शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय अपनी भावनाओं पर नियंत्रण कैसे रखें? जानें कुछ ख़ास टिप्स | Learn 8 ways to do controlled trading in hindi

शेयर बाज़ार में इमोशनल होकर ट्रेडिंग कभी न करें, हो सकते हैं भयंकर नुक़सान | जानें नियंत्रित ट्रेडिंग करने के 8 तरीक़े। 

दोस्तों आज के समय में ऐसा कौन है जो शेयर मार्केट में हाथ आज़माना नहीं चाहता। शेयर मार्केट में लोग अच्छा ख़ासा पैसा कमा रहे हैं। इसलिए लोगों का रुझान अब इस ओर लगातार दिखाई देने लगा है। 



शेयर मार्केट से लोग अब घर बैठे मनचाहा पैसा कमा रहे हैं। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर शेयर मार्केट से अच्छा रिटर्न कमाना है तो निवेशकों को ट्रेडिंग के दौरान भावनाओं को नियंत्रित करना (trading ke dauran bhavnao ko niyantrit karna) बख़ूबी आना चाहिए।

क्योंकि स्टॉक ट्रेडिंग जोख़िम भरा होता है। और भावनाओं में डूबकर किया गया निवेश इस जोख़िम को और भी बढ़ा देता है। इसलिए यदि आप शेयरों में निवेश करते समय अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना सीख जाते हैं तो इससे आपको स्टॉक मार्केट से अच्छा ख़ासा मुनाफ़ा कमाने में मदद मिल सकती है। आइए जानते हैं कि स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते समय अपनी भावनाओं पर नियंत्रण कैसे रखें? (stock market me trading karte samay apni bhavnao par niyantran kaise rakhein?)



शेयर मार्केट में भावनाओं को नियंत्रित करने के तरीके (Share market me bhavnao ko niyantrit karnevke tarike)

आमतौर पर नए नए निवेशकों (ट्रेडरों) के साथ यह समस्या बहुतायत में पायी जाती है। इस समस्या को बड़ी ही समझदारी के साथ आप सुलझा सकते हैं। इमोशनल ट्रेडिंग से बचने के तरीक़े (emotional trading se bachne ke tarike) निम्नलिखित हैं -
  
1. अपनी योजना तैयार करें -
अक़्सर यह देखा जाता है कि हम जब भी हम मार्केट में ट्रेड करते हैं। मार्केट के movement को देखकर अपना आपा खो देते हैं। और किसी भी समय में, किसी भी जगह पर मार्केट में entry कर लेते हैं। परिणाम यह होता है कि हम मार्केट में फंस जाते हैं। इसलिए बेहतर यही होगा कि अपनी भावनाओं को काबू में रखने के लिए, अपनी ज़रूरतों और ताज़ा बाज़ार के ज्ञान के आधार पर हर दिन की अपनी ट्रेडिंग रणनीति तैयार करें, तभी मार्केट में ट्रेडिंग करने का मन बनाएं।

2. बाज़ार के शोर को अनदेखा करें -
ज़्यादातर यही होता है कि हम बाज़ार के शोर के कारण अपनी भावनाओं को कंट्रोल में नहीं रख पाते हैं। बाज़ार में चाहे तेज़ी का दौर हो अथवा मंदी का। आपको बाज़ार की हलचल के कारण काफ़ी शोर सुनाई देने लगता है। हालांकि ये सुनाई देने वाला शोर प्रासंगिक ही होता है। लेकिन इस भारी शोर के कारण आपकी ट्रेडिंग की रणनीति और किए जाने वाले निर्णय भी प्रभावित हो जाते हैं। 

इसलिए यह ज़रूरी है कि आप इस शोर से अपने मन में रह रहकर उठने वाली तरंगों को नियंत्रित करना सीख लें। शोर को जितना हो सके इग्नोर करें। क्योंकि मामूली स्टॉक मार्केट मूवमेंट, डेटा या वित्तीय समाचारों का शोरगुल, निवेशकों को वास्तविक बाज़ार के रुझान और अंतर्निहित स्टॉक मूल्य से विचलित करते हैं। 


यदि आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित करेंगे तभी अपने निर्णय और रणनीति पर भली प्रकार से काम कर पाएंगे। अन्यथा पल पल में ट्रेडिंग की दिशा बदलते रहेंगे। परिणाम यह होगा कि आप मार्केट में ट्रेप का शिकार हो जाएंगे। 
 
3. तार्किक रूप से सोचें -
शेयर मार्केट में तार्किक सोच रखने वाले लोगों को अपनी भावनाओं पर कड़ा नियंत्रण रखने में मदद मिलती है। जब आप तार्किक रूप से सोचते हैं, तो आप तर्कसंगत निर्णय लेते हैं जिससे आपको मुनाफ़ा कमाने में मदद मिलती है। जब भी आप विचलित होते हैं, तुरंत अपने आप से सवाल करें कि कहीं आपका निर्णय भावनात्मक तो नहीं है।

