क्या आप मसल्स बनाना चाहते हैं? तो सोयाबीन है आपके लिए बेहद फ़ायदेमंद | जानिए क्या हैं सोयाबीन के अद्भुत 11 फ़ायदे?

दोस्तों! क्या आप सोयाबीन का सेवन करते हैं? यदि नहीं, तो हमारी आपके लिए यही सलाह होगी कि सोयाबीन का सेवन करना आप भी शुरू कर दीजिए। दरअसल हाई प्रोटीन से भरपूर होता है सोयाबीन। अच्छी बॉडी मसल्स यानि कि फिज़िकल फ़िटनेस बनाना हो तो व्यायाम के साथ बेहतरीन प्रोटीन की आवश्यकता होती है। जो सोयाबीन में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि सोयाबीन में चिकन और अंडे से भी ज़्यादा प्रोटीन पाया जाता है। इसीलिये शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन की पूर्ति का यह बेहतरीन स्रोत है।


Soya-protein

सच कहें तो सोयाबीन कई बीमारियों का एक अकेला ही इलाज है। सोयाबीन, प्रोटीन का एक सर्वोत्तम स्रोत है। हालांकि इसे लोग अलग-अलग तरह से खाते हैं। इसे सब्ज़ी या पराठे के रूप में भी खाया जाता है तो इसके कटलेट या फिर दूध में मिक्स करके भी खाया जाता है। जिम Gym जाने वाले अधिकतर लोग सोयाबीन को भिगोकर भी खाते हैं। सोयाबीन स्नैक्स के रूप में भी काफी हेल्दी माना जाता है।

सोयाबीन में आइसोफ्लावोन, लेसिथिन और फाइटोस्टेरॉल रूप में कुछ अन्य स्वास्थवर्धक उपयोगी घटक होते हैं। इसके अलावा सोयाबीन तेल में लिनोलिक अम्ल एवं लिनालेनिक अम्ल प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये अम्ल शरीर के लिए आवश्यक वसा अम्ल कहलाते हैं।

दोस्तों! सोयाबीन के गुणों की बात करें तो अकेले सोयाबीन में इतने गुण हैं कि यदि आप इसका सेवन करते हैं तो आपको इससे प्रोटीन, केल्शियम, विटामिन, आयरन, फास्फोरस, कॉपर, पोटैशियम, मैग्नेशियम और ज़िंक जैसे पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। जो कि किसी भी मानव शरीर के लिए आवश्यक होते हैं।

सोयाबीन में लगभग 40 प्रतिशत प्रोटीन होता है। इसमें पाया जाने वाला अमिनो एसिड भी शरीर के लिए उपयुक्त है। इसमें 20 प्रतिशत वसा होती है जिसमें अम्ल अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो कि दिल के मरीज़ों के लिए रामबाण है। विटामिन बी6, बी12, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम का सोयाबीन के प्रमुख स्त्रोत है। यह कई प्रकार के रोगों के ख़तरे को कम करने में सहायता करता है।



सोयाबीन क्या है (what is soya bean in hindi)-


सोयाबीन एक अद्भुत प्रोटीन दाता

सच मानें तो सोयाबीन दलहन की फसल है। मगर इसे दलहन के बजाय तिलहन की फसल ज़्यादा माना जाता है। शाकाहारी लोगों के लिए यह मांस के समान ही माना जाता है। इसका कारण है इसमें बहुत अधिक प्रोटीन का पाया जाना। सोया प्रोटीन के एमीगेमिनो अम्ल की संरचना पशु प्रोटीन के समकक्ष होती हैं। अतः मनुष्य के पोषण के लिए सोयाबीन उच्च गुणवत्ता युक्त प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। 

सोयाबीन का वैज्ञानिक नाम 'ग्लाइसीन मैक्स (Glycine max)' है। इसके बीज क्रीम रंग के होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इसकी खेती सबसे पहले चीन में की गयी थी। लेकिन अब तो पूरे एशिया में इसकी अच्छी उपलब्धता है।विश्व का लगभग 60% सोयाबीन अमेरिका में पैदा होता है।

सोयाबीन उत्पादन में प्रथम राज्य मध्यप्रदेश है। सोयाबीन का उत्पादन भारत में सबसे अधिक मध्यप्रदेश में होता है। मध्यप्रदेश के इंदौर में ही सोयाबीन रिसर्च सेंटर स्थित है।

सोयाबीन के सेवन से शारीरिक और मानसिक स्थिति दोनों ही सुदृढ़ होती हैं। हम आपको बता दें कि सोयाबीन वसा का अच्छा और सस्ता स्रोत माना जाता है। इससे दूध टोफू, सोया सॉस व बीन पेस्ट आदि बनाये जाते हैं।

