शेयर मार्केट आज के समय में इतना ज़्यादा क्यों पसंद किया जा रहा है?
दोस्तों ज़रा सोचिए कि अगर आप अच्छी ख़ासी इनकम वो भी स्मार्ट वर्क करते हुए कमाएं। यानि कि आपको ना ही, किसी की खरी खोटी सुन्नी पड़े, ना ही किसी ऑफिस में रोज़ जाने की झंझट हो, और ना ही आपको अपनी फैमिली, घर, शहर को छोड़कर दूर जाकर रहना पड़े।
और तो और आपको बेहतर कमाई के साथ साथ अपनी मनचाही जगह पर जब चाहे तभी घूमने की पूरी आज़ादी भी हो। आप दुनिया की किसी भी जगह पर बैठकर, या महज़ मोबाइल या लैपटॉप से कुछ ही मिनटों या घंटों में कमाई कर सकें और फ़िर सबके साथ क्वॉलिटी टाइम भी बीता सकें। तो अब आप ही बताइए कि आप जॉब करना चाहेंगे या इस तरह की स्मार्ट लाइफ़ जीना पसंद करेंगे।
दोस्तों आज का समय काफ़ी बदल चुका है। पैसा कमाने के तरीकों में बदलाव आया है। स्मार्ट वर्क से पैसा कमाना अब लोगों की पहली पसंद है। हालांकि नौकरी करना एक पैशन ज़रूर है। मगर तभी तक जब तक आपको नौकरी में किसी के दबाव में न रहना पड़े। और मेरे ख़्याल से शायद ही कोई नौकरी हो जिसमें आप पर किसी का दबाव न हो।
आज के समय में शेयर मार्केट न केवल निवेश का एक प्रमुख माध्यम बन चुका है, बल्कि यह आम लोगों के बीच तेज़ी से लोकप्रिय भी हो रहा है। पहले जहां यह केवल बड़े निवेशकों और कंपनियों तक सीमित था, वहीं अब युवा, मध्यम वर्ग और यहां तक कि गृहणियाँ भी इसमें रुचि दिखा रही हैं। आजकल लोग लंबे समय के लिए ट्रेडिंग के अलावा ऑप्शन ट्रेडिंग में भी रुचि ले रहे हैं। और इंट्राडे ट्रेडिंग करते हुए मनचाही कमाई कर रहे हैं।
हम आपको बता दें कि शेयर बाज़ार किसी भी विकसित देश अथवा विकास की ओर अग्रसर किसी देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। आख़िर ऐसा क्या है इस शेयर बाज़ार में, जो युवाओं को इतना लुभा रहा है? इस लेख में हम विस्तार से उन कारणों का विश्लेषण करेंगे, जिनकी वजह से शेयर मार्केट (share bazar) युवाओं के बीच इतना लोकप्रिय हो रहा है।
इन्वेस्टमेंट के लिए शेयर मार्केट, युवाओं की पहली पसंद क्यों?
