आजकल पॉकेट में कुछ हो न हो, मोबाइल का होना 100% तय है। मुझे यक़ीन है आप भी मेरी इन बातों से सहमत होंगे। जनाब! दिन का कोई भी हिस्सा बिना मोबाइल के बिताना सचमुच किसी चमत्कार से कम नहीं। हाँ, किसी अर्जेंट काम में व्यस्त हैं तो बात अलग है। लेकिन एक बात दिल से कहना चाहता हूँ कि मोबाइल फ़ोन आपकी सेहत बनाने के बजाय बिगाड़ता है।
ख़ैर छोड़िये। हम आते हैं आज के अपने असली मुद्दे पर। और वह मुद्दा यह है कि इस तरह मोबाइल देखने से क्या नुकसान होता है? अगर आप रात को सोते समय अपने साथ मोबाइल फ़ोन रखकर सोते हैं। तो क्या आप मोबाइल के दुष्परिणाम जानते हैं?
अगर आपका जवाब 'ना' में है तो समझिए यह जानकारी सिर्फ़ आपके लिए है। अगर आपको मोबाइल फ़ोन की बेहद आदत है, तो आपके लिए मोबाइल रेडिएशन से होने वाले नुक़सान जान लेना उतना ही ज़रूरी है। क्या आप सच में, मोबाइल फ़ोन से होने वाले नुक़सान mobile se hone wale nuksan जानते हैं?
हम आपको बता दें कि मोबाइल फ़ोन से निकलने वाली विकिरणें, आपकी सेहत को कई-कई तरह से नुक़सान पहुँचा सकती हैं। इतना ही नहीं, बल्कि यह आपको अनेक तरह की बीमारियों का शिकार भी बना सकती हैं।
आइये जानते हैं ज़्यादा फ़ोन चलाने के नुक़सान zyada phone chalane ke nuksan क्या हैं-
1. मोबाइल फ़ोन के रेडिएशन से उत्पन्न ख़तरों में सबसे बड़ा ख़तरा होता है कैंसर। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि अपने मोबाइल फ़ोन को पूरा दिन अपनी जेब में या शरीर से चिपकाकर रखने से, संबंधित स्थान पर ट्यूमर होने की आशंका बढ़ जाती है और आप आसानी से कैंसर के शिकार हो सकते हैं।
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2. ऐसे लोग जो रात के समय मोबाइल फ़ोन को अपने शरीर से सटाकर या सीने पर रखकर सो जाते हैं। उनके लिए ऐसा करना बेहद ख़तरनाक होने के साथ जानलेवा भी हो सकता है। इसके अलावा बात करें तो मोबाइल के रेडिएशन का आपके मस्तिष्क पर सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
3. ज़्यादातर पुरुषों की यही आदत होती है कि वे सारा दिन अपना मोबाइल फ़ोन, बेल्ट के नीचे की ज़ेब में रखते हैं। इस तरह पूरा दिन अपना मोबाइल ऐसी जगह रखे रहना बेहद ख़तरनाक साबित हो सकता है सचमुच मोबाइल से होने वाले दुष्परिणाम का आपको अंदाज़ा भी नहीं।
दरअसल मोबाइल फ़ोन के इलेक्ट्रोमेगनेटिक विकिरणों (electromagnetic radiations) का प्रभाव सीधा-सीधा आपकी हड्डियों पर पड़ सकता है। जिस के परिणाम स्वरूप आपकी हड्डियों में मौजूद मिनरल लिक्विड यानि कि खनिज तरल समाप्त हो सकता है।
4. पुरुषों में कमर के पास ज़ेब में मोबाइल फ़ोन को रखना बेहद ख़तरनाक साबित हो सकता है। रिसर्च से पता चला है कि मोबाइल के रेडिएशन का नकारात्मक प्रभाव शुक्राणुओं पर भी पड़ सकता है। यानि कि मोबाइल के साइड इफ़ेक्ट से पुरुषों के शुक्राणु भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते।
5. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन WHO के एक शोध के अनुसार मोबाइल फ़ोन का अत्यधिक इस्तेमाल मस्तिष्क के कैंसर का कारण बन सकता है। दरअसल इसके विकिरणों के प्रभाव से ब्रेन में ट्यूमर तक हो सकता है।
6. मोबाइल फ़ोन से निकलने वाली electromagnetic radiations से आपका डीएनए (DNA) तक क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसके अलावा मोबाइल फ़ोन का अधिक इस्तेमाल आपको मानसिक रोगी भी बना सकता है।
7. आजकल के तनाव और डिप्रेशन के मुख्य कारणों को खोजा जाए तो उन प्रमुख कारणों में, मोबाइल फ़ोन से निकलने वाले रेडिएशन्स के ख़तरनाक प्रभाव भी हैं। इससे दिमाग़ की कोशिकाएँ संकुचित हो जाती हैं, जिस कारण ब्रेन में ऑक्सीजन की सही मात्रा पहुँचने में दिक़्क़त होने लगती है।।
8. गर्भवती महिलाओं द्वारा मोबाइल फ़ोन का अधिक इस्तेमाल करना कतई सही नहीं है। pregnancy के दिनों में हद से ज़्यादा मोबाइल चलाना, गर्भस्थ शिशु के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इससे शिशु के दिमाग़ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस करने से शिशु का विकास प्रभावित हो सकता है।
9. मोबाइल की हानिकारक विकिरणें न केवल कैंसर जैसी बीमारी को जन्म देती हैं, बल्कि डायबिटीज़ और हृदय संबंधी रोगों की संभावनाओं को कई गुना बढ़ा देती हैं। सचमुच इस आकर्षक मोबाइल से हानियाँ बहुत हैं। यदि इसे सावधानी से उपयोग न किया जाये।
10. मोबाइल फ़ोन का ज़रूरी और सीमित इस्तेमाल ही इलेक्ट्रोमेगनेटिक विकिरणों electromagnetic radiations के दुष्प्रभाव को कम कर सकता है। इसका एक और तरीका है कि इसे अपने शरीर से चिपकाकर न रखते हुए, पर्स में या फ़िर किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर रखा जा सकता है।
जब कोई बड़ा नुक़सान हो जाये, तब समझ आये कि मोबाइल से क्या नुक़सान हैं? तो फ़िर चिड़िया के खेत चुगने तक इंतज़ार करने जैसी बेवकूफ़ी ही कहलाएगी ना। इसलिए आप सभी से गुज़ारिश है कि मोबाइल का उतना ही इस्तेमाल करें जितना ज़रूरी हो।
और हाँ, मोबाइल यूज़ करने का सही तरीका ज़रूर अपनाएँ। ख़ुद को और अपने बच्चों को भी बचाएँ क्योंकि मोबाइल से बच्चों को होने वाले नुक़सान तो बड़ों से भी ज़्यादा ख़तरनाक हैं।
उम्मीद है हमारे इस अंक "10 नुक़सान, ज़रूरत से ज़्यादा मोबाइल फ़ोन यूज़ करने के | Mobile phone ke nuksan in hindi" को पढ़कर मोबाइल से होने वाली हानियाँ भलीभाँति जान गये होंगे। आशा करते हैं आप मोबाइल के दुष्प्रभाव से बचने के लिए इसके इस्तेमाल में सुधार ज़रूर लाएंगे।
- By Alok
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