भारत का यूपीआई अब मालदीप पहुंचने वाला है। आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में होने वाले कुछ रियल टाइम डिजिटल भुगतामों में से लगभग 49% भुगतान भारत के यूपीआई से होते हैं। इस तरह रियल टाइम डिजिटल भुगतान में आज यह अमेरिका, चीन जैसे देशों से भी कहीं आगे आकर ग्लोबल लीडर बन गया है।
दोस्तों भारत का UPI आज विश्व में क्या महत्व रखता है इस पर चर्चा करने से पहले हम यह जान लेते हैं कि ये यूपीआई आईडी क्या है (UPI id kya hai?) और साथ ही यूपीआई का फुल फॉर्म (UPI ka full form kya hai?) भी जान लेते हैं? ताकि हमारे पाठकों को इसके पहले UPI की सामान्य जानकारी प्राप्त हो सके।
दोस्तों यूपीआई का फुल फार्म Unified Payment Interface (UPI) होता है। UPI की शुरुआत 11 अप्रैल 2016 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा की गई थी। यह 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित एक भारतीय त्वरित भुगतान प्रणाली है।
UPI एक ऐसा सिस्टम है जिससे तुरंत पेमेंट किया जाता है। इसकी मदद से, मोबाइल के द्वारा दो पक्ष, एक-दूसरे को सीधे अपने बैंक से पैसे ट्रांसफ़र कर सकते हैं। यदि आप Google Pay से अपना बैंक खाता जोड़ना चाहते हैं तो इसके लिए आपके बैंक में UPI की सुविधा होना ज़रूरी है।
UPI उपयोगकर्ता बनने के लिए आपको सबसे पहले यूनिक आइडेंटिफ़ायर बनाना होगा, जिसे UPI आईडी कहा जाता है। यह आपके बैंक खाते से जुड़ा होता है। इसकी मदद से, बैंक खाते से आसानी से पैसे भेजे और पाए जा सकते हैं। इसके लिए, आपको अपना खाता नंबर या अन्य जानकारी शेयर करने की कोई ज़रूरत नहीं होती है।
Google Pay के साथ, पेमेंट की सेवा देने वाले बैंकों के ज़रिए आपका UPI आईडी बनाया जाता है, जैसे कि SBI, HDFC, Axis, ICICI आदि बैंक आजकल यह सुविधा प्रदान करते हैं। तो चलिए अब जानते हैं कि Indian UPI कैसे दुनिया पर राज कर रहा है?
Table of Contents :3. FAQ :
UPI कैसे बना ग्लोबल लीडर? (How UPI became a global leader in hindi)
आपका मोबाइल ही आपका पर्स या वॉलेट बन जाएगा, आज से क़रीब एक दशक पहले तक आम आदमी के लिए यह सिर्फ़ एक कल्पना थी। लेकिन फ़िर 2016 में यूपीआई यानि यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की लॉन्चिंग ने इसे संभव कर दिखाया। हालांकि कई मामलों में नोटबंदी को नकारात्मक असर के लिए याद किया जाता है। लेकिन कम से कम यूपीआई (UPI) के लिए यह क़दम एक तरह से वरदान बन गया। अब 1 रुपए से लेकर हज़ारों रुपए के पेमेंट करने के लिए यूपीआई का इस्तेमाल किया जाने लगा है। डिजिटल लेन-देन के आंकड़ों में भारत 117.6 अरब ट्रांजैक्शन के साथ आज दुनिया का नंबर वन देश बना हुआ है।
साल 2021 में यूपीआई पहली बार देश की सीमाओं को पार करके भूटान गया था। भारत और भूटान के बाद फ्रांस ने 2 फरवरी 2024 को UPI (यूपीआई) को अपनाया। NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और लाइरा ने फ्रांस में UPI अपनाने की घोषणा कर दी। भूटान, UAE, मलेशिया, सिंगापुर और अन्य देशों में पहल के साथ भारत के UPI ने आज के समय में वैश्विक स्तर पर लोकप्रियता हासिल की है। और तो और भारतीय UPI अब यूरोप, जापान और अमेरिका जैसे क्षेत्रों तक फैल चुका है। जो सीमा पार लेनदेन को निसंदेह बढ़ावा देता है।
