मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों को मिलेंगे, हर महीने 4000 रुपए, साथ ही उनकी चिकित्सा और सुरक्षित भविष्य के लिए आर्थिक सहायता का ज़िम्मा।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना, मध्यप्रदेश सरकार की एक विशिष्ट योजना है जिसका ख़ास मक़सद है 18 साल से ज़्यादा उम्र के बच्चों की देखभाल करना, जो बाल देखभाल संस्थाओं से बाहर आने के बाद भी समाज में सफ़लतापूर्वक अपना जीवन जी सकें।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना Mukhyamantri Bal Ashirwad Yojana) क्या है?
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना (Mukhyamantri Bal Ashirwad Yojna) की शुरुआत कर दी गई है जो कि संपूर्ण मध्यप्रदेश में लागू कर दी गई है। इस योजना के द्वारा सरकार की तरफ़ से पात्र ग़रीब बच्चों को 4000 रुपए दिए जाएंगे इस योजना के लिए आवेदन फॉर्म शुरू हो चुके हैं।
सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना ग़रीब अनाथ बच्चों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं। इस योजना की शुरुआत, मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 23 अगस्त 2022 को की गई थी। इस योजना का संचालन वर्तमान में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत ऐसे बच्चे जिनके सर से माता-पिता का साया उठ गया है और वे मजबूरन अपने किसी रिश्तेदार या गार्जियन के साथ रहते हैं उन्हें सरकार की तरफ़ से हर महीने ₹4000 दिए जाते हैं।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत बेसहारा बच्चों के लिए निम्न दो उद्देश्य निर्धारित किए गए है -उद्देश्य (1) : 18 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे बच्चे जिन्होंने बाल देखरेख संस्थाओं को छोड़ दिया है। इन्हें (आफ्टरकेयर) आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग देकर समाज में पुनर्स्थापित करना।
उद्देश्य (2) : 18 वर्ष की आयु तक के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं, और अब ये अनाथ बच्चे किसी संबंधी या संरक्षक के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, इन्हें (स्पॉन्सरशिप) आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना।
चयन के मापदंड व सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया
इस योजना के तहत सहायता दो प्रकार से की जाएगी -
1. आफ्टरकेयर (aftercare)
2. स्पॉन्सरशिप (Sponsorship)
1. आफ्टरकेयर (aftercare) :
(a) पात्रता :
= आफ्टरकेयर योजना के अंतर्गत बाल देखरेख संस्था से मुक्त होने के वर्ष को शामिल करते हुए लगातार 5 वर्षों तक निवास कर रहे बच्चे पात्र होंगे।
= अनाथ व परित्यक्त बालक बालिकाओं की स्थिति में बाल देखरेख संस्थाओं में निवास हेतु आवश्यक अवधि संबंधी पात्रता में छूट दी जाएगी।
= दत्तक ग्रहण, फॉस्टर केयर का लाभ प्राप्त न हो रहा हो, किंतु बाल देखरेख संस्था में पुनः पुनर्वासित करवाया गया हो, तब फॉस्टर केयर में रहने की अवधि की भी गणना इस पात्रता अवधि में शामिल होगी।
= आफ्टर केयर के अंतर्गत दी जाने वाली आर्थिक सहायता बालक-बालिकाओं की इंटर्नशिप, व्यावसायिक प्रशिक्षण, उनकी शिक्षा हेतु निर्धारित समयावधि अथवा 24 वर्ष की आयु, जो भी लागू हो, तक प्रदान की जाएगी।
(b) आर्थिक सहायता :
बाल देखरेख से मुक्त हो चुके बालक बालिकाओं (केयर लीवर्स) को इस योजना के अंतर्गत निम्नानुसार सहायता प्राप्त होगी -
इंटर्नशिप - उद्योग विभाग द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त सूची के अनुसार माना जाए तो, केयर लीवर्स की योग्यता के अनुसार उन्हें औद्योगिक संस्थान या प्रतिष्ठान या प्रतिष्ठित संस्थाओं में इंटर्नशिप देकर उन्हीं संस्थाओं में यथासंभव रोज़गार उपलब्ध करवाया जायेगा।
केयर लीवर्स के इंटर्नशिप करने की अवधि के दौरान इस योजना के तहत 5,000 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी जो इंटर्नशिप की अवधि समाप्ति तक या अधिकतम एक वर्ष तक देय होगी। किंतु यह दी जाने वाली आर्थिक सहायता किसी भी दशा में 01 वर्ष से अधिक की अवधि के लिए नहीं होगी।
व्यावसायिक प्रशिक्षण - पॉलिटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई, पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों, नर्सिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री कौशल विकास आदि के तहत दी जाने वाली शासकीय संस्थाओं में व्यावसायिक प्रशिक्षण, संबंधित विभाग के द्वारा निःशुल्क प्रदाय किये जायेंगे।
केयर लीवर्स को व्यावसायिक प्रशिक्षण अवधि के दौरान इस योजना के तहत 5,000 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी जो उनके उस प्रशिक्षण की अवधि की समाप्ति तक या दो वर्ष तक देय होगी। किन्तु यह दी जाने वाली आर्थिक सहायता किसी भी दशा में 02 वर्ष से अधिक की अवधि के लिए नहीं होगी।
तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, आयुष शिक्षा एवं विधि शिक्षा सहायता - ऐसे केयर लीवर जो NEET, JEE या CLAT में प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर शासकीय/अशासकीय संस्थाओं में प्रवेश करने की इच्छा रखते हैं। उनकी अध्ययन अवधि के दौरान आर्थिक सहायता के तौर पर 5,000 रूपये से 8,000 रूपये तक आर्थिक सहायता प्रतिमाह प्रदान की जाएगी।
ऐसे केयर लिवर्स के संपूर्ण पाठ्यक्रम अवधि तक "फ़ीस नियामक आयोग" द्वारा निर्धारित फ़ीस राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी। केयर लीवर्स की श्रेणी का निर्धारण एवं उनकी प्रत्येक श्रेणी में अध्ययन अवधि के दौरान दी जा रही आर्थिक सहायता का निर्धारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की जाने वाली राज्य स्तरीय समिति द्वारा किया जायेगा।
2. स्पॉन्सरशिप (Sponsorship) :
(a) पात्रता :
मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी परिवार के 18 वर्ष से कम उम्र के ऐसे बच्चे, जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी हो और वे किसी रिश्तेदार अथवा संरक्षक की देखरेख में रह रहे हों। तथा जो मुख्यमंत्री कोविड 19 बाल सेवा योजना के तहत पात्र ना हों। ऐसे बच्चे इस योजना के अंतर्गत पात्र होंगे।
(b) आर्थिक सहायता :
ऐसे अनाथ बच्चे जो किसी रिश्तेदार या संरक्षक के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, इस योजना के तहत
इन बच्चों को निम्नानुसार सहायता प्राप्त होगी -
संरक्षक के खाते में सहयोग राशि - इस योजना के तहत पात्र पाए गये प्रत्येक बच्चे की देखभाल के लिए प्रतिमाह सहायता राशि दी जाएगी। यह सहायता राशि उस बच्चे या बच्चे के रिश्तेदार अथवा संरक्षक के संयुक्त खाते में जमा की जाएगी। इस सहायता राशि का उद्देश्य, उस बच्चे अथवा परिवार की आर्थिक समृद्धता में सुधार लाना होगा ताकि उस अनाथ बच्चे की परवरिश में कोई कमी न रहे।
इस योजना के तहत पात्र पाए गये प्रत्येक बच्चे को ₹4000 प्रतिमाह की सहायता राशि दी जाएगी जो न्यूनतम 1 वर्ष के लिए होगी। बच्चे या परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार न होने की दशा में इस अवधि को बढ़ाया जा सकेगा। किंतु 18 वर्ष की आयु के बाद या सहायता राशि नहीं दी जाएगी।
चिकित्सा सहायता - ऐसे अनाथ बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने हेतु, उसे उपयुक्त चिकित्सा सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। उसे चिकित्सा सहायता प्रदान किए जाने हेतु प्रत्येक बच्चे का आयुष्मान कार्ड, स्वयं स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाया जायेगा। ज़िला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाये जाने हेतु बच्चों की सूची सहित आवश्यक जानकारी, मुख्य ज़िला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर प्रेषित करवायी जायेगी।
आवेदन करने की प्रक्रिया, शुल्क एवं दस्तावेज
इस योजना के लिए कोई भी आवेदन शुल्क नहीं रखा गया है उम्मीदवार इसके लिए निशुल्क आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आधारकार्ड, मतदाता पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, बच्चे के माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र आदि आवश्यक दस्तावेज हो सकते हैं।
आप इस योजना की विस्तृत जानकारी आधिकारिक वेबसाइट https://scps.mp.gov.in/ पर प्राप्त कर सकते हैं एवं इस योजना का लाभ लेने के लिए ज़िला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
इसके अलावा इस योजना के लिए आप इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं सीधे तौर पर आप अपने सभी आवश्यक दस्तावेज सहित बाल आशीर्वाद पोर्टल पर जाकर आवेदन फॉर्म भर सकते हैं इसके अलावा अपने नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर भी आप आवेदन कर सकते हैं।
पोर्टल (portal)
इस योजना का लाभ लेने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित बाल आशीर्वाद पोर्टल www.scps.mp.gov.in पर प्राप्त किए जा सकते हैं। पोर्टल पर इसके आवेदन की प्रक्रिया निशुल्क होगी।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का लाभ लेने वाले इच्छुक पात्र बालक बालिकाएं इसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए यहां क्लिक कर इस योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त करें एवं पात्र बच्चों को इस सुनहरी योजना का लाभ दिलाएं।
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