दरअसल इसमें पाए जाने वाले मल्टीपल गुणों के कारण ही डॉक्टर इसे खाने की सलाह देते हैं। चलिए हम आपको सोयाबीन खाने के फ़ायदे के बारे में बताते हैं-



सोयाबीन के फ़ायदे (soyabean benefits in hindi)-


सोयाबीन, प्रोटीन का सबसे बड़ा स्रोत

दोस्तों आज हम आपको सोयाबीन के जिन फ़ायदों के बारे मेंं बता रहेे हैं। हम यक़ीन से कह सकते हैं कि सोयाबीन के चमत्कारी फ़ायदों को जानने के बाद आप अपनी डाइट में सोयाबीन को ज़रूर शामिल करना चाहेंगे। तो चलिए देर न करते हुए इनके फ़ायदों को जानते हैं-


1. मसल्स बनाने में सोयाबीन के फ़ायदे (Benefits of soyabean in making muscles in hindi)-
सोयाबीन में बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। हम आपको बता दें कि सोयाबीन में अंडे, दूध और मांस से भी ज़्यादा प्रोटीन पाया जाता है। यह कोशिका के विकास के साथ-साथ क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करते हुए उनका विकास करता है।
 
युवाओं में कम समय में आकर्षक बॉडी बनाने की चाह होती है। जिस कारण युवा विदेशी स्टेरॉयड व पाउडर का प्रयोग करने लगते हैं। जिसके फ़ायदे कम बल्कि साइड इफ़ेक्ट ज़्यादा देखने मिलते हैं। भारत में देशी स्टेरॉयड के रूप में सोयाबीन व इससे बने उत्पादों का उपयोग करना ज़्यादा बेहतर माना जाता है। आप सोयाबीन का, देशी स्टेरॉयड के रूप में उपयोग करके बेहतर परिणाम पा सकते हैं।

शाकाहारी भोजन के अंतर्गत सोयाबीन ही एक ऐसा भोजन माना जाता है। जिसमें प्रचुर मात्रा में अमिनो एसिड होता है। यह माना जाता है कि ऐसा केवल मांसाहारी भोजन में ही होता है।

सोयाबीन के नियमित सेवन से मसल्स का तेज़ी से विकास होता है। यही कारण है कि कसरत (व्यायाम) करने वाले लोग इसका प्रयोग ज़्यादा करते हैं कसरत करने वाले युवा, सोयाबीन की बड़ी को भिगोकर खाने में ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं।


2. मधुमेह में सोयाबीन के फ़ायदे (Benefits of soyabean in diabetes in hindi)
आप भली भाँति जानते हैं कि शुगर युक्त खाद्य पदार्थों के ज़्यादा सेवन से मधुमेह (Diabetes) की समस्या बढ़ सकती है। यह लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड की श्रेणी में गिना जाता है। चूँकि इसमें कार्बोहाड्रेट और वसा की कम मात्रा होती है। इसलिए, मधुमेह में सोयाबीन का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन ग्लूकोज को नियंत्रित करने में सहायता करता है और इंसुलिन में आने वाली किसी भी समस्या को कम करता है। सोयाबीन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण इससे बने उत्पादों का सेवन मधुमेह के मरीज़ के लिए उचित माना गया है।


3. हड्डियों के लिए सोयाबीन के फ़ायदे (Benefits of soyabean for bones in hindi)-
सोयाबीन हड्डियों की मज़बूती के मामले में बेहद लाभदायक साबित होता है। अक्सर महिलाएं घुटनों और कमर दर्द से परेशान रहती हैं। ऐसा उनकी कमज़ोर हड्डियों या फ़िर नसों पर दबाव की वजह से होता है।

एक विशेष बात यह है कि यह एस्ट्रोजन हार्मोन (जिसे फ़ीमेल हार्मोन भी कहा जाता है।) और हड्डियों की सुरक्षा दोनों में सहायक होता है। सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजेन्स (phytoestrogens) पाए जाते हैं, जो हड्डियों को कमज़ोर होने से बचाते हैं।

सोयाबीन में कैल्शियम व ऑयरन पाया जाता है। इसमें मौजूद तत्व हड्डी संबंधी रोगों से परेशान मरीज़ों के लिए भी लाभदायक होते हैं। ये तत्व हड्डी को मज़बूत बनाने के साथ -साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास भी करते हैं।

सोयाबीन में विटामिन, मिनरल के अलावा कैल्शियम, मैग्निशियम और कॉपर जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो कि हड्डियों को मज़बूती प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

