प्रेग्नेंसी में पैदल चलने के फ़ायदे क्या हैं? | प्रेग्नेंसी के दौरान पैदल चलने में क्या सावधानी रखना चाहिए ?
हम आपको बता दें कि इस दौरान शारीरिक गतिविधि यानि कि प्रेगनेंसी में पैदल चलना (Pregnancy me paidal chalna) गर्भावस्था से संबंधित जटिलताओं को कम करता है जो कि वज़न बढ़ने और स्थिरीकरण के कारण उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे मामलों में महिलाओं को यही सलाह दी जाती है कि वह प्रति सप्ताह लगभग 150 मिनट मध्यम एरोबिक व्यायाम के साथ-साथ थोड़ा थोड़ा तेज़ चलने की आदत बनाये।
एक महत्वपूर्ण बात और कि यदि आप स्वस्थ हैं और आपकी हेल्थ सामान्य है तो आपके लिए चलना सुरक्षित होगा। वैसे भी जानकारों का कहना है कि एक मध्यम चाल से चलने की आदत, समय से पहले प्रसव, जन्म के समय कम वज़न या गर्भपात जैसी समस्याओं से दूर रखने में सहायता करती है। फ़िर भी यह सलाह दी जाती है कि प्रसव से पहले की अपनी यात्राओं के दौरान कैसे व्यायाम करना चाहिए? इस संबंध में अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।
गर्भावस्था में पैदल चलने के फ़ायदे (Garbhavastha me paidal chalne ke fayde in hindi)
यूँ तो किसी भी अवस्था में पैदल चलने के फ़ायदे लाजवाब होते हैं। लेकिन गर्भावस्था में टहलना (Garbhavastha me tahalna) यानि कि पैदल चलना महिलाओं के लिए लाजवाब और सुरक्षित व्यायाम कहलाता है। गर्भावस्था में पैदल चलना (Garbhavastha me paidal chalna) आपकी फ़िटनेस में ज़बरदस्त सुधार करने का बेस्ट तरीक़ा है। यह एक ऐसा व्यायाम है जिसे आप आसानी से अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं। इसलिए आप चाहें तो इसे गर्भावस्था के बाद भी जारी रख सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान चलने (Garbhavastha ke dauran chalna) के संभावित निम्न हो सकते हैं -
1. गर्भावस्था के दौरान पैदल चलना आपके दिल और फेफड़ों के लिए अच्छा है। जो कि आपके बच्चे के लिए भी फायदेमंद है।
2. गर्भावस्था के दौरान टहलना आपकी पीठ के दर्द को कम करने में मदद करता है।
3. प्रेग्नेंसी में पैदल चलने से आपके घुटनों और टखनों पर ज़ोर नहीं पड़ता।
4. गर्भावस्था में पैदल चलने से शरीर में रक्त का तेज़ी से संचार होता है। जिससे मांसपेशियों को मज़बूत बनाने में मदद मिलती है।
5. आपके दिल और रक्त वाहिकाओं को मज़बूती मिलती है।
6. पैदल चलने से पाचन क्रिया में सुधार होता है। कब्ज़ की समस्या दूर करने में मदद मिलती है।
7. प्रेग्नेंसी में पैदल चलना सीज़ेरियन डिलीवरी की सम्भावना को कम करता है।
8. प्रेग्नेंसी के दौरान पैदल चलना गर्भवती महिला में मधुमेह के ख़तरे को कम करता है।
9. ऐसे समय में पैदल चलना, प्रीक्लेम्पसिया के जोख़िम को कम करता है।
10. इस दौरान पैदल चलने से अतिरिक्त वज़न बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है।
11. इस दौरान पैदल चलना, रक्त के थक्कों के जोख़िम को कम करता है
12. इस दौरान पैदल चलने से प्रसवोत्तर वज़न घटाने में मदद मिलती है।
2. गर्भावस्था के दौरान टहलना आपकी पीठ के दर्द को कम करने में मदद करता है।
3. प्रेग्नेंसी में पैदल चलने से आपके घुटनों और टखनों पर ज़ोर नहीं पड़ता।
4. गर्भावस्था में पैदल चलने से शरीर में रक्त का तेज़ी से संचार होता है। जिससे मांसपेशियों को मज़बूत बनाने में मदद मिलती है।
5. आपके दिल और रक्त वाहिकाओं को मज़बूती मिलती है।
6. पैदल चलने से पाचन क्रिया में सुधार होता है। कब्ज़ की समस्या दूर करने में मदद मिलती है।
7. प्रेग्नेंसी में पैदल चलना सीज़ेरियन डिलीवरी की सम्भावना को कम करता है।
8. प्रेग्नेंसी के दौरान पैदल चलना गर्भवती महिला में मधुमेह के ख़तरे को कम करता है।
9. ऐसे समय में पैदल चलना, प्रीक्लेम्पसिया के जोख़िम को कम करता है।
10. इस दौरान पैदल चलने से अतिरिक्त वज़न बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है।
11. इस दौरान पैदल चलना, रक्त के थक्कों के जोख़िम को कम करता है
12. इस दौरान पैदल चलने से प्रसवोत्तर वज़न घटाने में मदद मिलती है।
गर्भावस्था के दौरान चलने के लिए ख़ुद को कैसे अनुकूलित करें?
