बच्चों को तपती गर्मी से कैसे बचाएं? जानिए 10 आसान टिप्स | गर्मी के दिनों में बच्चों का कैसे रखें ध्यान

गर्मी में बच्चों का किस तरह रखें ध्यान | गर्मी के मौसम में बच्चों की देखभाल कैसे करें | तपती गर्मी में बच्चों का कैसे रखें ध्यान?


                     

दोस्तों, गर्मियों के दिनों में भला कौन परेशान नहीं होता। गर्मियों की तपिश में इंसान तो क्या पशु पक्षियों का भी हाल बेहाल हो जाता है। बस ये समझ लीजिए कि कहीं पानी की त्राहि-त्राहि तो कहीं लू के थपेड़े। मानो आसमान आग उगल रहा हो। सचमुच सबसे ज़्यादा परेशानी का सामना इस धरती पर गर्मी के दिनों में ही करना पड़ता है। तब तो दिल से यही आवाज़ निकल पड़ती है- 'हे भगवान! सब परेशानी दे मगर ऐसी गर्मी न दे..।' 

अब ज़रा सोचिए कि अगर ऐसी गर्मी में हम बड़ों का ये हाल होता है तो, भला छोटे बच्चों का क्या हाल होता होगा? इस लेख में आज हम गर्मियों में बच्चों की देखरेख कैसे करें (garmiyon me bachchon ki dekhrekh kaise kare) यह बताने वाले हैं।



गर्मियों में बच्चों की देखभाल कैसे करें | How to take care of kids in summer in hindi



गर्मियों में बच्चों की देखरेख करना ख़ुद से ज़्यादा ज़िम्मेदारी वाला कार्य होता है। गर्मियों के समय में बच्चों की देखभाल (garmiyon ke samay mein bachchon ki dekhbhal) हम निम्न तरीकों से कर सकते हैं-

(1) सही कपड़ों का चुनाव करें -
शिशुओं या बच्चों के लिए ऐसे कपड़ों का चुनाव करें जिन्हें पहनने के बाद बच्चों को आराम मिले। बच्चों को गर्मी के दिनों में ढीले ढाले और मुलायम कपड़े पहनने चाहिए।

(2) सूती कपड़े पहनाएं -
सिंथेटिक, फ़ाइबर जैसे कि नायलॉन, पॉलिस्टर, रेयान से बने कपड़ों देखने में भले ही अच्छे लगते हों लेकिन ऐसे कपड़े बच्चों को पहनाने से उनकी नाज़ुक त्वचा को तकलीफ़ ही होती है। सिंथेटिक या टेरीकॉट कपड़े गर्मी को बाहर नहीं होने देते जिस कारण घमौरी या रैशेज़ की समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं। इसलिए बच्चों को गर्मियों में सूती (cotton) और मुलायम कपड़े ही पहनना चाहिए। क्योंकि सूती कपड़े बड़ी ही आसानी से पसीना सोख लेते हैं। 

(3) पाउडर का इस्तेमाल ज़्यादा न करें -
ज़्यादातर पेरेंट्स को यही लगता है कि गरमियों में बच्चों को ज़्यादा से ज़्यादा टेलकम पाउडर लगाना चाहिए। लेकिन हम आपको बता दें कि बच्चों को ज़रूरत से ज़्यादा टेलकम पाउडर लगाने से उनकी त्वचा के रोम छिद्र बन्द हो जाते हैं। जिस कारण उनको स्किन की एलर्जी भी हो सकती है। 

(4) केमिकल फ्री साबुन या शैंपू का इस्तेमाल करें -
गर्मी हो या ठंडी, एक बात गांठ बांध कर रख लें कि बच्चों को हमेशा ही केमिकल फ्री साबुन अथवा शैंपू का इस्तेमाल करें। क्योंकि केमिकल युक्त साबुन या शैंपू बच्चों की त्वचा को फ़ायदा कम, नुक़सान ज़्यादा पहुंचाते हैं।

