दोस्तों! सच ही कहा गया है कि निरोगी काया और निःस्वार्थ माया का इस संसार में कोई जवाब नहीं। मनुष्य अपने जीवन की हर भागदौड़ से जीत सकता है लेकिन अगर सेहत चली गयी तो इंसान चारों तरफ़ से हार जाता है। सही मायने में अमीर वह होता है जिसके पास अच्छा स्वास्थ्य, तंदुरुस्त शरीर और साफ़-सुथरा मन हो। वर्ना बेशुमार दौलत, इज़्ज़त और सारे ऐशो-आराम किसी काम नहीं आते।
आज हर इंसान जीवन के हर क्षेत्र को आज़माने में लगा रहता है। अपने हर क्षेत्र को बेहतर बनाने में लगा हुआ है। वो मुक़ाम हासिल कर लेना चाहता है। जहाँ उसका जीवन चारों तरफ से ख़ुशनुमा बन जाये। हर घड़ी नये-नये आइडियाज़ ढूंढने और उसे आज़माने लगता है।
मगर इस क़ामयाबी की भागदौड़ में वह यह भूल जाता है कि उसके जीवन में एक चीज़ ऐसी भी है जो इन सब से ज़्यादा क़ीमती है और वह है 'अच्छी सेहत'। क्योंंकि सेहत बिगड़ जानेे के बाद इंसान ढेरों सफलतााएं पाकर भी ख़ुश नहीं रह पाता। सच भी है कि अगर आपके पास अच्छी सेहत नहीं है तो ऐसी सफ़लता और धन-दौलत किस काम की? सफलता वही है जिसे आप enjoy कर सकें। पूरे जोश के साथ सबके साथ बाँट सकें।
दोस्तों 2022 का ये साल हम सभी के लिए नई चुनौतियां लेकर आया है। क्योंकि यह कई मायनों में ख़ास होगा। 2020 में कोरोना जैसी माहमारी का सामना करते हुए इतना कुछ हम सभी ने सहा है कि अब तो इसे सोच लेने मात्र से ही डर लगने लगता है। अब चूंकि कोविड वैक्सीन लगने के बाद स्थिति सामान्य हो चुकी है। लेकिन इसका अर्थ यह हरगिज़ नहीं कि अब आप वो सारा मंज़र भुलाकर फ़िर से लापरवाह बन जाएं।
बेहतर यही होगा कि कोविड के दौरान बनी कुछ अच्छी आदतों को जारी रखें। कोरोना की गंभीरता ने हमें सेहत के प्रति जागरूक होने के लिए विवश किया है। सेहत के लिए समय निकालने का मौक़ा दिया। पुरानी आदतों को छोड़ने और नई आदतों को शुरू करने के लिए भी बाध्य किया है। इसलिए आइये आज के इस आर्टिकल में जानते हैं उन 20 आदतों के बारे में जिनको अपनाकर आप नये साल में स्वस्थ रह सकते हैं।
निरोगी बने रहने के लिए क्या करें इन हिंदी (Nirogi bane rahne ke liye kya kare in hindi)
हमें अपनी दिनचर्या में कुछ ऐसे सतर्कता भरे सुधार करने होंगे या यूँ कह सकते हैं कि अपनी रोज़मर्रा की आदतों में कुछ नए बदलाव शामिल करने होंगे। तभी हम ख़ुद को स्वस्थ, सुखी और प्रसन्न रखने में सफल हो पाएंगे। इसके लिए नीचे दी गयी कुछ अच्छी आदतें बनानी होंगी।
(1) बार-बार हाथ धोते रहें
कोरोनाकाल में हमने निश्चित रूप से यह सीख लिया है कि बार-बार हाथ धोने से बैक्टीरिया, वायरस, फंगस से बचाव कैसे होता है। यही अच्छी आदतें हमें भविष्य में सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी। इसीलिये इन अच्छी आदतों को अपनी दिनचर्या में जारी रखिये।
लगभग 65% पेट की बीमारियां, पीलिया, फ़्लू, हेपेटाइटिस आदि बीमारियों को सिर्फ़ समय-समय पर हाथ धोकर रोका जा सकता है।
(2) इन्हें बार-बार छूने का प्रयास न करें
चूंकि आंख, नाक, कान और होंठ ऐसे संवेदनशील अंग हैं जिन्हें बार-बार छूते रहने से वायरस, बैक्टीरिया या फंगस आदि से शरीर के अन्दर जाकर गंभीर बीमारियां फैलाने की संभावना बढ़ जाती है।
अधिकतर लोग हर 1 घंटे में लगभग 16 से 18 बार या इससे अधिक बार अपने चेहरे को हाथों से छू लेते हैं।
(3) संतुलित खानपान रखें
