क्या पति पत्नी के बीच दोस्ती हो सकती है? | kya pati patni ke beech dosti ho sakti hai?
अरे, आप तो चौंक गए..! मगर इसमें चौंकने वाली बात नहीं है। दरअसल इस बारे में कपल्स की अलग अलग राय है। कुछ कपल्स का मानना है कि पति पत्नी के बीच कभी भी दोस्ती नहीं हो सकती। तो कुछ का मानना है कि हम आपस में बहुत अच्छे दोस्त हैं।
हो सकता है पति-पत्नी के बीच में दोस्ती कुछ लोगों के शायद गले न उतरे। लेकिन मैं आपको बता दूं कि अगर पति पत्नी के बीच दोस्ती का रिश्ता हो तो, ये दुनिया की सबसे अच्छी और बेहतर बॉन्डिंग कहीं जाने वाली दोस्ती होगी। वर्ना आज की फ़ास्ट लाइफ़स्टाइल के चलते दोस्ती, प्यार भरोसा तो जैसे काल्पनिक बातें बनकर रह गयी हैं।
दोस्तों इस दुनिया में दोस्ती की मिसाल यूं ही नहीं दी जाती है। दोस्ती यानि कि समर्पण, एक दूसरे की केयर, भावनाओं का ख़याल रखना दोस्ती की फ़ितरत होती है। और ये दोस्त अगर आपका लाइफ पार्टनर ही बन जाए तो क्या कहने। क्योंकि वैसे भी जीवनसाथी के सामने दुनिया की हर विपत्ति हार मान लेती है। अगर पति पति के बीच का रिश्ता बहुत अच्छा है तो ये समझ लीजिए कि आप दुनिया में उन नसीब वालों में से एक हैं जिनके पास विपत्ति भी आने से पहले 10 बार सोचती होगी।
महाभारत के एक प्रसंग में यक्ष ने युधिष्ठिर से कुछ प्रश्न किए थे जिसमें एक प्रश्न यह भी था कि - "गृहस्थ का मित्र कौन है?" युधिष्ठिर ने इसका बड़ा ही ख़ूबसूरत जवाब दिया था। वह यह था कि - "गृहस्थ का मित्र उसकी भार्या यानि कि पत्नी है।" सचमुच इस जवाब में गहरी सच्चाई है।
आप देखें तो माता पिता के अलावा, पति पत्नी से ज़्यादा नज़दीकी रिश्ता दुनिया में कोई नहीं होता। कम पढ़े लिखे कपल्स भी एक दूसरे से लड़ते हैं, सलाह देते हैं और कोई विपत्ति आ जाए तो एक दूसरे का साथ भी भरपूर देते हैं। इसके उदाहरण आपको अपने ही घरों में, मोहल्लों में और रिश्तेदारों में देखने मिल जाएंगे।
सिर्फ़ ऐसे कपल्स को छोड़ दिया जाए जो वाकई इस रिश्ते को बेमन से ढो रहे हैं। तो इसमें कोई दो राय नहीं कि पति पत्नी के बीच दोस्ती, दुनिया की सबसे प्यारी दोस्ती बन सकती है। पति या पत्नी को ऐसे ही जीवनसाथी नहीं कहा जाता है। पति पत्नी सबसे पहले एक दूसरे के विश्वसनीय मित्र होने चाहिए। तभी उनके बीच का रिश्ता, अटूट और गहरा होता है।
काश पति पत्नी दोस्तों की तरह रह पाएं। जहां वो एक दूसरे कि भावनाओं, इच्छाओं को समझ पाएं। वाक़ई यह रिश्ता कितना ख़ूबसूरत होगा। सचमुच पति पत्नी के बीच अगर बेहतर तालमेल हो तो उनके बीच की दोस्ती, इस दुनिया की सबसे गहरी और लाजवाब दोस्ती बन सकती है।
पति पत्नी के बीच दोस्ती बनाए रखने लिए 10 टिप्स | Can husband wife be good friends in hindi
आइए हम इस लेख में पति पत्नी के बीच दोस्ती (pati patni ke beech ki dosti) के रिश्ते को बेहतरीन बनाने के कुछ टिप्स जान लेते हैं -
1. एक दूसरे की भावनाओं को समझें -
सच कहें तो पति पत्नी के रिश्ते में गहरी दोस्ती तब और भी गहरी हो जाती है जब दोनों एक दूसरे की भावनाओं का ख़याल रखने लगते हैं। ये आदत एक दूसरे के लिए समर्पण की भावना को बढ़ाती है। वैसे भी पति पत्नी एक दूसरे के साथ रहते हुए एक दूसरे को इतना समझने लगते हैं कि वे एक दूसरे का चेहरा देखकर ही समझ जाते हैं कि उसके मन में क्या चल रहा है।
2. एक दूसरे को बदलने का प्रयास न करें -
