रसोई के कचरे से जैविक खाद कैसे बनाएं | रसोई के कचरे से खाद बनाने की विधि | how to make natural fertilizer from kitchen waste in hindi | how to make compost from kitchen waste in hindi
दोस्तों अगर आप गार्डनिंग के शौक़ीन हैं तो समझिए कि यह लेख सिर्फ़ आपके लिए है। क्योंकि आज हम जिस टॉपिक पर बात कर रहे हैं। वो आपकी गार्डनिंग के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने वाला है। बस आप इस लेख में अंत तक बने रहिए। यक़ीनन यह लेख आपके गार्डनिंग में नई जान डाल सकता है।
दोस्तों जिन्हें बागवानी में दिलचस्पी है वो अच्छी तरह जानते हैं कि अपने हाथों से लगाए गए पेड़ पौधों से आपका दिल किस तरह लग जाता है। अपने बिज़नेस या ऑफिस से वापस घर आते ही सबसे पहले अपने प्यारे प्यारे हरे भरे पौधों को देख नहीं लेते तब तक आपका मन नहीं भरता। ऐसा महसूस होता है मानो वे आपके अपने बच्चे हों।
अब ज़रा सोचिए कि आपके इन प्यारे से बच्चों के विकास के लिए, उन्हें पौष्टिक चीज़ें देना कितना ज़रूरी है। ताकि ये लहलहाते, तेज़ी से ग्रोथ करते हुए, सुबह शाम हमें स्माइल देकर थैंक्स कह सकें। यक़ीन मानिए अगर ये स्वस्थ और खुश हैं तो समझो आपका दिन भी हराभरा बीतने वाला है।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हम किस चीज़ की चर्चा करने वाले हैं। जी हां, हम बात करने वाले हैं कि घर पर प्राकृतिक खाद कैसे बनाएं? ताकि आपके पेड़ पौधे खिल उठें। सचमुच आपको इसके लिए कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है। बस घर में ही किचन के कचरे से प्राकृतिक खाद बनाकर आप बगीचे में लगे पौधों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
हमारे किचन से निकलने वाला कचरा जैसे कि फलों और सब्ज़ियों के छिलके, जिन्हें हम बेकार समझकर कूड़ेदान या बाहर यूं ही फेंक देते हैं। चाहें तो इनका सही उपयोग कर, हम घर बैठे कंपोस्ट खाद बना सकते हैं। जो कि हमारी बागवानी के पेड़ पौधों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी। तो आइए किचन के कचरे से खाद कैसे बनाएं (kitchen ke kachre se khad kaise banaye?) विस्तार से जानते हैं।
किचन के कचरे से घर पर जैविक खाद कैसे बनाएं (how to make Organic fertilizer from kitchen waste in hindi)
सामान्यतः हम किचन के कचरे से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया को निम्न चरणों में आसानी से समझ सकते हैं -
1. सामग्री का चयन :
सबसे पहले यह जान लें कि किचन के कचरे के अंतर्गत किन किन चीज़ों का उपयोग आप खाद बनाने के लिए कर सकते हैं। जैसे- फल और सब्ज़ियों के छिलके, चाय पत्ती, कॉफी के दाने इत्यादि। अब सबसे पहले आप अपने किचन से निकलने वाले इन फलों और सब्ज़ियों के छिलकों को एक जगह निकाल लीजिए और उन्हें बारीक बारीक टुकड़ों में तोड़ या काट लीजिए।
हम आपको बता दें कि इन सभी में नाइट्रोजन और कार्बन की मात्रा पर्याप्त मात्रा होती है, जो खाद बनाने के लिए आवश्यक हैं। नाइट्रोजन और कार्बन का सही संतुलन खाद की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।
2. खाद बनाने के लिए स्थान का चयन :
खाद बनाने के लिए एक उपयुक्त स्थान चुनें। इसके लिए आप गार्डन का एक कोना, बालकनी या छत का उपयोग कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि यह स्थान छाया में हो और वहां से पानी की निकासी आसानी से हो।
3. कंटेनर का चयन और तैयारी :
खाद बनाने के लिए एक कंटेनर का चयन करें। इसके लिए आप प्लास्टिक की बाल्टी, मटके, गमले या छोटे मोटे ड्रम का उपयोग कर सकते हैं। याद रहे कि बाल्टी, मटके, गमले या ड्रम में नीचे एक छिद्र होना चाहिए जिससे हवा का संचार सही मात्रा में होता रहे। इसके अलावा आप कंटेनर के चारों ओर छोटे-छोटे छेद भी कर सकते हैं ताकि हवा का संचरण आसानी से हो सके।