स्वस्थ रहने के लिए क्या खाना चाहिए ? इस सवाल के जवाब में यही बताना चाहते हैं कि आप ज़्यादातर यह कोशिश करें कि आपके भोजन में विटामिन (Vitamin), प्रोटीन (Protein), वसा (Fat), कार्बोहाइड्रेट ( Carbohydrate), मिनरल्स (Minerals) आदि की पर्याप्त मात्रा शामिल हो। बेहतर स्वास्थ्य के लिये आपका अच्छा खाना ज़रूरी होता है। पौष्टिक भोजन की आपको सेहतमंद रखने में प्रमुख भूमिका होती है।
(4) भरपूर पानी पीने की आदत बनाएं
अच्छी सेहत अगर चाहिए तो पानी की भरपूर मात्रा लेना अत्यंत आवश्यक होता है। इससे मेटाबोलिज्म मज़बूत होता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहने से सिर दर्द और माइग्रेन जैसी बीमारियों से भी राहत मिलती है। 2.5 - 3 लीटर तक पानी दिन भर में पीने की कोशिश करें। जूस, दाल का पानी या सूप भी लिक्विड डाइट में रोज़ ले सकते हैं।
शरीर में पानी की कमी होने से थकान, पेट और दिल संबंधी बीमारियां, मोटापा, त्वचा और आंखों का रूखापन, मुँह से दुर्गंध आना, जोड़ों में दर्द होना और किडनी को भारी नुकसान हो सकता है।
(5) दूसरों की चीज़ें उपयोग करने से बचें
दूसरों का तौलिया, रेजर, कंघी, साबुन, रुमाल आदि का इस्तेमाल करने से बचें। इससे त्वचा और बालों में संक्रमण, डायरिया आदि की आशंका रहती बनी रहती है। कोरोना काल में संक्रमण से बचने का यही एक कारगर उपाय साबित हुआ है।
(6) पर्याप्त नींद लेते रहें
5 से 8 घंटे की नींद रोज़ लें। नींद पूरी न होने से lifestyle से जुड़ी अनेक बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, ब्लडप्रैशर, कैंसर, मानसिक रोग आदि की आशंका ज़्यादा बनी रहती है।
पूरी नींद न होने से अधिकतर लोगों के साथ लगभग 77% ख़तरा hypertension (हाइपरटेंशन) का बढ़ जाता है।
(7) मानसिक तनाव से बचें
यदि आपकी मानसिक स्थिति बेहतर है तो निश्चित रूप से आप शारीरिक व मानसिक कार्यो को बेहतर ढंग से अंजाम दे सकते हैं। इसलिए सकारात्मक रहने का प्रयास करते रहें। जब भी ख़ाली वक्त हो, रचनात्मक कार्यों में अपना मन लगाएं। इससे आप बेकार की चिंता से बचेंगे।
लगभग 60% से भी अधिक बीमारियां तनाव के कारण कारण होती हैं। अत्यधिक मानसिक तनाव बढ़ने से एड्रिनल ग्लैंड अधिक हार्मोन का निर्माण करता है। जो कि अनेक बीमारियों की वजह बनता है।
(8) स्क्रीन टाइम तय करें
स्मार्टफ़ोन, टेबलेट या टेलिविज़न की स्क्रीन पर हर वक्त अपनी आंखें गड़ाए रखने से बचें। ऐसा करना बड़ों और बच्चों दोनों के लिए हानिकारक है। ज़्यादातर देखा गया है कि ज़रूरत से ज़्यादा टाइम स्क्रीन के सामने बिताने से व्यक्ति चिड़चिड़ा होने लगता है जिससे तनाव जैसी स्थिति पैदा होने लगती है। इसीलिये कम से कम 30 से 40 मिनट लगातार देखने के बाद 5 मिनट का ब्रेक ले लिया करें।
हर वक्त स्क्रीन के सामने रहने वालों के साथ सिर दर्द, गर्दन दर्द, कंधे का दर्द, आँखों का रूखापन, मोटापा, मानसिक तनाव जैसी समस्याएं आम हैं।
(9) पैकेट बंद और जंक फूड से दूर रहें
बंद पैकेट वाले फूड या जंक फूड आपको हमेशा नुकसान पहुंचाने का ही काम करते हैं। बंद पैकेट फूड को अधिक समय तक ताज़ा रखने के लिए आजकल कई प्रकार के केमिकल्स और स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे डाइबिटीज़ का ख़तरा ज़्यादा बढ़ जाता है। साथ ही मोटापा भी बढ़ जाने का ख़तरा बना रहता है।
(10) नियमित प्राणायाम व योगासन करें
