शेयर बाज़ार में सफलता रातोंरात नहीं मिलती, बल्कि यह एक सतत सीखने और अनुभव से जुड़ी प्रक्रिया है। सही रणनीति अपनाकर और धैर्य रखते हुए आप इसे एक सफल बिज़नेस की तरह चला सकते हैं।
दोस्तों आज के दौर में शेयर मार्केट से पैसा कमाना तो सभी चाहते हैं लेकिन इस मार्केट में आने से पहले शेयर मार्केट के बारे में सीखना कोई नहीं चाहता। बस इसकी चकाचौंध भरी आभा से प्रभावित होकर, अपने सपनों को पूरा करने की चाह लिए लोग इस मायावी कुंड में एकाएक कूद पड़ते हैं।
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पर्याप्त एजुकेशन लिए बग़ैर उल्टा सीधा, ताबड़तोड़ पैसा कमाने के चक्कर में शेयर मार्केट में पैसा कमाने के बजाय अपना अधिकतम फंड खो बैठते हैं। दरअसल अधिकांश लोग इसे जुए की तरह ट्रीट करते हैं। ऐसे में ये कभी कभी बाज़ार से मुनाफ़ा कमा तो लेते हैं लेकिन बिना एजुकेशन के उनके लिए निरंतर मुनाफ़ा कमाना असंभव होता है। गैंबलिंग (जुआ) की तरह ट्रेडिंग करने से उनका मुनाफ़ा टिकाऊ न रहकर, नुक़सान में तब्दील हो जाता है।
शेयर बाज़ार को लेकर लोगों के मन में यह ग़लत धारणा रही है कि वह एक जुआ या सट्टा बाज़ार है।
यही कारण है कि फ़िर नुक़सान में पड़े लोग दूसरों के मन में शेयर बाज़ार को लेकर ग़लतफ़हमियां फैलाने का काम करते हैं। जैसे कि इसकी तुलना जुए से करने लगते हैं। हालांकि यह कहना ग़लत नहीं है कि शेयर मार्केट से आप अनलिमिटेड कमाई कर सकते हैं। इसमें आप अपने सपने आसानी से पूरे कर सकते हैं। इस लेख में हम शेयर मार्केट जुआ है या बिज़नस (share market jua hai ya business?) इन्हीं बातों पर चर्चा करने वाले हैं।
Table of Contents
शेयर मार्केट को जुआ क्यों समझा जाता है?
दरअसल शेयर बाज़ार में मुनाफ़ा कमाने वालों की संख्या बहुत कम है। जबकि नुक़सान झेलने वालों की संख्या बहुत ज़्यादा है। शायद इसलिए लोगों के मन में ये सोच घर करके बैठ चुकी है। कि शेयर मार्केट में लोग बर्बाद हो जाते हैं। अधिकतर लोग शेयर में निवेश करने के बाद फिक्स डिपॉजिट की तरह गारंटी चाहते हैं। लेकिन इस तरह की कोई गारंटी न मिलने पर मार्केट को नापसंद करते हैं।
इसका मुख्य कारण है हमारे देश में शेयर बाज़ार की शिक्षा का अभाव और शेयर मार्केट की सही जानकारी का न होना। दरअसल जुएं में आपके जीतने की संभावना 50% के बराबर होती है। यानि कि आपकी जीत आपकी क़िस्मत के भरोसे होती है। जबकि शेयर बाज़ार ठीक इसके विपरीत है। यहां पर लाभ अर्जित करने की संभावना आपकी समझ, ज्ञान और विश्लेषण पर निर्भर करती है।
समय से पहले और क़िस्मत से ज़्यादा केवल शेयर बाज़ार ही आपको दे सकता है, जुआ कदापि नहीं।
कुछ लोग शेयर बाज़ार को जुआ इसलिए मानते हैं क्योंकि :
1. अनिश्चितता : शेयर की क़ीमतें अचानक ऊपर-नीचे होती रहती हैं, जिससे निवेशकों का पैसा डूब सकता है।
2. लोग बिना ज्ञान के निवेश करते हैं : कई लोग बिना कंपनी की स्थिति का विश्लेषण किए पैसा लगाते हैं और नुकसान उठाते हैं।
3. शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग : कुछ लोग बहुत कम समय में अधिक पैसा कमाने के चक्कर में दिनभर ट्रेडिंग करते हैं, जो जुए की तरह लग सकता है।
4. जोख़िम अधिक होता है : यदि कोई व्यक्ति बिना रणनीति के ट्रेडिंग करता है, तो वह भारी नुकसान उठा सकता है, जैसा कि जुए में होता है।
5. भावनात्मक निवेश : लोग लालच या डर के कारण शेयर ख़रीदते और बेचते हैं, जिससे वे जुआरी की तरह व्यवहार करते हैं।
क्या शेयर मार्केट एक जुआ है? | Kya Share Market ek jua hai?)