आजकल युवाओं की रुचि शेयर मार्केट में कुछ ज़्यादा ही है, इसके निम्न प्रमुख कारण हैं -
1. आर्थिक स्वतंत्रता की चाह
युवाओं में अपने भविष्य को लेकर जागरूकता बढ़ी है। आज का युवा वर्ग नौकरी के साथ-साथ अपनी वित्तीय स्वतंत्रता पर भी ध्यान दे रहा है। वे अब केवल नौकरी पर निर्भर नहीं रहना चाहते, बल्कि वे ऐसा स्रोत चाहते हैं जो उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता दिला सके।
शेयर मार्केट उन्हें अपनी आमदनी बढ़ाने और भविष्य की आर्थिक सुरक्षा की दिशा में मदद करता है। शेयर बाज़ार उन्हें निवेश के माध्यम से पैसों को बढ़ाने का एक सशक्त तरीक़ा प्रदान करता है। यह निवेश युवाओं को आर्थिक व मानसिक रूप से आत्मनिर्भरता की स्थिति में पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
2. डिजिटल प्लेटफॉर्म से आसान पहुँच
आजकल ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप्स और प्लेटफॉर्म्स (जैसे Angle One, Zerodha, Groww, Upstox आदि) की वजह से शेयर बाज़ार में निवेश करना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है। ये प्लेटफॉर्म्स यूज़र-फ्रेंडली हैं और निवेश की प्रक्रिया को बेहद आसान बना देते हैं। अब कोई भी व्यक्ति घर बैठे अपने मोबाइल या लैपटॉप से शेयर की ख़रीदी और बिक्री सकता है। आज की युवा पीढ़ी, जो तकनीकी रूप से काफी दक्ष है, इस सुविधा का पूरा लाभ उठा रही है।
3. कम पूंजी में निवेश की सुविधा
शेयर बाज़ार की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि यहां कम पूंजी में भी निवेश किया जा सकता है। पारंपरिक व्यवसायों में जहां लाखों की ज़रूरत होती है, वहीं शेयर मार्केट में कोई युवा मात्र ₹5000 से भी अपने निवेश की शुरुआत कर सकता है। इससे युवाओं को बिना किसी बड़े जोख़िम के शुरुआत करने का अवसर मिल जाता है।
4. उच्च रिटर्न की संभावना:
शेयर मार्केट में निवेश करने का सबसे बड़ा आकर्षण यह है कि यहाँ परंपरागत निवेश विकल्पों की तुलना में अधिक रिटर्न की संभावना होती है। सही जानकारी और रणनीति के आधार पर निवेश किया जाए तो कम समय में बहुत अच्छा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है।
बैंकों की एफडी, पीपीएफ जैसे पारंपरिक निवेश विकल्पों में मिलने वाला ब्याज अब उतना आकर्षक नहीं रहा। बल्कि बैंक एफडी या बचत खाते की तुलना में शेयर बाज़ार लंबी अवधि में अधिक रिटर्न दे सकता है। युवा वर्ग, जो जोख़िम लेने के लिए तैयार रहता है, उन्हें अधिक लाभ की संभावना आकर्षित करती है। यही कारण है कि लोग बेहतर रिटर्न के लिए शेयर मार्केट (share market) की ओर रुख़ कर रहे हैं।
5. वित्तीय शिक्षा और सोशल मीडिया का प्रभाव
वर्तमान समय में यूट्यूब, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बहुत सारे ऐसे वित्तीय विशेषज्ञ मौजूद हैं जो शेयर मार्केट के बारे में बेहतर जानकारी प्रदान करते हैं। अब इसे सीखने के लिए युवाओं को किसी दूरस्थ संस्थान में जाने की आवश्यकता नहीं है। और ना हि बहुत ज़्यादा पैसा ख़र्च करने की ज़रूरत है।
अब युवा, वेबिनार्स और ऑनलाइन कोर्सेज के माध्यम से ख़ुद को को प्रशिक्षित कर सकते हैं। इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों में भी अब फाइनेंशियल लिटरेसी पर ध्यान दिया जाने लगा है। अब इस तरह की शिक्षा उन्हें सही निर्णय लेने में मदद करती है।
6. स्वतंत्र निर्णय लेने की मानसिकता
आजकल नई पीढ़ी ख़ुद निर्णय लेना पसंद करती है। ये नई पीढ़ी अपने निवेश को मैनेज करने के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहती। हम यह कह सकते हैं कि अब युवा पीढ़ी वित्तीय साक्षरता को लेकर अधिक जागरूक हो गई है।
