दोस्तों अक़्सर ऐसा सुनने में आता है कि किसी को बॉथरूम में हृदयाघात (अटैक) आ गया। वैसे तो सामान्यतया अटैक कहीं भी और कभी भी आ सकता है। लेकिन बॉथरूम में अटैक आने की ख़बरें ज़रा ज़्यादा ही आती हैं। आप भली भाँति जानते हैं कि हार्ट अटैक आने का कोई निर्धारित समय नहीं होता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हार्ट अटैक अथवा कार्डियक अरेस्ट सबसे ज़्यादा बाथरूम में ही क्यों आते हैं?
अटैक अथवा कार्डियक अरेस्ट |
हम आपको बता दें सुबह के समय आने वाले अटैक ज़्यादातर बॉथरूम के अंदर ही आते हैं। आप अगर ख़बरों पर नज़र डालेंगे तो पाएंगे कि अनेक नामचीन लोगों की मृत्यु पहले भी इसी तरह हो चुकी है।
क्या आपने कभी देखा या सुना है कि किसी बुज़ुर्ग को नहाते समय लकवा मार गया हो? दिमाग की नस फट गई हो, या उसे हार्ट अटैक आ गया हो। छोटे बच्चे को नहलाते समय अक़्सर अपने देखा होगा कि बच्चा उस समय बहुत कांपता और डरता रहता है। जबकि उसकी माँ उसे नहलाते हुए यही समझती रहती है कि उसका बच्चा नहाने से डर रहा है। लेकिन सच्चाई यह नहीं है। असल में वह सब ग़लत तरीक़े से नहलाने से होता है।
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट आज इंसान के लिए सबसे गंभीर समस्या बन गई है। यूं तो हार्ट अटैक अचानक ही होता है लेकिन इसकी बहुत सी वजह हैं जिसमें ख़राब लाइफ़स्टाइल और बेकार खानपान भी शामिल है।
आपके ज़ेहन में आने वाले इस सवाल का जवाब अब दे ही देते हैं। आख़िर क्या कारण है कि लोगों को बॉथरूम में ही अटैक ज़्यादा आते हैं? चलिये जानते है बाथरूम में हार्ट अटैक होने के कारण क्या हैं?
1. नहाते समय ब्लड प्रेशर का कम या ज़्यादा होना- कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) हो या फिर हृदयाघात (हार्ट अटैक), दोनों का संबंध हमारे रक्त संचार (ब्लड सर्कुलेशन) से होता है। नहाते वक्त शरीर का ब्लड प्रेशर प्रभावित होने की वजह से अटैक आ सकता है, जिसका कारण अचानक गर्म या ठंडे पानी के नीचे जाना। बॉडी को साफ़ करने में ज़्यादा ज़ोर लगाना। जल्दबाज़ी या दोनों पैरों के सहारे ज़्यादा देर तक बैठकर नहाना।
2. बॉथटब पर ज़्यादा देर तक बैठे रहना-
रक्त संचार (ब्लड सर्कुलेशन) का सीधा असर हमारे हृदय पर होता है। बॉथटब में ज़्यादा देर तक बैठे रहने की वजह से हार्ट रेट और धमनियों पर असर पड़ता है, जिसका परिणाम यह होता है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट होने की संभावना उतनी ही ज़्यादा बढ़ जाती है।
रक्त संचार (ब्लड सर्कुलेशन) का सीधा असर हमारे हृदय पर होता है। बॉथटब में ज़्यादा देर तक बैठे रहने की वजह से हार्ट रेट और धमनियों पर असर पड़ता है, जिसका परिणाम यह होता है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट होने की संभावना उतनी ही ज़्यादा बढ़ जाती है।
3. सिर पर ठंडा पानी डालना- रक्त का संचार (ब्लड सर्कुलेशन) दरअसल हृदय से ही नियंत्रित होता है। जिससे हमारे शरीर की गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित होती रहे। और शरीर का प्रत्येक अंग सुचारू रुप से कार्य करता रहे। एक्सपर्ट के मुताबिक, स्नान करते समय पहले तलवे, फिर सिर और उसके बाद बाकी हिस्सों पर पानी डालना चाहिए। दरअसल, जब ठंडा पानी सीधा सिर पर डाला जाता है तो ऐसे में ब्लड प्रेशर कम हो जाता है जो कि हमारे लिए सबसे ज़्यादा घातक साबित होता है।
