मानसिक तनाव क्या है? मानसिक तनाव दूर करने के उपाय क्या हैं? | Tanav Prabandhan kaushal kya hai?

मानसिक तनाव क्या है? लक्षण एवं कारण (how to remove stress in hindi, tanav ko kaise kam kiya jaye, tanav meaning in hindi, depression in hindi, what is stress in hindi)




आज के युग में हर एक व्यक्ति किसी न किसी कारण से तनाव में रहता है। हालांकि इस तनाव (tension) को हम डिप्रेशन (depression) या अवसाद (stress) भी कहते हैं। आजकल की अंधाधुंध भागदौड़ में शायद ही कोई व्यक्ति हो जिसे किसी प्रकार का तनाव ना हो।

जनाब अगर बात करें तनाव (tanav) की तो कोई अपने बिज़नेस को लेकर तनाव में है, तो कोई अपने भविष्य को लेकर। कोई अपनी असफलता से परेशान है तो कोई दूसरों कि सफलता से परेशान है। सही मायने में देखा जाए तो आजकल की बेतहाशा भौतिकवादी जीवन शैली और तकनीकी विकास ने काफ़ी हद तक वातावरण को तनावपूर्ण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


तनाव क्या है? अर्थ एवं परिभाषा | tanav kya hai in hindi

प्रत्येक व्यक्ति इस संसार में व्याप्त भय तथा उससे सुरक्षा के बीच तालमेल स्थापित करने में लगा रहता है। किन्तु जब वह विफल हो जाता है तब उसके मन में तनाव उत्पन्न होता है। सामान्य शब्दों में हम कह सकते है कि तनाव (tanav) एक ऐसी मनोस्थिति है जो जटिल जीवनशैली, सामाजिक, राजनैतिक व प्रशासनिक व्यवस्था से संतुलन स्थापित करने में नाक़ामयाब रहती है। ऐसी स्थिति तनाव (tanav) कहलाती है। 

हेंस सेले के अनुसार - "शारीरिक एवं वैज्ञानिक आधार पर किसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए हार्मोन्स की तीव्र प्रतिक्रिया ही तनाव (tanav) कहलाती है।"

बीहर व न्यूमैन के अनुसार - "किसी व्यक्ति की मानसिक व शारीरिक दशा जो उसके कार्यों के पारस्परिक असामंजस्य तथा कार्य के वातावरण से उत्पन्न होती है। तनाव (tanav) कहलाती है।"

सीधे शब्दों में कहें तो तनाव (depression) एक प्रकार का मानसिक विकार है। दिमाग़ पर किसी भी नकारात्मक विचार के आ जाने पर हमारी मानसिक स्थिति पर बुरा असर होता है। तब हमारा मस्तिष्क सही सही कार्य करने में अक्षम होता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति, ख़ुशी के मौक़े में भी ख़ुशी ज़ाहिर नहीं कर पाता। यह स्थिति तनाव (tanav) कहलाती है।


तनाव के लक्षण (Symptoms of stress in hindi)

कोई व्यक्ति तनाव में हो तो उसमें तनाव के मानसिक लक्षण (mansik tanav ke lakahan)) के साथ साथ तनाव के शारीरिक लक्षण (tanav ke sharirik lakshan) भी देखने मिलते हैं। किसी भी व्यक्ति में मिले जुले तनाव के लक्षण (tanav ke lakahan) निम्न हो सकते हैं -

• अक़्सर सिर में दर्द का रहना
• बात बात पर दांत और जबड़े पीसते रहना
• शरीर में थरथराहट महसूस होना
• अक़्सर उदास, मायूस रहना
• किसी भी काम में दिल न लगना
• या तो ज़रूरत से ज़्यादा सोना या नींद ही न  चाहिए
• थरथराहट या अत्यधिक पसीना आना
• ख़ुद को दूसरों के मुक़ाबले कमतर आंकना
• ख़ुद पर भरोसा कम करना
• छोटी छोटी बातों पर अक़्सर चिड़ना
• बार बार पेशाब जाना
• ख़ुद को बेकार समझना
• मौत, ख़ुदकुशी का ख्याल आना
• ख़ुशी के मौक़े पर भी दुःखी होना
• गुमसुम या बहुत कम बोलना 
• किसी भी बात पर ध्यान न देना, बस अपने ही धुन में डूबे रहना

