दोस्तों जब भी पान खाने की बात हो तो सहसा ही एक मशहूर गीत याद आ जाता है। और वो गीत है- "खइके पान बनारस वाला, खुल जाए बंद अकल का ताला.." यानि कि पान खाने का मज़ा (Paan khane ka maza) अद्भुत होता है। पान का नाम सुनते ही लाल होंठ, स्वागत सत्कार, किसी महफ़िल की याद, फ़िर मुँह से पिचकारी मारते लोगों की मज़ेदार तस्वीरें हमारी आंखों के सामने उभर आती हैं।
लोग आख़िर इतना पान क्यों खाते हैं? तो हम आपको बता दें कि पान खाना (Paan khana) हमारे देश के लगभग सभी प्रान्तों में एक लोकसंस्कृति की पहचान माना जाता है। शौक़िया तौर पर लोग भोजन के बाद इसका ज़ायका लेना पसंद करते हैं। आप तो जानते ही हैं कि भोजन के बाद पान मुँह के स्वाद को बदल देता है। ऐसा माना जाता है कि भोजन के बाद पान का सेवन करना उत्तम व हितकारी होता है। कुछ लोग तो इसे व्यसन मानते हैं तो कुछ लोग इसे स्वागत सत्कार का प्रतीक मानते हैं।
सचमुच पान को मूड फ्रेश करने के लिए बड़े ही चाव से खाया जाता है। खाने के बाद पान खाना, तो जैसे एक परम्परा मानी जाती है। कोई फंक्शन हो तो पान खाने का मज़ा और भी दुगुना हो जाता है। हालांकि आजकल इसी पान को ज़्यादा ख़ास बनाने के लिए इसमें तरह-तरह की चीज़ें डाली जाती हैं। जिस कारण यही पान नुकसानदायक भी बन जाता है।
इसके अलावा हम पूजा-पाठ व अनेक धार्मिक अनुष्ठानों में इस पान का विशेष रूप से उपयोग करते हैं। मगर क्या आपको पता है? कि इस पान का उपयोग जड़ी-बूटी में भी किया जाता है। यानि कि इसका उपयोग आयुर्वेदिक अर्थात औषधीय रूप में भी किया जाता है।
यह पान सिर्फ़ मुँह के स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि सिर दर्द, आँखों की बीमारी, कान दर्द, मुँह के रोग, बच्चों की सर्दी, बड़ों के ज़ुकाम आदि में भी इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं, बल्कि कुक्कुर खांसी, सर्दी-ज़ुकाम, हृदय रोग, साँस संबंधी रोगों में भी इसका उपयोग किया जाता है। सचमुच लाजवाब औषधीय गुण पाए जाते हैं इस पान में। चलिए हम इस पान से आपका परिचय (Paan ka parichay) कराते हैं।
पान का परिचय (Betel Leaf introduction in hindi)
कई सालों से पान का इस्तेमाल व्यवहार, मुख-शुद्धि, सुगंधि एवं रुचि-वृद्धि के साथ-साथ पूजा पाठ आदि शुभ कार्यों और विशेष त्यौहारों में किया जा रहा है। इसीलिये इसे भारत के अनेक हिस्सों में व्यापारिक तौर पर उगाया जाने लगा है। इसकी लता कोमल होती है जो फैलती है। इसके तने चिकने, मज़बूत व छोटी जड़ के सहारे ऊपर चढ़ने वाले होते हैं।
इसके पत्ते पीपल के पत्तों के समान बड़े और चौड़े होते हैं।कुछ गहरे हरे रंग की होती हैं तो कुछ हल्के रंग की होती हैं। पान गर्म और आर्द्र प्रदेशों में ज़्यादातर उगाया जाता है। यह विशेषतः बिहार, बंगाल, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और श्रीलंका में बहुतायत में उगाया जाता है। हमारे देश में बनारस का पान सबसे उत्तम माना जाता है।
पान को भारत में नागबल्ली, श्रीवाटी, ताम्बूल, नागरबेल, तमालापाकु, खासीपान, नागवेल, तंबुल, तंबोल, भुजंगलता, ताम्बुलवल्लिका आदि न जाने कितने ही नामों से अलग-अलग क्षेत्रों में जाना जाता है।
पान का वनस्पतिक नाम (Botanical name)- Piper Betle (पाइपर बीटेल) Synonyms- Piper chawya, Piper malamiris, Piper densum.
