मन के भटकाव को शांत करने के उपाय, मन को शांत करने के लिए टिप्स, (ways to calm your mind in hindi, how to keep your mind calm in hindi)
दोस्तों अक़्सर आपने यह महसूस किया होगा कि कभी आप काम कुछ कर रहे होते हैं और आपका ध्यान कहीं और होता है। ऐसे में न तो काम करने में मन लगता होगा और ना ही आप किसी एक चीज़ पर ध्यान केन्द्रित कर पाते होंगे। यह सब आपके जीवन में चल रही किसी घटना के कारण हो सकता है या ऐसे ही मन का भटकाव भी हो सकता है।
दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे मन में किसी न किसी तरह के विचार हमेशा चलते रहते हैं। मनुष्य का मन स्वाभाविक रूप से चंचल होता है। यह कभी शांत नहीं रहता है। यह एक क्षण में कहीं और तो अगले ही क्षण कहीं और भटक जाता है।
मन का यह भटकाव हमारे दैनिक जीवन में चिंता, तनाव और अनिश्चितता का कारण बनता है। इसे शांत करना न केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि हमारे जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाने के लिए बेहद ज़रूरी है।
मगर आप चिंता न करें, क्योंकि हम इस लेख के माध्यम से मन के भटकाव को शांत करने के कुछ ख़ास उपायों पर विस्तार से चर्चा करने वाले हैं। इन ख़ास उपायों की मदद से आपको मन में आने वाले बेतुके विचारों से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।
मन के भटकाव को शांत करने के बेस्ट तरीक़े | Best ways to calm your distracted mind in hindi
1. विचारों से दूर न भागें
विचार अच्छे हों या बुरे, ये तो सबके मन में आते हैं। अपने मन को शांत रखने का मतलब यह नहीं है कि हमें इनसे भागना है या ख़ुद को यह कहकर मनाना कि, अब से ऐसे विचार कभी मन में आने ही नहीं देंगे। बल्कि मन को शांत करने का मतलब है कि हम अपने मन के विचारों से परेशान न हों बल्कि इसे केवल एक मानसिक प्रक्रिया समझकर इस पर ज़्यादा ध्यान न दें।
विचार अच्छे हों या बुरे, ये तो सबके मन में आते हैं। अपने मन को शांत रखने का मतलब यह नहीं है कि हमें इनसे भागना है या ख़ुद को यह कहकर मनाना कि, अब से ऐसे विचार कभी मन में आने ही नहीं देंगे। बल्कि मन को शांत करने का मतलब है कि हम अपने मन के विचारों से परेशान न हों बल्कि इसे केवल एक मानसिक प्रक्रिया समझकर इस पर ज़्यादा ध्यान न दें।
अगर आप अपने दिमाग़ से इन्हें निकालने की कोशिश करेंगे तो आप कभी भी इन्हें अपने मन से नहीं निकाल पाएंगे। बल्कि ऐसे विचार आपके मन में लगातार आकर परेशान करते रहेंगे। ज़्यादातर यही होता है कि जिन चीज़ों को आप जितना ज़्यादा भूलने की कोशिश करते हैं वो उतनी ही ज़्यादा याद आती हैं।
2. योग व प्राणायाम करने की कोशिश करें
अगर आपके मन के विचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, तो समझिए आप अत्यंत तनाव के दौर से गुज़र रहे हैं। जब आपका मस्तिष्क तनाव ग्रस्त होता है तो आप शारीरिक तनाव से घिर जाते हैं। जिस कारण मानसिक थकावट के साथ साथ शारीरिक थकावट भी महसूस होती है। ऐसे में अपनी बॉडी और माइंड को डीस्ट्रेस करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है योग और प्राणायाम करना। आप चाहें तो अपना मनपसंद कोई भी खेल खेल सकते हैं।