4. टॉयलेट पर बैठकर ज़्यादा प्रेशर लगाना- दरअसल, जब हम बाथरूम की टॉयलेट सीट पर बैठ कर जज़्यादा दबाव डालते हैं तो उसका असर सीधा हमारे रक्त संचार (blood circulation) पर पड़ता है। इस दबाव से हृदय की धमनियों पर दबाव बढ़ता है, जो कि हार्ट अटैक अथवा Cardiac arrest (कार्डियक अरेस्ट) की वजह बन जाता है।
5. शरीर के तापमान का संतुलन न बना पाना- चूँकि बाथरूम का तापमान हमारे घर के शेष कमरों की तुलना में अधिक ठंडा रहता है। दरअसल बाथरूम में पानी का प्रवाह (फ्लो) बार-बार होता रहता है। ऐसी स्थिति में शरीर के तापमान को संतुलित करने और रक्त के संचार (ब्लड सर्कुलेशन) को बनाए रखने के लिए हमारे हृदय को अधिक श्रम करना पड़ता है। हृदयघात ( हार्ट अटैक) होने के कारणों में यह भी एक बड़ा कारण होता है।
6. बाथरूम में बैठकर अत्यधिक सोचना- बाथरुम में कार्य न होने के कारण मस्तिष्क ज़्यादा सोचना शुरू कर देता है। परिणामस्वरूप कभी-कभी तनाव अपने चरम पर हो जाता है फलस्वरूप हृदयाघात होने का ख़तरा एकाएक बढ़ जाता है। ये जान लीजिए कि तनाव और हार्ट अटैक का सीधा-सीधा संबंध होता है।
हार्ट अटैक के लक्षण | Symptoms of heart attack in hindi)
दोस्तों हार्ट अटैक कब और किस परिस्थिति में आ जाये कोई नहीं जान सकता। लेकिन कुछ लक्षणों से हम यह ज़रूर जान सकते हैं कि यह हार्ट अटैक आने का संकेत है। आइये हम हार्ट अटैक आने के लक्षण क्या है? जानते हैं-
-सीने में तेज़ दर्द होना,
-चक्कर या उल्टी का होना,
-अशांत मन और बेहद बेचैनी होना,
-साँस लेने में दिक्कत होना,
-एकाएक ख़ूब पसीना आना,
-ख़ूब कमज़ोरी महसूस होना,
-अत्यधिक तनाव और घबराहट महसूस होना।
-चक्कर या उल्टी का होना,
-अशांत मन और बेहद बेचैनी होना,
-साँस लेने में दिक्कत होना,
-एकाएक ख़ूब पसीना आना,
-ख़ूब कमज़ोरी महसूस होना,
-अत्यधिक तनाव और घबराहट महसूस होना।
हालांकि डायबिटीज़ के मरीज़ों में कभी-कभी ये लक्षण कभी-कभी दिखाई ही नहीं देते और उन्हें Silent Heart Attack पड़ जाया करता है।
अचानक हार्ट अटैक आ जाने पर तुरंत क्या करें? | What to do in case of heart attack in hindi
दोस्तों जीवन भी कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां भी आ जाती हैं जब आपके देखते ही देखते किसी को अचानक हार्ट अटैक आ जाये। तब अक़्सर अफ़रातफ़री मच जाया करती है। असल में आपको यह पता नहीं होता कि हार्ट अटैक आने पर क्या करें? इसलिए हम चाहते हैं कि अगर आपके सामने कभी ऐसी परिस्थिति आ जाये तो हार्ट अटैक आने पर प्राथमिक उपचार क्या हैं? आपको मालूम होना चाहिए।
(1) अगर किसी व्यक्ति को अचानक हार्ट अटैक आ जाए तो सबसे पहले व्यक्ति के टाइट कपड़े खोलकर उस व्यक्ति को ज़मीन पर लिटा दें।
(2) उसके सिर को थोड़ा सा ऊपर कर दें और उसके हाथों व पैरों को रगड़ना शुरू कर दें ताकि ख़ून का दौरा दिल की तरफ़ हो सके। साथ ही एम्बुलेंस को फोन करके डॉक्टरी मदद बुलाए।
(3) अगर नब्ज़ नहीं चल रही है तो हॉस्पिटल पहुँचने तक सी.पी.आर. करें। यह ऐसी स्थिति में बेहद कारगर उपाय साबित होता है।
(4) मरीज़ को उल्टी आए तो उसका मुँह एक तरफ़ मोड़कर खोल दें ताकि उसका दम न घुटे।
(5) मरीज़ को साँस लेने में तकलीफ़ हो रही हो। तो उसके नाक को उंगलियों से दबाकर अपने मुंह से उन्हें धीरे-धीरे सांस दें। 2-3 मिनट तक ऐसा करने से मरीज के फेफड़ों में हवा भर जाएंगी।
हार्ट अटैक से बचने के उपाय | Ways to prevent heart attack in hindi) | हार्ट अटैक के घरेलू उपाय