कुछ दिनों में लंबी-लंबी सैर करने से बेहतर है हर दिन एक छोटी सैर की जाए। क्योंकि ऐसा करना ज़्यादा आरामदायक है। गर्भवती होने पर आप कब तक चल सकती हैं? यह आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। आप चाहें तो सप्ताह में पांच दिन 15 से 30 मिनट दिन में दो बार टहल सकती हैं।हालांकि गर्भावस्था के दौरान मध्यम व्यायाम सुरक्षित और फ़ायदेमंद होता है। आपको अपने शरीर में शारीरिक और शारीरिक परिवर्तनों के आधार पर कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं। आपके पैदल चलने के हालात इस बात पर डिपेंड करते हैं कि आप किस तिमाही में हैं।
यदि मौसम गर्म और आर्द्र हो तो चलने की अपनी गति को धीमा कर दें। यानि कि बिल्कुल धीमी रफ़्तार से चलें। अथवा आप अन्य प्रकार के व्यायाम चुन सकती हैं जैसे तैराकी आदि। आइये हम कुछ चरणों को समझाने का प्रयास करते हैं जो कि गर्भावस्था में आपको चलने के अनुकूल करने में मदद कर सकते हैं।
पहली तिमाही
हम आपको बता दें कि गर्भावस्था के पहले 12 हफ्तों तक चलने का दृष्टिकोण, आपके गर्भधारण करने से पहले की आपकी व्यायाम की आदतों से अलग हो सकता है। दूसरे शब्दों में समझें तो आप चलने के लिए जूट की एक आरामदायक जोड़ी पहनें। इससे आपको पीठ दर्द से बचने और गिरने से रोकने में मदद मिलेगी। यह आपको सुनिश्चित करना होगा कि आप चलने के लिए उपयुक्त जोड़ी जूते पहनते हैं या नहीं। अगर आपको लगता है कि इसकी आवश्यकता है तो बेली सपोर्ट बैंड भी आज़मा सकती हैं।
दूसरी तिमाही
दूसरी तिमाही के दौरान अक़्सर पीठ में खिंचाव महसूस होता है। इसलिए आपको चलते समय अपने शरीर की मुद्राओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि पीठ का खिंचाव न हो। इसके लिए अपनी पीठ को सीधा रखें और चलते समय अपनी बाहों को संतुलन के लिए घुमाती रहें।
चलने के बाद, आराम करें और सूजन से बचने के लिए अपने पैरों को ऊपर रखें, जो गर्भावस्था के बाद के चरणों में आपको आराम देगा। दूसरी तिमाही में, पहली तिमाही के समान अवधि और उतनी ही तीव्र गति से चलना जारी रखें।
तीसरी तिमाही
आप तीसरी तिमाही के दौरान भी अपने चलने की दैनिक क्रिया जारी रख सकते हैं। यदि आपको चलते समय पीठ या पैल्विक दर्द हो तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क अवश्य ही कर लेना चाहिए।
चलते समय उबड़ खाबड़ यानि कि असमान रास्तों से बचें। खड़े रास्तों से भी परहेज़ करें। और हाँ! बेली बेल्ट ज़रूर पहनें। क्योंकि इससे आपके पेट को सहारा मिल सकता है। लंबी सैर करने के बजाय दिन में दो बार थोड़ी दूरी चलने की कोशिश करें। यदि आप अपनी नीयत तारीख़ के क़रीब हैं। तो परिवार के किसी सदस्य के साथ चलना ज़्यादा उचित होगा। ताकि ज़रूरत पड़ने पर आपको फ़ौरन सहायता मिल सके।
गर्भावस्था के दौरान पैदल चलने के लिए सामान्य सुझाव व सावधानियाँ
गर्भवती महिलाओं के लिए पेट बड़ा होने के कारण आपके कदम छोटे हो सकते हैं। यदि आपको लगता है कि चलते चलते बातचीत करना ज़रा मुश्किल है, तो धीमा चलने पर विचार करें और कम दूरी तय करें। ऐसी परिस्थिति में इस हद तक ना चलें कि आप थक जाएं। इन्हीं परेशानियों को आसान बनाने के लिए हम आपको कुछ सुझाव दे रहे हैं ताकि आप अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें और स्वस्थ रह सकें। ये सावधानियाँ निम्नलिखित हैं -