आज के समय में योग और प्राणायाम का स्थान अत्यंत ही महत्वपूर्ण हो गया है। यह कितना उपयोगी है आप कोरोना काल से बेहतर जानने लगे होंगे। नियमित योग व प्राणायाम करने से सैकड़ों ही नहीं बल्कि हज़ारों गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है।
(11) वैक्सीन अवश्य लगवाएँ
छोटे बच्चों को जिस तरह टीके लगवाकर खसरा, टिटनेस, पोलियो, टीबी, गलघोंटू, काली खाँसी, हेपेटाइटिस बी से बचाया जाता है। वयस्कों के लिए भी फ्लू, टिटेनस, निमोनिया, सर्वाइकल कैंसर के टीके लगाए जाते हैं। बच्चे हों या वयस्क हों, ज़रूरी टीके ज़रूर लगवाएँ। कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन का ट्रायल भी हो रहा है। अगर उपलब्ध हो तो इस टीके को भी लगवाने के भरसक प्रयास करें।
(12) खुलकर हँसने का प्रयास करें
आप भली भांति जानते हैं कि हँसने-हँसाने वालों के साथ हर कोई वक्त बिताना चाहता है।हँसते मुस्कुराते रहने से आपकी ख़ूबसूरती भी बढ़ती है जो आपके व्यक्तित्व पर चार चांद लगाने में मदद करती है। जब भी हम खुश रहते हैं। हमारे शरीर में ऐसे हार्मोन्स बनने लगते हैं जो हमें तनाव से दूर रखने में हमारी मदद करते हैं। शोधों से पता चला है कि इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने, शारीरिक और मानसिक स्थिति को सुधारने, पाचन क्रिया को सही करने, मेमोरी बढ़ाने के लिए हँसने खिलखिलाते रहने से बेहतर कोई उपचार नहीं।
खुलकर हँसने से ख़ून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। अच्छी नींद आने लगती है जिस कारण बुढापा भी देरी से आता है। हँसने से शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ने लगती है। तनाव कम होता है। जिस कारण मानसिक रोगों से बचाव होता है।
(13) रूटीन टेस्ट करवाएं
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी और उस पर ख़राब दिनचर्या इतनी हो गयी है कि कम उम्र में ही ब्लड प्रेशर, हार्ट की बीमारियां, कैंसर, थायरॉइड आदि की समस्याएं हो रही हैं। ऐसी अनेक बीमारियां होती हैं जिनका हमें पता तब चलता है जब वह गंभीर रूप ले चुकी होती है। ऐसी स्थिति से बचने का सीधा और सरल तरीका यही है कि आप समय-समय पर रूटीन चेकअप करवाते रहें। ताकि आप किसी भी समस्या के आने से पहले सावधान हो सकें।
(14) लंबी सिटिंग से बचें
कोविड19 के बाद लोगों का वर्क फ्रॉम होम (Work form home) यानी कि घर से कार्य करने की आदत बन गयी है। इसके फ़ायदे तो हुए हैं लेकिन लंबी सिटिंग से हार्ट अटैक, ब्लडप्रेशर, डायबिटीज़, शरीर में दर्द, मोटापे का ख़तरा ज़्यादा बढ़ा है। बिस्तर या सोफे पर लेटकर काम करते रहने से लोगों में रीढ़ की हड्डियों की परेशानी अलग हो रही है। इसलिए आप लगातार बैठकर या लेटकर कार्य करने से बचें। बीच बीच में रेस्ट ज़रूर लें।
(15) सब्ज़ियां ज़्यादा खाएं
शाकाहारी खाना खाने की आदत डालें। अपने खाने में हरी सब्ज़ियाँ, मौसमी फल आदि को शामिल करें। क्योंकि इस इस तरह के खाने से न केवल वज़न नियंत्रित रहता है, बल्कि शरीर भी डिटॉक्स होता है। वैसे भी हरी सब्ज़ियों में सेहत का ख़ज़ाना छिपा होता है। ये ख़ून बढ़ाने के साथ-साथ कैंसर, एनीमिया, पथरी जैसी बीमारियों के लिए रामबाण से कम नहीं होतीं। सीधे शब्दों में कहें तो सब्ज़ियों को अपनी डाइट में शामिल करना यानी कि अनेक गंभीर बीमारियों से छुटकारा पाना होता है।
(16)) चीनी-नमक की मात्रा कम खाएं