अधिकतर मामलों में तनाव की कोई न कोई वजह होती है। निजी जीवन में ऐसे अनेक कारण होते हैं। जिसके चलते व्यक्ति तनाव महसूस करता है। आइए हम उन कारणों को जानने का प्रयास करते हैं।



तनाव के कारण (Tanav ke karan)




किसी भी व्यक्ति के जीवन में तनाव के कारण कई होते हैं जिन्हें नज़र-अंदाज़ कर दिया जाता है। परिणाम यह होता है कि व्यक्ति मानसिक तनाव से कब ग्रस्त होता है, पता ही नहीं चलता। ये तनाव के कारण निम्न होते हैं -

1. रोज़मर्रा की ज़िंदगी -

हमारी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में ऐसी अनेक समस्याएं होती है जिनके लिए हम अक़्सर तनाव लेते रहते हैं। कभी हमारे जीवन से किसी का चला जाना, जीवनसाथी से तलाक़, नौकरी छूट जाना आदि हमारे लिए अत्यधिक तनाव का कारण बन जाते हैं।

2. अकेलापन -

कभी कभी जीवन में अकेलापन भी तनाव का प्रमुख कारण बन जाता है। व्यक्ति का यदि कोई भी निकटतम साथी ना हो तो तब वह अकेलेपन का शिकार हो जाता है। परिणाम यह होता है कि वह तनाव में रहने लगता है।

3. शारीरिक बीमारियां -

यदि कोई व्यक्ति लगातार बीमार पड़ा हुआ हो तब भी उसे तनाव हो जाता है। या फ़िर उसे कोई ऐसी घातक बीमारी जैसे टीवी, कैंसर, दिल की बीमारी हो तब वह अत्यधिक डिप्रेशन में चला जाता है।

4. पुरानी यादें -

ज़्यादातर हम वर्तमान की ख़ुशी को महसूस करने के बजाय पुरानी दुःख भरी बातों को याद कर करके दुःखी होने लगते हैं। परिणाम यह होता है कि हम बेवजह तनाव में डूब जाते हैं। यह एक ऐसा तनाव होता है जो रह रहकर सताता रहता है और ज़िन्दगी भी टीस देता रहता है।

5. नशे की लत -

आजकल तनाव का एक बड़ा कारण लोगों में नशे की लत भी है। लोग लगातार नशा करने के आदी हो रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि नशा करने वाले लोगों को सामान्य लोगों से ज़्यादा तनाव का सामना करना पड़ता है। कभी कभी तो ख़ुदकुशी खयालात भी आने लगते हैं।

6. घरेलू कलह से तनाव -

ज़्यादातर मामलों में लोगों के तनाव का कारण उनके घरों में होने वाले झगड़े भी होते हैं। पति पत्नी के रिश्ते में भी यदि बेहतर तालमेल न हो तो उनके बीच बेहद ज़्यादा तनाव होने लगता है। पारिवारिक तालमेल। के ना होने पर ज़्यादातर लोगों को तनाव का सामना करना पड़ता है।  

7. वंसानुगत तनाव -

तनाव की समस्या वंशानुगत समस्या भी होती है। अगर किसी व्यक्ति के परिवार में कोई व्यक्ति तनाव की बीमारी से ग्रसित हो तो उसका अगली पीढ़ी में होने का ख़तरा भी 70 से 80% बना रहता है।


तनाव प्रबंधन क्या है? (tanav pabandhan kya hai?)


तनाव के मूल कारणों का पता लगाना तथा तनाव की तीव्रता को कम करने की कोशिश करना, कुछ आसान तकनीकों को अपनाकर अपने व्यवहार में बदलाव लाना ही तनाव प्रबंधन (stress management) कहलाता है। आइए कुछ ऐसे उपायों के बारे में जानते हैं जिन्हें अपनाकर हम मानसिक तनाव (mansik tanav) से दूर रह सकते हैं।



मानसिक तनाव दूर करने के उपाय | tanav mukt kaise rahein | मानसिक तनाव से मुक्ति के उपाय




