दीवाली में कैसे रखें बच्चों का ध्यान? | दीपावली पर बच्चों के लिए जानें ये ज़रूरी 8 बातें

दोस्तों सबसे पहले तो आप सभी को दीवाली की ढेरों शुभकामनाएं। दिवाली खुशियों और रोशनी का त्यौहार है। इस दिन बेहद स्वादिष्ट मिठाईयां और पटाखे फोड़ने का लुत्फ़ उठाया जाता है। बच्चों के लिए यह त्यौहार बेहद ख़ास होता है। इस दिन वे नए-नए कपड़े पहनकर पटाखे-फूलझड़ियां जलाते हैं।



दरअसल ख़ुशियां सेलिब्रेट करते समय कई बार पैरेंट्स बच्चों का ख़्याल रखना ही भूल जाते हैं। ऐसे में ज़रा सी भी लापरवाही बड़े हादसे को दावत दे सकती है। सचमुच ऐसे में किसी भी तरह की दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इसलिए अगर घर में छोटे बच्चे हैं तो उनका ख़ास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं दिवाली पर बच्चों की सेफ्टी (Diwali Safety Tips For Kids in hindi) का ध्यान कैसे रखें?


दीवाली में बच्चों के साथ सावधानियां (precautions to take with children during Diwali)

दीवाली पर बच्चों के लिए बरती जाने वाली सावधानियां निम्नलिखित हो सकती हैं -

1. दिए जलाते समय सावधान रहें -
दिवाली के ख़ास अवसर पर घर-घर में दीये जलाए जाते हैं। इस काम में बच्चें भी मदद करते हैं। चूंकि बच्चे नटखट होते हैं, इसलिए दीये जलाते समय उन पर ध्यान देना ज़रूरी हो जाता है। क्योंकि ज़रा सी लापरवाही हादसे को दावत दे सकती है। कई बार बच्चे दीये जलाते समय ख़ुद का हाथ भी जला बैठते हैं। इसलिए ऐसे मौक़े पर उनका ख़्याल रखें। 

2. खानपान में लापरवाही न करें -
अक़्सर दिवाली की छुट्टियों में बच्चे दिन भर कुछ भी खाते रहते हैं। ऐसे में पेरेंट्स उन पर ठीक तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं। जिससे उनकी सेहत बिगड़ सकती है। इसलिए ध्यान रखें कि ऐसे त्यौहारों पर बच्चों को पोषण से भरपूर चीज़ें ही खिलाई जाएं ताकि वे सुरक्षित और हेल्दी रहें। घर में बच्चों
 को मिठाई के सेवन में भी संयम बरतने के लिए समझाएं।

3. सुरक्षा पर ध्यान दें -
दिवाली की तैयारियों में कई बार पैरेंट्स इतने बिज़ी हो जाते हैं कि बच्चे अकेले ही पटाखे जलाने लगते हैं। ऐसे में कई बार बच्चे पटाखों की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में कोशिश करें कि बच्चे जब भी पटाखें जलाएं, आप उनके साथ मौजूद रहें। ताकि आपके बच्चे सुरक्षित रहें और दिवाली सेलिब्रेशन पूरी सुरक्षा के साथ संपन्न हो। पटाखों और आतिशबाज़ी के साथ सुरक्षा का ख़ास ख़्याल रखें।

4. परिवारिक समय - 
दीवाली परिवार के साथ समय बिताने का बेहतर अवसर होता है। इसलिए दीवाली के मौक़े पर बच्चों के साथ समय बिताने का मौक़ा हाथ से न जाने दें। बच्चों के साथ पूरा मनोरंजन करें, उनके साथ खेलें और उन्हें ख़ुश करने का भरसक प्रयास करें। ऐसे अवसरों पर बच्चों को घर पर ख़ुशियों का महत्व समझाएं।

5. पर्यावरण की सफाई -
बच्चों को दीवाली पर पटाखों के इस्तेमाल के बाद अपने आसपास की सफ़ाई का महत्व भी समझाएं। उन्हें समझाएं कि किस तरह हम पर्यावरण को साफ़ सुथरा बनाए रखने में अपना भरपूर सहयोग दे सकते हैं। क्योंकि बच्चे इस उम्र में अगर सफ़ाई की आदत ख़ुद में डाल लेंगे तो उन्हें बाद में किसी की समझाईश की कोई ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

6. बिना मास्क बच्चों को न रखें -
दिवाली के मौक़े पर वातावरण में प्रदूषण काफी हद तक बढ़ जाता है। ऐसे में बच्चों की सेहत का ख़ास ध्यान
 रखना पड़ता है। दिवाली में जब ज़्यादा पटाखे जलाए जाते हैं तो उनसे निकलने वाला धुआं बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए बच्चों को ऐसे मौक़े पर मास्क पहनाएं रखें ताकि प्रदूषण जितना हो सके कम प्रभाव पड़े।
 
7. सही कपड़े ही पहनाएं -
कई बार फैंसी कपड़ों के चक्कर में बच्चों को दिवाली जैसे मौक़े पर ख़राब क्वालिटी के कपड़े पहना दिए जाते हैं। ऐसे कपड़ों के आग पकड़ने का ख़तरा बना रहता है। ऐसे में कोशिश करें कि बच्चों को दिवाली पर सूती (cotton) के कपड़े ही पहनाएं। उन्हें ऐसे ही कपड़े पहनाएं, जिनसे उनका शरीर अधिक से अधिक ढका रहे।

8. सामाजिक व धार्मिक महत्व समझाएं - 
बच्चों को परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर दीवाली मनाने का भरपूर अवसर दें। दीवाली का धार्मिक महत्व समझाएं। ताकि बच्चे सामाजिक तौर पर आपसी तालमेल के साथ इस पावन त्यौहार का लुत्फ़ उठाना सीख सकें। बड़े होकर यही बच्चे त्योहारों या विशेष अवसरों पर ख़ुद को सामाजिक व धार्मिक रूप से अच्छी तरह स्थापित कर समाज के उत्थान में सहायक भूमिका अदा करने में सक्षम हों।
( - by alok)


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