डाइट में चीनी-नमक ज़्यादा खाने से फ़ायदे कम बल्कि नुक़सान ज़्यादा होता है। चीनी के अधिक सेवन से वसा की परत जमने लगती है। चीनी की अधिक मात्रा केल्शियम के मेटाबोलिज़्म को डिस्टर्ब कर देती है। यह बालों, हड्डियों, रक्त और दांतों से केल्शियम को सोखने लगती है। तो दूसरी तरफ ज़्यादा नमक खाने से डिहाइड्रेशन, वाटर रिटेंशन, ब्लडप्रेशर, गुर्दे की बीमारी, मोटापा आदि की समस्या बढ़ सकती है। इसीलिये हमारी यही सलाह है कि स्वाद के चक्कर में आप इन दोनों ही चीज़ों को अधिक मात्रा में लेने से बचें।
(17) गुनगुना पानी पीएं
सुबह उठने के बाद बेड टी पीने की आदत को छोड़कर उसकी जगह गुनगुना पानी पाइन की आदत डाल लें। इससे कब्ज़ से बचाव व हार्मोन का स्तर भी नियंत्रित रहता है। साथ ही आपका वज़न भी नियंत्रित रहता है। लगभग 300-400 मिली तक गुनगुना पानी सुबह उठने के बाद पीने की आदत बनाइये।
(18) नशा करने से बचें
नये साल में धूम्रपान व दूसरे नशे पूरी तरह से बाय-बाय करने का प्रयास करें। नशीले पदार्थों का सबसे बड़ा प्रभाव यह है कि ये आपके दिमाग़ को ही अपनी चपेट में पहले ले लेता है। मानसिक तनाव, शारीरिक कमज़ोरी, याददाश्त में कमी व हृदय की धमनियां कठोर होने लगती हैं। हार्ट अटैक का ख़तरा ज़्यादा बढ़ने लगता है। अल्कोहल से शरीर में प्रोटीन-विटामिन्स की कमी हो जाती है। यानी कि यदि आपने नशा करना छोड़ दिया समझो अनेक परेशानियों की जड़ को ही ख़त्म कर दिया।
मादक पदार्थों के अलावा हमारे दैनिक उपभोग की वस्तुएँ जैसे चाय, कॉफी, वीडियो गेम्स, स्मार्ट फ़ोन, व्हाट्सएप्प, फेसबुक आदि का अत्यधिक उपयोग भी नशे की श्रेणी में गिने जा सकते हैं।
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(19) वज़न को नियंत्रण में रखें
मोटापा एक बीमारी नहीं, बल्कि अधिकतर बीमारियों का मुख्य कारण माना जाता है। इसीलिए हमे डॉक्टरों द्वारा वज़न नियंत्रित रखने की सबसे ज़्यादा सलाह दी जाती है। दरअसल मोटापे से जल्दी मृत्यु का ख़तरा कई गुना ज़्यादा बढ़ जाता है।
(20) ख़ुद से ही दवा लेने से बचें
अपने ही मन से दवा लेना निश्चित तौर पर जानलेवा हो सकता है। ज़्यादा पेनकिलर से अल्सर, कब्ज़, लिवर और किडनी डेमेज, अस्थमा का ख़तरा हमेशा ही बना रहता है। ज़्यादा एंटीबायोटिक से रेजिस्टेंस यानी कि प्रतिरोधक क्षमता कम होने का ख़तरा बना रहता है। ब्लड प्रेशर, पेट में अल्सर, आंखों की रोशनी कम हो जाने के साथ-साथ कब्ज़, सिरदर्द, नींद न आना, घबराहट, एलर्जी, बेचैनी जैसे अनेक समस्याओं का ख़तरा अत्यधिक बना रहता है। इसलिए कोई भी समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
50% से अधिक लोग छोटी-छोटी बीमारियों के लिए ख़ुद ही दवा लेते हैं। जिसमें लगभग 20% लोग किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित या असमय मृत्यु के शिकार हो जाते हैं।
आशा है आप हमारे विशेष बिंदुओं जो कि इस आर्टिकल में बताए गए हैं इनसे ज़रूर सहमत होंगे। नए साल में आप खुश रहने की भरसक कोशिश करिये। क्योंकि किसी भी कार्य का बेहतर परिणाम आप प्राप्त करें न करें मगर खुश रहकर आप ख़ुद पर आने वाली कई परेशानियों से बच जाते हैं। इसीलिए हम इस नए साल में आप सभी से खुश रहने, सेहतमंद और तनावमुक्त रहने की उम्मीद करते हैं।
(- By Alok)
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