रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएँ? | How to increase Immunity Power in hindi?

दोस्तों आज के इस आपाधापी भरी ज़िन्दगी में हम इस क़दर मसरूफ़ हो गए हैं कि हमें याद ही नहीं रहता कि ख़ुद पर ध्यान देना उतना ही ज़रूरी है, जितना कि ज़िन्दगी की तमाम ज़रूरतों पर। या यूँ कहिये कि वक़्त ही नहीं है किसी के पास, या हम वक़्त निकालना ही नहीं चाहते अपने लिए। परिणाम स्वरूप अनायास ही छोटी मोटी बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं और फ़िर शुरू होती है अस्पतालों की दौड़। वैसे भी आजकल कोरोना अथवा किसी भी घातक बीमारी से दूर रहना है तो निश्चित रूप से आपको सबसे पहले अपना इम्युनिटी पॉवर (immunity power) मज़बूत बनाना होगा।


दोस्तों यदि आप ठान लें तो स्वस्थ रहना, ख़ुद को  फ़िट रखना उतना कठिन कार्य नहीं जितना आप समझते हैं। जितना आप स्वस्थ और फिट रहेंगे। निश्चय ही आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति में उतनी ही अधिक वृद्धि होगी। यदि आप अपने व्यस्त समय में से कुछ समय अपने स्वास्थ्य के लिए निकालते हैं तब आप निश्चित ही छोटी- मोटी बीमारियों से ग्रसित होने से हमेशा बचेंगे। दोस्तों आज के समय में रोग प्रतिरोधक क्षमता का महत्त्व आप सभी को जानना ज़रूरी है। तभी आप अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली पर ध्यान दे पाएंगे और अपनी दिनचर्या में भी परिवर्तन ला पाएंगे। 

प्राचीन काल से ही चिकित्सा प्रणाली में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए या अन्य बीमारियों से रक्षा करने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर हमेशा से ही ज़ोर दिया गया है। चाहें तो आज भी हम प्राकृतिक एवं प्राचीन चिकित्सा प्रणाली के माध्यम से अपने शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ा सकते हैं। आज हम इस लेख के माध्यम से आप सभी से "रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएँ"  immunity power कैसे बढ़ाएँ विषय में चर्चा करेंगे।


रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या है? (What is immunity power in hindi)

इम्म्यून सिस्टम क्या है? what is immune system? इसके जवाब में हम यही बताना चाहते हैं कि मानव शरीर में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो बैक्टीरिया और संक्रमण जैसे ख़तरों से हमें सुरक्षित रखने का सदैव ही प्रयास करते रहते हैं, जैसे- प्रतिरक्षा प्रणाली में अंग कोशिकाएं , टिशू और प्रोटीन इत्यादि आवश्यक पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। इन्हीं सभी आवश्यक पोषक तत्वों की वजह से ही मानव शरीर स्वस्थ और सेहतमंद रहता है। जब कोई भी व्यक्ति स्वस्थ और सेहतमंद रहता है, तो उसे किसी भी प्रकार की बीमारी का ख़तरा नहीं होता क्योंकि वह स्वयं छोटी-मोटी बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखता है। हिंदी में इसे रोग प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा तथा अंग्रेज़ी में Immunity Power कहा जाता है। दरअसल ये किसी भी प्रकार के सूक्ष्म जीवों जैसे- बैक्टीरिया, वायरस आदि से लड़ने की क्षमता/शक्ति हमारे शरीर को प्रदान करता है।


रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी को कैसे पहचानें (How to recognize immunity power in hindi)

जिस प्रकार मानव शरीर को सभी आवश्यक एवं जरूरतमंद खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार से एक स्वस्थ और निरोगी मनुष्य के लिए बेहतर रोग प्रतिरोधक शक्ति का होना ज़रूरी है। आजकल की लाइफस्टाइल और खानपान में लापरवाही की वजह से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता दिन-ब-दिन कमज़ोर होती चली जा रही है। जिसके कारण कोरोना, स्वाइन फ्लू, सर्दी, ज़ुकाम जैसे सामान्य संक्रमण आसानी से हम पर हमला कर हमें बीमार कर सकते हैं।

