प्राकृतिक सुंदरता का बेजोड़ उदाहरण है खैराकी वॉटरफॉल, बिछिया मंडला | ख़ूबसूरत पिकनिक स्पॉट भी हैं मशहूर।

खैराकी वाटरफॉल सिझोरा, मंडला | खैराकी नदी दर्शन सिझोरा, मंडला | पिकनिक स्पॉट खैराकी मंडला

दोस्तों, मंडला ज़िले में सचमुच एक से बढ़कर एक दर्शनीय स्थल विद्यमान हैं। आप यदि मंडला के पर्यटन स्थल (mandla ke paryatan sthal) देखने का मन बनाएंगे तो आपको लगभग एक सप्ताह का समय भी कहीं कम न पड़ जाए। मंडला ज़िला वाकई ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरों से परिपूर्ण है। हम आज ऐसे ही एक ख़ूबसूरत स्थल, खैराकी वाटरफॉल (khairaki waterfall) से जुड़े कुछ दिलचस्प और महत्वपूर्ण तथ्यों को साझा करने वाले हैं। बस आप इस लेख के अंत बने रहिएगा।


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जी हां दोस्तों, अगर आप मंडला के आस पास रहते हों तो आपके लिए खैराकी वाटरफॉल (khairaki waterfall) देखने जाना बिल्कुल आसान है। अब आप सोच रहे होंगे कि मंडला के दर्शनीय स्थल (mandla ke darshniya sthal) तो मंडला के आसपास भी एक से बढ़कर एक हैं। फ़िर मंडला से लगभग 55 किमी दूर इस वाटरफॉल की इतनी तारीफ़ कैसे? तो चलिए बिना देर किए हम इस खैराकी वाटरफॉल (khairaki waterfall) के बारे में बता ही देते हैं।


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चारों तरफ़ फ़ैली प्रकृति की बेशुमार सुंदरता, कल कल करते झरने, झरने भी ऐसे कि जैसे दूध की धारा बह रही हो। पक्षियों की मधुर आवाज़ें कानों में पड़कर मानो एक सम्मोहन सा कर देती है। जिसे देखते ही मन प्रफुल्लित सा हो जाए।  

कुछ देर वहां ठहरकर ऐसा लगे मानो मन का सारा तनाव जैसे छू मंतर हो गया हो। ज़रा सोचकर देखिए कि इतना प्यारा प्राकृतिक नज़ारा, भला कौन नहीं देखना चाहेगा। ज़रा नीचे दिए वीडियो को देखिए, हम यक़ीन से कह सकते हैं कि आप भी खैराकी दर्शन (khairaki darshan) के लिए लालायित हो उठेंगे।




जी हां, यह एक ऐसा स्थल है जहां लोग प्राकृतिक नज़ारे देखने, दोस्तों या परिवार के साथ पिकनिक मनाने और यहां पर स्थित मंदिर में अपनी आस्था लेकर मन्नत मांगने आते हैं। तो चलिए हम इस लेख के माध्यम से सिझोरा खैराकी नदी (sijhora khairaki nadi) के बारे में और भी विस्तार से जानते हैं।


क्या है इसका लोकेशन?

मध्यप्रदेश के मंडला ज़िले की तहसील बिछिया से महज़ 12 km की दूरी पर स्थित, प्रकृति की गोद में बसा खैराकी ग्राम (khairaki gram), जहाँ पहुँचने के बाद, नदी की तरफ़ जाते ही आप, लाजवाब प्राकृतिक नज़ारे देखकर मोहित हो जाते हैं।

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दरअसल बिछिया तहसील से 9 km की दूरी पर स्थित ग्राम सिझोरा के बिल्कुल पास ही बसे खैराकी टोला के किनारे से होकर एक नदी बहती है इसलिए इस नदी को खैराकी नदी के नाम से भी पुकारा जाता है। इस ख़ूबसूरत नदी का जलप्रवाह (waterfall) और आसपास के नज़ारे ही इतने ख़ूबसूरत हैं कि पर्यटकों के दिलोदिमाग़ पर छा जाते है।