4. ज़मीनी स्तर पर बने रहें -
मनुष्य को शेयर मार्केट से अनलिमिटेड पैसा कमाने की चाह होना एक सामान्य सी बात है। दरअसल एक दो ट्रेड में मुनाफ़ा हो जाने के बाद, ट्रेडर बड़े बड़े सपने देखना शुरू कर देता है। वह भावनाओं से ओत प्रोत होकर, अपने ख़्वाबों के बनाए हुए आसमान में उड़ने लगता है। इस चक्कर में वह अनुशासन से अलग अव्यवस्थित ट्रेड करने लगता है। बिना समझ और उतावलेपन से भरे ट्रेड करने के कारण भयंकर नुक़सान में पड़ जाता है। इसलिए जब शेयर बाजारों में ट्रेडिंग की बात आती है, तो इमोशनल ट्रेडिंग से दूर रहना और अनुशासित दृष्टिकोण अपनाना ही फ़ायदेमंद होता है।

5. रैली से चूकने पर पछतावा न करें -
शेयर मार्केट में अक़्सर यही होता है कि हम किसी रैली से चूक जाने पर बहुत ज़्यादा पछताने लगते हैं। भारी मन से फ़िर सोचने लगते हैं कि न जाने कितने लोग इस रैली से लाजवाब मुनाफ़ा कमा रहे होंगे। फ़िर भावनाओं के चक्कर में हम जल्दबाज़ी कर बैठते हैं और आनन फानन में कहीं भी entry कर लेते हैं। परिणामस्वरूप हम मार्केट में फंस जाते हैं। और उस भारी रैली के कारण बहुत बड़े नुक़सान में पड़ जाते हैं।

6. ओवर ट्रेडिंग से बचें -
शेयर मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय ओवरट्रेडिंग की समस्या भी बहुत ख़तरनाक हो सकती है, इसमें आपकी लागत में काफ़ी वृद्धि हो जाती है। ओवरट्रेडिंग करने का परिणाम यह होता है कि आप अंधाधुंध ट्रेडिंग कर लेते हैं।जिस कारण तनाव का स्तर भी बहुत अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में बहुत ख़राब कॉल करने की संभावना अधिक होती है। इसलिए जब भी ट्रेडिंग करें आप किसी भी ट्रेड को भावनात्मक रूप से कभी न करें। ट्रेडिंग उतनी ही करें जितना नुक़सान आप सह सकते हैं।

7. ट्रेडिंग को जुवा न समझें -
निवेशक अक़्सर इसी उम्मीद में रहते हैं कि फलां शेयर भविष्य में अच्छा प्रदर्शन ज़रूर करेगा। एक दिन वे अपने निवेश की सारी रकम वसूल कर लेंगे। इस चक्कर में वे ट्रेडिंग को दिमाग़ से करने के बजाए, इमोशन से जुड़कर करने लगते हैं। फ़िर वह ट्रेड न होकर एक जुआ बनकर रह जाता है। जिसमें फ़ायदे के बजाय नुक़सान की संभावना ज़्यादा बनी रहती है।


8. इमोशनल ट्रेडिंग से बचें -
जो निवेशक इमोशनल ट्रेडिंग करते हैं, उन्हें इस मार्केट में धन का भारी नुक़सान हो सकता है। यह हताशा की ओर ले जाता है जहां निवेशक शेयर बाज़ार से बड़ा नुक़सान झेलने के बाद इमोशनल ट्रेडिंग करने लगते हैं। यानि कि जल्द से जल्द नुक़सान दूर करने के लिए, बदले की ट्रेडिंग में लिप्त हो जाते हैं। इस अंधाधुंध ट्रेडिंग का परिणाम यह होता है कि आपको और भी अधिक नुक़सान हो जाता है। जो कि आपके स्वास्थ्य और दिनचर्या को भी प्रभावित करता है। 


निष्कर्ष (Conclusion) -

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग (share market me tradung) करने वाले निवेशकों के बारे में किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि शेयर मार्केट में होने वाले नुक़सान का दर्द, समान परिमाण के स्टॉक में निवेश से होने वाले लाभ की खुशी से दोगुना होता है। 

इसलिए यदि आप भावनाओं के भंवर जाल में फंसकर ट्रेडिंग करते हैं, तो यूं समझिए कि आप एक मायोपिक दृष्टिकोण को अपनाते हैं, जो कि आपके जोख़िम की मात्रा को कई गुना बढ़ा देता है। बेहतर यही होगा कि आप जिस स्टॉक में ट्रेड कर रहे हैं, उसके फंडामेंटल और कंपनी के कॉरपोरेट गवर्नेंस मॉडल को भलीभांति समझने का प्रयास करें। ताकि उस स्टॉक में मुनाफ़ा कमाने की संभावना अधिकतम हो। एक बात गाँठ बांध लें, इमोशनल होकर या टेंशन में आकर या किसी ज़िद या लालच में आकर कभी भी शेयर मार्केट में ट्रेड ना करें।
(- By Alok)


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