यदि हम अपने दिल की सेहत का ध्यान अच्छी तरह रखना सीख जाएं तो यक़ीनन हमारा दिल इतना मज़बूत ज़रूर हो जाएगा कि इसे कुछ विपरीत परिस्थितियों में ज़्यादा नुक़सान नहीं होगा। फ़िर चाहे bathroom (स्नानघर) हो अथवा अन्य कोई भी विपरीत परिस्थिति ही क्यों न हो। यानि कि दिल की बेहतर देखभाल और हार्ट अटैक से छुटकारा। आइए जानते हैं क्या हो सकते हैं हार्ट अटैक से बचने के उपाय?
(1) नहाने का सही तरीका अपनाएँ- नहाते समय सिर पर पहले पानी न डालें। सिर पर पहले पानी डालने का भारी नुकसान हो सकता है। दरअसल पूरे शरीर से ब्लड आपके सिर तक आता है। जिस कारण आपको चक्कर जैसा महसूस हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लड सर्कुलेशन ऊपर से नीचे तरफ़, यानि कि सिर से पैर की ओर होता है। सिर पर डायरेक्ट ठंडा पानी डालने से व्यक्ति के मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं जिसके फलस्वरूप नहाने वाले व्यक्ति का सिर अत्यधिक ठंडा हो जाता है।
आपने देखा होगा कि छोटे बच्चों को धीरे-धीरे पैर तरफ़ से स्नान करवाया जाता है। ताकि बच्चा बड़ा होकर इसी क्रम को अपनाकर स्नान करे। जो पैर से शुरुआत करते हैं वो इस तरह के संकट से सुरक्षित रहते हैं।
(2) अत्यधिक तनाव से बचें- आजकल की बिज़ी और फ़ास्ट लाइफ़स्टाइल के चलते ऐसी अनेक वजह बनती हैं जहाँ तनाव को अतिरिक्त जगह मिल जाती है। जितना हो सके, तनाव को ख़ुद पर ज़्यादा हाबी न होने दें। heart attack के कारणों में तनाव एक महत्वपूर्ण कारण होता है।
(3) ज़्यादा कैलोरी वाले खाने से बचें- हमेशा इस बात का ध्यान रखें। कि भोजन में ज़रूरत से ज़्यादा कैलोरी वाला खाना ना हो।
(4) डाइट में पौष्टिक आहार लें- स्वस्थ व पौष्टिक आहार हमारे स्वास्थ्य के लिए सदैव ही लाभकारी होता है क्योंकि यह हमारे सारे कामकाज को संतुलित बनाये रखता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका दिल ठीक से काम करे। तो अपनी डाइट में एंटीऑक्सिडेंट, ओमेगा -3, फ़ाइबर तथा प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। क्योंकि ये अच्छे कोलेस्ट्रॉल से भरपूर होते हैं। यह मान लीजिए कि कि प्रोटीन और हार्ट अटैक एक दूसरे के विपरीत कार्य करते हैं। यानि कि पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लें और हार्ट अटैक से दूरी बना लें।
(5) नियमित योग व एक्सरसाइज़ करें- यदि आप अपने दिल की सेहत को लंबे समय तक बरक़रार रखना चाहते हैं तो नियमित योग व व्यायाम को अपने दैनिक जीवन में शामिल कर लें। हार्ट अटैक के लिए योग व एक्सरसाइज़ सचमुच रामबाण उपाय साबित होता है। इसलिए हार्ट अटैक से बचने के लिए योग को अपनी नियमित दिनचर्या में अवश्य शामिल करें। जीवन में योग के फ़ायदे जानने के लिए इसे क्लिक करें।
(6) वज़न को नियंत्रण में रखें- याद रखें अनावश्यक मोटापा अनेक बीमारियों को आमंत्रण देता है। जिसमें से एक हार्ट अटैक भी है। तेल की जगह निम्न रेशे वाले अनाजों व उच्च किस्म वाले सलादों को अपने भोजन में शामिल कर आप वज़न पर नियंत्रण रख सकते हैं।
(7) मोबाइल का प्रयोग कम करें- इस समय हम सभी डिजिटल की दुनिया में रह रहे हैं। डिजिटल उपकरणों का प्रयोग हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद नुक़सानप्रद होता है।डॉक्टरों के अनुसार, जो लोग लगातार अपने मोबाइल से चिपके रहते हैं। उनमें एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में तनाव और ख़राब कार्डियक मार्कर का ख़तरा ज़्यादा होता है।
