पानी पीते समय रखें इन बातों का विशेष ध्यान | Pani pite samay koun si galti nahi karna chahiye?
दोस्तों इस धरती पर हर जानवर, हर पक्षी को पता है कि पानी कैसे पीना है, कहां से पीना है और कब पीना है। बस हम इंसानों को ही नहीं पता होता कि पानी कैसे, कहां से और कब पीना है। आज की लाइफ़स्टाइल के चलते लोगों को फ़ुरसत कहां है कि ज़रा ठहरकर ग़लत तरीक़े से पानी पीने के नुक़सान क्या हो सकते हैं? इसके बारे में सोच सकें।
आज इस लेख के माध्यम से हम आपसे इसी ख़ास विषय पर चर्चा करने वाले हैं। बस इस लेख के अंत तक बने रहिए आपको आज पानी पीने में की जाने वाली उन ग़लतियों के बारे में जानने मिलेगा जिन्हें आप जाने अनजाने में रोज़ करते हैं। साथ ही पानी पीने का सही तरीक़ा (pani pine ka sahi tarika) जानने मिलेगा।
दोस्तों अगर हम पानी पीने के तरीक़े (pani pine ke tarike) कि बात करें तो सबसे ज़्यादा कन्फ्यूज़ आप इस बात के लिए रहते हैं कि पानी कैसे पीया जाए, कहां से पीया जाए और कब पीया जाए? कोई कहता है गर्म पानी पीना चाहिए, तो कोई कहता है फ़्रीज का ठंडा पानी। कोई कहता है 4 गिलास पानी पीना चाहिए तो कोई कहता है 8 गिलास। कोई कहता है सुबह को तो कोई कहता है शाम को। कोई कहता है ये फ़िल्टर नहीं, बल्कि वो फ़िल्टर यूज़ करना चाहिए।
तो चलिए बिना देर किए हम आपका यह कन्फ्यूज़न ख़त्म किए देते हैं। और जानते हैं कि पानी पीते समय कौन सी गलती न करें? और साथ ही यह भी जानते हैं कि पानी पीने का सही तरीक़ा क्या है? (pani pine ka sahi tarika kya hai?)
1) एकदम से गटागट पानी न पीएं -
अक़्सर लोग पानी पीते समय यही ग़लती करते हैं। बोतल या जग या गिलास का पानी बड़ी ही तेज़ी से पीना चालू कर देते हैं। यानि कि बोतल को मुंह लगाया और एक बार ही में तेज़ी से पूरा पानी गले में उतार लिया। ऐसे में तेज़ी से पानी पीने के नुक़सान उठाने पड़ सकते हैं।
सही तरीक़ा - पानी पीते समय घूंट घूंट लेकर धीरे धीरे पानी पीने की कोशिश करें। ताकि हर घूंट के साथ आपके मुंह से लार (saliva) भी पानी में घुलकर नीचे उतरे। ताकि पानी को पचाने में आसानी हो। क्योंकि खाने को पचाने में जिस तरह सलाईवा ज़रूरी है। ठीक वैसे ही लिक्विड को पचाने के लिए भी उतना ही ज़रूरी होता है। अब आप जान गए होंगे कि तेज़ी से पानी पीना चाहिए या नहीं?
2) खड़े होकर या लेटकर पानी न पीएं -
अधिकतर लोग पानी पीते समय यही ग़लती करते हैं। कहीं से आते ही खड़े खड़े गिलास या पानी का जग उठाकर तेज़ी से गटकना चालू कर देते हैं। खड़े होकर पानी पीने से क्या होता है? तो हम आपको बता दें कि इसके बड़े ही घातक परिणाम हो सकते हैं। जैसे कि घुटने में दर्द, सूजन और गठिया कि समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं बल्कि किडनी, लीवर और शरीर के कई अंगों के लिए भी बेहद नुक़सानदायक हो सकता है। अब तो आप जान चुके होंगे कि पानी खड़े होकर क्यों नहीं पीना चाहिए?