यह सवाल अक्सर उन लोगों द्वारा पूछा जाता है, जो शेयर बाज़ार की दुनिया से अपरिचित होते हैं या जिनके मन में इसके बारे में कई भ्रांतियाँ और ग़लत धारणाएँ होती हैं। इस सवाल का जवाब देने से पहले आपके लिए यह समझना ज़्यादा ज़रूरी है कि शेयर बाज़ार और जुआ दोनों के बीच महत्वपूर्ण अंतर क्या हैं? तभी आप बेहतर समझ पाएंगे कि इन दोनों में से कौन सा अधिक जोख़म भरा है।
(i) जुआ क्या है?
जुआ एक ऐसी गतिविधि है जिसमें व्यक्ति अपने पैसे को दांव पर लगाता है, जहां उसका परिणाम पूरी तरह से भाग्य पर निर्भर करता है। इसमें न कोई योजना होती है और ना ही विश्लेषण। जैसे- लॉटरी, ताश के खेल, कैसीनो आदि।
(ii) व्यवसाय क्या है?
व्यवसाय एक संगठित प्रक्रिया है जिसमें निवेश, विश्लेषण, रणनीति और बाज़ार की समझ की आवश्यकता होती है। व्यवसाय में लाभ और हानि दोनों होते हैं, लेकिन एक कुशल व्यवसायी अपनी समझ और अनुभव से जोख़िम को कम करता है।
शेयर बाज़ार क्या है? (What is share market in hindi)
शेयर बाज़ार एक ऐसा ज़रिया है जिसमें सही मेहनत से विश्लेषण करके सीमित जोख़िम लेकर निवेश करने से, दुनिया में उपलब्ध किसी भी निवेश साधन की अपेक्षा बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सकता है। शेयर बाज़ार उस दवाई की तरह है जिसे लेने की मात्रा और समय अगर पता हो तो आपकी आर्थिक हालात बेहतर हो सकती है।
शेयर बाज़ार सिर्फ़ कंपनियों में निवेश करने का मौक़ा और ज़रिया है। शेयर बाज़ार में मेहनत और समझ से सही स्टॉक का चुनाव और उसका विश्लेषण करके आप जोख़िम को कम कर सकते हैं और लाभ कमा सकते हैं। जबकि यह सुविधा आपको जुए में बिल्कुल भी नहीं मिलेगी।
शेयर बाज़ार में निवेशक कंपनी में हिस्सेदार बनते हैं, वो हिस्सा भले ही वह कंपनी का बहुत छोटा हिस्सा हो। निवेशक जब चाहे अपने लॉस मेकिंग शेयर को बेचकर बाहर निकल सकता है। यदि कोई निवेशक चाहता है कि उसकी 95% पूँजी सुरक्षित रहे तो शेयर का प्राइस नीचे गिरने की दशा में वह 5% पर स्टॉपलॉस लगा सकता है। जिससे उसकी 95% रकम सुरक्षित हो सकेगी और वह इसे किसी दूसरे शेयर को ख़रीदने में लगा सकेगा। अब आप ही बता सकते हैं कि क्या जुए में आपको ऐसी सुविधा मिलती है?
शेयर मार्केट उस दवाई की तरह है जिसे लेने की मात्रा और समय अगर पता हो तो आपकी आर्थिक हालात बेहतर हो सकती है। पर अगर आपको "दवाई की मात्रा कितनी लेनी है" यही पता ना हो तो आप ज़्यादा दवाई ले कर अपनी आर्थिक हालात और ख़राब कर सकते हैं।
जुए और शेयर बाज़ार में एक ही समानता है कि यहां पर आप अपने निवेश का कई गुना लाभ कमा सकते हैं, परंतु जुए में जीतने की संभावना 50% के बराबर होती है, और आप की जीत आपकी क़िस्मत पर निर्भर करती है। जबकि शेयर बाज़ार इसके बिल्कुल विपरीत है यहां पर लाभ अर्जित करने की संभावना आपकी समझ, ज्ञान और विश्लेषण पर निर्भर करती है ना कि क़िस्मत पर।
शेयर मार्केट को बिज़नेस की तरह कैसे करें? | Share Market ko bussines ki tarah kaise kare?