ऑनलाइन रिसर्च, आंकड़ों का विश्लेषण और कंपनी की रिपोर्ट पढ़ने की आदत उन्हें अपने निवेश पर नियंत्रण देती है। स्कूलों, सोशल मीडिया, यूट्यूब चैनलों और ब्लॉग्स के माध्यम से लोग शेयर बाज़ार के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है।
7. करियर के रूप में निवेश की संभावना
बहुत से युवा अब शेयर बाज़ार को एक कैरियर के विकल्प के रूप में भी देखने लगे हैं। आजकल स्टॉक एनालिस्ट, ट्रेडर, पोर्टफोलियो मैनेजर, रिसर्च एनालिस्ट जैसे क्षेत्रों में भी करियर की संभावनाएं बढ़ रही हैं। साथ ही, स्वतंत्र रूप से ट्रेडिंग और निवेश से भी एक अच्छा-ख़ासा व्यवसाय खड़ा किया जा सकता है।
8. वर्क-फ्रॉम-होम और फ्रीलांसिंग संस्कृति
आप तो जानते ही हैं कि कोविड-19 महामारी के बाद वर्क-फ्रॉम-होम और फ्रीलांसिंग संस्कृति में किस तरह इज़ाफ़ा हुआ है। इसका लाभ उठाते हुए कई युवाओं ने अपने ख़ाली समय में शेयर बाज़ार में निवेश करना शुरू किया। धीरे-धीरे यह आदत बनती गई और वे इस क्षेत्र में पारंगत होने लगे। अब तो। आलम यह है कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ गया और वे इसे एक वैकल्पिक आय के स्रोत के रूप में देखने लगे हैं। वैसे ये भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी बेहतर है।
9. लंबी अवधि की योजना
युवा अब भविष्य को लेकर अधिक जागरूक हो गए हैं। वे जान गए हैं कि अगर शुरुआत से ही निवेश किया जाए, तो रिटायरमेंट के समय बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है। SIP, म्यूचुअल फंड्स, और शेयरों में दीर्घकालिक निवेश की अवधारणाओं ने युवाओं को लुभाया है। यही दीर्घकालिक सोच उन्हें पारंपरिक निवेशकों से अलग बनाती है।
10. रोज़गार के अवसरों में कमी
कुछ युवाओं के लिए शेयर बाज़ार रोज़गार की कमी का विकल्प बन गया है। बढ़ती बेरोज़गारी, कॉर्पोरेट सेक्टर में अवसरों की सीमितता ने आज के दौर में युवाओं को वैकल्पिक आय के स्रोतों की तलाश करने के लिए मजबूर किया है। ऐसे में स्टॉक ट्रेडिंग, ऑप्शन ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग से युवाओं को बेहतर पैसा और आर्थिक स्वतंत्रता भी प्राप्त हो रही है। जिसकी चकाचौंध से अन्य युवा भी प्रेरित होते दिखाई देते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
शेयर बाज़ार युवाओं की पहली पसंद इसलिए बन रहा है क्योंकि यह उन्हें स्वतंत्रता, लचीलापन और आर्थिक रूप से सशक्त होने का बेहतर अवसर दे रहा है। आज के समय में इंटरनेट और मोबाइल एप्स ने इस क्षेत्र को उनकी पहुंच में ला दिया है और वित्तीय जानकारी की उपलब्धता ने उन्हें निवेश के लिए तैयार भी किया है। हालांकि, शेयर बाज़ार वित्तीय जोख़िमों से भरा होता है, लेकिन युवा वर्ग सही जानकारी, धैर्य, अनुशासन और समझदारी के साथ इसमें बेहतर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
इसके लिए सबसे पहले शहर मार्केट की बुनियादी जानकारी लें। IPO, ट्रेडिंग, निवेश, तकनीक सीखने के साथ साथ मौलिक विशेषण करना सीखें। नियमित रूप से न्यूज़ और एनालिसिस देखें। फ़िर आप अपनी सुविधानुसार शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म में निवेश कर सकते हैं। कंपनी की बेलेंस शीट, प्रॉफिट लॉस स्टेटमेंट और भविष्य की संभावनाओं का विश्लेषण किए जाने के बाद ही ट्रेडिंग का फैसला करें। ऐसा करने पर निश्चित रूप से आप शेयर बाज़ार से बेहतर रिटर्न ले सकते हैं। और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।
"- By Alok Khobragade"
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