1. यथार्थवादी बनें -

जीवन में कभी भी अत्यंत आशावादी न बनें। हमेशा। इस बात का ध्यान रखें कि आप जीवन में कभी भी पूर्णता नहीं पा सकत। कुछ न कुछ कमी रह ही जाती है। यदि आप पूर्णता की खोज में रहेंगे तो सम्पूर्ण जीवन असंतुष्टिपूर्ण बिताएंगे।

2. दूसरों से मदद लेना सीखें -

कभी भी ख़ुद को सुपरमैन या सुपरवुमन मानने की कोशिश न करें। अपनी क्षमता के अनुसार ही कोई कार्य अपने हाथों में लें। ज़रूरत से ज़्यादा काम का बोझ भी तनाव का कारण बनता है। इसलिए हो सके तो दूसरों से मदद लेना सीखें। अत्यंत महत्वकांक्षी होना ठीक नहीं।

3. 'ना' कहना सीखें - 

किसी भी प्रस्ताव पर फ़ौरन हामी भरने से बेहतर है पहले यह जान लें कि क्या वह प्रस्ताव या कार्य आपके लिए सहज होगा? दूसरों को ख़ुश करने चक्कर में आप ख़ुद को तनाव में डालने वाले रवैये से ज़रा बचें।

4. समय के प्रबंधन का ध्यान रखें -

आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में अक़्सर हम कोएक ही समय में ज़रूरत से ज़्यादा कार्य निपटाने में लगे रहते हैं। इस चक्कर में हम समय प्रबंधन पर ध्यान नहीं दे पाते। परिणामस्वरूप कम समय में क्षमता से ज़्यादा काम हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालने लगता है। और हम मानसिक तनाव (mansik tanaav) में रहने लगते हैं।

5. दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं -

जीवन में काम का बोझ कितना भी हो, परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताने से मानसिक थकावट जल्दी ही दूर हो जाती है। सुरक्षा और अपनेपन की भावना ही आपको तनाव से दूर रखने में मदद करती है।

6. अपने अहंकार को ख़त्म करें -

व्यक्ति का अपना अहंकार उसके जीवन में तनाव के प्रमुख कारणों में से एक है। आप जितनी जल्दी अपने अहंकार से मुक्ति पाएंगे, उतनी ही सफलता प्राप्त करेंगे। साथ ही अपनों के बीच अपनापन पाएंगे।

7. पर्याप्त नींद अवश्य लें -

आपके जीवन में कार्य करना जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक पर्याप्त नींद लेना भी है। अच्छी और गहरी नींद आपके मस्तिष्क को फ्रेश रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। परिणास्वरूप आप तनाव से दूर रहने में समर्थ हो पाते हैं।

8. नियमित व्यायाम करें -

रोज़मर्रा की छोटी छोटी समस्याओं से हो रहे तनाव से दूर रहने का सबसे बेस्ट तरीक़ा है इसलिए जितनी जल्दी हो सके, नियमित व्यायाम की आदत बनालें। शारीरिक रूप से मज़बूत होने से मानसिक प्रबलता भी मिलती है जो कि तनाव से दूर रहने में मदद करती है।

9. नकारात्मकता से बचें -

जीवन में तनाव से दूर रहना हो तो सबसे महत्वपूर्ण काम यह करें कि नकारात्मक लोगों, माहौल और चीज़ों से जितना हो सके दूर रहने की कोशिश करें। प्रेरणादायक लोग, पुस्तकें आपके जीवन में सकारात्मकता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

10. नशे से दूर रहें -

शराब अथवा किसी भी तरह के नशे से दूर रहें। क्योंकि नशे की लत, किसी भी व्यक्ति के लिए मानसिक व आर्थिक रूप से विनाशकारी ही होती है। नशे में लिप्त व्यक्ति परिवार में अशांति का कारण बनते हैं। परिणाम यह होता है कि वह ख़ुद साथ साथ परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी तनाव का कारण बनता है।

11. संगीत सुनें -

संगीत से हमारे जीवन में किस तरह अद्भुत बदलाव आते हैं यह तो आप सभी अच्छी तरह जानते हैं। संगीत सुनने से हमारे मन और शरीर पर चमत्कारी प्रभाव पड़ता है। बशर्ते संगीत धीमा, मधुर व शास्त्रीय रागों पर आधारित हो।