Family - Piperaceae (पाइपरेसी) फ़ेमिली। इसके उपयोगी भाग पत्ते, जड़, फल और रस होते हैं। यानि कि पान एक औषधीय पौधा है जिसके प्रत्येक अंग लाभकारी हैं।
पान की पत्तियों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज द्रव्य और टैनिन के साथ-साथ कैल्शियम, फास्फोरस, लौह, आयोडीन और पोटेशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं। आमतौर पर कुछ लोगों के नज़रिए से पान खाना ग़लत माना जाता है। यह बात तब ज़्यादा सही लगने लगती है जब लोग पान खाकर इधर-उधर थूकने लगते हैं। जो कि एक गंदी आदत है।
पान खाने वालों को इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि वे थूकने के लिए थूकदान का इस्तेमाल करें। ना कि कहीं भी यानि कि किसी की दीवार या सड़क या लोगों के आने-जाने के स्थानों पर। हालांकि हम आपको बता दें कि पान खाने के कई लाजवाब फ़ायदे हैं।
दोस्तों पान खाने वाले तो बहुत होंगे लेकिन ऐसे कुछ ही लोग होंगे जिन्हें पान खाने के फ़ायदे (Paan khane ke fayde) क्या हैं? यह पता होगा। चलिए हम आपको आज पान के औषधीय गुणों (Paan ke aushdhiya gun) के आधार पर पान खाने के लाभ (Paan khane ke labh) बताते हैं जो निम्न हैं -
(1) पाचन क्रिया में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in digestion in hindi)
पान खाना सचमुच पाचन क्रिया के लिए बेहद लाभदायक होता है। दरअसल ये सैलिवरी ग्लैंड को सक्रिय करके लार बनाने का काम करता है। जो कि खाने को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ता है। सीधे शब्दों में कहें तो यह कि खाना चबाते वक़्त बनने वाला सलाइवा अधिक बनता है, जिससे भोजन को पचाने में आसानी होती है।
(2) कब्ज़ की समस्या में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in constipation problem in hindi)
कब्ज़ की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह फ़ायदेमंद साबित होता है। अक्सर कब्ज़ की समस्या वालों को पान की पत्ती चबाने के लिए कहा जाता है। गैस्ट्रिक अल्सर ठीक करने में भी पान फ़ायदेमंद साबित होता है।
(3) मुँह की बीमारियों में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in mouth diseases in hindi)
ऐसे लोग जिनके मुँह से दुर्गंध आती है। उनके लिए पान खाना लाभदायक होता है। दरअसल पान की पत्तियों में अनेक ऐसे तत्व होते हैं जो बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। इसीलिए मुँह को फ्रेश रखने के लिए पान खाना ज़्यादा बेहतर माना जाता है। पान में प्रयोग किए जाने वाले मसाले जैसे- लौंग, कत्था व इलायची भी मुँह को फ्रेश रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। पान खाने वालों के लार में एस्कार्बिक एसिड (Ascorbic acid) का स्तर सामान्य बना रहता है। जिस कारण मुँह के अंदर होने वाली बीमारियों से बचाव होता है।
(4) सिर दर्द की समस्या में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in headache problem in hindi)
सिर दर्द होने पर पान के इस्तेमाल से लाभ मिलता है। इसे कान के चारों तरफ़ बांधने से सिरदर्द से आराम मिलता है। सिर दर्द की समस्या जिन लोगों के साथ होती हो। उनके लिए पान का नुस्ख़ा बेहद फ़ायदेमंद हो सकता है।
(5) आंखों की समस्या में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in eye problem in hindi)
आंखों के लिए यह बेहद फायदेमंद होता है। पान के रस में बराबर मात्रा में शहद मिला लें। फिर उसे काजल की तरह आंखों की बीमारियों जैसे पलकों के रोग आदि में इस्तेमाल करने से लाभ होता है।
अगर आप किसी कारणवश रात को ज़्यादा जाग लेते हैं। या ज़्यादा थकान हो जाये तो आंखें अक्सर लाल सुर्ख़ हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में बस पान के पत्तों को पानी में उबालकर, उस पानी से अपनी आंखों पर छीटें मार लें। इससे आपको चमत्कारिक लाभ मिलेगा।
