मेहमान बनकर कभी न करें ये 20 ग़लतियां। अच्छे मेहमानों को कौन सी ग़लतियां कभी नहीं करनी चाहिए?

दोस्तों नमस्कार, 'अतिथि देवो भवः' का अर्थ तो आप सभी जानते ही होंगे। दरअसल प्राचीन काल से ही हमारे भारत की भूमि पर मेहमानों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। 



लेकिन आज के बदलते परिवेश में मेहमानों के लिए ये सिर्फ़ एक कहावत ही रह गई है। आजकल लोग मेहमान का नाम सुनते ही भागने लगते है। वैसे देखा जाए तो आजकल के मेहमानों के आचरण में भी तो कितना फर्क आ गया है। ऐसे में मेज़बानों का बदलना भी लाज़मी हो जाता है।

ऐसा माना जाता है कि अतिथि वह है जो बिना तय तिथि के आए। यानि कि आपके घर अचानक टपक पड़े। कुछ मेहमान ऐसे होते हैं जिसके आने से मेज़बान को प्रसन्नता होती है। तो वहीं कुछ मेहमान ऐसे भी होते हैं जिनके आने से मेज़बान को ख़ुश होने के बजाय उनका आना अखर जाता है। 

इसका कारण यह है कि कुछ लोग किसी के घर मेहमान बनकर जाते हैं तो सामने वाले की सुविधाओं का खयाल नहीं रखते। उल्टा मेज़बान की दिनचर्या में उथल पुथल मचा देते हैं। उन्हें तो बस अपनी सुख सुविधाओं से मतलब होता है। भले ही मेज़बान को परेशानी हो जाए।

इसलिए यदि आप किसी दोस्त, रिश्तेदार के घर मेहमान बनकर जाएं तो कुछ बातों का ध्यान रखें। ताकि आपके जाने से सामने वाला परेशान होने के बजाय आनंद का अनुभव कर सके। तो चलिए जानते हैं कि मेहमानों को कौन सी ग़लतियां कभी नहीं करनी चाहिए?


मेहमान बनकर जाएं तो किन किन बातों का रखें ध्यान

मेहमान के रूप में आप कहीं जाएं तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान -

1. जाने के पूर्व सुचना ज़रूर दें –
कई बार ऐसा होता है, हमें किसी काम से दूसरे शहर जाना पड़ता है और किसी रिश्तेदार के घर रुकने की योजना बनाते हैं, तो उनके घर पहुंचने के पूर्व उन्हें सूचना देना चाहिए। बातों ही बातों में यह भी जानने कि कोशिश करना चाहिए कि कहीं उस दौरान वे व्यस्त तो नहीं।

मेहमान के रूप में आप अगर किसी के घर बिना बताये जाते हैं तब ऐसा हो सकता है सामने वाले का पहले से अपना कोई प्लान हो। ऐसे में आपका ये सरप्राइज़ मेज़बान के लिए दुखदाई हो सकता है। इसलिए उन्हें अपने आने का कारण बताने के साथ ही पूरी योजना भी बताएं, ताकि वे अपने रुटीन के साथ आपके साथ सामंजस्य बिठा सकें।

2. अपनी स्वयं व्यवस्था करके पहुंचें –
मेज़बान के शहर में पहुंचते ही साधन की व्यवस्था का विशेष ध्यान रखें, एयरपोर्ट, स्टेशन या बस स्टैंड तक गाड़ी लेकर आने को न कहें। स्वयं अपनी व्यवस्था करके पहुंचें। वापसी में भी अपनी व्यवस्था से ही लौटें। अगर सामने वाला व्यक्ति व्यस्त नहीं है तो वो आपको लेने या छोड़ने ख़ुद आ सकता है। लेकिन अगर r ऐसा संभव नहीं है तो उनसे इस तरह की उम्मीद न रखें।

3. वाहन का अनावश्यक उपयोग न करें –
मेहमान के रूप में आप ख़ुद को शहर में नया बताकर अनावश्यक रूप से मेज़बान को हर जगह साथ चलने का आग्रह न करें, ना हि उनके वाहन आदि का उपयोग करें। आजकल ऑनलाइन रिक्शा या टैक्सी काफ़ी आसानी से मिल जाती हैं। कोशिश करें कि आपके कारण मेज़बान को उनके कार्यालय या बिज़नेस वगैरह से छुट्टी न लेनी पड़े।

4. मेज़बान के लिए कुछ लेकर जाएं -
मेज़बान के घर पहुंचने के पहले मेज़बान परिवार के लिए कुछ मिठाईयां और फ्रूट्स ज़रूर ख़रीद लें। जाते ही उनका अभिवादन स्वीकार करें और उनके परिवार का कुशलक्षेम ज़रूर पूछें। और जब भी वहां से जाएं, उन्हें दिल से शुक्रिया कहना ना भूलें। और साथ ही मेज़बान को अपने घर पर आमंत्रित करना न भूलें।