असल में देखा जाए तो पति पत्नि में एक दूसरे को बदलने की कोशिश चलती रहती है। बेशक़ शुरू में कुछ समय तक एक दूसरे की आदतों को नज़रअंदाज़ ज़रूर किया जाता है। मगर शादी के कुछ ही सालों बाद पति पत्नी एक दूसरे को अपने जैसा बनाने में लग जाते हैं। इसके लिए दोनों ही तरफ़ से भरपूर कोशिश जारी रहती है।
3. इस रिश्ते में दिखावा न करें -
जिस तरह दोस्तों में कोई दिखावा नहीं किया जाता है। ठीक उसी तरह अगर पति पत्नी भी आपस में दिखावा न करते हुए दिल की बात आपस में कह दिया करें तो पति पत्नी के बीच दोस्ती का रिश्ता (pati patni ke bich dosti ka rishta) भी उतना ही मज़बूत बन सकता है। क्योंकि पति पत्नी का रिश्ता ही एक ऐसा रिश्ता होता है जिसमें अपनेपन की भावना कूट कूट कर भरी होती है। भले ही आपस में कितनी ही शिक़ायतें हों लेकिन उन्हें एक दूसरे के सुख दुःख अपने ही लगते हैं।
4. रिश्ते में समझौते का बीज कभी न बोएं -
पति पत्नी के रिश्ते में अगर समझौते की बात चलती रहेगी तो फ़िर यह रिश्ता केवल समझौता ही बनकर रह जाएगा। आप इस रिश्ते को ताउम्र सिर्फ़ निभाने में लगे रहेंगे। जबकि यह रिश्ता इतना अनमोल और प्यारा है कि यदि आपके बीच ज़बरदस्त ठहराव हो, विश्वास हो, लगाव हो तो दुनिया का कोई भी रिश्ता आप दोनों के रिश्ते के आगे पानी भरता नज़र आएगा।
5. आपसी झिझक करें दूर -
ज़्यादातर पति पत्नी के बीच का रिश्ता झिझक भरा होता है। वो कहना तो बहुत कुछ चाहते हैं लेकिन असल में कहने से झिझकते हैं। परिणाम यह होता है कि वो दिल की बातें एक दूसरे से कह ही नहीं सकते। ज़रा सोचिए कि आप दोस्त से तो हर बात कह देते हैं। कम से कम अपने पार्टनर से कहकर तो देखें। हो सकता है इससे आपका पार्टनर आपके साथ रहकर ज़्यादा सहज महसूस करना शुरू कर दे।
एक दूसरे से अपने दिल की बातें शेयर करने का प्रयास करें। क्योंकि बाहरी दोस्त आपके किसी भी व्यक्तिगत भेद का, समय आने पर दुरुपयोग भी कर सकता है। लेकिन आपका जीवनसाथी कुछ दिनों के लिए भले ही आपके साथ अपनी नाराज़गी ज़ाहिर दे। लेकिन आपका अहित कभी नहीं चाहेगा। इसलिए अपने जीवन साथी के साथ अपने अच्छे बुरे अहसास साझा करने में कोई संकोच न करें।
6. एक दूसरे के लिए समर्पण की भावना -
अक़्सर कई कपल्स के बीच फालतू के इगो बहुत होते हैं। वो किसी बात को समझते तो हैं लेकिन बीच में उनके इगो टकराने लगते हैं। जबकि आप बाहरी दोस्तों के आगे अपने इगो को कभी फटकने नहीं देते। फिर अपने जीवन साथी के सामने ऐसा क्यों? जबकि जीवनसाथी तो हर हाल में हमारा साथ निभाने वाला ही होता है। इस रिश्ते में एक दूसरे से सिर्फ़ अपेक्षाएं रखने से बेहतर है हक़ से प्यार और दोस्ती हाथ बढ़ाना सीखिए। जिस तरह दोस्तों में अपना हक़ सहज ही जता देते हैं। हो सकता है आपका जीवन साथी आपसे यही आस लगाए बैठा हो।
7. आपसी शिक़ायतें एक दूसरे से दूर कर लें -
ज़्यादातर कपल्स एक दूसरे की शिक़ायतें घर के अन्य लोगों से करने लगते हैं। जैसे पत्नी छोटी छोटी सी बात अपनी बहन या मम्मी से कहने लगती हैं। तो ठीक ऐसे ही पति भी पत्नी को कहे बिना अपनी भाभी, बहन या मम्मी से कहने लगते हैं। ज़रा सोचिए कि आपके रिश्ते को आप दोनों के सिवाय कोई दूसरा कैसे समझ सकता है? ऐसे कपल्स रहते तो हैं साथ में हैं। लेकिन उनका रिमोड कंट्रोल किसी दूसरे के हाथ में होता है। दोस्तों के बीच तो आप कभी ऐसा नहीं करते। ख़ुद आगे बढ़कर कन्फ्यूज़न दूर कर लेते हैं।
8. एक दूसरे को नीचा न दिखाएं -