(6) कान के दर्द में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in earache in hindi)
दोस्तों अगर आपके कान में ज़्यादा दर्द हो रहा हो तो पान से अच्छा लाभ मिलता है। 1-2 बून्द पान के पत्ते के रस को कान में डाल देने से कान दर्द से राहत मिलती है। और तो और आँख में भी यदि आप कुछ बूंद इसके रस को डालते हैं तो रतौंधी जैसे रोग में भी राहत मिलती है।
(7) दांतों की जड़, मसूड़ों में दर्द व सूजन में पान के फ़ायदे (Benefits of betel root in teeth, gingival pain and swelling in hindi)
3-3 ग्राम रुमी मस्तगी, सुपारी और खदिर का मिश्रण लें। फ़िर इसे पान के पके हुए पत्तों के साथ पीस लें। इसकी 250-500 मि.ग्रा. की वटी बनाकर इसे दाँतों पर घिसने से दाँतों की जड़ का दर्द, सूजन आदि की समस्या भी जल्दी ही ठीक हो जाती है।
(8) कंठ (गले) के स्वर को मधुर करने में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in sweetening the throat in hindi)
हम आपको बता दें कि अगर आप गायन के शौकीन हैं तो अपने गले को सुरीला बनाने के लिए पान बेहद लाभदायक होता है। दरअसल पान की जड़ को चूसने से कंठ का स्वर मधुर और सुरीला होता है।
(9) बच्चों की सर्दी में पान के फ़ायदे (Benefits of betel during winter in hindi)
पान के इस्तेमाल से बच्चों की सर्दी में भी फ़ायदा होता है। पान के पत्तों को गर्म करने के बाद उसमें एरंड (अरंडी) के तेल को चुपड़कर बच्चों की छाती पर बाँध देने से लाभ मिलता है। इसके अलावा पान के डंठल को घिसकर उसे शहद के साथ चाटने से बच्चों की सर्दी और कफ़ की समस्या ठीक हो जाती है।
साधारणतया बच्चों को ज़्यादा सर्दी हुई हो तो पान के पत्तों पर सरसों का तेल लगाकर हल्का गर्म करके, बच्चों के सीने पर रख देने से जल्द ही आराम मिलता है। पान का यह नुस्ख़ा रामबाण की तरह काम करता है।
(10) वयस्कों के सर्दी-ज़ुकाम में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in cold and cold of adults in hindi)
पान की जड़ और मुलेठी को पीसकर मिश्रण बना लें। फ़िर इसे शहद के साथ चाटने से वयस्कों की बड़ी से बड़ी सर्दी और ज़ुकाम भी छू मंतर हो जाता है। साधारणतया सेंकी हुई हल्दी के टुकड़े को पान में डालकर खाने से सर्दी, खांसी और ज़ुकाम से फ़ौरन राहत मिलती है।
(11) कुक्कुर खांसी में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in cough in hindi)
कुकुर खांसी में पान का इस्तेमाल एक चमत्कार का काम करता है। इस तरह की खांसी में पान के रस का सेवन करने से गले की सूजन कम हो जाती है। फलस्वरूप कफ निकलने लगता है। आप चाहें तो 3-4 पान के पत्तों के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला कर सकते हैं। बेहतर लाभ होगा।
जिन्हें रात में अधिक खाँसी आती हो उन्हें पान में अजवाइन डालकर खाना चाहिए। ज़बरदस्त फायदा मिलता है। इसके अलावा 5 से 10 मिली पान के रस को शहद के साथ चाटने से सुखी खांसी ठीक हो जाती है।
(12) साँस के रोग में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in respiratory disease in hindi)
पान के पत्तो को गर्म कर रोगी की छाती पर बाँधे। ऐसा करने से सांस संबंधी रोगों में फ़ायदा करता है। डिफ्थीरिया रोग के मरीज़ों लिए पान के रस का सेवन भी काफी फ़ायदेमंद साबित होता है।
(13) हृदय संबंधी रोगों में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in heart related diseases in hindi)
हृदय संबंधी कमज़ोरी व किसी प्रकार के विकार में पान का सेवन उत्तम माना गया है। पान का शर्बत पीने से हृदय मज़बूत होता है। कब्ज़ व मन्दःग्नि ठीक होती है। यदि आपको अत्यधिक प्यास लगती है। तो पान खाईये। क्योंकि पान खाने से प्यास कम लगती है।