अगर आपके मन के विचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, तो समझिए आप अत्यंत तनाव के दौर से गुज़र रहे हैं। जब आपका मस्तिष्क तनाव ग्रस्त होता है तो आप शारीरिक तनाव से घिर जाते हैं। जिस कारण मानसिक थकावट के साथ साथ शारीरिक थकावट भी महसूस होती है। ऐसे में अपनी बॉडी और माइंड को डीस्ट्रेस करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है योग और प्राणायाम करना। आप चाहें तो अपना मनपसंद कोई भी खेल खेल सकते हैं।
3. ध्यान करने की कोशिश करें
ध्यान (मेडिटेशन) करना भी, मन को स्थिर और शांत करने का सबसे प्रभावी तरीक़ा हो सकता है। ध्यान के दौरान हम अपने विचारों को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं और वर्तमान क्षण में जीना सीखते हैं। ध्यान के माध्यम से हम अपनी चेतना को उच्च स्तर तक पहुंचा सकते हैं।
ध्यान (मेडिटेशन) करना भी, मन को स्थिर और शांत करने का सबसे प्रभावी तरीक़ा हो सकता है। ध्यान के दौरान हम अपने विचारों को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं और वर्तमान क्षण में जीना सीखते हैं। ध्यान के माध्यम से हम अपनी चेतना को उच्च स्तर तक पहुंचा सकते हैं।
किसी शांत वातावरण में बैठें और गहरी सांस लें। ऐसे ही अपनी हर सांस पर आंखें बंद करके ध्यान केन्द्रित करने की कोशिश करें। यह एक बेहद आसान प्रक्रिया है, आपको इसके अच्छे परिणाम सिर्फ नियमित करने से ही मिलेंगे। इसलिए इसे नियमित रूप से अपनाने की कोशिश करें।
4. अध्यात्म और प्रार्थना
आज के आपाधापी भरे समय में आध्यात्मिकता, मन के भटकाव को दूर करने का एक प्रभावी माध्यम है। प्रार्थना और धार्मिक गतिविधियां मन को स्थिरता और शांति प्रदान करती हैं। इसके लिए समय निकालकर आप अपने इष्ट देवता की प्रार्थना करें। धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करें। किसी सच्चे गुरु या आध्यात्मिक मार्गदर्शक से मार्गदर्शन भी ले सकते हैं।
आज के आपाधापी भरे समय में आध्यात्मिकता, मन के भटकाव को दूर करने का एक प्रभावी माध्यम है। प्रार्थना और धार्मिक गतिविधियां मन को स्थिरता और शांति प्रदान करती हैं। इसके लिए समय निकालकर आप अपने इष्ट देवता की प्रार्थना करें। धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करें। किसी सच्चे गुरु या आध्यात्मिक मार्गदर्शक से मार्गदर्शन भी ले सकते हैं।
5. अपने आप को व्यस्त रखें
किसी ने सही कहा है ख़ाली दिमाग़ शैतान का घर होता है। और यह बात पूरी तरह से सत्य है। आपके ख़ुद भी महसूस किया होगा कि जब आपके पास कोई काम करने को नहीं होता है, तो मन में उल्टे सीधे विचार आने लगते हैं, जो आपको परेशान करते रहते हैं। इसलिए ख़ुद की मेंटल हेल्थ के लिए एक रूटीन बनाएं और उसे फॉलो करें। जीवन में आप अपने काम में जितना ज़्यादा व्यस्त रहेंगे, दिमाग़ में दुनिया भर के विचार उतने ही कम आएंगे।
किसी ने सही कहा है ख़ाली दिमाग़ शैतान का घर होता है। और यह बात पूरी तरह से सत्य है। आपके ख़ुद भी महसूस किया होगा कि जब आपके पास कोई काम करने को नहीं होता है, तो मन में उल्टे सीधे विचार आने लगते हैं, जो आपको परेशान करते रहते हैं। इसलिए ख़ुद की मेंटल हेल्थ के लिए एक रूटीन बनाएं और उसे फॉलो करें। जीवन में आप अपने काम में जितना ज़्यादा व्यस्त रहेंगे, दिमाग़ में दुनिया भर के विचार उतने ही कम आएंगे।
6. संगीत और कला का सहारा लें
हर इंसान को संगीत और कला से लगाव होता है। सच कहा जाए तो संगीत को मन की शांति के लिए एक सुदृढ़ साधन माना जा सकता है। इसलिए शांत और मधुर संगीत सुनें। चित्रकला, लेखन या अन्य किसी रचनात्मक कार्यों में अपना मन लगाएं। आप चाहें तो