आप चाहे अपनी ज़िंदगी में जितने भी व्यस्त हों, मगर अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग तो आपको रहना ही चाहिये क्योंकि किसी मनुष्य के अंदर यदि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तब उसके लिए यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति होती है। जिस प्रकार मनुष्य के अंदर किसी बीमारी के अनेक लक्षण दिखाई देते हैं उसी प्रकार रोग प्रतिरोधकता कम होने पर भी कुछ प्रमुख लक्षण दिखाई देते हैं, जो कि निम्न हैं –

1. अधिकतर समय में अत्यधिक तनाव महसूस करना,
2. पाचन क्रिया का कमज़ोर हो जाना,
3. सामान्य सर्दी शुरू होते ही सुधरने के बजाय अधिक सर्दी लग जाना,
4. पेट संबंधी परेशानियां हमेशा ही बने रहना,
5. रक्त संचार का ठीक ठाक न चलना,
6. वज़न का अनायास ही घट जाना,
7. चोट को ठीक होने में अक्सर अधिक समय लगना,
8. किसी भी प्रकार का संक्रमण जल्दी ही हो जाना और देर तक ठीक न होना,
9. अत्यधिक कमज़ोरी महसूस होना, किसी भी काम में मन न लगना। 

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के घरेलू नुस्खे (Home remedies to increase immunity Power in hindi)

प्राचीन काल से ही हमारी चिकित्सा प्रणाली में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। हमारे घरों में ही कुछ ऐसे उपाय होते हैं जिनके उपयोग से हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बड़ी ही आसानी से बढ़ा सकते हैं। आज ऐसा समय चल रहा है कि लगभग सभी लोगों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना अति आवश्यक है। आइए जानते हैं कि किन चीजों का सेवन करके आप बड़ी ही आसानी से प्राकृतिक रूप में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में हमारे दैनिक जीवन में उपयोग किये जाने वाले खाद्य पदार्थ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ताज़े फल, हरी सब्ज़ियाँ आदि एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं। यदि इन्हें ज़िम्मेदारी के साथ दैनिक भोजन में शामिल किया जाए तो ये निश्चित रूप से रोगों से लड़ने में हमारी मदद करती है।


शोधकर्ताओं का भी यही मानना है कि अच्छा आहार, नियमित व्यायाम, योग, प्राणायाम और स्वस्थ दिनचर्या रोग प्रतिरक्षा को बढ़ाने के बेहतरीन उपाय हो सकते हैं। क्योंकि उम्र के साथ मानसिक तनाव, खान-पान की अनियमितता , अनियमित जीवनशैली के चलते हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।

प्रकृति ने हमें पहले से ही इतने वरदान दिए हैं कि हम इनका सदुपयोग करके आसानी से ख़ुद को बीमारियों से दूर रख सकते हैं। इस लेख में आज हम यहाँ कुछ घरेलू नुस्खों की चर्चा करेंगे जिन्हें अपनी दैनिक में शामिल करने से Immunity Power मज़बूत होता है-



प्राकृतिक काढ़े का सेवन- 


हमारे घरों में कुछ ऐसे प्राकृतिक रूप से मसाले मौजूद होते हैं, जिनका यदि हम काढ़े के रूप में सेवन करें तो हम अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बड़ी ही आसानी से बढ़ा सकते हैं। आप काढ़े के रूप में काली मिर्च , मेथी दाना हल्दी, अदरक, 
दालचीनी, इलायची, और लौंग इत्यादि प्राकृतिक मसालों का सेवन अपने काढ़े में कर सकते हैं। बताए गए इन सभी प्राकृतिक मसालों में आपको एंटीऑक्सीडेंट तत्व मिलता है। जिनके कारण मानवीय शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का प्राकृतिक रूप से विकास होता है। सोचिए, अगर आपके किचन में ही मौजूद चमत्कारिक मसालों से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा बनने लगे तब तो आप को कोई बीमारी दूर दूर तक छू भी नहीं सकेगी।