5. फ़रमाइशें न करें –
सुबह उठकर संभव हो तो अपनी चाय-कॉफ़ी स्वयं बना लें, खाने-पीने को लेकर नखरे न करें, ना हि बच्चों को करने दें। जैसे यदि भोजन में रोटी न बनी हो तो आप उसकी मांग न करें। अच्छे मेहमान बनने के लिए खाना बनाते समय, बर्तन धोते समय या टेबल लगाते समय मेज़बान की मदद करना आना चाहिए। 

भोजन के बाद अगर मीठा खाने की आदत है तो मेहमान के रूप में आप फ़िज़ूल की फ़रमाइशें करके सामने वाले के लिए मुश्किल पैदा न करें। वरना आपका आना सामने वाले के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं लगेगा।

6. सामंजस्य बिठाएं –
कुछ लोगों की आदत होती है कि वे देर रात तक टीवी देखते हैं या फ़िर मोबाइल चलाते हैं। दिनभर टीवी का रिमोट लेकर अपना मनपसंद चैनल देखते रहते हैं। ऐसा न करें, दूसरों की पसंद का भी ख़्याल रखें। कई बार तो लोग टी.वी देखते-देखते फ़ोन चलाने लगते हैं और टी.वी, पंखा चलता छोड़कर उठ जाते हैं या फ़ोन आने पर बाहर जाकर बात करने लगते हैं। 

ऐसा हरगिज़ न करें। लाइट, पंखे, टी.वी, गीज़र, ए.सी. आदि खुले न छोड़ें। बाथरूम आदि का सलीक़े से उपयोग करें। हो सके तो बाथरूम संबंधी सभी कार्य सुबह जल्दी निबटा लें, ताकि घर के बाक़ी सदस्यों को समस्या न हो।

7. मेज़बान परिवार में समझदारी से साझा करें -
यदि आपको मेज़बान के बच्चे या वृद्ध के साथ कोई कमरा साझा करना पड़े तो उनके बीच समस्या पैदा न करें। बल्कि कोशिश करें कि उन्हें कम से कम परेशानी हो। बहुत जगह बाथरूम एक्स्ट्रा होते हैं, लेकिन यदि सीमित व्यवस्था हो और आपको बाथरूम साझा करना पड़े, तो स्कूल जाने वाले बच्चे और ऑफिस जाने वाले सदस्य के बाद ही बॉथरूम इस्तेमाल करें। 

8. अपनी स्वच्छता एवं सुरक्षा का ध्यान रखें - 
किसी दूसरे के घर जा रहे हैं तो अपनी स्वच्छता एवं सुरक्षा का ध्यान जरूर रखें। क्योंकि यदि आप अपनी स्वच्छता का ध्यान नहीं रखेंगे तो मेज़बान के घर जाकर उनकी मुसीबत बढ़ाने का ही काम करेंगे। गंदे लोगों के साथ भला कौन अपना घर, बिस्तर या रूम शेयर करना पसंद करेगा। गंदे लोगों के साथ कोई भी इंसान ज़रा दूर ही रहना पसंद करता है। इसलिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। और हां, बाथरूम या टायलेट उपयोग करने के बाद, गंदा न छोड़ें। पहले जैसा ही साफ़ सुथरा करके बाहर निकलें।

9. बिना वजह दखलंदाज़ी से बचें –
कुछ लोग अपनत्व ज़ाहिर करने के लिए निजी बातें बताने लगते हैं व उम्मीद करते हैं कि सामने वाला व्यक्ति भी अपनी व्यक्तिगत बातें उनके साथ साझा करे। मेज़बान की व्यक्तिगत व पारिवारिक बातों में दख़ल या सलाह मशवरा देने का शौक़ न रखें। हो सकता है कि सामने वाले को ये पसंद न आए। इसलिए सामान्य बातचीत करें, ज़बरदस्ती उनकी निजी बातें जानने की कोशिश न करें।

10. आलोचना या ख़ुद की तारीफ़ करने से बचें -
मेज़बानों से बातचीत करते समय, किसी भी प्रकार की आलोचना से बचें। अगर हाल ही में मेज़बान किसी मुश्किल दौर से गुज़रा है तो उनके सामने अपनी कामयाबियों की चर्चा बिल्कुल न करें। बल्कि उनकी समस्या सुनकर, उनका साहस बढ़ाने का प्रयास करें।
 
11. अपना काम दूसरों पर न लादें -
मेहमानों को चाहिए कि वे अपना काम ख़ुद करने की कोशिश करें। घर के कामगारों पर अपना काम न लादें, न हि उनके काम में कोई टोका टाकी करें। यदि ज़रूरी न हो तो अपने कपड़े वापस अपने घर आकर ही धोएं। जो कपड़े मेज़बान के घर धुल भी रहे हैं उन्हें सूखने के बाद स्वयं ही अपने सूटकेस में ध्यान से रख लें।

