कंजक्टिवाटिस (eye flu) क्या है? यह कैसे फैलता है? इससे कैसे बचा जा सकता है? | कंजक्टिवाटिस (Eye Flu) के लक्षण एवं घरेलू इलाज क्या है बताइए।

आई फ्लू क्या है? (लक्षण, इसकी सावधानियां, घरेलू उपचार) | Eye flu kya hai? (lakshan, savdhaniya, gharelu upchar), आई फ्लू कैसे फैलता है?, आई फ्लू से कैसे बचें?, आई फ्लू होने पर क्या करें?




दोस्तों, बरसात के दिनों में कंजक्टिवाटिस से पीड़ित मरीज़ों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो ही जाया करती है। मौसम में आए बदलाव के कारण आई फ्लू की समस्या देखी जाती है।
आंखें आना आँखों का पिंक (पिंक आई) हो जाना, आंखों से जुड़ी एक सामान्य समस्या है चिकित्सकीय भाषा में इसे कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) कहते हैं।

दोस्तों आंखें हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण व संवेदनशील अंग है। इस दुनिया की सारी ख़ूबसूरती आप तभी महसूस कर सकते हैं जब आपकी आंखें सही सलामत हों। इसलिए आंखों की देखभाल करना भी उतना ही ज़रूरी होता है। और अगर हमारे आसपास आंखों के संक्रमण की बीमारी फ़ैली हुई हो तब तो हमें और भी ज़्यादा सतर्कता बरतनी पड़ती है।

इस लेख में हम आंखों को संक्रमित करने वाली बीमारी आई फ्लू (eye flu in hindi) के बारे में विस्तार से जानेंगे। आई फ्लू से बचाव का तरीका क्या है? साथ ही जानेंगे कि आई फ्लू का घरेलू इलाज क्या है? (Eye flu ka gharelu ilaj kya hai?)


आई फ्लू क्या है? (What is eye flu in hindi) | आई फ्लू कैसे फैलता है?

दरअसल आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली कंजक्टाइवा होती है इसमें सूजन आना ही कंजक्टिवाइटिस कहलाती है। यह बैक्टीरिया और वायरस दोनों से होने वाला रोग है। संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले डिस्चार्ज के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने के द्वारा यह रोग फैलता है।

संक्रमण एक या दोनों आंखों में हो सकता है। यह काफी ज़्यादा संक्रामक है। यह संक्रमण, एलर्जी, या वायरस से हो सकता है, इसलिए अगर ऐसे लक्षण दिखें तो चिकित्सक की सलाह लेना उचित होता है। और बहुत तेज़ी से फैलता है यह कम से कम 5-6 दिनों तक रहता है।

कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) को 'रेड आई' या 'पिंक आई' के नाम से भी जाना जाता है और यह आँखों की सफ़ेद परत (कंजंक्टिवा) की सूजन और लालिमा के साथ होता है।

आई फ्लू और कंजक्टिवाइटिस आँखों के संक्रमण की एक प्रमुख प्रकार हैं जो कि आपके नाक, गले, और आँखों के परिस्थितियों के कारण हो सकते हैं। यह असामान्य परिस्थितियों में जैसे कि बारिश, धूप, या आपके संपर्क में आने वाले वायरसों के कारण विकसित हो सकते हैं।



कंजक्टिवाइटिस के लक्षण | आई फ्लू के लक्षण

आई फ्लू के लक्षण (eye flu symptoms in hindi) निम्नलिखित हैं -

• आंखों का लाल होना
• एक या दोनों आंखों में जलन या खुजली

• आंखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज आना
• आंखों में किरकिरी जैसा महसूस होना।
• आंखों में गंदगी अधिक आना
• आंखों में सूजन आना।
• आंखों में असामान्य रूप से अधिक आंसू निकलना


आई फ्लू से बचाव (Eye flu se kaise bachein)

कुछ सावधानियाँ जिन्हें अपनाकर आप इन संक्रमणों से बच सकते हैं। आई फ्लू या कंजक्टिवाइटिस जैसी बीमारियों से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय आपकी मदद कर सकते हैं -

