हरे मटर खाने के फ़ायदे क्या हैं? जानिए इसे खाते समय क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए | कच्चे मटर खाने के लाजवाब 12 फ़ायदे

दोस्तों! मटर की हरी-हरी व ताज़ी फल्लियों को देखकर हम सभी के मुंह में सचमुच पानी आ जाता है। वाकई मटर के बारे में सोचकर ही मन किसी स्वादिस्ट सब्ज़ी, पकवान आदि के बारे में सोचने लगता है। मगर क्या आप कच्चे मटर खाने के फ़ायदे जानते हैं? ज़्यादातर लोग सर्दियों के मौसम में लगभग हर तरह की सब्ज़ियों में मटर का उपयोग करते हैं। 



ख़ास बात यह है कि मटर का उपयोग मुख्य रूप से फ़िलर के रूप में ही ज़्यादा किया जाता है। चाहे फ़िर वह पोहा हो, पनीर हो, पुलाव हो, कचौरी हो या अन्य क्षेत्रों में बनाई जाने वाली कोई विशेष डिस ही क्यूँ न हो। 

यानि कि अन्य सब्ज़ी या भोजन के साथ इसे मिलाकर ही इस्तेमाल किया जाता है। शायद इसलिए ज़्यादातर लोगों को यह भ्रम रहता है कि मटर सिर्फ़ किसी भी डिस का स्वाद बढ़ाने का साधन मात्र है। इसमें और कोई ख़ास बात नहीं। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है।


यूँ तो हरी मटर खाने में सबको बहुत पसंद आती है। चाहे वह कच्ची हो, भुनी हो या सब्ज़ी, पोहे आदि पकवानों में डाली हो। यह न केवल स्वाद को बढ़ाती है। बल्कि इसमें ऐसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। जो हमें गंभीर बीमारियों से बचाते हैं। आज हम आपको मटर खाने के लाभ बताने वाले हैं। जिसे जानकर आप ख़ुद हैरान हो जाएंगे। तो चलिए जानते हैं मटर खाने के क्या फ़ायदे हैं?


हरे मटर खाने के फ़ायदे (Green Peas Benefits in hindi)



(1) आयरन, ज़िंक, मैंगनीज और कॉपर का स्रोत-
मटर में पर्याप्त मात्रा में आयरन, ज़िंक, मैंगनीज और कॉपर जैसे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक तत्व पाए जाते हैं। इन तत्वों में फ़ाइबर अधिक होता है। ये तत्व कई तरह की बीमारियों से शरीर को बचाने में सहायक होते हैं।

मटर में ज़िंक की प्रचुर मात्रा होने से गर्भवती महिलाओं को हरी फलियों में सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वाली फली है। ज़िंक अधिक मात्रा में होने से गर्भवस्था में खाने से मां और गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए यह अत्यंत स्वास्थ्य वर्धक होती है। यह गर्भावस्था के अंदर होने वाले इंफेक्शन को रोकता है। यह हार्मोन्स को नियंत्रित करने में भी सहायता करता है।

(2) फ़ाइबर की प्रचुर मात्रा-
मटर में फ़ाइबर पाया जाता है जो ब्लड में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में सहायता करता है। जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों की आशंका कम होती है। फ़ाइबर के द्वारा अधिक उम्र में होने वाली विभिन्न समस्याओं को नियन्त्रित किया जा सकता है।


(3) प्रोटीन व विटामिन का भरपूर स्त्रोत-
मटर में प्रोटीन व विटामिन्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। जो कि अनेक बीमारियों से बचने में मददगार होते हैं। मटर प्रोटीन प्राप्त करने का एक लाजवाब प्राकृतिक स्रोत है। प्रोटीन से माँसपेशियों व इम्यून सिस्टम को मज़बूती प्राप्त होती है। प्रोटीन शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक होता है। यदि आप खुद को थकावट भरा महसूस करते हैं तो भोजन के साथ मटर ज़रूर खाएँ। इससे आपके मांसपेशियों को ताकत मिलेगी। जिससे पूरा दिन आप ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे।

(4) एंटी ऑक्सीडेंट तत्व-
मटर में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं। जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अर्थात इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं। जिससे शरीर में विभिन्न रोगों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है।

(5) डायबिटीज़ के मरीजों के लिए सहायक-
डायबिटीज़ के समस्या से ग्रस्त मरीज़ों को मटर का उपयोग विशेष तौर पर करना चाहिए। मटर में पाया जाने वाला प्रोटीन आपके शरीर मे इंसुलिन की मात्रा को नियंत्रित करता है। साथ ही ब्लड में ग्लूकोज़ के स्तर को बढ़ने नहीं देता। इस तरह यह शुगर का स्तर सामान्य बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसीलिए दिन में कम से कम एक बार भोजन में मटर का सेवन करना चाहिए।

(6) दिल की बीमारियों के लिए लाभदायक-
दिल से जुड़ी बीमारियों में हरी मटर का सेवन करना बेहद फायदेमंद साबित होता है। दरअसल इससे कोलेस्ट्रॉल का ख़तरा कम होता है और साथ ही यह हृदय से जुड़ी कई बीमारियों के होने की आशंका को आपसे कोसों दूर करता है। इसके नियमित सेवन से आप हार्टअटैक के ख़तरे से भी बच सकते हैं।

(7) हड्डियां मज़बूत करने में सहायक-
जिनकी हड्डियां कमज़ोर हैं। उनके लिए मटर का सेवन बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। मटर में विटामिन K पाया जाता है। जो कि हड्डियों के व्यास को सही रखने और मज़बूती बनाये रखने में सहायक होता है। 