शेयर बाज़ार में निवेश करने और व्यापार करने वाले कई लोग इसे एक लॉटरी या त्वरित धन कमाने का ज़रिया मानते हैं, लेकिन सफल निवेशक और ट्रेडर इसे एक व्यवस्थित बिज़नेस की तरह संचालित करते हैं। यदि आप भी शेयर बाज़ार को एक व्यवसाय की तरह चलाना चाहते हैं, तो आपको एक व्यवस्थित दृष्टिकोण, अनुशासन, रिस्क मैनेजमेंट और दीर्घकालिक दृष्टि अपनानी होगी।
इसके लिए आपको निम्नलिखित बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा -
1. मानसिकता (Mindset) बदलें
शेयर बाज़ार में सफल होने के लिए सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि यह एक व्यवसाय है, न कि सट्टा। बिज़नेस की तरह इसमें भी निवेश, रिस्क और मुनाफे का गणित काम करता है। अगर आप इसे गंभीरता से लेंगे और सही रणनीति अपनाएंगे, तो यह आपको अच्छा रिटर्न दे सकता है।
लॉन्ग-टर्म अप्रोच अपनाएं : सफल बिज़नेसमैन हमेशा लॉन्ग-टर्म के बारे में सोचते हैं। वे हर निर्णय को दीर्घकालिक लाभ के नज़रिए से लेते हैं।
इमोशनल डिसीजन न लें : बिज़नेस में भावनाओं के आधार पर फैसले लेने से नुक़सान होता है। शेयर बाज़ार में भी लालच और डर से बचकर लॉजिकल डिसीजन लें।
2. रिसर्च और शिक्षा (Research & Education)
कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले आपको उसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसी तरह, शेयर बाज़ार में निवेश या ट्रेडिंग करने से पहले आपको इसके मूलभूत सिद्धांतों को समझना होगा।
बेसिक कंसेप्ट सीखें : शेयर, इंडेक्स, फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस, मार्केट साइकल, सप्लाई और डिमांड जैसी चीज़ों को समझें।
कंपनियों का विश्लेषण करें : जिस कंपनी में निवेश करना चाहते हैं, उसके फाइनेंशियल स्टेटमेंट, बैलेंस शीट, प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट, डेब्ट-इक्विटी रेशियो आदि को समझें।
मार्केट ट्रेंड्स को पढ़ें : स्टॉक मार्केट में तेजी और मंदी के ट्रेंड को पहचानना जरूरी है। इसके लिए आप टेक्निकल एनालिसिस और चार्ट पैटर्न की मदद ले सकते हैं।
3. एक बिजनेस प्लान तैयार करें (Make a Business Plan)
हर सफल व्यवसाय की शुरुआत एक ठोस बिज़नेस प्लान से होती है। शेयर बाज़ार के लिए भी आपको एक रणनीति बनानी होगी, जिसमें निम्नलिखित चीज़ें शामिल होनी चाहिए:
निवेश का उद्देश्य : आपका लक्ष्य लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट है या शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग? उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए।
कैपिटल का निर्धारण : कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं, और कितना रिस्क उठा सकते हैं? यह स्पष्ट होना चाहिए।
रिस्क मैनेजमेंट : स्टॉप-लॉस और पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन जैसी रणनीतियाँ अपनाएं।
रिटर्न की अपेक्षा : औसतन कितने प्रतिशत रिटर्न की उम्मीद कर रहे हैं? यह आपको स्पष्ट होना चाहिए।
4. पूंजी प्रबंधन (Capital Management)
कोई भी बिज़नेस तभी सफल होता है जब पूंजी का सही ढंग से प्रबंधन किया जाए। शेयर बाज़ार में भी पूंजी प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है।
रिस्क-रिवार्ड रेशियो : किसी भी ट्रेड में रिस्क और संभावित रिटर्न का मूल्यांकन करें।
डाइवर्सिफिकेशन : अपने पूरे पैसे को एक ही स्टॉक में न लगाएं। अलग-अलग सेक्टर्स और एसेट क्लास में निवेश करें।
स्टॉप-लॉस और ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस : नुक़सान को सीमित करने के लिए स्टॉप-लॉस सेट करें।
5. लॉन्ग-टर्म बनाम शॉर्ट-टर्म अप्रोच
लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट : यह उन लोगों के लिए अच्छा है जो कम जोख़िम और स्थिर रिटर्न चाहते हैं। इसलिए फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करें। कंपाउंडिंग के जरिए लंबे समय में शानदार रिटर्न मिलता है।
शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग : इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग और ऑप्शन ट्रेडिंग जैसी रणनीतियों का उपयोग किया जाता है। इसमें अधिक रिस्क होता है, लेकिन सही प्लानिंग से मुनाफा कमाया जा सकता है।
6. टेक्नोलॉजी और टूल्स का इस्तेमाल करें
हर व्यवसाय में आधुनिक तकनीक का उपयोग सफलता की कुंजी होता है। शेयर बाज़ार में भी आपको विभिन्न टूल्स और प्लेटफॉर्म का उपयोग करना चाहिए।
ब्रोकर और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म चुनें : जैसे Zerodha, Upstox, Angel One आदि।
डाटा एनालिटिक्स टूल : स्टॉक एनालिसिस के लिए TradingView, Moneycontrol, या Screener.in जैसी वेबसाइट का उपयोग करें।
न्यूज सोर्स : Bloomberg, CNBC, Economic Times से अपडेट रहें।
7. अनुशासन और धैर्य बनाए रखें
हर सफल व्यवसाय धैर्य और अनुशासन पर टिका होता है। लालच और डर के कारण जल्दबाजी में निर्णय न लें। मार्केट में उतार-चढ़ाव को स्वीकार करें और घबराहट में गलत निर्णय लेने से बचें।
8. नियमित समीक्षा करें (Regular Review & Improvement)
हर बिज़नेस में समय-समय पर प्रदर्शन की समीक्षा की जाती है ताकि सुधार किया जा सके। शेयर मार्केट में भी आपको अपने निवेश और ट्रेडिंग रणनीति का विश्लेषण करना चाहिए।
पोर्टफोलियो की समीक्षा करें : हर महीने या तिमाही में अपने निवेश की समीक्षा करें।
ग़लतियों से सीखें : यदि कोई ट्रेड नुक़सान में गया, तो समझें कि ग़लती कहाँ हुई।
9. टैक्स और कानूनी पहलू समझें
शेयर बाज़ार में मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स लगइंट्राडे और डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग पर अलग तरह के टैक्स लगते हैं। सेबी (SEBI) और अन्य नियामक नियमों का पालन करें।
10. लगातार सीखते रहें और नए अवसर खोजें
शेयर बाज़ार में सफल होने के लिए लगातार सीखना और नए अवसरों की तलाश करना आवश्यक है।
मार्केट के नए सेक्टर्स पर नजर रखें। क्रिप्टो, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड्स जैसी अन्य एसेट क्लास पर भी ध्यान दें। मार्केट साइकोलॉजी और इंटरनेशनल ट्रेंड्स को समझें।
Disclaimer : शेयर बाज़ार में निवेश करना जोख़िम के अधीन है। उचित अनुसंधान और विशेषज्ञ की सलाह द्वारा सावधानी पूर्वक निवेश करें। ताकि आपका धन सुरक्षित रह सके।
निष्कर्ष (Conclusion)
शेयर बाज़ार अपने आप में कोई जुआ नहीं है, लेकिन इसे जुआ बनाने वाले लोग हैं। यदि कोई व्यक्ति बिना ज्ञान और योजना के निवेश करता है, तो वह जुआ खेल रहा होता है। वहीं यदि कोई पर्याप्त रिसर्च और रणनीति के साथ निवेश करता है, तो उसके लिए यह एक सफल व्यापार बन जाता है।
शेयर बाज़ार एक वैध और सुनियोजित आर्थिक गतिविधि है जो न केवल निवेशकों को बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ पहुंचाती है। इसलिए यह कहना उचित होगा कि शेयर बाज़ार जुआ नहीं, बल्कि एक व्यवसाय है– बशर्ते कि इसे सही तरीक़े से किया जाए।
शेयर बाज़ार को एक व्यवसाय की तरह चलाने के लिए सही मानसिकता, रिसर्च, रणनीति, पूंजी प्रबंधन और अनुशासन की आवश्यकता होती है। अगर आप इसे गंभीरता से लेते हैं और सही दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो यह आपको दीर्घकालिक धन निर्माण में निश्चित रूप से मदद कर सकता है।
" - By Alok Khobragade"
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