महिलाओं में खानपान की कमी के कारण कमज़ोर हडि्डयों का होना एक आम समस्या है लेकिन बढ़ती उम्र के साथ ही इनमें ओस्टियोपोरोसिस का ख़तरा भी बढ़ जाता है।महिलाओं में हड्डियों को कमज़ोर होने की ओस्टियोपोरोसिस के ख़तरे से बचा सकता है यदि सोया प्रोटीन और आइसोफ्लेवोंस से भरपूर डाइट ली जाए।


4. हृदय के लिए सोयाबीन के फ़ायदे (Benefits of soyabean for the heart in hindi)-
दिल संबंधी रोग होने पर अक्सर सोयाबीन खाने की सलाह दी जाती है। सोयाबीन खाने से हृदय स्वस्थ्य रहता है। दरअसल इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो कि सूजन और हृदय संबंधी रोगों को रोकने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। 

यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर की शिक़ायत रहती है तो रोज़ाना सोयाबीन का सेवन करें। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायक होता है। सोयाबीन का नियमित सेवन करके आप रक्त संचार को प्रभावित करने वाले कणों को कम कर सकते हैं।


5. लिवर व पेट के लिए सोयाबीन के फ़ायदे (Benefits of soyabean for for liver and stomach in hindi)-
सोयाबीन में लेसीथिन पाया जाता है जो लीवर के लिए भी फ़ायदेमंद है। कार्बोहाइडेंट के रूप में आहार रेशा, शर्करा, रैफीनोस एवं स्टाकियोज होता है जो कि पेट में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों के लिए लाभप्रद होता हैं। 


6. कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सोयाबीन के फ़ायदे (Benefits of soyabean in reducing cholesterol in hindi)-
विभिन्न शोधकर्ताओं द्वारा सोया प्रोटीन का प्लाज्मा लिपिड एवं कोलेस्टेरॉल की मात्रा पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के उपरांत पाया गया कि सोया प्रोटीन मानव रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने में मदद करता है।


7. वज़न कम करने में सोयाबीन के फ़ायदे (Benefits of soyabean in reducing weight in hindi)-
वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि सोयाबीन के सेवन से शरीर के वज़न और चर्बी को आसानी से कम किया जा सकता है। सोयाबीन, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ है, जिसे पचाने में शरीर को बहुत ज्यादा एनर्जी energy की आवश्यकता होती है। जिससे शरीर की energy का सही सही उपयोग हो जाता है और फैट बनने से रोकने में मदद मिल जाती है। 

सोयाबीन वज़न बढ़ाने और वज़न घटाने के लिए भी मदद करता है। बशर्ते उसे सीमित मात्रा में खाया जाए तो। सोयाबीन में फ़ाइबर और प्रोटीन अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है। इसलिए यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो वजन बढ़ाना चाहते हैं और उन लोगों के लिए भी जो बढ़ते वजन को कम करना चाहते हैं। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को थर्मोजेनिक फूड्स की श्रेणी में गिना जाता है।वैसे इसके सेवन के साथ-साथ व्यायाम पर भी ध्यान देना ज़रूरी है।


8. केंसर के लिए सोयाबीन के फ़ायदे (Benefits of soyabean for cancer in hindi)-
सोयाबीन के फ़ायदों के बारे में बात करें, तो इनमें कई प्रकार के कैंसर से बचाव भी शामिल है। चूँकि सोयाबीन में आइसोफ्लेवोंस (एक तरह का रासायनिक कंपाउंड) पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। साथ ही सोयाबीन को फाइटोकेमिकल्स के समूह का भी मुख्य स्रोत माना जाता है। 

ऐसे में ये दोनों तत्व एंटीकैंसर के रूप में अपना असर दिखाते हैं। अमेरिका के कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट के अनुसार, सोयाबीन में मौजूद फाइबर कोलोरेक्टल और कोलोन कैंसर के रिस्क को कम करता है। सोयाबीन के सेवन से स्तन कैंसर और गर्भाशय से संबंधित कैंसर के बचाव में भी मदद मिल सकती है।


9. मानसिक रोगों में सोयाबीन के फ़ायदे (Benefits of soyabean in mental diseases in hindi)-
हम आपको बता दें कि यदि कोई व्यक्ति मानसिक रोग पीड़ित हो तो सोयाबीन को अपनी डाइट में शामिल ज़रूर करे। दरअसल सोयाबीन मानसिक संतुलन को ठीक करके दिमाग़ को ठीक करने में मदद करता है। और आप तो भलीभाँति जानते हैं कि स्वस्थ रहने के स्वस्थ मन और स्वस्थ दिमाग़ अत्यंत ज़रूरी होता है। सोयाबीन का साथ है तो किस बात की चिंता।