(14) बच्चों की कब्ज़ में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in children constipation in hindi)
बच्चों की कब्ज़ खोलने के लिए भी पान का उपयोग करना लाभदायक साबित होता है। पान की डंठल पर तेल चुपड़कर बच्चों की गुदा द्वार पर रखने से कब्ज़ खत्म हो जाती है।
(15) स्तनों की सूजन में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in the swelling of the breasts in hindi)
ऐसी महिलाएं जो बच्चे को जन्म दे चुकी हों। मगर उसका बच्चा उसके स्तन से दूध पीने में असमर्थ हो। ऐसी स्थिति में महिलाओं के स्तन में दूध भर जाता है। जिससे स्तनों पर सूजन आ जाती है। ऐसी स्थिति में पान को गर्म करके, स्तनों पर बांधने से सूजन कम हो जाती है।
(16) नपुंसकता के इलाज में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in the treatment of impotence in hindi)
पान के इस्तेमाल से नपुंसकता का इलाज भी किया जा सकता है। पान के पत्तों को लिंग (शिश्न) पर बांधने से नपुंसकता की समस्या में लाभ होता है।
(17) दुबलेपन से छुटकारा पाने में पान के फ़ायदे Benefits of betel to get rid of thinness in hindi)
पान के पत्ते को लगभग दस मरिच के साथ पीसकर चूर्ण बना लें। फ़िर इसे ठंडे जल के साथ सेवन करने से दुबलेपन की समस्या भी दूर होने लगती है।
(18) शारीरिक कमज़ोरी दूर करने में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in removing physical weakness in hindi)
पान के शर्बत में चरपरी चीज़ें या गर्म बेसवार मिला लें। इसे 25-25 मिली दिन में लगभग 3 बार पीने से शरीर की कमज़ोरी दूर होने लगती है।
(19) कामोत्तेजना बढ़ाने में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in boosting sexual arousal in hindi)
पान के पत्ते कामोत्तेजना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आप अपने अंतरंग पलों को ज़्यादा ख़ुशनुमा बनाने के लिए पान के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं। सामान्यतया रोमांस के एहसास को और भी ख़ूबसूरत बनाने के लिए पान का सेवन करना अधिकतर लोग पसंद करते हैं।
(20) चोट से बने घाव जल्दी भरने में पान के फ़ायदे (Benefits of betel for quick healing of injury wounds in hindi)
किसी भी प्रकार के छोटे मोटे घाव को जल्दी भरना हो तो पान का उपयोग लाभदायक होता है। ऐसे समय में पान एक एंटीसेप्टिक (Antiseptic) की तरह कार्य करता है। छोटी मोटी खरोंच या घाव को ठीक करने में पान लाजवाब है। पान को घाव पर बांध देने से वह घाव अपेक्षाकृत जल्दी भरता है।
(21) मिर्गी में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in epilepsy in hindi)
किसी को मिर्गी होने पर पान के सेवन से बेहतर लाभ होता है। आप तो जानते ही हैं कि किसी पुरुष अथवा महिला को मिर्गी की शिकायत हो तो उनका जीवन कितना कष्टमय हो जाता है। महिलाओं को मिर्गी आने पर 5-10 मि.ली. पान के रस को लगभग 100 मि.ली. दूध के साथ मिलकर पिलाने से चमत्कारिक फ़ायदा मिलता है।
(22) नकसीर फूटने में पान के फ़ायदे (Benefits of betel leaf in nosebleed in hindi)
अगर अचानक किसी की नकसीर फुट जाए। यानि कि अचानक नाक से खून निकलने लगे तो इसमें घबराने जैसी कोई बात नहीं। आप पान के पत्ते को सूंघते रहिये। आपकी यह समस्या जल्द ही ठीक हो जाएगी। सचमुच इस समस्या के लिए पान का नुस्ख़ा रामबाण ही है।
(23) बुख़ार में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in fever in hindi)