यहां आने के लिए छत्तीसगढ़ के कवर्धा (कबीरधाम) ज़िले से भी लगभग 75 km की दूरी तय कर यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। रायपुर से जबलपुर हाईवे पर, बिछिया तहसील से पहले ही ग्राम सिझोरा आकर, यहीं से 3 km की दूरी पर नदी की ओर जाते ही यह खैराकी वाटरफॉल (khairaki waterfall) दिखाई पड़ता है। 



प्राकृतिक सुंदरता का बेजोड़ उदाहरण

दोस्तों खैराकी नदी पर बनी इस ख़ूबसूरत जगह को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे प्रकृति ने इस जगह को पूरी शिद्दत से बनाया है। ऐसा लगता है मानो कुदरत ने इसकी डिज़ाइनिंग पूरी फ़ुरसत से की है। सफ़ेद सुंदर चट्टानों और उनके बीच से बहते झरनों की छटा ही निराली दिखाई पड़ती है।


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यहां की चमकदार और चिकनी चट्टानें तो ऐसी दिखाई पड़ती हैं मानों क़ुदरत ने ग्रेनाइट के पत्थरों को घिसकर, किसी अनुभवी रचनाकार के हाथों, इस नदी पर कल-कल करते झरनों के बीच, बड़े ही सलीक़े से लगवाया हो। 


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इन चमकती चट्टानों और चट्टानों के बीच बहती दूध रूपी जल की धारा को देखकर सचमुच भेड़ाघाट जबलपुर की याद आ जाती है। इसलिए यदि इसे मंडला का छोटा भेड़ाघाट (chhota bhedaghat) भी कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। यदि कोई फ़िल्म मेकर यहां की बेशुमार प्राकृतिक सुंदरता को देख ले, तो कहीं ऐसा न हो कि वह भी इन्हीं सुंदर वादियों में अपनी फ़िल्म की शूटिंग करने की ठान ले। फ़िर विदेशी लोकेशन्स की उसे ज़रूरत ही न पड़े। सचमुच कुछ ऐसा ही है यहां का अद्भुत नज़ारा।


मकर संक्रान्ति और नववर्ष पर उमड़ती है भीड़


khairaki makar sankranti photo

जनवरी की पहली तारीख यानि कि नव वर्ष के अवसर पर और जनवरी के ही महीने में मकर संक्रांति के अवसर पर यहां लोगों की अपार भीड उमड़ पड़ती है। लोग दूर दूर से मकर संक्रांति के दिन पिकनिक मनाने खैराकी पिकनिक स्पॉट (khairaki picnic spot) पर अपने दोस्तों और परिवार के साथ पहुंचते हैं। और पूरा दिन यहां की सुंदरता का आनन्द लेते हैं। वैसे तो यहां नव वर्ष के प्रारंभ से ही लोगों का जमावड़ा शुरू हो जाता है जो कि लगभग पूरे वर्ष भर चलता रहता है। आप जब भी यहां आएंगे, पर्यटकों की भीड़ ही नज़र आती है।


यहां के पिकनिक स्पॉट हैं मशहूर


पिकनिक स्पॉट खैराकी सिझोरा, मंडला

आसपास के शहरों से यहां पर पिकनिक मनाने के लिए लोगों की भीड़ आए दिन देखने मिलती हैं। दरअसल यहां पिकनिक मनाते हुए लोगों में, यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हुए ढेर सारी सेल्फ़ी, फोटो, विडियो लेने की एक होड़ सी लग जाती है। लोग अपने कैमरे में यहां की सुंदरता को यादों के रूप में समेट लेना चाहते हैं। नीचे वीडियो में आप पिकनिक मनाते हुए हमारे ग्रुप को देख सकते हैं।




यहां आकर आप सचमुच पिकनिक मनाते हुए मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। आसपास साफ़ सुथरे पानी की जलधाराएं, साफ़ सुथरी चट्टानें, नदी के किनारे हरे भरे पेड़ पौधों के बीच आपको पिकनिक के लिए ख़ूबसूरत जगह मिल जाएगी। हमें लगता है आपकी पिकनिक के लिए इससे बेहतर स्थान शायद ही कहीं मिले। नीचे वीडियो में आप देख सकते हैं।




जी हाँ, ये जगह पिकनिक के उद्देश्य से आने वाले लोंगो को बेहद आकर्षित करती है। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं तो इस स्थान पर अपनी टोली के साथ एक बार पिकनिक का प्लान ज़रूर बनाएँ। साथ ही यहाँ के सुन्दर दृश्यों का लुत्फ़ उठाते हुए दिलक़श फ़ोटोग्राफ़ी का आनंद भी लें।  