अब तो भारत और मालदीव के बीच UPI शुरू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए है। निश्चित तौर पर इसका सीधा प्रभाव पर्यटन के क्षेत्र पर दिखाई देगा। विदेशों के द्वारा UPI अपनाने का सबसे बड़ा प्रभाव देश विदेश के पर्यटन स्थलों में आने जाने वाले लोगों पर पड़ा है। जिन्हें अब UPI लेनदेन शुरू होने से विदेशों में घूमना और ख़रीदी करना आसान लगने लगा है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अगस्त 2023 में, UPI ने 10.5 बिलियन लेनदेन दर्ज किए, जिनकी कुल राशि ₹15.7 लाख करोड़ थी, जो कि डिजिटल भुगतान में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है।
यूपीआई की सफ़लता का अंदाज़ा आप सिर्फ़ इस बात से लगा सकते हैं कि अगर आज कोई भारतीय, फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित विश्व प्रसिद्ध एफिल टावर को देखना चाहता है तो इसकी ऑनलाइन टिकट भी वह यूपीआई से ख़रीद सकता है। यह सचमुच भारत के लिए गौरव की बात है।
UPI की सफलता के क्या कारण हैं?
यूपीआई (UPI) की सफ़लता के पीछे हमें ये 4 कारण प्रमुखतया दिखाई पड़ते हैं -
1. स्मार्टफ़ोन यूजर्स की संख्या में इज़ाफ़ा
यूपीआई की सफलता की एक मुख्य वजह भारत में सस्ते और आसानी से मिलने वाले स्मार्टफ़ोन हैं। 2016 में भारत में स्मार्टफ़ोन यूजर्स की संख्या 30 करोड़ थी। उस समय देश ने डिजिटल तकनीक और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को अपनाना शुरू ही किया था। अब 2024 में भारत में स्मार्टफ़ोन यूजर्स की संख्या 60 करोड़ से भी अधिक हो गई है, यानि पिछले 8 सालों में स्मार्टफोन यूजर्स दोगुने हो चुके हैं। जिसका सीधा असर यूपीआई की प्रगति पर पड़ा है।
दैनिक जीवन में बड़ी ही आसानी से सिर्फ़ एक बटन के स्पर्श मात्र से कैशलेस लेन-देन करना, सचमुच UPI ने लेनदेन को एकदम आसान बना दिया है। इसलिए आज सरल, सुरक्षित मोबाइल आधारित भुगतान प्रणाली, डिजिटल भुगतान के लिए सबसे प्रमुख पसंद बन चुकी है।
2. ढेर सारे यूपीआई एप्स के आने से स्टार्टअप बूम
साल 2016 में यूपीआई के शुरू होने के बाद से भारत में 50 से भी ज़्यादा यूपीआई एप्स आ गए। इससे डिजिटल पेमेंट का सिस्टम और भी मज़बूत हुआ है। पेटीएम, फोन-पे और भारत-पे जैसी बड़ी कंपनियां इस काम में सबसे आगे हैं। हालांकि भारत-पे ने तो डिजिटल पेमेंट के मार्केट को बदल कर रख दिया था। उसने दुकानदारों से पेमेंट लेने के पैसे नहीं लिए, जिस कारण बहुत सारे छोटे दुकानदारों ने भी डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
3. इंटरनेट का सस्ता होना
