नए नए रिश्ते को ख़ुशहाल बनाए रखने के लिए क्या करें? जानिए ये 16 ख़ास टिप्स।



दोस्तों आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में कपल्स का एक दूसरे के लिए समय न दे पाना आम बात हो गयी है। ऐसे में विवाहित जोड़े कुछ समय तक तो बेहद रोमांटिक और परवाह भरी लाइफ़ जीते हैं लेकिन कुछ सालों बाद वही कपल्स अपनी भावनाएं व प्यार एक दूसरे से जताना भी ज़रूरी नहीं समझते। इस तरह के लोगों को पति पत्नी का जीवन बोझ लगने लगता है


इसलिए ख़ुशहाल शादीशुदा जिंदगी के लिए नए-नए विवाहित जोड़ों को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। वर्ना आये दिन पति पत्नी के झगड़े होना ऐसे कपल्स के स्वभाव में शामिल हो जाता है। सचमुच शादी शुदा ज़िन्दगी कैसे जीना चाहिए? किसी भी नए कपल्स के लिए यह एक बड़ा ही महत्वपूर्ण विषय है।

हम आपको बता दें कि कोई भी रिश्ता रातों-रात परफ़ेक्ट नहीं बनता। उसके लिए बहुत ही धैर्य और साहस की ज़रूरत होती है। प्यार व ईमानदारी ही एक रिश्ते को सालों साल तक टिका रखने में मदद करती है। एक नए रिश्ते में आपसी समझदारी के साथ-साथ बेहतर तालमेल होना बेहद ज़रूरी होता है।

इसलिए नए रिश्ते की शुरुआत हो रही हो तो कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बातें होती है? जिनका ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है। आइये हम कुछ टिप्स देते हैं जिसे आज़माकर आप अपने रिश्ते को बेहतर बना सकते हैं।


नए नए रिश्ते कैसे ख़ुशहाल बनाए (naye naye rishte ko khushhal kaise banaye)


1) सूरत नहीं बल्कि सीरत चाहिए -
कई बार लड़के-लड़कियों को लगता है कि उनका पार्टनर बेहद ख़ूबसूरत होगा। लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो उनके बीच आपसी तकरार होती रहती है। लेकिन हम आपको बता दें कि ख़ूबसूरत देखने वाला हर व्यक्ति अच्छे व्यक्तित्व का मालिक हो कोई यह ज़रूरी नहीं। वो तो उस ख़ूबसूरत व्यक्ति के साथ कुछ टाइम बिताने के बाद ही पता चल पाता है कि वह आपके हिसाब से सही है या नहीं। सूरत से कहीं ज़्यादा सीरत मायने रखती है।

2) अतीत के बारे में विचार न करें -
यदि शादी के पहले आप किसी के साथ रिलेशनशिप में थे तो आप नए रिश्ते से जुड़ने के बाद इस बात पर कभी भी विचार न करें कि आपका पार्टनर आपके अतीत के बारे में जानना चाहता है। और ना हि आप अपने पार्टनर के अतीत के बारे में कोई ग़लत विचार रखने की कोशिश करें। जो बीत गया उसके बारे में सोच सोचकर नए रिश्ते को ख़राब करना कोई समझदारी का काम नहीं है।



3) ख़ुद के व्यवहार पर ध्यान दें -
अगर कुछ समस्याएं आ रही हैं तो अपने व्यवहार पर भी ध्यान दें। विचार करके ज़रूर देखें कि आपके साथ-साथ आपका पार्टनर भी इस रिश्ते में नया है। भला फ़िर वह कैसे परफ़ेक्ट हो सकता है। एक दूसरे को समझाना और मिलकर बात करके समाधान निकालना ही ज़्यादा बेहतर होगा ताकि नए रिश्ते को ख़राब होने से बचाया जा सके।

4) दूरियां करती हैं रिश्तों को कमज़ोर -
आजकल महिला और पुरुष दोनों ही जॉब के सिलसिले में एक दूसरे से दूर रहते हैं। जिस कारण अपने पार्टनर से कई दिनों, कई महीनों बाद मुलाक़ात हो पाती हैं। लेकिन अगर आपस मे प्यार, विश्वास हो तो दूरियां भी मायने नहीं रखती। लेकिन यह तभी संभव है जब आप एक दूसरे से नियमित रूप से संपर्क बनाए रखेंगे। समय समय पर एक दूसरे से मिलने का प्रयास करेंगे। दूर रहकर भी एक दूसरे को उतनी ही एहमियत देंगे जितनी पहले देते थे। क्योंकि यदि आप एक दूसरे को एहमियत देना बंद कर देंगे तो आपके बीच यही दूरियाँ आपके रिश्ते में खटास पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी।

