एक दिन, unhealthy, Junk Food के बिन | Benefits of healthy diet in hindi

हेल्दी भोजन के फ़ायदे क्या हैं? | What are the benefits of healthy food in hindi

दोस्तो, ठंड का मौसम धीरे-धीरे अपने पैर पसार चुका है। ऐसे में मन करता है कि रोज़ कुछ न कुछ गरमा गरम, Tasty Tasty सा खाने का मिल जाए तो ठंड का मज़ा दोगुना हो जाएगा। दरअसल हम हर रोज़ कुछ न कुछ ऐसी मन पसंद चीज़ घर में ज़रूर बनाते है या बनवाते हैं। जो हमें बहुत अधिक पसंद होती है और बनवाये भी क्यूँ न!



बस इन सब खाने खज़ाने के चक्कर में हमारे पेट की बड़ी दयनीय स्थिति हो जाती है क्योंकि ठंड के मौसम में सूर्य देव की धूप भी धूमिल सी लगती है। धूप की आँच कुछ कम सी हो जाती है। जिसका सीधा प्रभाव हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार तो हमें भोजन, सूर्य की रोशनी रहने तक कर ही लेना चाहिये। सूर्यास्त के बाद खाया हुआ भोजन पचने में बहुत कष्ट देता है। अर्थात सूर्यास्त के बाद का भोजन अपच यानि शरीर का बीमारियों से ग्रस्त होना माना जाता है।

भारत में ही कई धर्म एवं ग्रंथों में तो कुछ विशेष अवसरों पर सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण करना वर्जित माना गया है। इसका सीधा सीधा अर्थ यह है कि आपको जो भी  भोजन ग्रहण करना हो तो आप इस प्रकार से आप time का adjustment करें कि भोजन भी पच जाए और आपके स्वास्थ्य को उस ग्रहण किए गए भोजन का पूरा पूरा लाभ भी मिल पाए।

आज की पोस्ट में हम इसी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में चर्चा करेंगे। दोस्तों आजकल हम कुछ ज़्यादा ही चटोरे बन गए हैं। कभी गरमा-गरम पकोड़े तो कभी गरमागरम आलू पराठे, तो कभी छोले भटूरे, यानि मौसम के हिसाब से कुछ विशेष व्यंजनों को समय बेसमय ग्रहण करते हुए कभी नहीं कतराते। जिसका परिणाम हमारे मासूम से पेट को भुगतना पड़ता है। इस post के माध्यम से हम आपको यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि आप अपने मन पसंद हर विशेष व्यंजन को बड़े चाव एवं चटकारे लेकर खाएं। बस समय का विशेष ध्यान रखें। 


दोस्तों सप्ताह में 7 दिन होते हैं और महीने में 28 दिन।आप कोई भी दिन चुनकर अपने पेट को विश्राम दे सकते हैं। जैसे कि हमारे Post की मुख्य लाइन है कि एक दिन, unhealthy Junk food के बिन" तो आज हम इसी विषय पर बात करते हुए, आपको इसके अत्यंत ही कारगार एवं महत्वपूर्ण फ़ायदे बताएंगे। 

(1) एक दिन, unhealthy food के बिन -
सप्ताह में से कोई एक दिन लिया जाये और उस दिन हम सुबह से शाम तक सही समय पर हल्का सा healthy भोजन ग्रहण करें। यह दिन कोई भी हो सकता है। चाहे आप इसे धार्मिक आस्था से जोड़कर उपवास (व्रत) का नाम भी दे सकते हैं। लेकिन इसमें भी कई लोग उपवास के नाम पर, ढेर सारी तली हुई आलू चिप्स, ढेर सारा आलू वाला साबूदाना और हां, दूध वाली गोरी चाय वगैरह लेकर उपवास का अर्थ ही अनर्थ कर देते हैं। जिस कारण उपवास वाले दिन आप हल्का महसूस करने के बजाय भारी सा महसूस करने लगते है। तो अपनाइये एक Healthy तरीक़ा, जिससे आपका स्वास्थ्य भी healthy रहेगा और आपको Fasting यानि उपवास के पूरे benefit भी मिलेंगे। 