सही तरीक़ा - कभी भी आराम से बैठकर पानी पीना चाहिए। वह भी घूंट घूंट लेकर। ताकि शरीर में आराम से पानी पहुंच सके। और आपकी बॉडी का संतुलन भी बना रह सके।
3) ख़ूब ठंडा या ख़ूब गर्म पानी न पीएं -
ज़्यादातर लोग बाहर से आए ही फ़्रीज ठंडा पानी सिर्फ इसीलिए पीते है ताकि शरीर को ठंडक मिले। तो कुछ लोग ज़रूरत से ज़्यादा गरम पानी सुबह शाम पीते रहते हैं। हम आपको बता दें कि ज़रूरत से ज़्यादा ठंडा या गर्म पानी आपकी बॉडी के लिए किसी मिनी शॉक (shock) से कम नहीं होता। ऐसा करने पर कुछ देर के लिए आपकी बॉडी हेंग (shocked) हो जाती है। बार बार ऐसी परिस्थितियां निर्मित होने पर भविष्य में आपको किसी बड़ी परेशानी से भी जूझना पड़ सकता है।
सही तरीक़ा - अगर आपको पानी पीना हो तो कमरे के तापमान (room temperature) से मिलता जुलता ही पीएं। क्योंकि ज़रूरत से ज़्यादा ठंडा या गर्म पानी को सामान्य तापमान पर लाने के लिए आपके शरीर को दुगुनी मेहनत करनी पड़ती है। जिस कारण बार बार आपके शरीर को असंतुलन की स्थिति से गुजरना पड़ता है। गर्मी में ठंडा पानी पीना हो तो बेहतर होगा आप मिट्टी के किसी घड़े का इस्तेमाल करें। क्योंकि घड़ा आसपास पानी का तापमान उतना ही रखता जितना कि आपके शरीर के लिए उपयुक्त हो।
4) खाना खाते समय ज़्यादा पानी न पीएं -
अधिकतर लोगों की यही आदत होती है कि वे खाना खाते समय बीच बीच में ख़ूब सारा पानी गटकते रहते हैं। कुछ तो हर एक-दो कौर के बाद अच्छा ख़ासा पानी पीते रहते हैं। खाना खाते समय पानी क्यों नहीं पीना चाहिए (khana khate samay pani kyon nahin pina chahie) तो हम बता दें कि खाना खाते समय पानी पीने से आपके पेट के अंदर की जठर अग्नि शांत हो जाती है। जिस कारण पेट में गया हुआ खाना ढंग से पचने के बजाय सड़ने लगता है। परिणाम यह होता है कि आप गैस व बदहज़मी के शिकार होने लगते हैं। इसलिए खाना खाते समय पानी पीने के नुक़सान (khana khate samay pani pine ke nuksan) को जानकर आप भी सावधान हो जाइए।
सही तरीक़ा - खाना खाने के लगभग आधे या 1 घंटा पहले या बाद में पानी पीएं। ऐसा करने से आपके पेट में जाने वाला खाना सही तरीके से पचेगा। क्योंकि आपके पेट में मौजूद अग्नि आसानी से खाना पचा सकेगी। यदि खाना खाने के बीच में पानी पीने की ज़रूरत पड़ ही जाए तो एक दो सिप (घूंट) पी लिया करें। ताकि आपके पेट के अंदर की अग्नि बनी रहे। और आपका डाइजेस्टिव सिस्टम सामान्य रूप से बेहतर काम करता रहे।
5) बोतल बंद पानी के बजाय फ्रेश पानी पीएं -
आजकल बाज़ार में ऐसी अनेक कम्पनियां है जो फ्रेश और मिनरल वॉटर उपलब्ध कराने का दावा करती हैं। अनेक नामी कंपनियां इस पानी के नाम पर अपने ब्रांड बन चुकी हैं। बोतल बंद पानी कितना सुरक्षित है? इस बारे में हम बता दें कि बाज़ार में जो प्लास्टिक बोतल में आपको पानी मिलता है वो डेड वॉटर होता है।
यानि कि इस पानी में जान नहीं होती। न जाने कितने हफ़्तों और महीनों पहले फैक्ट्री से पैक होकर बाहर निकलता है। न जाने कितने ही हफ्ते, महीनों तक कई गोडाउन, वेयर हाउसेस और दुकानों में पड़ा रहता है। और कितने महीनों बाद यह पानी आपके हाथों में पहुंचता है। अब आप ही सोच सकते हैं कि कई महीनों से बोतल में पड़ा हुआ यह पानी, क्या आपके घर के फ्रेश पानी की बराबरी कर सकता है?
सही तरीक़ा - हमेशा फ्रेश पानी पीने का प्रयास करें, वो भी कॉपर, स्टील या कांच की ग्लास में। यात्रा करना हो तो घर से ही अच्छा पानी रख लें। चाहे तो आप पानी को अच्छी तरह उबालकर भी रख सकते हैं। दरअसल प्लास्टिक की बोतल में लंबे समय तक पानी रखे रहने से पानी में माइक्रो प्लास्टिक फ़ाइबर लीक होते रहते हैं। यानि कि जब हम बोतल बंद पानी पीते हैं तब उस पानी के साथ माइक्रो प्लास्टिक भी शरीर के अंदर लेते रहते हैं। जो कि हमारे शरीर के लिए बेहद ख़तरनाक साबित हो सकते हैं। आपको बोतल बंद पानी के नुक़सान उठाने पड़ सकते हैं।
उम्मीद है आपको यह लेख "पानी पीने का सही ढंग क्या है | pani pine ka sahi dhang kya hai?" ज़रूर पसंद आया होगा। हम आशा करते है कि अपने साथ साथ आप अपने दोस्तों से भी इसे शेयर जरुर करेंगे। ताकि वो भी यह खान सकें कि पानी कैसे पीना चाहिए (pani kaise pina chahie?)
(- By Alok)
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