क्या आप भी सर्दियों में कम पानी पीते हैं? हो जाइए सावधान, वर्ना भुगतने पड़ सकते हैं इसके नुक़सान

जानें सर्दियों में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना क्यों ज़रूरी है? | ठंड के दिनों में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना क्यों ज़रूरी है? | ठंड के दिनों में भरपूर पानी क्यों पीना चाहिए?



दोस्तों अधिकांश लोग ठंड के दिनों में यही सोचकर ज़्यादा पानी पीने से कतराते कि कहीं उन्हें बार बार टॉयलेट न जाना पड़ जाए। ठंड के मौसम में पसीना कम आता है, यही सोचकर इस बात को नज़रअंदाज कर देते हैं। क्यूं!! सही कहा ना हमने! कहीं आपके साथ भी तो ऐसा नहीं है!!

लेकिन हम आपको बता देना चाहते हैं कि ठंड के दिनों में शरीर के लिए पानी उतना ही ज़रूरी होता है जितना कि अन्य मौसम में। दरअसल ठंड में शरीर से ज़्यादा पानी निकलता है जिस कारण शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। लेकिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहने से शरीर को ऊर्जा मिलती रहती है और सही तापमान बनाए रखने में भी मदद मिलती है। इसलिए ठंड के दिनों में भी पानी पीना बेहद ज़रूरी है।

संक्षेप में कहा जाए तो, ठंड के दिनों में कम पानी पीने से आपको नुक़सान हो सकता है, जैसे कि डिहाइड्रेशन, तंतुमूत्र इन्फेक्शन, त्वचा का सूखापन, मूत्रपथ संबंधित समस्याएं, थकान और कब्ज़ आदि। सही मात्रा में पानी पीना शरीर को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है।

सामान्य तौर पर सर्दियों के दिनों में शरीर में कुछ ऐसे बदलाव देखने मिलते हैं जिनके चलते लोगों की सोच भी बदल जाती है। परिणामस्वरूप लोग पानी पीने में कंजूसी करने लगते हैं। आइए जानते हैं कि सर्दी के दिनों में हमारे शरीर में क्या लक्षण दिखाई देने लगते हैं। साथ ही जानते हैं कि 
ठंड के दिनों में पानी पीना क्यों आवश्यक है? (thand ke dino me pani peena kyon avashyak hai?)


सर्दियों में देखे जाने वाले ख़ास लक्षण

सर्दियों में हमारा शरीर ख़ुद-ब-ख़ुद अनुकूलित रहने के लिए अपने आपमें बदलाव दर्शाता है। अर्थात हमारे शरीर में कुछ बदलाव देखने मिलते हैं जो कि निम्न हैं -

कम पसीना आना -
सर्दियों के दौरान ठंडे मौसम के कारण हमें आमतौर पर कम पसीना आता है। इसलिए, हम इन 3-4 महीनों के दौरान हाइड्रेशन को ज़्यादा महत्व नहीं देते हैं। नतीजतन, शरीर पानी की कमी और इसके अन्य दुष्प्रभावों से पीड़ित होता है। ऐसे में सर्दियों में भी पर्याप्त पानी पीना जरूरी है, क्योंकि यह पाचन, इलेक्ट्रोलाइट संतुलन, वज़न नियंत्रण आदि को बनाए रखने के लिए अहम है।

प्यास कम लगना -
सर्दियों के दिन में लोग आमतौर पर कम पानी पीते हैं। शायद ऐसा इसीलिए क्योंकि सर्दियों में प्यास कम लगती है। और तो और ठंड के मौसम में पसीना भी कम आता है, इसलिए हम इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि सर्दियों के दौरान हाइड्रेटेड रहना जरूरी है। लेकिन जब आप सर्दियों में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो आपका शरीर अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की चपेट में आ सकता है।

अधिक पेशाब आना -
अक्सर लोग सर्दियों के दौरान सामान्य से अधिक पेशाब करने की इच्छा महसूस करते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपको सर्दियों में कम पसीना आता है। इसलिए शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए शरीर के द्वारा किडनी से तरल पदार्थ यानि पेशाब निकाला जाता है। इसलिए आप यदि पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं तो आपकी बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है।