1. हाथों को साफ रखें -
हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं। आँखों को छूने से पहले और बाद में हाथों को धोना महत्वपूर्ण है। सबसे महत्वपूर्ण है कि आप हमेशा अपने हाथों को साबुन और पानी से धोते रहें, विशेष रूप से भोजन बनाने या खाने से पहले और बाद में। चूंकि हम आँखों को स्पर्श करने के लिए हाथों का उपयोग ज़्यादा करते हैं। इसलिए अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोने से संक्रमण का ख़तरा कम हो जाता है। आप हेंड् सेनेटाइजर का प्रयोग भी कर सकते हैं।

2. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें -
आपके सामने आई फ्लू के व्यक्ति को छूने से बचें और उनके साथ मीटिंग करते समय आपके हाथों को न छूएं। आपने संक्रमणित व्यक्ति से संरचित संपर्क से बचें, और अपने व्यक्तिगत वस्त्र और सामग्री को अन्य लोगों से अलग रखें। यदि आपके पास किसी को आँखों की संक्रमण से पीड़ित होने की जानकारी है, तो आपको उनके संपर्क से बचने की कोशिश करनी चाहिए। आपके साथी या परिवार के सदस्य जो बीमार हैं, उनसे संपर्क करने से बचें।

3. आँखों को छूने से बचें -
आँखों को साफ़ रखने के लिए एक उपाय यह है कि आप अपने हाथों को अपनी आँखों से दूर रखें। आँखों को बार बार हाथों से छूने से बचें। ख़ासकर तब, जब आपने अपने हाथों को साफ़ न किया हो।

4. मास्क पहनें -
आई फ्लू के संक्रमण से बचाव के लिए आपको जब भी बाहर जाना हो, मास्क पहनना चाहिए।

5. स्वस्थ आहार और पर्याप्त पानी का सेवन - 
बीमारियों से बचाव के लिए अपनी आहार और पीने की आदतों का ध्यान रखें, जिससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत रहे। स्वस्थ आहार और पर्याप्त पानी पीने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली सही रहेगी, जिससे संक्रमण का ख़तरा कम होगा।

यदि आपको लक्षणों में सुधार नहीं होता है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। यदि आपको संबंधित बीमारियों के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सक से सलाह प्राप्त करें।


कंजक्टिवाइटिस के लक्षण दिखने पर बरती जाने वाली सावधानियां (Eye flu precaution in hindi)

आंखों में संक्रमण (ankhon me sankraman) हो जाने पर कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए जो कि निम्नलिखित हैं -

• निजी उपयोगी की सामग्री पेन मोबाइल रुमाल तौलिया तकिया आई कॉस्मेटिक आदि किसी से भी साझा न करें।

• यदि आप विद्यार्थी हैं तो 4 से 5 दिनों तक स्कूल न जाएं। घर पर ही आराम करें। क्योंकि इसका असर 4-5 दिनों तक रहता है।

• अधिक भीड़ वाली जगहों पर ना जावे धूल आदि से अपनी आंखों की पूर्ण सुरक्षा करें।

• अच्छी स्वास्थ्य देखभाल बनाए रखें, सही खानपान के साथ-साथ पर्याप्त आराम भी लें।

• अधिक संक्रमण होने पर किसी चिकित्सक से सलाह अवश्य लें। ताकि यह संक्रमण अधिक दिनों तक परेशान न करे।

• आपके डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का ध्यान से उपयोग करें।

वैसे तो आई फ्लू होने पर आपको किसी अच्छे डॉक्टर से ज़रूर मिलना चाहिए ताकि वह आपकी आंखों का पूरा चेकअप कर, आपको आई ड्रॉप, ऑइंटमेंट या एंटीवायरल दवाई दे सके। लेकिन घरेलू उपचार के तौर पर आईं फ्लू के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी हैं जिनके द्वारा आप आई फ्लू का इलाज कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि आई फ्लू घरेलू उपचार क्या है (eye flu ka gharelu upchar kya hai?)