विटामिन A और E से भरे पोषक तत्वों का सेवन-
विटामिन A और विटामिन E एक प्रकार के शक्तिशाली Antioxidant हैं जो inflammation (सूजन) को रोकने का कार्य करते हैं साथ ही कोशिकाओं को रोगों से लड़ने के लिए मज़बूत बनाते हैं। बचपन में ही बच्चों को विटामिन A की ख़ुराक ज़रूर पिलाएं। विटामिन A आपकी त्वचा की देखभाल से लेकर शरीर में खून बनाने तक की भूमिका निभाता है।

Vitamin A के लिए सेवन करें-
(1) सब्ज़ियाँ जैसे- गाजर, लाल व पीली शिमला मिर्च, कद्दू, शकरकंद, टमाटर, हरी धनिया, हरी सब्ज़ियाँ। 
(2) फ़ल जैसे- आम, संतरा, पपीता, खरबूजा, चकोतरा, खुबानी। 
(3) दूध, दूध से बने पदार्थ जैसे पनीर, दही का सेवन करें। 

Vitamin E के लिए सेवन करें-
(1) कीवी, बादाम, मूंगफली, हेज़लनट्स, पाइन नट्स, ब्राज़ील नट्स, कियुना, जैतून, सूरजमुखी, कददू, पपीता। 
(2) वनस्पति तेल- गेहूँ के बीज का तेल, सूरजमुखी का तेल, सोयाबीन का तेल, बादाम का तेल। 
(3) सरसों और शलगम का साग, ब्रोकोली, कददू आदि का सेवन करें। 


विटामिन C युक्त पदार्थों का सेवन- 
विटामिन C में Anti-oxidant (एंटीऑक्सीडेंट) मौजूद होते हैं। जो कि फ्री रेडिकल्स से शरीर को होने वाले संक्रमण से भी बचाते हैं। विटामिन सी के सेवन से हमारे शरीर के हड्डियों को मज़बूत करने के अतिरिक्त मानवीय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में काफी हद तक हमें मदद मिलती है। Vitamin C से परिपूर्ण प्राकृतिक भोज्य पदार्थों का सेवन करने से आपको भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं, जो कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। विटामिन C के लिए सेवन करें-

(1) फ़ल जैसे-  अमरूद, अंगूर, पपीता, नीबू, संतरा, आंवला, स्ट्रॉबेरी
(2) सब्ज़ियाँ जैसे- हरी मिर्च, ब्रोकोली, लाल व पीली शिमला मिर्च, टमाटर आदि का सेवन कर सकते हैं। 

विटामिन D से भरपूर पोषक तत्वों का सेवन
विटामिन डी को अपने शरीर में अवशोषित करने के लिए आप सूर्य के प्रकाश का सहारा ले सकते हैं। अनेक अनुसंधानों से पता चला है कि Vitamin D वायरल संक्रमण और श्वास संबंधी समस्याओं को रोकने में लाभदायक साबित होता है। इसके अतिरिक्त आप सालमन मछली या दूध का सेवन कर सकते हैं। इन दोनों के अंदर आप को विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलता है , जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा मिलता है। विटामिन D के लिए आप सेवन करें-

(1) सूर्य की रोशनी में अक्सर बैठने आदत डालें। 
(2) मशरूम का सेवन करें। 
(3) Vitamin D Fortification वाले भोज्य पदार्थों का सेवन करें। 
(4) दूध का सेवन करें। 
(5) भोजन में सालमन मछली भी शामिल कर सकते हैं। 