12. मनोरंजक तस्वीरें, वीडियो या फ़िल्में देखें -

जब भी तनाव महसूस हो, मनोरंजक तस्वीरें या विडियोज़ या फ़िल्में देखने का प्रयास करें। आजकल यह सुविधा आपके मोबाइल में आसानी से उपलब्ध हो जाती है। ज़रूरत है सिर्फ सही समय में सही चीज़ें देखने की।

13. ख़ुद पर नियंत्रण रखें -

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ज़्यादातर मामलों में मानसिक तनाव का कारण हम स्वयं होते हैं। क्योंकि कभी कभी छोटी छोटी सी बातों का बतंगड़ हम स्वयं बना लेते हैं और फ़िर ज़रूरत से ज़्यादा तनाव भी। इसलिए स्वयं पर नियंत्रण करना सीखें। विपरीत परिस्थितियों में ख़ुद को सामान्य रखने की कोशिश करें।

14. मनपसंद चीज़ें बनाकर खाएं -

हर व्यक्ति की कोई न कोई पसंदीदा डिश ज़रूर होती है। जिसे खाकर वह प्रसन्नता महसूस करता है। इसलिए कोशिश करें कि यदि आपको किसी कारण तनाव महसूस हो तो अपनी पसंद की डिश बनाकर खाएं। ऐसी छोटी छोटी ख़ुशियां भी तनाव के समय बेहद लाभकारी होती है।

15. मेडिटेशन (ध्यान) करें -

आजकल की फ़ास्ट लाइफ़ में ख़ुद को शांत और सामान्य रखने का एक और सबसे बेस्ट तरीक़ा है मेडिटेशन करना। ध्यान केन्द्रित करने से विचारों में सकारात्मकता आती है और मानसिक शांति भी मिलती है। परिणामस्वरूप तनाव दूर रहने में मदद मिलती है।

16. छोटी मोटी आउटिंग पर जाएं -

कभी कभी घर में रहते हुए दुनिया भरके ख़्याल दिमाग़ में आते रहते हैं जिसके चलते तनाव बन ही जाता है। ऐसी स्थिति से बाहर निकालने का एक अच्छा उपाय यह भी है कि आप छोटी-मोटी आउटिंग का प्लान बना सकते हैं। रूटीन बदलने से कुछ नयापन आएगा और आपका मन भी हल्का हो जाएगा। जिसका परिणाम यह होगा कि आप घर वापस आकर एक नए सिरे से, एक नई सोच के साथ अपने रोज़मर्रा के कामों को कर पाएंगे। 

17. मन का कोई काम करें -

अधिकांशतः रोज़मर्रा की भागदौड़ के चलते हमें हमारे मन का काम करने का मौक़ा ही नहीं मिल पाता। परिणाम यह होता है कि हम एक ही काम करते करते मानसिक और शारीरिक रूप से थक जाते हैं। ख़ुद के लिए टाइम नहीं निकाल पाने से स्ट्रेस होने लगता है। इस स्ट्रेस से बाहर निकालने का उपाय यही है कि आप बीच बीच में अपने लिए ज़रूर वक़्त निकालें और अपने मन का काम करें। आपको फीलगुड होगा और मन प्रसन्न हो उठेगा वो अलग।

18. विशेषज्ञों की सलाह लें -

अथक प्रयासों के बावजूद यदि तनाव से मुक्ति न मिले तो विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें। विशेषज्ञों से अपने तनाव का कारण बताएं। निश्चित रूप से विशेषज्ञ आपकी मानसिक स्थिति का अध्ययन कर मानसिक तनाव से बचने के उपाय (mansik tanav se bachne ke upay) खोज निकालेंगे।

सचमुच तनाव अगर ज़्यादा हो तो किसी साइकोलॉजिस्ट से सलाह लेनी ही चाहिए। आजकल इस तरह की समस्या से उबारने के लिए अनेक मोटिवेशनल स्पीकर भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। इस क्षेत्र में संदीप माहेश्वरी, डॉ. उज्जवल पाटनी, सोनू शर्मा, विवेक बिंद्रा, शिव खेड़ा आदि ऐसे अनेक स्थापित नाम हैं जिनके मोटिवेशनल विडियोज़ भी आपके लिए बेहद प्रेरणादायक साबित हो सकते हैं।

(- By Alok)

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