घर के बुजुर्गों के साथ दिवाली कैसे मनाएं, कैसे मनाएं बुजुर्गों के साथ दिवाली, घर के बड़ों के साथ दिवाली कैसे मनाएं, (diwali ka tyohar pure parivar ke sath kaise manaye, diwali me buzurgon ki bhavnao ka khyal kaise rakhein)
दोस्तों, सबसे पहले तो आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं। दिवाली न केवल रोशनी, पटाखों और मिठाइयों का पर्व है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर भी है जब परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। इस त्यौहार का महत्व तब और बढ़ जाता है जब हम अपने घर के बड़ों और बुजुर्गों के साथ इसे विशेष रूप से मनाते हैं।
दोस्तों पहले के दौर में त्योहारों को सारा परिवार किसी एक जगह इकट्ठा होकर, साथ में मिलकर मनाते थे। जहां घर के बुज़ुर्ग अपने पूरे परिवार को आशीर्वाद देते हुए अपने अनुभव बिखेरते थे। निसंदेह बुज़ुर्ग न केवल परिवार की धरोहर होते हैं, बल्कि इनके अनुभव और आशीर्वाद से त्यौहार का आनंद भी कई गुना बढ़ जाता है। बुजुर्गों के साथ दिवाली मनाना आपके लिए एक विशेष अनुभव हो सकता है।
इस लेख में आज हम ऐसे ही सुझावों पर बात करने वाले हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने बुजुर्गों के साथ दिवाली को यादगार और आनंदमयी बना सकते हैं।क्योंकि यह न केवल उनके जीवन में खुशियाँ लाने का अवसर है, बल्कि हमें उनके अनुभवों और कहानियों से भी सीखने का मौक़ा देता है।
घर के बुजुर्गों के साथ दिवाली कैसे मनाएं | How to Celebrate Diwali with the Elders in hindi)
घर के बड़े बुजुर्गों के साथ दिवाली मनाने के लिए आइए हम कुछ ख़ास टिप्स जानते हैं -
1. उनके साथ समय बिताएं -
दिवाली के व्यस्त समय में भी यह सुनिश्चित करें कि आप अपने बुजुर्गों के साथ कुछ ख़ास पल बिताएं। उनके साथ बैठकर पुरानी यादें साझा करें, पारिवारिक फोटो एल्बम देखें या उनसे उनकी पुरानी दिवाली के अनुभवों के बारे में पूछें। उनके अनुभव सुनना न केवल आपको जीवन के नए पाठ सिखाएगा, बल्कि उन्हें भी आपके साथ जुड़ाव का एहसास होगा। बुजुर्गों को सबसे ज़्यादा आपके समय और ध्यान की ज़रूरत होती है। उनके साथ बैठकर पुरानी यादें साझा करें और उनकी कहानियाँ सुनें। आप चाहें तो परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर छोटे कार्यक्रम या कोई सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित कर सकते हैं।
2. आरामदायक वातावरण बनाएं -
त्यौहार की चहल-पहल के बीच यह ज़रूरी है कि घर में बुजुर्गों के लिए आरामदायक माहौल बना रहे। अगर वे थक जाएं, तो उनके लिए अलग से आराम का इंतज़ाम करें। घर में उनका कमरा साफ़-सुथरा और शांत हो, ताकि वे शांति से आराम कर सकें।
3. सादगी भरा और पर्यावरण अनुकूल उत्सव -
पटाखों से परहेज़ करें या हल्के दीये और मोमबत्तियों का उपयोग करें ताकि धुआँ और आवाज़ से उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो। घर को सजाने के लिए प्राकृतिक सजावट जैसे फूलों की माला और मिट्टी के दीयों का उपयोग करें। जो कि पर्यावरण के अनुकूल हो।
4. आशीर्वाद लें और उन्हें सम्मान दें -
दिवाली जैसे पर्व पर बुजुर्गों का आशीर्वाद बहुत मायने रखता है। पूजा के बाद उनसे आशीर्वाद लेना न केवल हमारी परंपरा का हिस्सा है, बल्कि यह भावनात्मक जुड़ाव भी बढ़ाता है। यह उन्हें सम्मानित और महत्वपूर्ण महसूस कराता है।
5. उनकी भावनाओं का सम्मान करें -
बुजुर्ग अक्सर अपनी उम्र और स्वास्थ्य की वजह से पहले जैसी भागदौड़ में शामिल नहीं हो पाते। ऐसे में यह जरूरी है कि उनकी भावनाओं और सीमाओं का सम्मान किया जाए। उनकी पसंद-नापसंद को ध्यान में रखकर त्यौहार की तैयारी करें। यदि वे ज़्यादा भीड़भाड़ और शोर से असहज होते हैं, तो घर में शांतिपूर्ण तरीके से दिवाली मनाने का प्रयास करें।