2016 से जियो (jio) ने तेज़ गति की इंटरनेट सेवा दी और वह भी बेहद सस्ते दामों पर। पहले 1 जीबी डेटा के लिए लगभग 225 रुपए खर्च करने पड़ते थे, जो 2023 में सिर्फ 15 रुपए हो गया। 2015 तक भारतीय महीने में औसतन 700mb + डाटा इस्तेमाल करते थे, लेकिन 2023 तक ये बढ़कर औसतन 21.4 GB प्रति महीना हो गया। जिसका सबसे ज़्यादा फ़ायदा यूपीआई को मिला। सामान्य तौर पर देखा जाए तो अगस्त 2016 में यूपीआई के ज़रिए सिर्फ 93 हज़ार पेमेंट हुए थे, वहीं साल 2023 के आते आते 11,765 करोड़ से भी ज़्यादा पेमेंट हुए। वाकई इंटरनेट का सस्ता होना, डिजिटल लेनदेन में ज़बरदस्त प्रोग्रेस का कारण बना।
4. नोटबंदी की वजह से डिजिटल पेमेंट्स में बढ़ोत्तरी
वर्ष 2016 में 8 नवंबर को भारत सरकार ने 500 और 1000 रुपए के नोट चलन से वापस ले लिए थे। जिस कारण कई दिनों तक बाज़ार में नकदी की कमी रही। नोटबंदी को लेकर तमाम बहस के बावजूद यह कह सकते हैं कि इससे यूपीआई को बेहद फ़ायदा हुआ। पहले तो मजबूरी में लोगों ने डिजिटल पेमेंट करना शुरू किया। लेकिन फ़िर धीरे धीरे डिजिटल पेमेंट (UPI Payment) करने की आदत बन गई। इससे यूपीआई के ज़रिए होने वाले पेमेंट 33 गुना हो गए। नवंबर 2016 में जहां सिर्फ़ 45 लाख पेमेंट हुए थे, वहीं दिसंबर 2017 तक ये बढ़कर 15.18 करोड़ हो गए। और वर्तमान आंकड़े क्या होंगे आप आसानी से अंदाज़ा लगा सकते हैं।
UPI में जोड़े गए कई नए नए फीचर्स
कुणाल कलावातिया, चीफ़ ऑफ प्रोडक्ट, NPCI नई दिल्ली की मानें तो, UPI में लोगों की ज़रूरतों को देखते हुए नए नए प्रकार के फीचर्स भी शामिल किए गए, जिसके चलते यूपीआई को शिखर तक पहुंचाने में आसानी हुई। आइए जानते हैं कि इन नए नए फीचर्स के आने से UPI की सर्विस में क्या नए नए बदलाव देखने मिले।
1. फीचर फ़ोन यूजर्स के लिए भी बेहद उपयोगी
भारत में लोगों की ज़रूरतों के हिसाब से यूपीआई भी अपने आप में बदलाव करते हुए और भी नई नई सुविधाएं जोड़ रहा है। उदाहरण के लिए यूपीआई ने हाल ही में हेलो यूपीआई नामक फीचर शुरू किया। इसमें यूजर्स यूपीआई को वॉइस कमांड देकर अपना पेमेंट कर सकते हैं। इसका फ़ायदा यह हुआ कि जो लोग टेक्नोलॉजी में दक्ष नहीं हैं, वो भी अब यूपीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं।
दूसरा ज़रूरी फीचर है यूपीआई लाइट एक्स। इसकी मदद से इंटरनेट के बिना भी यूजर्स पैसे भेज सकते हैं। वहीं यूपीआई के '123 पे' फीचर के ज़रिए यूजर्स फीचर फ़ोन से भी यूपीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये सभी फीचर्स यूपीआई को सर्वश्रेष्ठ और सबसे अलग बनाते हैं।
2. UPI से विदेशी लेन-देन भी हुआ संभव
आजकल भारत से विदेश घूमने जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में यूपीआई का आसान और जाना-पहचाना तरीक़ा विदेशों में भी काम आ रहा है। UPI का इस्तेमाल करने वाले सात देशों के दुकानदार तो यूपीआई डिजिटल पेमेंट लेना पसंद करते हैं। अब भारत से बाहर रहने वाले भारतीय (NRI) अपने विदेशी मोबाइल नंबर को भारतीय बैंक के खातों से जोड़कर यूपीआई से पेमेंट कर सकते हैं साथ ही विदेशी लोग भी भारत आने पर 'यूपीआई वन वर्ल्ड' एप से यूपीआई का इस्तेमाल कर पेमेंट कर सकते हैं।