हर इंसान को संगीत और कला से लगाव होता है। सच कहा जाए तो संगीत को मन की शांति के लिए एक सुदृढ़ साधन माना जा सकता है। इसलिए शांत और मधुर संगीत सुनें। चित्रकला, लेखन या अन्य किसी रचनात्मक कार्यों में अपना मन लगाएं। आप चाहें तो
नृत्य या गायन का अभ्यास भी कर सकते हैं।
7. आपके पास क्या है उसे लिखें -
अक़्सर हम उन चीज़ों के पीछे ज़्यादा भागते हैं जो हमारे पास नहीं होती। जबकि आंकलन करें तो हमारे पास जो है उसका हमें पता ही नहीं होता। इसलिए जो आपके पास है उसे एक कागज़ पर लिख कर उसके बारे में ज़रूर सोचें। क्योंकि अनेक ऐसे भी हैं जिनके पास इतना भी नहीं है जितना विधाता ने आपको दिया है।
अक़्सर हम उन चीज़ों के पीछे ज़्यादा भागते हैं जो हमारे पास नहीं होती। जबकि आंकलन करें तो हमारे पास जो है उसका हमें पता ही नहीं होता। इसलिए जो आपके पास है उसे एक कागज़ पर लिख कर उसके बारे में ज़रूर सोचें। क्योंकि अनेक ऐसे भी हैं जिनके पास इतना भी नहीं है जितना विधाता ने आपको दिया है।
8. आत्म-चेतना और स्व-निरीक्षण
मन को शांत करने के लिए सबसे पहला कदम है अपनी भावनाओं और विचारों को समझना। जब मन भटकता है, तो यह ज़रूरी है कि हम उसे पकड़ें और समझें कि वह क्यों भटक रहा है। स्व-निरीक्षण के माध्यम से हम अपने अंदर चल रहे तनाव, असंतोष और अनावश्यक विचारों की पहचान कर सकते हैं।
उपाय:
उपाय:
इसके लिए आप अपनी भावनाओं और विचारों को एक डायरी में लिख सकते हैं। इससे आपके मन को एक दिशा मिल सकती है। हो सके तो अपने आप से प्रश्न पूछें, जैसे “मुझे क्या चाहिए?” या “मेरा ध्यान क्यों भटक रहा है?” एक कड़वा सच यही है कि "आपसे बेहतर आपको कोई और नहीं समझ सकता।"
9. प्रकृति के साथ समय बिताएं
यदि आप प्रकृति से जुड़ाव महसूस करें तो मन को फ़ौरन शांति मिलने लगती है। दरअसल प्राकृतिक वातावरण में समय बिताने से हम अपने भीतर नई उमंग महसूस करते हैं। जिस कारण मन में चलने वाली उलझनों से हम दूर हो जाते हैं।
इसके लिए आप सुबह की सैर पर जाने की आदत डालें। पहाड़ों, झरनों या समुद्र के पास समय बिताएं।
बागवानी करें या पेड़ पौधों के साथ समय बिताएं। इन सबसे आपको मानसिक प्रसन्नता महसूस होगी और आप उल्लू जुलूल विचारों से दूर रह सकेंगे।
बागवानी करें या पेड़ पौधों के साथ समय बिताएं। इन सबसे आपको मानसिक प्रसन्नता महसूस होगी और आप उल्लू जुलूल विचारों से दूर रह सकेंगे।
10. डिजिटल व सोशल मीडिया से दूर रहें
आज की तकनीकी दुनिया में फ़ोन, टीवी और सोशल मीडिया आदि मिलकर हमारी मानसिकता को विचलित करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
आज की तकनीकी दुनिया में फ़ोन, टीवी और सोशल मीडिया आदि मिलकर हमारी मानसिकता को विचलित करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
इससे बचने के लिए आप दिन में कुछ समय के लिए फ़ोन और अन्य उपकरणों से दूरी बनाएं। सोशल मीडिया का सीमित उपयोग करें। बल्कि प्रकृति, किताबें या वास्तविक बातचीत और मिलने जुलने में समय बिताएं।
11. सेवा और परोपकार
दूसरों की मदद करना और समाज के लिए कुछ अच्छा करना हमें अंदरूनी संतुष्टि देता है, जिससे मन शांत होता है। इसके लिए ग़रीबों की मदद करने का प्रयास करें। हो सके तो किसी सामाजिक संगठन के साथ जुड़ें। साथ ही अपने समय और संसाधनों को दूसरों की भलाई में लगाएं।
