कहीं फुंसी दर्द या घाव जैसा महसूस हो रहा है तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें सकती है। इसमें डरने या घबराने वाली कोई बात नहीं। क्योंकि हमारे शरीर में हर समय कोई न कोई हार्मोनल, शारीरिक या मानसिक परिवर्तन होता ही रहता है जिसके कारण हमें कई बार ऐसे कई फोड़े फुंसी, दर्द या और घाव होकर सही भी हो जाते हैं और हमें पता भी नही चलता है। ये सब डिपेंड करता है आपकी इम्यूनिटी पॉवर और आपके खानपान पर आपकी दिनचर्या पर। आप अपने शरीर पर जितना अधिक ध्यान देंगे शरीर भी आपको वैसा ही रिस्पॉन्स देगा।
दोस्तो ये याद रखें कि हर फोड़ा-फुंसी दर्द या घाव ब्रेस्ट कैंसर नही हो सकता है इसीलिए पहले से ना घबराते हुए आप अपनी बुद्धि और विवेक का उपयोग करते हुए अपने आप को फिट और हिट रखने का प्रयास करें।
ब्रेस्ट कैंसर से कैसे बचाव किया जाए | Breast cancer se kaise bache in hindi
दोस्तों आपने ये लाइनें ज़रूर सुनी होगी प्रिवेंशन इज बेटर देन क्यौर (prevention is better than cure)। सही भी है अगर आप कोई भी रोग होने से पहले उसका बचाव करते हैं तो आप कई तरह की बीमारियों को परास्त कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए किस तरह का ट्रीटमेंट (treatment of breast cancer in hindi) हो सकता है -1. योगा और एक्सरसाइज को डेली रूटीन में करें शामिल-
योगा और एक्सरसाइज़ हमारी लाइफ़ का बहुत ही महत्वपूर्ण पार्ट होना चाहिए। योगा, एक्सरसाइज़ हमें स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाए रखते हैं योगा करने से मन को आत्मिक शांति मिलती है और एक नई ऊर्जा का संचार होता है। इतनी भागदौड़ भरी ज़िंदगी में अपने लिए टाइम निकालना और ख़ुद को मैंटेन रखना बहुत मुश्किल और बहुत चैलेंजिंग भी होता है। पर फ़िर भी आप ख़ुद को स्वस्थ रखने के लिए इतना तो कर ही सकते हैं। सुबह जल्दी उठने के 10 फ़ायदे ज़रूर जानें।
2. हरी सब्ज़ियां खाएं और रोग दूर भगाएं-
हरी सब्जियां और पके हुए फलों का सेवन करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। और शरीर में चुस्ती फुर्ती भी रहती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। शरीर की पाचन शक्ति भी तीव्र होती है। शरीर का मेटाबॉलिज्म भी ठीक तरह से काम करता है। जानिए हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खाने से क्या क्या फ़ायदे होते हैं?
हरी सब्जियां और पके हुए फलों का सेवन करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। और शरीर में चुस्ती फुर्ती भी रहती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। शरीर की पाचन शक्ति भी तीव्र होती है। शरीर का मेटाबॉलिज्म भी ठीक तरह से काम करता है। जानिए हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खाने से क्या क्या फ़ायदे होते हैं?
3. जंक फ़ूड से दूरी बनाएं -
अक़्सर हम जल्दबाज़ी या खाने के लालच में भूख लगने पर फास्ट फ़ूड या जंकफुड को ज़्यादा पसंद करते हैं। जो कि झटपट तैयार हो जाता है। ऐसे में हम तुरंत खाकर अपना पेट तो भर लेते हैं लेकिन बाद में इसके गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिलते है। और फ़िर हमें कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
अक़्सर हम जल्दबाज़ी या खाने के लालच में भूख लगने पर फास्ट फ़ूड या जंकफुड को ज़्यादा पसंद करते हैं। जो कि झटपट तैयार हो जाता है। ऐसे में हम तुरंत खाकर अपना पेट तो भर लेते हैं लेकिन बाद में इसके गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिलते है। और फ़िर हमें कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
4. धूम्रपान जैसी ग़लत आदतों का करें त्याग-
आज के आधुनिक युग में ड्रिंकिंग और स्मोकिंग दोनों का ही बड़े पैमाने पर धड़ल्ले से युवा पीढ़ी द्वारा नशा किया जा रहा है। जिसका दुष्परिणाम यह होता है कि जानें अनजाने कब बच्चों को इसकी लत लग जाती है पता ही नहीं चलता। और फ़िर ये अपने जैसे कई लोगो को नशे के लिए प्रेरित करते हैं।
आज के आधुनिक युग में ड्रिंकिंग और स्मोकिंग दोनों का ही बड़े पैमाने पर धड़ल्ले से युवा पीढ़ी द्वारा नशा किया जा रहा है। जिसका दुष्परिणाम यह होता है कि जानें अनजाने कब बच्चों को इसकी लत लग जाती है पता ही नहीं चलता। और फ़िर ये अपने जैसे कई लोगो को नशे के लिए प्रेरित करते हैं।
5. तनाव न होने दें -
तनाव कई बीमारियों की जड़ है। जिसके कारण मनुष्य अंदर ही अंदर इतना अधिक खोखला हो जाता हैं कि उसे पता ही नहीं चलता कि उसे कब किसी बड़ी बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया है। और जब तक उसे पता चलता है तब तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। मानसिक तनाव क्या है? मानसिक तनाव दूर करने के उपाय क्या हैं?
निष्कर्ष (Conclusion)
ब्रेस्ट कैंसर का जल्दी पता लगाकर और इसका सही समय पर इलाज शुरु कर देने से ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इसके लिए नियमित जांच और स्क्रीनिंग महत्वपूर्ण होती है। चूंकि 80% स्तन कैंसर महिलाओं में ही देखे जाते हैं। इसलिए महिलाओं को विशेष रूप से इसके लिए सावधानी बरतनी चाहिए। ज़रा सा भी संदेह हो तो डॉक्टर से सलाह लेने में देरी नहीं करनी चाहिए।
एक ख़ास बात यह कि आज के दौर में महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) के बारे में सामान्य जागरूकता (breast cancer awareness in hindi) विशेष तौर पर होनी चाहिए ताकि वे दूसरों को भी जागरूक कर सकें। कोई भी संबंधित लक्षण जैसे कि सूजन, खुजली, गांठ आदि दिखाई देने पर अपने डॉक्टर से सलाह लेना कभी न भूलें।
Disclaimer : इस लेख में हमने रिसर्च के दौरान ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित प्राप्त होने वाली सामान्य जानकारी को आपसे साझा किया है। ताकि अधिक से अधिक लोगों तक ब्रेस्ट कैंसर (breast cancer) संबंधी जागरूकता पहुंचाने में सहयोग प्रदान कर सकें। आपके शरीर में ऐसी कोई भी संभावना हो तो फ़ौरन डॉक्टर से अनिवार्यतः सलाह लें।
स्तन कैंसर (breast cancer) का इलाज आजकल शल्य चिकित्सा, विकिरण चिकित्सा, कीमो थैरेपी, हार्मोनल थैरेपी, लक्षित चिकित्सा, PARP अवरोधक या प्रशामक देखभाल के ज़रिए भी किया जाता है। बस इसके लिए एक ही शर्त है कि आप इसके प्राथमिक लक्षणों की जल्द से जल्द पहचान कर उचित मार्गदर्शन और उपचार शुरू कर सकें।
(- written by poonam)
Some more articles:
Tags
सेहत