3. यूपीआई से व्यापारियों को फ़ायदा
यूपीआई से व्यापारियों को फ़ायदा होता है, चाहे वे ऑनलाइन काम करते हों या ऑफलाइन दुकानदारी चलते हों। पहले छोटे व्यापारियों के पास ऑनलाइन पेमेंट लेने का कोई साधन नहीं होता था। उन दिनों बड़ी दुकानों में कार्ड स्वैप के ज़रिए पेमेंट करने का विकल्प ज़रूर था। लेकिन यह विकल्प, व्यापारियों के लिए महंगा होता था। यूपीआई क्यूआर कोड (UPI QR Code) के आने से व्यापारियों की यह समस्या आसानी से सुलझ गई। आज सब्ज़ी वाले से लेकर बड़े शोरूम तक में यूपीआई के क्यूआर कोड उपलब्ध होते हैं। क्यूआर कोड के ज़रिए यूपीआई पेमेंट करना, छोटे बड़े सभी व्यापारियों के लिए सस्ता और आसान पेमेंट का माध्यम साबित हुआ है।
4. भारत में हर पांचवा व्यक्ति करने लगा है यूपीआई का इस्तेमाल
भारत में आए कुछ सालों में डिजिटल लेनदेन का आलम यह है कि अब तो भारत में हर पांचवा व्यक्ति यूपीआई से लेनदेन करना पसंद करता है। उसे अब एटीएम से पैसा निकालकर ख़रीदी करना बोरियत भरा काम लगता है। शायद यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में डिजिटल लेनदेन के मामले में भारत नंबर 1 पर आ चुका है।
आइए कुछ विशेष आंकड़ों पर नज़र डालते हैं जिन्हें देखने के बाद सहर्ष ही आप डिजिटल युग में UPI के परचम का अंदाज़ा लगा सकते है। ये आंकड़े निम्न हैं।
• डिजिटल लेनदेन में भारत सबसे आगे (ट्रांजेक्शन के आंकड़े 2022 तक)
डिजीटल लेनदेन वाले देश | ट्रांजेक्शन (अरब में) |
---|---|
1. भारत | 89.5 |
2. ब्राज़ील | 29.2 |
3. चीन | 17.6 |
4. थाइलैंड | 16.5 |
5. द. कोरिया | 8 |
• यूपीआई पेमेंट एक नज़र में -
182 करोड़ रुपए का यूपीआई लेनदेन
35 करोड़ यूजर्स हैं
605 बैंक यूपीआई सेवा दे रहे हैं
7 देशों में यूपीआई सेवाएं उपलब्ध हैं
• यूपीआई से लेनदेन करने वाले सबसे बड़े 5 बैंक,
UPI लेनदेन वाले बड़े बैंक | लेनदेन (करोड़ में) |
---|---|
1. SBI Bank | 393.2 |
2. HDFC Bank | 121.4 |
3. Bank of Baroda | 95.4 |
4. Union Bank | 90.5 |
5. PNB Bank | 83.7 |
• भारत के टॉप यूपीआई ऐप्स,
यूपीआई ऐप्स | यूपीआई से लेनदेन (प्रतिशत में) |
---|---|
1. फ़ोन पे | 48.6% |
2. गूगल पे | 37% |
3. पेटीएम | 08% |
4. अन्य | 6.4% |
(Source : NPCI)
भारत सरकार ने सीमा पार लेन-देन को आसान बनाने के लिए अपने डिजिटल भुगतान के ढांचे को, ख़ास तौर पर यूपीआई के इस्तेमाल (UPI ka istemal) को लगातार बढ़ावा दिया है। इस तरह की पहल करने का उद्देश्य, फंड ट्रांसफर और धन प्रेषण भुगतान से जुड़े खर्चों को कम करना है।
उम्मीद है यूपीआई के बारे में दिलचस्प जानकारी से भरा यह लेख आपको ज़रूर पसंद आया होगा। इस लेख को पढ़कर आप यह जान चुके होंगे कि UPI के बढ़ते क्रेज के पीछे क्या कारण रहे हैं। और किन किन बदलावों के चलते भारत का UPI विश्व में नंबर 1 बन चुका है।
"- Written by Alok"
FAQ :
Q 1. भारत के UPI को अपनाकर डिजिटल पेमेंट करने वाला सबसे पहला देश कौन सा है?