आयरन (लौह तत्व) युक्त पोषक तत्वों का सेवन-
आयरन की कमी से शरीर के कई फंक्शन असंतुलित हो जाते हैं। हीमोग्लोबिन बनाने में आयरन की प्रमुख भूमिका होती है। आयरन की कमी से शरीर मे ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। एनीमिया की वजह भी विशेषकर आयरन की कमी ही बनती है। इसकी कमी से रोग प्रतिरक्षा  में भारी कमी हो सकती है अतः आयरन की कमी दूर करने के लिए सेवन करें- 

(1) पालक, ब्रोकोली, सलाद पत्ता। 
(2) साबुत अनाज, सेम, मटर, अंकुरित फलियां। 
(3) गुड़, खजूर। 
(4) कम वसा वाला मांस या चिकन। 
(5) खाना पकाने के लिए लोहे के बर्तन का उपयोग करें। 



ज़िंक युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन-
वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि उम्र के साथ साथ शरीर मे ज़िंक की कमी होती चली जाती है।शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता लगातार घटती जाती है। यह श्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है। इससे संक्रमण से बचाव होता है। अतः ज़िंक के संतुलन के लिए भोज्य पदार्थ सेवन करें-

(1) दूध एवं दूध से बने पदार्थों का सेवन करें। 
(2) छोले व अन्य फलियाँ भोजन में शामिल करें। 
(3) नट्स एवं बीज जैसे- बादाम, मूंगफली, चिलगोजे(पाइन नट्स) टिल के बीज, कददू के बीज। 



लहसुन का सेवन करके रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएँ


लहसुन का प्रयोग हम अपने किचन में किसी भी खाने के पदार्थ को स्वाद में लाने के लिए करते हैं। लहसुन अपने आप में एंटी-ऑक्सीडेंट्स (Anti-Oxidants) से भरपूर तत्व है। और यह माना जाता है कि एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा जिस तत्व में अधिक होगी, वह तत्व उतना ही अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने में सहायक होता है। लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट के अतिरिक्त आपको एल्सिन (Allicin) नामक एक ऐसा पोषक तत्व होता है, जिससे आपके शरीर मे संक्रमण और बैक्टीरिया से बचाव करने में मदद मिलती है। लहसुन का प्रयोग दैनिक जीवनशैली में उपयोग करते रहने से हमें कैंसर और अल्सर जैसे बड़े बड़े रोगों से लड़ने में मदद मिलती है।



अदरक के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि


हम सुबह-सुबह चाय की शुरुआत अदरक के इस्तेमाल के साथ करते हैं। अदरक की चाय स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. अदरक में एंटी- इनफ्लमेटरी, एंटी बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं, जो सिर दर्द, सर्दी-जुकाम और अपचन की समस्या से राहत दिलाते हैं। साथ ही कई बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। अदरक में विटामिन A, विटामिन E, आयरन, विटामिन D और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन से भरपूर होने की वजह से हम ऊर्जा महसूस करते हैं। यदि आप चाहें तो अदरक के साथ में सैफ या फिर शहद का सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने से आपकी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली Disease Immunity system में विकास होता है।



तुलसी का सेवन रोग प्रतिरोधक शक्ति के लिए करें-


तुलसी के पौधे का अपना एक धार्मिक महत्व है और 
भारत में अधिकांशतः तुलसी के पौधे की पूजा–अर्चना भी की जाती है। इसके अतिरिक्त महत्त्वपूर्ण बात यह है कि तुलसी एक ऐसा औषधीय पौधा है जिसमें विटामिन (Vitamin) और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। सभी रोगों को दूर करने और शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर इस औषधीय पौधे को दैवीय पौधा कहा गया है क्योंकि इससे ज्यादा उपयोगी और घरेलू औषधि मनुष्य जाति के लिए कोई और दूसरी नहीं है।

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रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आप प्रतिदिन प्रातः काल एक चम्मच तुलसी के रस का सेवन करें। इसके अतिरिक्त आप तुलसी के रस में आप एक चम्मच शहद और तीन चार काली मिर्च के दाने को मिलाकर सेवन कर सकते हैं । इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मेंं अमूमन वृद्धि ही होगी।