5) अपनी उम्मीदों के बारे में आपस में बात करें -
अक़्सर यह देखा जाता है कि आप नए रिश्ते को लेकर आशान्वित तो बहुत होते हैं लेकिन अपनी बात अपने पार्टनर से कहने से हिचकिचाते हैं। और मन ही मन अपनी उम्मीदों को टूटती देख उदास रहने लगते हैं। यहीं से अपने साथी में रुचि कम होने का सिलसिला शुरू होता है। ढेर सारी ग़लतफ़हमियाँ शुरू हो जाती हैं। और पति पत्नी के बीच झगड़े की वजह बनती हैं।

जबकि सही तो यह है कि अपने साथी से बात करना चाहिए। दोनों को ही एक दूसरे की उम्मीदें व इच्छाएँ जान लेनी चाहिए ताकि फ़िर वे किसी ग़लतफ़हमी के शिकार होने से बच जाएँ। लेकिन बात करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने पार्टनर से पहली ही मुलाक़ात में सब कुछ न कह दें। पहले कुछ समय साथ में बीत जाने दें। ज़रा घुल मिल जाने के बाद कहें तो ज़्यादा बेहतर होगा।

6) ज़रूरत से ज़्यादा अहमियत न जताएं -
दोस्तों ये बात आपको ज़रा सी अटपटी ज़रूर लग सकती है लेकिन ये कड़वा सच है कि अधिकतर मामलों में यही देखा जाता है कि यदि आप पार्टनर को यह जताते हैं कि आपको उनकी सख़्त ज़रूरत है। तो आपका पार्टनर आपके सामने अपनी हर बात सर्वोपरि रखने की कोशिश करने लगता है। वह हर बात सिर्फ़ अपने हिसाब से सोचने लगता है। उसे आपकी भावनाओं की उतनी फ़िक्र नहीं होती। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप कुछ समय तक अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें। ताकि आप दोनों ही बराबर और उतनी ही उमंग और भावना के साथ एक दूसरे का ख़याल रखने का प्रयास कर सकें।


7) व्यक्तित्व को बनाएं रहस्यमय -
नए संबंधों के समय अपने व्यक्तित्व को ज़रा रहस्मय बनाये रखें। अपने साथी से अपने बारे में हर एक बात साझा करने की जल्दी न करें। पहले कुछ दिन उसे समझने की कोशिश करें कि आपका साथी किस तरह की प्रकृति का है। उसके सोचने का तरीक़ा कैसा है। क्या वह आपकी बातों को समझने की कोशिश करता है।

8) झूठ का सहारा कतई न लें -
दोस्तों किसी भी रिश्ते की शुरुआत झूठ से न करें। क्योंकि झूठ का सहारा लेने वालों की जब सच्चाई खुलती है तो पति पत्नी के बीच के रिश्ते में खटास पैदा हो जाती है। आप जैसे भी हों, हमेशा यही प्रयास करें कि आप अपने पार्टनर के सामने सच्चाई के साथ खड़े हो सकें। 

9) एक दूसरे पर भरोसा करना सीखें -
आप अपने पार्टनर से अपनी भावनाओं, अपनी सोच, अपना प्यार को जताने में कोई कंजूसी न करें। अपने साथी को विश्वास दिलाएं और उस पर भी विश्वास करने की आदत बनाएं। हमेशा यह याद रखें कि भले ही सारी दुनिया आपसे नाता तोड़ ले लेकिन आपका लाइफ़ पार्टनर आपके साथ क़दम से क़दम मिलाकर हमेशा खड़ा रहता है। लेकिन यह तभी सम्भव है जब आपके बीच एक दुसरे के बीच  प्यार और भरोसा बरक़रार हो।

10) रोमांटिक पलों को करें प्लान -
दोस्तों रोमांटिक ज़िन्दगी जीने का हर किसी का सपना भला किसका नहीं होता। लेकिन इसे सच करने के लिए आपको अपने साथी के साथ ज़्यादा और बेहतरीन पल गुज़ारने की ज़रूरत होती है। यदि आप संयुक्त परिवार में रहते हैं तो फ़िर आप कुछ दिनों के लिए अपने साथी के साथ कहीं बाहर कुछ दिन साथ गुज़ारने का प्लान बना सकते हैं। इससे आपको अपने पार्टनर के साथ कुछ बेस्ट पल बिताने का मौक़ा मिलेगा। जिससे आपके नए-नए रिश्ते में और भी गहरापन नज़र आएगा।