दूसरों की मदद करना और समाज के लिए कुछ अच्छा करना हमें अंदरूनी संतुष्टि देता है, जिससे मन शांत होता है। इसके लिए ग़रीबों की मदद करने का प्रयास करें। हो सके तो किसी सामाजिक संगठन के साथ जुड़ें। साथ ही अपने समय और संसाधनों को दूसरों की भलाई में लगाएं।
12. लक्ष्य और उद्देश्य तय करें
मन अक्सर तब ज़्यादा भटकता है जब हमें अपने जीवन का उद्देश्य नहीं पता होता है। एक स्पष्ट लक्ष्य और उद्देश्य मन को एक निश्चित दिशा में केंद्रित करने में मदद करता है। अपने जीवन के दीर्घकालिक और अल्पकालिक लक्ष्य को डायरी में अवश्य लिखें। इसके बाद इन्हें पूरा करने के लिए उचित कार्य योजना भी बनाएं। समय समय पर अपने प्रगति का मूल्यांकन करते रहें।
मन अक्सर तब ज़्यादा भटकता है जब हमें अपने जीवन का उद्देश्य नहीं पता होता है। एक स्पष्ट लक्ष्य और उद्देश्य मन को एक निश्चित दिशा में केंद्रित करने में मदद करता है। अपने जीवन के दीर्घकालिक और अल्पकालिक लक्ष्य को डायरी में अवश्य लिखें। इसके बाद इन्हें पूरा करने के लिए उचित कार्य योजना भी बनाएं। समय समय पर अपने प्रगति का मूल्यांकन करते रहें।
13. आत्म-संयम और धैर्य
मन को नियंत्रित करना हो तो इसके लिए धैर्य और अभ्यास की विशेष आवश्यकता होती है। इसलिए तुरंत परिणाम की अपेक्षा करने के बजाय, धीरे-धीरे अपने मन को प्रशिक्षित करने का प्रयास करें। इसके लिए छोटे-छोटे लक्ष्यों पर काम करन सीखें। और विशेष तौर पर कठिन समय में धैर्य बनाए रखें। ख़ुद को दोष देकर हतोत्साहित होने के बजाय असफलता से सीखने का प्रयास करें।
मन को नियंत्रित करना हो तो इसके लिए धैर्य और अभ्यास की विशेष आवश्यकता होती है। इसलिए तुरंत परिणाम की अपेक्षा करने के बजाय, धीरे-धीरे अपने मन को प्रशिक्षित करने का प्रयास करें। इसके लिए छोटे-छोटे लक्ष्यों पर काम करन सीखें। और विशेष तौर पर कठिन समय में धैर्य बनाए रखें। ख़ुद को दोष देकर हतोत्साहित होने के बजाय असफलता से सीखने का प्रयास करें।
14. हास्य और आनंद
हंसी और खुशी मन को हल्का और शांत बनाते हैं। इसलिए दोस्तों और परिवार के साथ प्रसन्नचित रहे। बच्चों के साथ खेलने से भी मन मन प्रफुल्लित हो उठता है। फ़िल्में देखना हो तो कॉमेडी फ़िल्में देखें। ऐसी फिल्में न देखें जिन्हें देखने से मन डरा हुआ, या विचलित हो जाए।
हंसी और खुशी मन को हल्का और शांत बनाते हैं। इसलिए दोस्तों और परिवार के साथ प्रसन्नचित रहे। बच्चों के साथ खेलने से भी मन मन प्रफुल्लित हो उठता है। फ़िल्में देखना हो तो कॉमेडी फ़िल्में देखें। ऐसी फिल्में न देखें जिन्हें देखने से मन डरा हुआ, या विचलित हो जाए।
निष्कर्ष (Conclusion)
दोस्तों आज के आपाधापी और प्रतिस्पर्धा से भरे माहौल में मानसिक तनाव से बचना किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में अपने मन को शांत के लिए हमें धैर्य, अनुशासन और सकारात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। अपने विचारों से लड़ने के बजाय उन्हें स्वीकार करने की आवश्यकता होती है।
उम्मीद है इस लेख मन के भटकाव को कैसे दूर करें (man ke bhatkav ko kaise dur karen?) में दिए गए उपायों को नियमित रूप से अपनाकर आप निश्चित रूप से अपने मन को शांत और स्थिर बना सकते हैं। आज के डिजिटल युग में ख़ुद से, ख़ुद के लिए समय निकालना सीख सकते हैं। याद रखें, मन को नियंत्रित करना ही सच्चे सुख और शांति की कुंजी है।
"- Written by Poonam"
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