हम आपको बता दें कि शरीर में विटामिन K की कमी होने से हड्डियां खोखली होने लगती हैं। जिसे Osteoporosis (ओस्टियोपोरोसिस) की समस्या कहते हैं। इसीलिये प्रतिदिन कम से कम एक बार भोजन में मटर का उपयोग ज़रूर करें।


(8) वज़न नियंत्रित करने में प्रभावशाली-
मटर में कई ऐसे आवश्यक तत्व पाए जाते हैं जो वज़न को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इसमें प्रमुख होता है फ़ाइबर। फ़ाइबर के कारण पाचन क्रिया भी दुरुस्त होती है।

(9) दाग़ एवं झुर्रियों से छुटकारा-
यह एक प्राकृतिक स्क्रब की तरह भी प्रयोग में लाया जा सकता है। हरी मटर का पेस्ट चेहरे पर लगाने से दाग़ झुर्रियां कम होती है। इसका इस्तेमाल करने का तरीका अगर हम बताएं। तो आप चाहें तो इसे कच्चा पीसकर भी चेहरे पर स्क्रब की तरह मसाज कर सकते हैं।

मटर का प्राकृतिक स्क्रब हमारी त्वचा के लिए जवान और सुंदर दिखने में मदद करता है। चेहरे के लिए आप मटर की कुछ फल्लियों को पानी में उबालने के बाद पेस्ट बनाकर लेप की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपके चेहरे की खोई हुई चमक वापस आ जाती है। साथ ही धूल, मिट्टी और गंदगी चेहरे से निकल जाती है।

(10) सौंदर्य को निखारने में लाभदायक-
कई महिलाएं अपना सौंदर्य बढ़ाने के लिए, मटर के उपायों को आजमाती हैं। यानि कि आप मटर का प्रयोग कर सौंदर्य लाभ ले सकते हैं। भुनी हुई मटर, तथा नारंगी के छिलकों को दूध में पीस लें। आपको इसे उबटन को शरीर पर लगाना है। इससे आपकी त्वचा में निखार आता है। चेहरे में और अधिक ग्लो एवं फ्रेशनेस आता है।

(11) त्वचा के रोगों के लिए लाभदायक-
आप त्वचा संबंधी रोगों में भी मटर (Peas) का उपयोग कर सकते हैं। आप इसके लिए मटर का काढ़ा बनाकर, त्वचा के जिस स्थान पर समस्या है, वहाँ लगा सकते हैं। इससे त्वचा से संबंधित विकारों से छुटकारा मिलने में आपको ज़रुर मदद मिलती है।

(12) बालों के लिए लाभदायक-
मटर का उपयोग बालों के लिए भी उतना ही फायदेमंद साबित होता है। दरअसल मटर में पाया जाने वाला विटामिन C बालों को झड़ने से रोकता है। रूखे बालों की देखभाल के लिए यह बेहद फ़ायदेमंद होता है। इसमें उपलब्ध विटामिन बी 6, बी 12 और फोलिक एसिड लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिससे ऑक्सीजन की मात्रा सिर तक पहुंच जाती है और बालों को स्वस्थ और लंबे करने में सहायता करता है।



मटर खाने से क्या नुक़सान होता है? (What is the harm from eating peas in hindi)



मटर का सेवन करने के निसंदेह फ़ायदे ही फ़ायदे हैं। बस इसे खाने के पहले अपनी सेहत का ध्यान ज़रूर रखें। मटर अत्यधिक खाने से पहले आइये जानते हैं मटर से होने वाले नुक़सान के बारे में जो कि असावधानी बरतने से हो सकते हैं- 

(1) यदि आपको पेट फूलने की समस्या है तो आप मटर का सेवन कम मात्रा में करें। क्योंकि जिनका पाचन ठीक नहीं होता है, उन्हें मटर का अधिक सेवन करने से गैस बनने की समस्या हो सकती है।


(2) कब्ज़ होने की स्थिति में भी मटर का सेवन नहीं करना चाहिए। कब्ज़ की समस्या से ग्रसित व्यक्तियों के लिए मटर का सेवन वर्जित है।

(3) यदि आपको लूज मोशन की समस्या हो रही हो तो मटर (Green Peas) का सेवन करने से आपके पेट में दर्द हो सकता है। इसलिए आपको मटर का सेवन तभी करना चाहिए, जब आपका पेट ठीक हो।

(4) मटर का सेवन अत्यधिक मात्रा में न करें। क्योंकि ज़्यादा खाने से गैस बनना, खट्टी डकारें आना, कब्ज़ होना, पेट फूलने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। 

दोस्तों हरी मटर के लाभ अनेक हैं इसमें कोई दो मत नहीं है। आपको इसे खाते समय इस बात का ध्यान रखना होगा कि कहीं आप इसे अत्यधिक मात्रा में तो नहीं खा रहे हैं। क्योंकि कभी-कभी हमें किसी भी चीज़ को खाते वक्त इस बात का ज़रा भी ध्यान नहीं होता और हम यूँ ही बेतहाशा खा बैठते हैं। जिसका अंजाम हमें ही भुगतना पड़ता है। 

हमारी आपके लिए यही सलाह है कि बड़े हों या बच्चे। कच्चे मटर का सेवन ज़रा संभलकर करिएगा। ताकि आप इससे होने वाले बेहतरीन लाभ ले सकें और अपने जीवन को स्वस्थ और सुंदर बना सकें। 

दोस्तों उम्मीद है आपको हमारा यह आर्टिकल "हरे मटर खाने के फ़ायदे क्या हैं? इसे खाते समय क्या-क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?ज़रूर पसंद आया होगा। साथ ही यही आशा करते हैं कि आप इसकी सावधानियों को ध्यान में रखते हुए मटर खाने के फ़ायदे ले सकेंगे।
- By Poonam

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