ठंड के दिनों में कम पानी पीने के नुक़सान

ठंड के दिनों में कम पानी पीने से निम्न नुक़सान हो सकते हैं -

त्वचा का रूखापन -
सर्दियों के मौसम में चलने वाली ठंडी हवा के कारण स्किन अधिक ड्राई होती है। जिससे त्वचा में खुजली और रूखापन हो सकता है। इसका मुख्य कारण डिहाइड्रेशन होता है। ऐसे में आपको ख़ुद को हाइड्रेटेड रखना बहुत ज़रूरी होता है, ताकि आपकी स्किन भी हाइड्रेटेड रहे।

थकान महसूस करना -
सही मात्रा में पानी पीना थकान और कमजोरी से बचाव में मदद कर सकता है। ठंडी हवा में शरीर की ऊर्जा की खपत बढ़ सकती है जिससे व्यक्ति थका हुआ महसूस कर सकता है, और पानी से इसे कम किया जा सकता है।

मूत्र संबंधी समस्या -
पानी की सही मात्रा से मूत्रपथ स्वस्थ बना रहता है और इससे तंतुमूत्र संबंधित समस्याएं कम होती हैं। ठंड के मौसम में विशेषकर मूत्रपथ संबंधित इन्फेक्शन का ख़तरा बढ़ता है, और पानी पीना इसे रोकने में मदद कर सकता है।

डिहाइड्रेशन का ख़तरा -
ठंडी या सर्दियों में शरीर से अधिक पानी निकलता है, जिससे डिहाइड्रेशन का ख़तरा बढ़ता है। ठंड के मौसम में हवा ठंडी होती है जिस कारण जल का विसर्जन तेज़ी से होता है परिणामस्वरूप शरीर सूख सकता है। पानी की कमी से तंतुमूत्र इन्फेक्शन का ख़तरा भी बढ़ता है।

पाचन की समस्या -
पानी कम पीने से शरीर में सूखापन होने के साथ-साथ पाचन संबंधी समस्या भी हो सकती है। क्योंकि भोजन करने के साथ साथ पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से भोजन के पाचन में समस्या हो सकती है जिस कारण कब्ज़ की समस्या होने लगती है।

ऊर्जा की कमी -
सही मात्रा में पानी पीना ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है। ठंड में शरीर कमजोर हो सकता है और पानी से होने वाला ऊर्जा संचय शरीर को सकारात्मक तरीक़े से प्रभावित करता है। 

सामान्यतया सर्दियों में कितना पानी पीना चाहिए? तो हम बता दें कि एक सामान्य व्यक्ति को सर्दियों में दिन भर में लगभग ढाई से तीन लीटर पानी ज़रूर पीना चाहिए।


ठंड के दिनों में रखें इन बातों का विशेष ध्यान

ठंड के दिनों में यदि कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाए तो निसंदेह आप सर्दियों के मौसम में भी त्वचा का ध्यान रख सकते हैं। आइए जानते हैं वो ख़ास बातें क्या है?

1. फलों के रस जैसे खरबूजे, खट्टे फल आदि को अपनी डाइट में शामिल करने का प्रयास करें।
2.आपको भूख लगती है तो खाने के साथ साथ एक नियत समय के बाद पानी भी भरपूर पीएं।
3. अगर आपकी त्वचा पर डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखाई दें तो इसे अच्छे से मॉइस्चराइज़ करें और ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीएं।
4. सर्दी हो या नहीं, निर्जलीकरण जैसी जटिलताओं से बचने के लिए आपको नियमित रूप से पर्याप्त पानी पीना चाहिए ताकि आप किसी अनजान ख़तरे से बच सकें।

उम्मीद है इस लेख के माध्यम से अब तो आप यह जान ही चुके होंगे कि ठंड के दिनों में कम पानी क्यों नहीं पीना चाहिए (thand ke dino me kam pani kyon nahi pina chahiye?) आशा करते हैं आप अब ऐसी  ग़लती नहीं करेंगे। साथ ही अपने दोस्तों और परिवार को भी सजग करेंगे।
(- By Alok)


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