इसके लिए आप सप्ताह में से कोई भी 1 दिन सलेक्ट करें। उस दिन की शुरुआत आप हल्के गुनगुने पानी में 1 चम्मच शहद और नींबू की मात्रा अपने हिसाब से मिलाकर एक healthy drink बनाइये और इसे सुबह एक एक घूंट (सिप) का आनंद लेते हुए पीएं। इससे आपका पाचन तंत्र स्वस्थ रहेगा और आपका मेटाबॉलिज्म भी बढ़ेगा। 

इसके बाद अपने daily routine से फ्री होकर नाश्ते में किसी हेवी डिश की जगह, कोई भी मौसमी फल का सेवन करें। कोई भी सेवन करते समय आप इस बात का ध्यान रखे कि फलों को अच्छे से धोकर एवं छिलके सहित खाएं।
कुछ फलों को छोड़कर जैसे कैला, तरबूज, संतरा आदि। 

अब आप lunch में कुछ dry fruit पैसे बादाम, काजू, सेकी हुई मूंगफली, गुड़ और सेके हुए मखानों में से कुछ भी ले सकते हैं। अगर आप ऑफिस जाते हैं या कुछ भी वर्क करते हैं तो वहाँ भी टिफिन बॉक्स में आप आसानी से Carry कर सकते हैं। 


अब शाम टाईम में यदि आपको चाय पीने की इच्छा हो रही हो वो अदरक, लौंग तुलसी और गुड़ वाली चाय ले सकते हैं। इससे आपके स्वास्थ्य को दोहरा लाभ होगा। इससे आपकी इम्यूनिटी स्ट्रॉग होगी और पेट में बनने वाली गैस से भी और फेफड़ों में जमने वाले कफ़ से भी राहत मिलेगी।

अब जब आप शाम को अपना dinner करेंगे तो खाने में अपने भोजन में कुछ हल्का भोजन करें। जैसे दो से तीन चपाती, जिसमें 1 कटोरी दाल, 1 कटोरी सब्ज़ी और कुछ सलाद। और भोजन करते समय आराम से भोजन को चबा चबाकर खाएं। हो सके तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपका भोजन शाम के 7.30 बजे तक हो ही जाए।

इस तरह से आप एक दिन को बहुत ही healthy तरीक़े से एन्जॉय कर सकते हैं। ऐसा करके यक़ीन मानिए यह दिन आपको सारे दिनों से अलग एवं फ्रेश Feel कराएगा। जैसे मानो शरीर में नई ऊर्जा जागृत हो गई हो। 

(2) शरीर को मिले ताज़गी -
एक दिन को हेल्दी बनाकर हम अपने शरीर को एक अलग ही लेवल की रिफ्रेशमेंट Feel करा सकते हैं। यह तकनीक ठीक उसी प्रकार से कार्य करती है जैसे किसी गंदे कमरे से कचरा या अनचाही वस्तुओं को बाहर फेंकना या ख़त्म करना। और जब अनचाहे पदार्थ हमारे शरीर से बाहर निकल जाते हैं तो हमारा शरीर फ़िर से energetic और active महसूस करने लगता है।

(3) कई प्रकार की बीमारियों की रोकथाम -
जब हम अपने एक दिन को इस तरह से healthy बनाकर जीते हैं तो हमारे शरीर से अनावश्यक (toxins) ज़हरीले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। हमारे अंदर एक शक्ति है जो हमें ख़ुद पता नहीं होती। जिसके कारण हमारा शरीर ख़ुद को recover करने लगता हैं। 

जैसे मान लीजिये आपके पड़ोसी या आसपास कुछ ख़ुशी या ग़म का माहौल है। माना आपकी बहन की कोई ख़ास इच्छा या कोई ऐसा सपना जो आप बहुत दिन से देख रहे हों और वह सच हो गया। ऐसे में आप पाएंगे कि ख़ुशी के मारे आपका पेट भरा सा महसूस हो रहा है। आपको भूख नहीं लग रही है और आपका ध्यान किसी दूसरी जगह है। 