Ans : भारत के UPI को अपनाकर भूटान, UPI से पेमेंट करने वाला पहला देश बन गया है। भूटान में भीम-एप का इस्तेमाल भी विशेष तौर पर किया जाता है।
Q 2. यूपीआई का जनक कौन है?
Ans : यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface) की शुरुआत 11 अप्रैल 2016 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा की गई थी। यह 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित एक भारतीय त्वरित भुगतान प्रणाली और प्रोटोकॉल है।
Q 3. भारत में डिजिटल पेमेंट के लिए नंबर 1 यूपीआई ऐप कौन सा है?
Ans : PhonePe भारत में सबसे लोकप्रिय UPI ऐप है। भारतीय यूजर्स ऑनलाइन मोबाइल पेमेंट करने के लिए इस ऐप का सबसे ज़्यादा उपयोग करते हैं। यह न सिर्फ यूपीआई भुगतान के लिए है, बल्कि रिचार्ज, ऑनलाइन बिल पेमेंट, फूड ऑर्डर करने और ख़रीदारी के लिए भी उपयोग किया जाता है।
Q 4. भारत का यूपीआई कितने देशों में चलता है?
Ans : ग्लोबल पेमेंट सिस्टम बना भारत का यूपीआई
अब भारत का यह पेमेंट सिस्टम सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि सात अन्य देशों में भी काम करता है। भारत का UPI अब ग्लोबल पेमेंट सिस्टम नम्बर 1 बन चुका है।
Q 5. UPI ID कितने अंक का होता है?
Ans : UPI नंबर, आपका फ़ोन नंबर या 8 से 10 अंकों वाला कोई ऐसा आईडी हो सकता है जिसे आपने चुना है। UPI नंबर, Google Pay का ऐसा एक्सटेंशन है जिसमें फ़ोन नंबर का इस्तेमाल होता है. यह सुविधा आपको अपने UPI ऐप्लिकेशन में दी जाती है।
Q 6. भारत में कितने यूपीआई हैं?
Ans : अप्रैल 2016 में 21 बैंकों से शुरू होकर, अब अप्रैल 2020 तक UPI प्लेटफॉर्म से जुड़े बैंकों की कुल संख्या 216 तक पहुंच चुकी है।
Q 7. भारत में कौन सा यूपीआई सुरक्षित है?
Ans : भारत के सबसे सुरक्षित UPI भुगतान ऐप के अंतर्गत PhonePe, GooglePay, Paytm, Bhim UPI और Amazon pay को सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। दरअसल इन ऐप्स में मज़बूत सुरक्षा सुविधाएँ दी गई हैं। इसलिए यूपीआई लेनदेन के मामले में इनकी विश्वसनीयता के कारण उपयोगकर्ता इन पर ज़्यादा भरोसा करते हैं।
Q 8. क्या विदेशी भारत में UPI का उपयोग कर सकते हैं?
Ans : भारत के विशिष्ट डिजिटल भुगतान प्रणाली, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के उपयोग का और भी विस्तार करने के लिए अपने प्रयासों के तहत, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने सभी विदेशी पर्यटकों के लिए 'यूपीआई वन वर्ल्ड' वॉलेट शुरू किया है। इसके ज़रिए विदेश से भारत में आने वाले लोग भी डिजिटल पेमेंट (UPI Payment) का उपयोग कर सकते हैं।
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