6. घर की सजावट में शामिल करें -
दिवाली की तैयारियों में बुजुर्गों की भागीदारी से वे विशेष महसूस करेंगे। उन्हें छोटे-छोटे कामों में शामिल करें, जैसे फूलों से घर सजाना, दीये तैयार करना, या तोरण बनाना। इससे वे मानसिक रूप से सक्रिय रहेंगे और उत्साह भी बना रहेगा। अगर वे शारीरिक रूप से बहुत ज़्यादा काम नहीं कर सकते, तो उनकी सलाह और सुझाव ज़रूर लें।
7. पूजा और परंपराओं में उनकी भागीदारी -
बुजुर्ग परिवार की परंपराओं के जीवंत स्रोत होते हैं। उनसे दिवाली से जुड़ी कहानियाँ और परंपराएं जानना एक अद्भुत अनुभव हो सकता है। लक्ष्मी पूजा के दौरान उन्हें शामिल करना न केवल उनके लिए सम्मानजनक होगा, बल्कि उनके आशीर्वाद से परिवार में सकारात्मक ऊर्जा भी आएगी। इसलिए पूजा में उन्हें सम्मानित रूप से शामिल करें, उनके अनुभव से पूजा का महत्व और तरीक़ा समझें।
8. छोटे उपहार देकर सरप्राइज़ दें -
दिवाली पर बुजुर्गों को उपहार देकर उन्हें सम्मानित किया जा सकता है। उनके स्वास्थ्य और ज़रूरतों को ध्यान में रखकर उपहारों का चयन करें, जैसे गर्म कपड़े, चश्मा, रुद्राक्ष माला, धार्मिक पुस्तिकाएं, आयुर्वेदिक उत्पाद, या उनकी मनपसंद पूजा सामग्री। यह छोटे-छोटे उपहार उन्हें खुशी और अपनापन महसूस कराते हैं।
9. स्वास्थ्य का ध्यान रखें -
बुजुर्गों के स्वास्थ्य को देखते हुए दिवाली के दौरान खान-पान का विशेष ध्यान रखें। ज़्यादा तला-भुना या मीठा खाने से बचें और उनके लिए हल्की और स्वास्थ्यवर्धक मिठाइयाँ जैसे सूखे मेवे और शुगर-फ्री मिठाइयाँ तैयार करें। अगर वे किसी विशेष आहार का पालन कर रहे हैं, तो उसी के अनुरूप खाना बनाएं। इसके अलावा, शोर-शराबे और धुएँ से भी उन्हें बचाने का प्रयास करें, क्योंकि पटाखों का धुआं बुजुर्गों की सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है
10. यादों को सहेजने का प्रयास करें -
इस विशेष अवसर पर तस्वीरें लें और परिवार के साथ आने वाले वर्षों में इन्हें साझा करें। इसके लिए आप फ़ोटोग्राफी या विडियोग्राफी कर सकते हैं। यह सभी को जोड़े रखने का एक सुंदर तरीक़ा हो सकता है।
11. आरती या सामूहिक भजन का आयोजन -
दिवाली पर सामूहिक भजन और आरती का आयोजन करके आप अपने बुजुर्गों को विशेष महसूस करवा सकते हैं। यह न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और एकता भी बढ़ाता है।
12. सामाजिक जुड़ाव में मदद करें -
यदि आपके बुजुर्ग अकेलापन महसूस करते हैं, तो दिवाली के मौक़े पर उनके पुराने दोस्तों या रिश्तेदारों से मुलाक़ात करवाने का प्रयास करें। आप वीडियो कॉल के जरिए भी उनके दूर रहने वाले प्रियजनों से उन्हें जोड़ सकते हैं, जिससे वे त्यौहारों के दौरान ख़ुश और उत्साहित महसूस करें।
अगर संभव हो, तो बुजुर्गों के साथ किसी अनाथालय या वृद्धाश्रम जाकर दूसरों के साथ दिवाली मनाएं। यह तरीक़ा उन्हें समाज से जुड़ाव व समाज में सम्मान महसूस कराएगा और उनके साथ साथ उनके कारण दूसरों के जीवन में भी खुशियाँ लाएगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
बुजुर्गों के साथ दिवाली मनाना न केवल उनके जीवन में प्रसन्नता लाने का ज़रिया है, बल्कि यह पूरे परिवार के लिए एक सकारात्मक अनुभव बन सकता है। ये पल आपके लिए एक अनमोल तोहफ़ा साबित हो सकता है। घर के बुजुर्गों का अनुभव और आशीर्वाद आपके इस त्योहार को और भी ख़ास बनाता है। बस थोड़ी सी देखभाल, सम्मान और प्यार के साथ आप उनकी भावनाओं का ख़्याल रखते हुए उनके साथ दिवाली को यादगार बना सकते हैं।
" - by Alok khobragade"
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