उसी प्रकार यदि कोई दुःख वाली बात होती है तब भी हमें भूख का एहसास नहीं होता है। खाना खाने का मन नहीं करता है। मतलब हमें भूख कितनी भी क्यूं न हो लेकिन जब तक आसपास का वातावरण खाने योग्य न बन जाए। आपका मन खाना खाने का नहीं करता।

जब हम इस प्रकार से अपने शरीर को अपने पेट को एक दिन का विश्राम देते हैं तो हमारे शरीर को कई बीमारियों से लड़ने में सहायता मिलती है और हमारी प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत होती है। 

(4) शरीर के सारे हिस्से करे सुचारू रूप से काम -
जब हमारे शरीर का अनावश्यक कचरा (toxins) बाहर हो जाता है या ख़त्म हो जाता है। तब हमारे शरीर के बाक़ी हिस्से सुचारू रूप से काम करने लगते हैं। शरीर के कोने कोने में इकटठा हुई अनावश्यक गंदगी ख़त्म हो जाती है। जिससे बात संबंधी रोगों की रोकथाम में बहुत सहायता मिलती है। आयुर्वेद में कई वात संबंधी जटिल रोगों की रोकथाम में एवं उनके जड़ से खत्म करने में उपवास (व्रत) की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। वात के रोग ही शरीर को पूर्ण रूपेण नष्ट कर देते हैं। इसी वात के कारण शरीर में गैस, B.P, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक एवं गठिया, अर्थराइटिस जैसी अत्यंत ख़तरनाक एवं लाइलाज बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। 

इसीलिये अंग्रेज़ी में एक कहावत हैं - "Prevention is better than cure.." मतलब रोग या बीमारी हो जाने के बाद दवाई खाने से अच्छा है कि रोग होने से पहले ही रोकथाम की जाए। जिससे हम स्वस्थ एवं निरोगी रह सकें।

(5) हल्का गुनगुना पानी पीएं -
ठंड के मौसम में कई सारी बीमारियों के होने का ख़तरा बढ़ जाता है। जिसमें सर्दी ज़ुकाम सबसे पहले स्थान पर आता है। इसके अलावा ठंड में हाथ पैर ठंडे पड़ना, कमर दर्द, पैर दर्द एवं अन्य कई प्रकार के दर्द होना बहुत ही आम बात हो जाती है। ऐसी समस्याओं से बचना हो तो आप पीने के लिए गरम या कुनकुने पानी का इस्तेमाल करें। नहाने के लिए भी हल्के कुनकुने पानी का इस्तेमाल करें। इससे आपका रक्त संचार भी अच्छा रहेगा और आपको ठंड भी नहीं लगेगी। और यदि आपको किसी प्रकार के दर्द का सामना करना पड़ रहा है। तो आप Hot Water bag में गरम पानी डालकर उस विशेष स्थान पर सिकाई भी कर सकते हैं। जिससे आपके रक्त संचार में सुधार होगा। साथ ही दर्द एवं ऐंठन में भी राहत मिलेगी।

(6) बिना भूख के भोजन नहीं -
कभी-कभी हमारा पेट कहता है नहीं-नहीं!! लेकिन मुँह कहता है आने दो-आने दो!! ऐसे में हम अपने Mind को सही निर्देश नहीं दे पाते हैं और भूख से अधिक भोजन कर बैठते हैं। ऐसे में हमें चाहिए कि हम अपने मुँह पर कंट्रोल रखें। और पेट व दिमाग़ में सामंजस्य बनाए रखें। Over eating से बचें। healthy खाएं और healthy रहें।

दरअसल भूख से अधिक भोजन करने पर हमें मोटापा थाइराइड, B.P. के अलावा अन्य घातक बीमारियाँ हो सकती हैं। इसलिए आप सभी अपनी life में एक हेल्दी रूटीन अपनाकर एक बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

अच्छे परिणाम आप ख़ुद महसूस करेंगे। हालांकि शुरुआत में आपको कुछ अटपटा सा लगे। लेकिन धीरे धीरे हमारा शरीर ख़ुद ही अपने आपको उस आदत में ढाल लेता है।

आशा करते हैं आप सभी को यह जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आप किसी बीमारी से ग्रस्त हैं तो आप अपने डॉक्टर या डाइटीशियन की सलाह के बिना कुछ न करें।
(- By Poonam)



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