10. अच्छी सेहत के लिए सोयाबीन के फ़ायदे (Benefits of soyabean for good health in hindi)-
सोयाबीन में प्रोटीन के साथ-साथ फाइबर, मिनरल्स और फाइटोएस्ट्रोजन्स भी होते हैं। इसके अलावा इसमें सैचरेटेड फैट की मात्रा भी कम मात्रा में पायी जाती है। और तो और इसमें न तो कलेस्ट्रॉल होता है और न ही लैक्टोस पाया जाता है। इस लिहाज से सोयाबीन आपकी सेहत के लिए बहुत ही ज़्यादा फ़ायदेमंद साबित होता है। सोयाबीन में आयरन, मैंगनीज, फॉसफोरस, कॉपर, पोटेशियम, जिंक और सेलेनियम भी पर्याप्त या प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।


11. गर्भवती महिलाओं के लिए सोयाबीन के फ़ायदे (Benefits of soyabean for pregnant women in hindi)-
इसमें मौजूद विटमिन बी कॉम्प्लेक्स और फॉलिक ऐसिड प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बहुत जरूरी होता है। साथ ही यह भ्रूण के मानसिक विकास में भी मदद करता है। यानि कि यह pregnant ladies के लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित होती है बशर्ते जानकारी व संतुलन के सेवन करे।




सोयाबीन के नुकसान (Disadvantages of Soyabean in hindi)-



सोयाबीन के अत्यधिक सेवन करने से आपको एलर्जी या कुछ नुक़सान भी हो सकते हैं। जिन्हें हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से जानेंगे। 

1. सोयाबीन के अत्यधिक सेवन से महिलाओं में हॉर्मोन संबंधी गड़बड़ी हो सकती है। इसमें ऐसे कम्पाउंड होते हैं जो फीमेल हॉर्मोन एस्ट्रोजन की नकल कर लेते हैं। 

2. इसके अत्यधिक सेवन से पुरुषों में नपुंसकता और स्पर्म काउंट में कमी आ सकती है। यानि कि इसके अधिक उपयोग से आपके सेक्स जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। सोयाबीन के अत्यधिक सेवन से एक नुक़सान यह है कि पुरूषों में शुक्राणुओं की संख्या कम होने लगती है। 

3. गर्भधारण करने वाली स्त्रियों को सोयाबीन का उपयोग डॉक्टर की सलाह ले कर ही करना चाहिए। 

4. स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ज़्यादा सोयाबीन खाने से मितली और चक्कर आ सकते हैं। सोयाबीन के सेवन को लेकर डॉक्टर या न्यूट्रीशियन से ज़रूर सलाह लें।

5. जिन लोगों को सोयाबीन से एलर्जी हो, वे इसके सेवन से बचें। क्योंकि एलर्जी होने से आपके लिए तरह-तरह की  समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

6. अगर किसी को किडनी संबंधी समस्या या डायबिटीज़ है तो वे भी सोयाबीन के अत्यधिक सेवन से बचें।



सोयाबीन कितनी मात्रा में खाना चाहिए? What amount of soyabean should be eaten in hindi?


आपको बेहतर परिणाम मिल सके इसके लिए आप सोयाबीन का सेवन दिन में दो बार से ज्यादा ना करें। पुरुष सोयाबीन और इसके प्रोडक्ट को रोज़ाना न खाएँ। जो फैमिली प्लानिंग करने की योजना बनाने वाले हैं वो लोग सोयाबीन के अति सेवन से बचें क्योंकि सोयाबीन के अधिक सेवन से पुरूषों में शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है।

दोस्तों हमने इस लेख में सोयाबीन के फ़ायदों के साथ-साथ नुक़सान के बारे में भी बताया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप सोया उत्पाद खाना बंद कर दें, जो भी खायें संतुलित मात्रा में खायें जिससे कोई भी शारीरिक समस्या उत्पन्न न हो सके। सोयाबीन के नुक़सान कम बल्कि फ़ायदे ज़्यादा हैं। सिर्फ़ बहुत ज़्यादा यानि कि भारी मात्रा में सेवन करने से ही नुक़सान की संभावना बनी रहती है।

आपको सोयाबीन से होने वाले फ़ायदे लेेने हों तो सोयाबीन को कैसे खाएँ? इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी है। संतुलन के साथ यानि कि बहुत ज़्यादा मात्रा में न खाएँ तो आप निश्चित तौर पर इस महा प्रोटीन के स्रोत का जबरदस्त फ़ायदा ले सकते हैं। उम्मीद है आपको हमारा यह लेख "सोयाबीन खाने के फ़ायदे और नुक़सान  (Advantages and disadvantages of eating soybeans) ज़रूर पसंद आया होगा। आशा करते हैं आप सोयाबीन को अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करना चाहेंगे।

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