12. स्थानीय आदतों का पालन करें -
जब आप किसी दूसरे स्थान पर हैं तो स्थानीय आदतों एवं नियमों का पालन करें। अक़्सर कई लोग किसी के घर मेहमान जाने के बाद, वहां के माहौल, स्थानीय रिवाजों एवं नियमों को जाने बिना, बेपरवाही से उल्लंघन करते नज़र आते हैं। परिणाम यह होता है कि ऐसे लोगों की वजह से मेज़बानों को खरी खोटी सुननी पड़ती है।

13. बिना अनुमति किसी के कमरे में न जाएं -
अक़्सर देखने में आता है कि कुछ लोगों की आदत बिना अनुमति, सीधे ही किसी के रूम में दाख़िल हो जाने की होती है। जिस कारण ऐसे लोगों से दूसरों को असुविधा महसूस होती है। इसलिए किसी के घर मेहमान बनकर गए हों, तो इस बात का विशेष तौर पर ध्यान दें।

14. अपनी टिकिट स्वयं लेने की कोशिश करें -
मेज़बान के साथ कहीं घूमने जा रहे हैं तो टिकट वगैरह स्वयं लें। टैक्सी का पेमेंट ख़ुद करने की आदत बनाएं। कई लोग घूमने का शौक़ तो रखते हैं लेकिन सामने वाले पर पूरी तरह आश्रित हो जाते हैं। जैसे कि टैक्सी या सिटी बस का टिकिट या मार्केट में कोई प्रदर्शनी वगैरह की टिकिट भी लेने से पूरी तरह बचते हैं। अगर बचना ही है तो, अपनी तरफ़ से कुछ न कुछ साझा करने की आदत ज़रूर बनाएं।

15. मिलने वालों की भीड़ न बुलाएं -
मेज़बान के घर दोस्तों या रिश्तेदारों को न बुलाए ज़रूरी हो तो ख़ुद ही मिलने चले जाएं। ताकि आपसे मिलने वालों के आने से मेज़बान को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। यह एक अच्छे मेहमान की पहचान होती है।

16. बिना अनुमति दूसरों की चीज़ उपयोग न करें -
बिना अनुमति के उनके मोबाइल या टेलीफ़ोन का इस्तेमाल न करें। यदि ऐसा करना है तो मेज़बान की अनुमति अवश्य लें। ताकि उन्हें आपकी वजह से किसी भी तरह की असुविधा से न जूझना पड़े।

17. अतिथि सेवा के लिए धन्यवाद देना न भूलें -
घर छोड़ते वक्त व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दें और घर पहुंचने के साथ अपनी सकुशल यात्रा की जानकारी भी दें। मेज़बान को बताएं कि उनके यहाँ ठहरने के दौरान आपको कितना आनंद आया, साथ ही आपकी वजह से यदि उन्हें किसी प्रकार की असुबिधा हुई हो उसके लिए खेद ज़रूर प्रकट करें।

18. किसी भी तरह का नशा करने से बचें -
कभी कभी ऐसे नज़ारे देखने मिल जाते हैं जहां मेहमान अपनी सीमाओं को लांघते हुए, मेज़बान को शर्मसार करने से भी नहीं चूकते। इसलिए यदि किसी के घर पर मेहमान बनकर जाएं तो सिगरेट, शराब आदि का सेवन करने से बचें। ताकि आपकी वजह से मेज़बान परिवार को किसी प्रकार की शर्मिंदगी न झेलनी पड़े।

19. मेज़बान की आमदनी से किसी की तुलना न करें -
एक अच्छे मेहमान की पहचान यह है कि वह मेज़बान की आमदनी पूछकर ख़ुद से या और किसी से तुलना कतई न करे। ऐसा करने से सामने वाले व्यक्ति के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने की संभावना बढ़ जाती है। हमें किसी के कामकाज या आमदनी जानने में रुचि लेने के बजाय व्यावहारिक बातों में रुचि लेनी चाहिए।

20. मेज़बान के घर में कभी झगड़े ना करें -
कभी कभी यह भी देखने मिल जाता है कि लोग मेजबान बनकर किसी के घर तो जाते हैं लेकिन अपने पर्सनल झगड़े फ़साद भी साथ लेकर चलते हैं। वे किसी भी बात पर आपस में उलझकर झगड़ पड़ते हैं। फ़िर उन्हें यह भी ध्यान नहीं रह पाता कि उनके झगड़ों के बीच सामने वालों को परेशानी भी हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि अगर आप मेहमान बनकर। जारहे हैं तो अपने आपसी अपने घर पर ही छोड़कर जाएं। ताकि आपकी वजह से दूसरों को तकलीफ़ न उठाना पड़े।
 
उपरोक्त सभी बातों का यदि आप ध्यान रखेंगे तो वाक़ई आप बहुत अच्छे मेहमान साबित होंगे और एक सुलझा हुआ रिश्ता मेज़बान से बनाए रखने में कामयाब हो पाएंगे। इसलिए याद रहे, अगर आप अच्छे मेहमान बनना चाहते हैं तो कभी न करे ये ग़लतियां। ऐसे ही दिलचस्प आर्टिकल्स पढ़ते रहने के लिए जुड़े रहिए चहलपहल के साथ।
(- By Alok)


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