(1) आरामदायक जूते पहनें- गिरने से बचने के लिए अच्छी पकड़ वाले आरामदायक जूते पहनें। हमेशा सही आकार चुनें। बेहतर शॉक एब्जॉर्प्शन के लिए आप जूतों के अंदर जेल लाइनर भी लगा सकते हैं।
(2) त्वचा की रक्षा करे- अगर आप बाहर घूम रहे हैं तो एसपीएफ 30 या संभव हो तो उससे अधिक वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। दरअसल सूरज के संपर्क में आने से मेलास्मा (त्वचा पर काले धब्बे) बढ़ सकते हैं।
(3) अपने आप को हाइड्रेट करें - अपने शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त पानी पीने की आदत बनाएं। अगर आवश्यक हो तो आप पानी की बोतल साथ ले जा सकती हैं। ठंडा पानी पीने से आप कसरत के दौरान ठंडक बनाये रकह सकती हैं। और साथ ही निर्जलीकरण को रोक सकती हैं।
(4) चलने से पहले कुछ खाएं- चलने से 30 मिनट पहले नाश्ता करें। आप केला, सेब, पीनट बटर, राइस केक या स्मूदी खा सकती हैं। यह आपको चलने के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान कर सकता है। हालांकि किसी चीज़ का सेवन ज़रूरत से ज़्यादा न करें।
(5) एक आदर्श स्थान चुनें - आप घर के अंदर या बाहर टहल सकती हैं। अगर बाहर नम, गर्म या अत्यधिक ठंड पड़ रही हो तो ऐसी जगह घूमें जहाँ आप Comfortable फ़ील करती हों।
(6) बाहर टहलते समय सावधान रहें - बाहर सैर करते समय अपने हैडफ़ोन का इस्तेमाल न करें। क्योंकि तेज़ संगीत से आप अपने आसपास की आवाज नहीं सुन पाएंगी। सुरक्षा के लिए ज़रूरी है कि आप अपने आसपास की हलचल से अवगत रहें। ख़ासकर ऐसी जगहों में जहां ट्रैफिक ज़्यादा हो।
(7) गर्मी के दिनों में सावधानी बरतें - धूप में टहलते समय सनस्क्रीन ज़रूर लगाएं साथ ही अपने चेहरे और सिर को दुपट्टे से ढक लें। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए अपने साथ पानी की बोतल ज़रूर रखें। पानी की कमी से आपके शरीर का तापमान बढ़ सकता है और यह आप और आपके शिशु दोनों के लिए फ़ायदेमंद बिलकुल भी नहीं होगा।
(8) व्यस्त समय का सही प्रबंधन करें - यदि आपके पास समय की कमी है, तो हल्की फ़ुल्की सैर को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल कर लें। थोड़ी दूरी पर जाने के लिए कार की बजाय पैदल चलकर जाएं, आधी दूरी तक बस से जाएं। हो सके तो रास्ता पैदल तय करें या लंच ब्रेक के दौरान बाहर जाएं और थोड़ा चले-फिरें।
Disclaimer : इस लेख में हमने रिसर्च करते हुए सामान्य तौर पर प्रेग्नेंसी में पैदल चलने के फ़ायदों को आपसे साझा किया है। हो सकता है आपको प्रेग्नेंसी अथवा पहले से स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या हो। तो आपके लिए यही बेहतर होगा कि आप किसी डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही कोई निर्णय लें।
उम्मीद है आप इस लेख "गर्भावस्था के दौरान पैदल चलने के लाभ, सुझाव व सावधानियां" एवं हमारे उपरोक्त सुझाओं से ज़रूर सहमत होंगे। हम यही कहना चाहते हैं कि गर्भावस्था के दौरान सैर (Garbhavastha ke dauran sair) ज़रूर करें। इन दिनों आप ख़ुद को विशेष रूप से स्वस्थ रखें। क्योंकि यह आपके और आपके पेट में पल रहे शिशु के लिए अत्यंत आवश्यक है।
(- By Poonam)
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