अक्सर बुख़ार आने पर लोग चिंता में पड़ जाते हैं कि इसके लिए कोई कौन सा उपचार करें जिसके साइडइफेक्ट ना के बराबर हों। तो अब घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। इसके लिए लगभग 3 मिली पान के रस को गर्म कर लें। फ़िर इसे दिन में दो-तीन बार पिलाएं। बुख़ार छू-मंतर हो जाता है।
(24) सूजन की समस्या में पान के फ़ायदे (Benefits of betel in inflammation problem in hindi)
शरीर के किसी भी अंग में अगर सूजन आ गयी हो तो पान के औषधीय गुण आपको बेहद लाभ पहुंचाते हैं। आप सूजन वाले हिस्से पर पान को गर्म करके बांध दें। ऐसा करने से सूजन हो या दर्द ही क्यों न हो। आराम मिल जाता है। सूजन कम करने में पान का इस्तेमाल विशेष रूप से किया जाता है।
(25) साँप के काटने पर पान के फ़ायदे (Benefits of betel on snake bite in hindi)
किसी को यदि साँप ने डस लिया हो तो उस स्थिति में पान का इस्तेमाल बेहद फ़ायदेमंद होता है। सांप की काटी हुई जगह पर पान का रस लगाएं। इससे साँप के काटने से होने वाला नुक़सान कम होता है।
पान खाने के नुकसान (Disadvantages of betel eating in hindi)
आइये! लगे हाथ हम यह भी जान लेते हैं कि पान खाने से क्या नुक़सान होता है (Paan khane se kya nuksan hota hai?) दोस्तों किसी भी चीज़ का सेवन ज़रूरत से ज़्यादा करना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसी तरह जब आप निरंतर पान खाते रहते हैं तो आपको एक प्रकार से पान खाने की लत (Paan khane ki lat) लग जाती है। आपको पान खाने की आदत (Paan khane ki aadat) पड़ जाती है। चूँकि पहली बार पान खाने से आपके मस्तिष्क पर असर, जैसे चक्कर आना, घबराहट के साथ-साथ बेचैनी महसूस हो सकती है। लेकिन जब आदत बन जाती है तब ये शिकायतें भी बंद हो जाती हैं। पान खाने से लार अधिक मात्रा में बनती है जो कि पाचन क्रिया के लिए लाभदायक है।
पान के पत्तों में इतने बेमिसाल औषधीय गुण पाए जाते हैं कि अगर पान को कोरा भी खाया जाए तब भी इसके अद्भुत लाभ मिल सकते हैं। लेकिन यही पान जब आप अत्यधिक मात्रा में खाने लगते हैं तो इससे होने वाले फ़ायदे, आपके लिए नुक़सान में बदल जाते हैं। आइये जानते हैं पान खाने से क्या नुक़सान है? (Paan khane se kya nuksan hai?) -
(1) यदि पान को तम्बाकू और सुपारी के साथ अत्यधिक मात्रा में खाया जाए तो बेहद नुक़सान होता है। पान अधिक खाने से भूख कम लगती है। इसिलिए पान को लिमिट (सीमा) में ही खाना चाहिए। पान में हेपिक्साइन नामक ज़हरीला पदार्थ होता है। जो कि अत्यधिक मात्रा में खाने से नुकसानदेह होता है।
(2) सुपारी मुंह का कैंसर पैदा करने के लिए जाना जाता है इसे अधिक मात्रा में खाया या चबाया नहीं जाना चाहिए। सुपारी में अर्कीडाइन नामक ज़हरीला पदार्थ होता है। इसीलिए सुपारी भी कम ही खाना चाहिए। सुपारी के इस्तेमाल से जुड़े कई स्वास्थ्य संबंधी ख़तरों में हृदय की दर, दिल की धड़कन, हृदय रोग, मुंह का ट्यूमर और मस्तिष्क के कैंसर शामिल हैं।
(3) कत्था ज़्यादा खाने से फेफड़ों में ख़राबी आने लगती है। तो वहीं पान के साथ अधिक चुना दाँतों को ख़राब कर देता है। किसी भी दवा या डाइटरी सप्लीमेंट के साथ, पान का उपयोग करने से पहले किसी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए।
उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह आर्टिकल "पान के ये 25 फ़ायदे जानकर आप ख़ुद को पान खाने से रोक नहीं पाएंगे | Betel Leaf (paan) benefits in hindi" अवश्य पसंद आया होगा। आशा करते हैं आप पान के अद्भुत लाभ व साइड इफेक्ट्स (Paan ke adbhut labh evam side effects) को जानने के बाद ज़रूर इसके फ़ायदों से लाभान्वित होंगे और साथ ही अपनी तरफ़ से सावधानियाँ बरतेंगे। साथ ही अपना इम्युनिटी पॉवर बरक़रार रखेंगे।
(By Alok)
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