खैराकी नदी पर शिवजी और दुर्गाजी का मंदिर


दुर्गा मंदिर खैराकी 

खैराकी नदी के दूसरे छोर पर शिवजी का मंदिर है जहां शिवलिंग स्थापित किया गया है। और इसके पास ही एक और मंदिर बना हुआ है जहां दुर्गाजी विराजमान है। ये मंदिर काफ़ी पुराने बताए जाते हैं। इन दोनों मंदिरों के आसपास हरे भरे पेड़ पौधों से परिपूर्ण, मन को मोह लेने वाली प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। यहां पर लोग पूजा अर्चना करने विशेष मौकों पर ज़रूर आते हैं। 



दरअसल यहां मंदिर के चारों ओर शांतिपूर्ण वातावरण और मनमोहक प्राकृतिक सौंदर्य देखकर ऐसा लगता है कि बाहरी हो हल्ले से दूर इस स्थान पर कुछ देर के लिए ध्यानमग्न अवस्था में बैठकर ख़ुद में, ख़ुद को ढूंढने का प्रयास किया जाए। सचमुच जीवन के सारे तनाव भूलकर आप यहां मानसिक शांति महसूस कर सकते हैं। कहा भी जाता है कि जीवन की आपाधापी से हटकर कभी कभी ऐसे शांत जगहों पर कुछ देर के लिए समय बिताना चाहिए। और फ़िर वो जगह किसी ख़ूबसूरत नदी के किनारे मंदिर के पास हो तो फ़िर क्या कहने।


महाशिवरात्रि में लगता है भव्य मेला


महाशिवरात्रि मेला, खैराकी घाट सिझोरा, मंडला

महाशिवरात्रि के अवसर पर खैराकी घाट (khairaki ghat) पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस दिन लगने वाले मेले और यहां आने वाले पर्यटकों और भक्तों की अपार भीड़ देखने लायक होती है। इस दिन हजारों पर्यटक यहां के प्राकृतिक नज़ारों का लुत्फ़ उठाते हैं तो वहीं शिव भक्त इस नदी में स्नान कर, शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर, सुख और समृद्धि की याचना करते हुए मानसिक शांति प्राप्त करते हैं। 


सिद्ध बाबा की गुफ़ा का रहस्य

बताया जाता है कि खैराकी नदी (khairaki nadi) के दूसरे किनारे पर स्थित मंदिर के पास ही चट्टानों के नीचे सिद्ध बाबा की गुफ़ा है। हालांकि अब खैराकी गुफ़ा (khairaki gufa) के अंदर प्रवेश करना मुश्किल है। वर्षों पहले इस गुफ़ा के अंदर जाकर सिद्ध बाबा की पूजा अर्चना करना संभव होता रहा होगा। बताया जाता है कि इस गुफ़ा के बाहर बैठकर जो भी सच्चे मन से सिद्ध बाबा से मांगता हैं। वो उनकी मनोकामनाएं अवश्य पूरी करते हैं। यहां के बारे में एक और दिलचस्प बात कही जाती है कि खैराकी पर्यटन स्थल में खाने की चीज़ों पर कभी भी मक्खियां नहीं बैठती।


क्या है भीमसेन कुंड का रहस्य

यहां पर खैराकी नदी के मध्य में, चट्टानों के बीच एक कुंड बना हुआ है। आसपास के पुराने जानकार लोग इसे धान की कोठी भी कहते हैं। पुराने लोगों का कहना है कि इस कुंड की गहराई आज तक मापी नहीं जा सकी है। बताया जाता है कि एक खाट की पूरी रस्सी भी इसकी गहराई नापने के लिए कम पड़ चुकी है। इस कुंड से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। लोग यहां अपनी मन्नतें पूरी होने पर  इस कुंड में चढ़ावा चढ़ाने ज़रूर आते हैं।


क्या हैं यहां की ज़रूरी व्यवस्थाएं

यहां पर विशेष मौक़ों जैसे मेले के अवसर पर, महाशिवरात्रि के अवसर पर, मकर संक्रांति आदि के अवसर पर आने वाली भीड़ को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए स्थानीय पंचायत की ओर से सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाती है। इस बात का ध्यान रखा जाता है कि इस दिन किसी भी प्रकार की जन धन की कोई हानि न हो।