अपने जीवन साथी को दूसरों के सामने नीचा दिखाने का प्रयास कभी न करें। पति पत्नी के बीच प्यार हो तो उन्हें अपने पार्टनर का मान-अपमान ख़ुद का मान-अपमान सा लगता है। जिस तरह हम दोस्तों के मान अपमान का पूरा ध्यान रखते हैं। ठीक उसी तरह अपने जीवनसाथी के साथ भी इतना ध्यान तो रखना चाहिए। क्योंकि आपका जीवन साथी तब भी आपके साथ आपके पक्ष में खड़ा रहेगा जब कोई दोस्त किसी बात से बुरा मानकर आपका साथ छोड़कर आपके ख़िलाफ़ खड़ा हो जाएगा।
9. एक दूसरे के आगे संबंधियों का सम्मान करें -
एक बात ध्यान देने वाली है वह यह कि जिस तरह आप अपने बाहरी दोस्तों के सगे संबंधियों को सम्मान देते हैं उसी तरह आप अपने लाइफ़ पार्टनर के रिश्तेदारों, सगे संबंधियों का सहर्ष ही सम्मान करें। सम्मान देने से ही सम्मान मिलता है। और हां, यदि कोई व्यवहारशील न हो या दुष्चरित्र हो तो ऐसे मामले में अपने पार्टनर को ज़रूर सचेत कर दें। ऐसी स्थिति में पति पत्नी आपसी समझ से कोई उचित समाधान निकाल सकते हैं।
10. एक दूसरे को मनाने में संकोच न करें -
अपने दोस्तों से झगड़े हो जाने पर आप एक दूसरे को मनाने में जिस तरह कोई संकोच नहीं करते। इसमें आपका कोई इगो हर्ट नहीं होता। तो फ़िर अपने लाइफ पार्टनर के नाराज़ हो जाने पर उसे मनाने में संकोच कैसा? जबकि आपका लाइफ़ पार्टनर भले ही आपसे नाराज़ हो लेकिन आपके अच्छे बुरे का फ़िर भी ख़्याल तो रखता है ना। ज़रा सोचिए, आपके साथ उसी पल अगर कोई परेशानी आ जाए तो यही जीवनसाथी अपनी नाराज़गी भूलकर आपकी केयर करने में लग जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
एक कड़वी मगर सच बात कहूं तो यह कि आप अपने दोस्तों के मान सम्मान का ख़्याल बख़ूबी रखते हैं। ज़रा सोचिए ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए कि आपको चिंता होती है कि इतना अच्छा दोस्त टूट जाएगा। हमारी दोस्ती टूट जाएगी। फ़िर मैं उसके बिना कैसे रहूंगा। इसीलिए आप उसकी बुराई नहीं करते। यह तक कि उसकी बातों का बुरा भी नहीं मानते।
तो फ़िर यही सोच, आप अपने पार्टनर के साथ क्यों नहीं रख सकते। अगर इतना ही ख़्याल कपल्स रखने लगें, तो मैं 100% कह सकता हूं कि आप के बीच इतनी बेस्ट दोस्ती (friendship) हो सकती है कि आपने कभी सोचा भी न होगा।
पार्टनर ज़िन्दगी के उस मोड़ पर साथ देने की हिम्मत रखता है जब सारे लोग आपका साथ छोड़कर चले जाएं। माता पिता के साथ छोड़ जाने के बाद, भाई बहन भी अपनी ज़िन्दगी में व्यस्त हो जाते हैं। यहां तक कि आपके पुत्र पुत्री भी अपने जीवन की भागदौड़ में मग्न हो जाते हैं। तब यही साथी आपके हर सुख दुःख का हिस्सेदार होता है।
सही मायने में पति के लिए पत्नी और पत्नी लिए पति से बढ़कर कोई दोस्त नहीं हो सकता। जो अपनापन, लगाव, प्यार, भरोसा इस रिश्ते में होता है वो किसी और रिश्ते में नहीं। बस ज़रूरत है तो अपनी सोच बदलने की। फ़िर देखिए, उसके साथ आप कहीं भी घूमने फिरने, उसके साथ वक़्त बिताने में ख़ुद को ज़्यादा सहज महसूस करने लगेंगे।
जिस तरह हम अपने दोस्तों के लिए अपना माइंडसेट बनाकर रखते हैं। अगर ऐसी ही पॉजिटिव सोच अपने पार्टनर के साथ रख लें तो यक़ीनन आपका जीवन साथी, इस दुनिया का सबसे अच्छा, विश्वसनीय और लाजवाब दोस्त होगा। जिस पर आप आँख मूंदकर भरोसा कर सकते हैं कि वह किसी भी क़ीमत पर आपका अहित नहीं चाह सकता।
उम्मीद है हमारा यह लेख "क्या पति पत्नी अच्छे दोस्त हो सकते हैं (kya pati patni achche dost ho sakte hain?) आपको पसंद आया होगा। आपके मन में भी यदि कोई विचार आ रहे हों। तो आप Coments box में अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। हम इस लेख में आपके विचार शामिल करने की कोशिश करेंगे।
- By Alok
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