11) साथी की पसंद नापसन्द का रखें ध्यान -
अपने रिश्ते को ख़ुशहाल बनाये रखने के लिए आपको अपने साथी की पसंद नापसन्द का पता रखना होगा। एक दूसरे की ख़ासियत को जानना भी बेहद ज़रुरी होता है। आप इतना तो कर ही सकते हैं।

12) साथी की बुराइओं को दूर करने में मदद करें - 
आपके साथी में यदि किसी प्रकार की समस्या या बुराई है।तो उसे इस बात के लिए नीचान दिखाएं। बल्कि उसे समझने की कोशिश करें। हो सके तो इस बुराई को खत्म करने में उसकी मदद करें।


13) साथी के सपनों के बारे में जानें -
अपने साथी के सपनों के बारे में जानने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि हो सकता है आपके साथ जीवन बिताने का फ़ैसला लेने के बदले उसने अपने कुछ सपनों को अधूरा छोड़ दिया हो। इसलिए उसके सपनों को जानें और संभव हो तो उसे प्रोत्साहन देते हुए उसके सपनों को पूरा करने में उसकी मदद करें।

14) साथी की महत्वाकांक्षाओं का ख्याल रखें -
नए संबंध बनने के बाद आपके लिए यह बेहद ज़रूरी हो  जाता है कि आप अपने पार्टनर की महत्वकांक्षाओं को जानें। यह जानें कि उसकी प्राथमिकताओं को जानने का प्रयास करें। यह जानें कि उसके लिए क्या चीज़ अहम है। कैरियर, दोस्त या आपसी रिश्ता। इन सभी चीज़ों के बीच सामंजस्य रखने का भरसक प्रयास करें।


15) साथी की ख़ूबियों को ज़रूर सराहें -
यदि आपके साथी की कुछ ख़ूबियाँ आपको अच्छी लगती हैं तो दिल से अपने साथी की तारीफ़ करें। इसमेंकिसी भी प्रकार की हिचकिचाहट न करें। हो सके तो आप अपने पार्टनरकी अच्छी आदतों को अपनाने की कोशिश कभी कर सकते हैं।

16) मानसिक व भावनात्मक रूप से जुड़ें -
अपने साथी के साथ शुरुआती दिनों में सिर्फ़ शारीरिक संबंध बनाने से ज़्यादा बेहतर है उसके साथ भावनात्मक और मानसिक रूप से जुड़ने का प्रयास करें। अपने साथी को समझने का प्रयास करें। उससे बात करें। न कि सिर्फ़ फ़िज़िकल होने के बारे में सोचें। क्योंकि आप एक दूसरे को जितना समझेंगे। आपकी दोस्ती उतनी ही गहरी होती चली जायेगी और आपकी दोस्ती कब प्यार में बदल जाएगी आपको पता भी नहीं चलेगा।

निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों आप कोई भी जॉब, बिज़नेस या ऑफ़िस वर्क क्यों करना चाहते हैं? इसलिए ना, ताकि आप आर्थिक रूप से सशक्त होकर अपने पार्टनर के साथ गोल्डन टाइम जी सकें। फ़िर ये कैसी विडंबना है कि आप जिन लोगों के लिए यह सब कर रहे हैं, उन्हीं के साथ आपकी लाइफ़ बदतर हो रही है।

ज़रा सोचिये, क्या आप अपने जॉब, बिज़नेस में तब भी ख़ुश रह सकते हैं अगर आपका पार्टनर आपका साथ छोड़ दे? यानि कि एक अच्छे लाइफ़ पार्टनर के बग़ैर आपकी जॉब या आपका बिज़नेस भी आपको ख़ुशी नहीं दे सकता। अब तो आप समझ ही गये होंगे कि हम क्या कहना चाह रहे हैं।

हमें उम्मीद है कि हमारा यह लेख "नव विवाहितों को ख़ुशहाल ज़िन्दगी के लिए क्या करना चाहिए?" ज़रूर पसंद आया होगा। यदि आप हमारी बतायी गयी इन बातों का ध्यान रखेंगे तो निश्चित रूप से अपने लाइफ़ पार्टनर के साथ ख़ुशहाल जीवन और बेहतर लाइफ़ का मज़ा ले सकते हैं।
(- By Alok)

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