खैराकी नदी, बिछिया मंडला की सुंदरता

वैसे इस स्थान पर अब पूरे वर्ष भर लोगों का आना जाना लगा रहता है। इसलिए स्थानीय पंचायत को वर्ष के अन्य दिनों में भी इस ओर ध्यान देना चाहिए। ताकि इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में ख़्याति प्राप्त हो सके और शेष सुविधाएं भी दी जा सके।

एक और ख़ास बात यह कि यहाँ पर लोग घूमने फिरने, पिकनिक मनाने के उद्देश्य से परिवार सहित यानी कि बच्चे, जवान, बुज़ुर्ग महिलाएं व पुरुष सभी आते हैं। इस स्थान के एकांत में होने की वजह से, भविष्य में असामाजिक तत्वों द्वारा किसी प्रकार की किसी को कोई असुविधा न हो या कोई बड़ा नुक़सान ना हो। इसलिए इस स्थान पर वर्ष के शेष दिनों में भी सुरक्षा संबंधी इंतज़ाम किए जाने चाहिए। ताकि यहां आने जाने वाले लोगों पर निगरानी या संदिग्ध व्यक्ति की चेकिंग की जा सके।


पर्यटकों के लिए ज़रूरी हैं ये सावधानियां 


खैराकी नदी पर पर्यटकों की भीड़ 

वैसे तो हम सभी को इस खैराकी पर्यटन स्थल (khairaki paryatan sthal) के आसपास विचरण करते समय पूरी सावधानी बरतना चाहिए। विशेषकर साथ घूम रहे बच्चों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जिससे किसी प्रकार की अनहोनी होने का ख़तरा तल सके। अक़्सर ऐसे स्थानों पर फ़ोटो या सेल्फ़ी के चक्कर में अप्रिय घटनाओं के होने का अंदेशा बढ़ जाता है। इसलिए किसी भी ख़तरनाक जगह पर सेल्फ़ी लेने से बचना और बचाना चाहिए।

हम सभी को प्रकृति के नियमों का निश्चित तौर पर पालन करना चाहिए। इधर-उधर पॉलीथिन यानि कि अपशिष्ट पदार्थों को फेंककर यहाँ के पानी व मिट्टी को प्रदूषित करने से बचना चाहिए। लोग अपने साथ खाने -पीने की चीज़ें तो लाते ही है। फ़िर ख़ाली पॉलीथिन यूँ ही आसपास फेंककर चले जाते हैं। यही पॉलीथिन यहां के आसपास के वन्य प्राणियों के लिए जानलेवा बन सकती हैं।


प्राकृतिक सुंदरता, खैराकी मंडला

इनके लिए वन प्रशासन या ग्रामीण समितियों के द्वारा जगह-जगह पर डस्टबिन का इंतज़ाम करवाया जा सकता है। दोस्तों, इन ख़ूबसूरत धरोहरों को सुरक्षित रखने का कर्तव्य प्रत्येक नागरिक को स्वयं भी निभाना चाहिए। तभी हम आने वाली पीढ़ी के लिए इन ख़ूबसूरत प्राकृतिक धरोहरों को सँजोकर रखने में सफल हो सकेंगे।

Disclaimer : किसी भी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक धरोहर के साथ, कई तरह के रहस्य और मान्यताएं जुड़ी होती हैं। हमारा यह लेख किसी भी सच के होने न होने का पूर्ण दावा नहीं करता। हमने इस लेख में उन्हीं बातों, रहस्यों का उल्लेख किया है जो रिसर्च के दौरान पायी गयी हैं और जो कही या सुनी गई हैं।

उम्मीद है "खैराकी दर्शनीय स्थल मंडला (khairaki darshniya sthal mandla)" के बारे में विस्तृत जानकारी से भरा हमारा यह लेख आपको ज़रूर पसंद आया होगा। साथ ही हमें यक़ीन है कि हमारे इस लेख को पढ़ने के बाद आप पिकनिक स्पॉट खैराकी (picnic spot khairaki) घूमने के लिए वक्त ज़रूर निकालेंगे।

(- By Alok)


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