4. बेस लेयर तैयार करें :
अब कंटेनर में सबसे पहले कुछ सूखे पत्तों, काग़ज़ या भूसे की पतली लेयर बिछा लें। दरअसल यह परत अतिरिक्त नमी को सोखने और हवा के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करेगी।
5. किचन का कचरे को कंटेनर में डालें :
अब किचन से इकट्ठा किए गए सब्ज़ी के छिलके और फलों के छिलकों को कंटेनर में अच्छी तरह से फैलाकर बिछा लें। अब इसके ऊपर मिट्टी, सूखे पत्ते, काग़ज़ के टुकड़े या पुराने कपड़े के टुकड़े या कंपोस्ट खाद की लेयर बिछा दें।
6. उपरोक्त प्रक्रिया पुन: दोहराएं :
इसके ऊपर किचन से इकट्ठा किए गए सब्ज़ी के छिलके और फलों के छिलकों की लेयर बना के रख दें। फिर ऊपर से मिट्टी या सूखे पत्ते, कागज के टुकड़े या पुराने कपड़े के टुकड़े डाल दें।
यह प्रक्रिया इसी तरह दोहराते रहें जब तक आपका कंटेनर भर नहीं जाता। फ़िर कंटेनर को किसी ऐसे पात्र से ढंक दें। जिसमें हवा का संचार (आक्सीजन) आसानी से बना रहे।
7. कचरे की देखभाल :
अब इसे सप्ताह में या 3-4 दिन में ऊपर से नीचे पलटते रहें। ताकि हवा का प्रवाह बना रहे। यह खाद को जल्दी सड़ने में मदद करेगा। जल्दी खाद बनने के लिए आप इसमें छाछ या मट्ठा का 4 से 5 चम्मच के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। छाछ या मट्ठा का प्रयोग करने से खाद बहुत जल्दी बन कर तैयार होती है। छाछ में मौजूद बैक्टीरिया फलों और सब्ज़ियों के छिलकों को जल्दी कंपोस्ट करने में मददगार होते हैं।
8. खाद तैयार होने की प्रक्रिया :
इस तरह कुछ ही महीनों (लगभग 2-3 महीने) बाद आपके किचन का यही कचरा खाद के रूप में बदलकर, आपके गार्डन के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा। इससे पर्यावरण भी बचा रहेगा और इस खाद से आपके पेड़ पौधों का विकास भी तेज़ी से होता रहेगा।
9. तैयार खाद का उपयोग :
किचन वेस्ट से तैयार खाद को अब आप अपनी बागवानी के मिट्टी में मिला सकते हैं। यह मिट्टी की संरचना में सुधार करता है और पौधों को आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करता है। इस तरह किचन के कचरे से बनी प्राकृतिक खाद का उपयोग सब्ज़ी बागान, फूलों के पौधे, या किसी भी प्रकार के पेड़ पौधों के लिए किया जा सकता है। क्योंकि यह जैविक खाद, पौधों के लिए उत्कृष्ट खाद मानी जाती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
घर के किचन से उत्पन्न होने वाले जैविक कचरे को खाद में बदलकर हम पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। यह खाद न केवल पौधों के लिए पोषक तत्वों का स्रोत होती है, बल्कि कचरे की मात्रा को भी कम करती है।
किचन के कचरे से जैविक खाद बनाना एक सरल और पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रिया है। इससे न केवल आपके बगीचे में मौजूद पेड़ पौधों को पोषक तत्व मिलते हैं, बल्कि इससे आपके घर में कचरे की अनावश्यक मात्रा भी कम हो जाती है। यह प्रक्रिया स्वाभाविक और सस्ती है। इस प्रक्रिया को हर कोई अपने घर पर आसानी से अपना सकता है।
उम्मीद है आप को यह "रसोई के कचरे से जैविक खाद कैसे बनाए (rasoi ke kachre se jaivik khad kaise banaye?)" ज़रूर पसंद आया होगा। हम यह आशा करते हैं कि अगर आप बागवानी के शौक़ीन हैं तो ऐसी ही प्राकृतिक खाद का उपयोग कर अपने पौधों को स्वस्थ और हरे भरे रखते हुए, पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में अपना अभूतपूर्व योगदान प्रदान करेंगे।
(- Written by Poonam)
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