आई फ्लू का घरेलू उपचार | Eye flu home remedies in hindi

आई फ्लू के घरेलू उपचार (Eye flu ke gharelu upchar) हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से जान सकते हैं -

1. गरम पानी से सिकाई - 
सामान्य स्थिति में भी हमें कभी कभी आंखों को गरम पानी से सिकाई करना चाहिए। लेकिन अगर आपको आई फ्लू की समा हो तो विशेष तौर पर गर्म पानी से सिकाई करना चाहिए। ऐसा करने से आंखों को जल्दी आराम मिलता है।

2. गुलाब जल का इस्तेमाल -
आंखों को गुलाब जल से धोने से आंखों का इंफेक्शन बहुत जल्दी हट जाता है। इसलिए रोज़ाना अपनी आंखों में गुलाब के जल की 2-3 बूंदें डालना चाहिए। इससे कंजक्टिवाइटिस की समस्या से जल्द ही निजात पाया जा सकता है।

3. गरम पानी का इस्तेमाल -
हल्के  गर्म पानी से आंख धोने पर आंख में जमने वाली गंदगी आसानी से हट जाती है। गरम पानी को किसी बर्तन में निकाल कर ठंडा कर लें। फ़िर उस हल्के गर्म पानी से आप अपने आखों को सीधे धो सकते हैं। ऐसा करने से आपकी आंखों में गंदगी के साथ साथ इंफेक्शन भी ख़त्म हो सकता है।

4. आंवला के रस का इस्तेमाल -
3 से 4 आंवले के फल के गूददे को पीसकर उसका रस निकाल लें। एक गिलास पानी में उस रस को मिला कर पीएं। आंवले के रस को सुबह खाली पेट में और रात में सोने से पहले दिन में दो बार इस्तेमाल करें। आँखों में संक्रमण होने पर आंवले का रस पीने से भी अच्छा लाभ मिलता है।

5. शहद और पानी का उपयोग -
एक ग्लास पानी में 2 चम्मच शहद को मिला लें। फ़िर उस जल को अपने हाथों में लेकर खुली आँखों में मारें। शहद मिले पानी से आँखों को धोने से आंखों का संक्रमण जल्द ही दूर होता है। 

6. पालक और गाजर का रस -
पालक के 4 या 5 पत्तों को पीसकर उसका रस निचोड़ लेें। फ़िर 2 गाजर को भी पीस कर रस निकाल लें। एक गिलास में आधा कप पानी भर लें और उसमे गाजर और पालक के रस को मिला कर पीएं। ऐसा रोज़ाना करने से आंख का संक्रमण कम होने लगता है। पालक और गाजर का रस आँखों के संक्रमण के लिए काफ़ी लाभदायक होता है। क्योकि इनमें पाए जाने वाले विटामिन आँखों के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 

7. हल्दी और गर्म पानी
2 चम्मच हल्दी के पाउडर को 2 से 3 मिनट तक गर्म करे। एक ग्लास गर्म पानी में उस हल्दी को मिला दे। रुई की मदद से आँखों को साफ़ करे। गर्म पानी में हल्दी को मिलाकर रुई से आँखों को पोछना चाहिए। 

8. आलू को आंखों पर लगाना -
एक आलू को अच्छे से पतले–पतले टुकड़ों में काट ले। रात में सोने से पहले उस कटे हुए आलू को अपने आँखों के ऊपर 10 मिनट तक लगा कर रखे फिर उसे उतार दें। आलू में स्टार्च अधिक मात्रा में होता है जिसके इस्तेमाल से आँखों के संक्रमण को ठीक किया जा सकता है।

Disclaimer : इस लेख में आई फ्लू के उपचार के तौर पर जितने भी घरेलू उपाय बताए गए हैं। वे केवल आंखों के सामान्य मामलों के लिए हैं। अगर स्थिति गंभीर हो तो आपको किसी डॉक्टर से अवश्य सलाह ले लेनी चाहिए।

उम्मीद है इस लेख के माध्यम से आपने आई फ्लू क्या है? इसके लक्षण, बचाव व घरेलू उपचार (Eye flu kya hai, iske lakshan, bachav, gharelu upchar) को भली भांति जान लिया होगा। हम आशा करते हैं यह जानकारी आपको आई फ्लू से बचाव में अवश्य मददगार साबित होगी।

(- By Alok)


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