अलसी का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए करें-


अलसी मानव शरीर के लिये बेहतरीन Immunity Booster है। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए यह बहुत गुणकारी है।इसमें अल्फ़ा लिनोलेनिक एसिड (alpha linolenic acid), प्रोटीन, विटामिन B और E, फ़ाइबर, ओमेगा-3 (omega-3) और फैटी एसिड (fatty acid), पोटेशियम एवं मैग्नेशियम पाया जाता है। इसे नियमित रूप से यदि सेवन किया जाए तो समझिए अनेक प्रकार के रोगों से सीधे छुटकारा। विशेषकर यह वज़न, पाचन तंदुरुस्त, बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल में सुधार, हार्ट की समस्या, केंसर, मधुमेह जैसी समस्या में फ़ायदेमंद है। अर्थात अलसी भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है।



हल्दी के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि-


हल्दी अपने आप में एक अच्छी इम्युनिटी सिस्टम बूस्टर (Immunity System Booster) कहलाती है। दरअसल यह एंटी-ऑक्सीडेंट (Anti-oxidant) से भरपूर होती है। हल्दी रक्त के शुद्धिकरण के साथ-साथ सौंदर्य प्रसाधन के काम भी आती है। यह इतनी गुणकारी है कि इससे कैंसर से लेकर अल्ज़ाइमर जैसी घातक बीमारियों से बचने में मदद मिलती है। हल्दी में करक्यूमिन(curcumin) नामक तत्व रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है, जिससे ग्लूकोस का मेटाबोलिज्म संतुलित रह सके। ताकि व्यक्ति मधुमेह जैसी ख़तरनाक बीमारी से बच सके।सीधे शब्दों में कहा जाए तो हल्दी शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को ज़्यादा से ज़्यादा मज़बूत बनाये रखने में मदद करती है


पेय पदार्थों से बढ़ाएँ रोग प्रतिरोधक क्षमता-

पेय पदार्थ बढ़ाये इम्युनिटी पावर

अक्सर चोट लगने के बाद हल्दी के दूध का सेवन तो किया ही जाता है। ठीक उसी प्रकार आप हल्दी के दूध का या फिर हल्दी के चाय का सेवन करके आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं । हल्दी के चाय का सेवन आपको सेहतमंद बने रहने में सहायक सिद्ध होगा। चाहें तो ग्रीन-टी के साथ-साथ अन्य प्रकार के प्राकृतिक मसालों का जैसे कि काली मिर्च, अदरक, दालचीनी, लौंग इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। इस प्रकार आप दो अलग-अलग पोषक तत्वों का सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं। इन सभी प्राकृतिक मसालों में फ्लेवोनॉयड नामक पोषक तत्व मौजूद होता है, जिसके वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।




नियमित व्यायाम, योग एवं प्राणायाम करें-
 
योग करें स्वस्थ्य रहें

अच्छी लाइफस्टाइल और पौष्टिक आहार के जरिए इम्यून पावर को मजबूत किया तो जा सकता है। लेकिन कुछ खास यौगिक क्रियाएं इसे लम्बे समय तक मज़बूत बनाती हैं। सभी आवश्यक पोषक तत्वों के अतिरिक्त आप अपने दिनचर्या में प्रतिदिन प्राणायाम व योग करके भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित कर सकते हैं। आपने देखा होगा कि जो व्यक्ति हर रोज़ योग, एक्सरसाइज, प्राणायाम करता है उसका स्वास्थ्य अन्य व्यक्ति के मुकाबले में काफी बेहतर और संतुलित रहता है।

स्वस्थ जीवन शैली के लिए व्यायाम अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। हृदय, ब्लड प्रेशर, मोटापा एवं अन्य कई प्रकार की बीमारियों से निजात पाने के लिए व्यायाम किसी वरदान से कम नहीं है। आहार के साथ-साथ नियमित व्यायाम भी हमारे शरीर की रोग प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाता है। इससे स्ट्रेस हार्मोन्स, कोर्टिसोल के स्टार को कम करने में मदद के साथ-साथ immunity system को नियंत्रित करने में हमारी मदद करता है।


रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रतिदिन योग व प्राणायाम करके निश्चित रूप से बढ़ाया जा सकता है। जिसमें प्रमुख रूप से कपाल-भाती, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी आदि को नियमित रूप से अपनी दिनचर्या में शामिल करें। नियमित प्राणायाम से अनेकों असाध्य रोगों से छुटकारा मिल सकता है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता इतनी Powerful हो जाती है कि भविष्य में रोगों से बचना अत्यंत ही सरल सा हो जाता है। आज की दौड़-धूप और तनाव पूर्ण ज़िन्दगी में योग एवं प्राणायाम अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना गया है।


रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें (Some important things to increase immunity in hindi)

(1) बच्चों के विषय में बात करें तो कृपया अपने बच्चों को समय समय वैक्सीन अवश्य लगवाएं। यदि आप बचपन में ही अपने बच्चों को वैक्सीन लगवा लिया करेंगे तो उन्हें कभी भी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी जैसी समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा।

(2) अत्यधिक दवाइयों के सेवन से हमेशा ही बचें। क्योंकि ऐसा करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट आ जाती है। यही कारण है कि जो लोग साल भर अपने मन से ही दवाइयां खाते रहते हैं, उन्हें साइड-इफेक्ट होने के ख़तरे ज़्यादा होते हैं। आप किसी भी प्रकार की दवा का सेवन बिना किसी डॉक्टर की सलाह से कभी न लें। छोटी-छोटी परेशानियां होने पर आप अपनी मर्जी से किसी भी दवा का सेवन ना करें। अक्सर यही देखा जाता है कि घरों में लोग अपने मुताबिक दवाएं रख लेते हैं और अपने मन से ही ज़रूरत पड़ने पर सेवन करते हैं। जो कि भविष्य में हानिकारक भी हो सकती हैं।

(3) रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आप पर्याप्त नींद भी ले सकते हैं। नींद आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता Immunity Power को बैलेंस करने में सहायता करती हैं। लेकिन ध्यान रहे, हद से ज़्यादा और बेसमय नींद लेना भी सुस्ती और बीमार पड़ने की वजह बन जाती है।

(4) तनाव से ख़ुद को जितना हो सके दूर रखने का प्रयास करें। समय के रहते यदि  तनाव को सही तरीके से नियंत्रित न किया जाए तो यह न सिर्फ हमारी तरक्की को रोकता है बल्कि हम कई बीमारियों को भी न्योता दे बैठते हैं।

(5) रोज़ सुबह 2-4 किलोमीटर पैदल चलने की आदत डालें क्योंकि कहा भी गया है कि "सुबह की हवा, लाखों की दवा!" यानि कि सुबह सुबह पैदल चलने का अर्थ है अनेक बीमारियों से छुटकारा।

साथियों हमें उम्मीद है कि आप सभी को यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। और यही आशा है कि आप रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ायी जाए यह जान गए होंगे। हां एक बात जरूर कह दें कि हम किसी भी प्रकार का आपको घर पर उपचार करने की सलाह नहीं देते हैं। किसी भी प्रकार के घरेलू उपचार को करने से पहले आप किसी भी चिकित्सक से अवश्य सलाह लें। क्योंकि घरेलू नुस्खे किसी चिकित्सक की सलाह से प्रयोग किये जायें तो ज़्यादा बेहतर परिणाम देने में सहायक हो सकते हैं।

आज के दौर में हम आपसे अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की सलाह दे सकते हैं। आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए इस लेख में बताए गए कुछ घरेलू उपायों को अपना सकते हैं। बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता ही हमें अनेक प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहेंलेख कैसा लगा आप अपनी राय ज़रूर दें। आपका प्रोत्साहन ही हमारी सफलता है।
- By Alok

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