(5) बच्चों के आहार पर ध्यान रखें -
गर्मियों में बच्चों के आहार पर ध्यान देना सर्वोपरि है। उन्हें ज़्यादा तली भूनी चीज़ें खाने के लिए न दें। इससे बच्चों के पेट में परेशानी हो सकती है। उन्हें 1 कप उबला दूध दें। जब भी परिवार के साथ कहीं घूमने जाएं, साथ में घर से पका खाना लेकर न जाएं। बल्कि फल वगैरह लेकर जाएं। क्योंकि घर पर पका खाना गर्मी के दिनों में अक़्सर ख़राब हो जाया करता है।

(6) गर्मियों में पानी की पर्याप्त मात्रा दें -
गर्मियों में चूँकि पसीना बहुत आता है। जिस कारण बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। इसीलिए जितना हो सके पानी की कमी न होने दें। बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दें। बच्चों को कम से कम 300 से 350 ग्राम पानी ज़रूर पिलाएं। गर्मी में दोपहर के समय बच्चों को घर के बाहर न जाने दें। बच्चों को सुबह शाम टहलाने लेकर ज़रूर जाएं।

(7) गर्मियों में त्वचा संबंधी सावधानी बरतें -
अति गर्मी की वजह से बच्चों के चेहरे, हाथ, गर्दन पर लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं। ऐसी परिस्थिति में बच्चों को गुनगुने पानी से नहलाएं। बच्चों की त्वचा बहुत नाज़ुक होती है। इसिलए ध्यान रहे, उन्हें नहलाते समय हल्के साबुन का इस्तेमाल करें। बच्चों को डायपर तभी पहनाएं जब अति आवश्यक हो वर्ना न पहनाएं। क्योंकि गर्मी में डायपर से भी लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। बच्चों को टाइट अथवा तंग कपड़े पहनने से बचें।

(8) बच्चों के कमरे का तापमान नार्मल ही रखें -
यदि आपके घर में एसी (वातानुकूलन) का इस्तेमाल किया जाता है। तो ध्यान रखें कि बच्चों के कमरे का तापमान नार्मल ही हो, ज़्यादा ठंडा या गरम ना हो। ताकि उनके शरीर को बाहर के तापमान से एडजस्ट करने में ज़्यादा परेशानी का सामना न करना पड़े। क्योंकि बच्चे अक़्सर एक ही जगह बैठे नहीं रहते, उनका इधर उधर घूमना फिरना, खेलना कूदना अनवरत चलता ही रहता है।

(9) तेज़ धूप में ज़्यादा न घूमने दें -
बच्चे ज़्यादातर इधर उधर खेलते रहते हैं। ध्यान रखें कि उन्हें बाहर तेज़ धूप में खेलने या घूमने फिरने न दें। हालांकि सुबह की हल्की धूप अवश्य लेने दें। इससे विटामिन डी प्राप्त होती है। यदि इमरजेंसी ना हो, तो गर्मियों में सुबह के 11 बजे से दोपहर 4 बजे के बीच बच्चों को धूप में निकलने से मना करें। क्योंकि इस समय में बच्चों को लू लगने की संभावना सबसे अधिक होती है।

(10) कीड़ों, मच्छरों से बच्चों को बचाएं -
बच्चों को मच्छरों से बचने के लिए तमाम उपाय पहले से ही कर लें। रूम में स्प्रे का इंतज़ाम कर लें। यदि कमरे में कूलर चलते हो तो समय-समय पर कूलर का पानी बदलते रहें। घर के आस पास और बच्चों के रूम में पुराना ठहरा पानी न रहे, इस बात का विशेष ध्यान रखें। ऐसा करने से मच्छरों की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं होती है।

गर्मियों में बच्चों का ध्यान (garmiyon me bachchon ka dhyan) रखने की ज़्यादा ज़रूरत पड़ती है। क्योंकि गर्मियों में ही बच्चों के बीमार होने की संभावना ज्यादा होती है। आप इस लेख में दी गयी बातों का ध्यान रखेंगे तो निश्चित रूप से चिलचिलाती गर्मियों में बच्चों की उचित देखभाल (garmiyon me bachchon ki uchit dekhbhal) कर सकेंगे। फ़िर भी यदि बच्चे किसी समस्या से ग्रसित होते हैं तो फ़ौरन डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।


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