(8) धूम्रपान व शराब का सेवन बंद करें- अगर दिल को स्वस्थ बनाए रखना आपके दिमाग़ में सबसे ऊपर है, तो धूम्रपान और शराब का सेवन बंद कर दें। धूम्रपान से हार्ट फ़ेल हो जाना, हृदय गति रुक जाना, दिल का दौरा पड़ना और इनसे संबंधित बीमारियों जोख़िम कई गुना बढ़ जाता है। आप अच्छी तरह समझ सकते हैं कि किस तरह शराब से लिवर डैमेज हो जाता है।
(9) ब्लड शुगर लेबल को चेक करते रहें- उम्र बढ़ने ब्लड शुगर की लेवल की जांच जरूरी है। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल (हाइपरग्लेसेमिया) धमनियों की ऑक्सीडेटिव क्षति का कारण बन सकता है। साथ ही ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रवाह को बाधित भी कर सकता है। ऊतकों को नुक़सान भी पहुँचा सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो ये साइलेंट किलर बन सकता है।
मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों वाले लोगों में दिल के दौरे का जोख़िम अधिक होता है। इसलिए अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें और स्वस्थ हृदय के लिए रक्त शर्करा की मॉनिटरिंग समय-समय पर करते रहें।
(10) काली मिर्च का सेवन करें- दरअसल काली मिर्च दिल की सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद है। काली मिर्च (black papper) कॉर्डियोप्रोटेक्टिव एक्शन को सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हम आपको बता दें कि काली मिर्च ऑक्सीडेटिव डैमेज से सुरक्षा देने के साथ-साथ कार्डियक फंक्शन को भी बढ़ाने का काम करती है।
(11) लहसुन का सेवन करें- बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए सबसे बड़ा कारण है। अपने खाने में लहसुन (garlic) को शामिल करके आप कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। लहसुन में एलिसिन नामक एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो न केवल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है बल्कि ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है। लहसुन से रोगप्रतिरोधक क्षमता भी मज़बूत होती है। ऐसे में लहसुन खाना दिल से जुड़ी बीमारियों से दूर रहने के लिए बेहद फ़ायदेमंद साबित हो सकता है।
(12) धनिया के बीज का सेवन करें- धनिया के बीजों (coriander seeds) में एंटी-ऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है। इसमें मौजूद तत्व फ्री रेडिकल्स से दिल को सुरक्षित रखने का काम करते हैं। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना हो या ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) को बढ़ाना हो तो धनिया का बीज बेहद लाभदायक होता है।
(13) हल्दी का सेवन- एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हल्दी (turmeric) ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में बेहद मददगार होती है। इसके अलावा ये डायबिटीज़ से बचाव करने में भी सक्षम है।
(14) दालचीनी का सेवन करें- हम आपको बता दें कि खाने में दालचीनी (cinnamon) के इस्तेमाल से ब्लड सर्कुलेशन (blood flow) बेहतर रहता है। जिस कारण ख़ून का थक्का बनने की आशंका बहुत कम हो जाती है। दिल से जुड़ी बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए रोज़ाना चुटकी भर दालचीनी का इस्तेमाल ज़रूर करें।
(15) अखरोट का करे सेवन- हम आपको बता दें कि अखरोट को एक सुपर फूड कहा जाता है। यदि आप अखरोट का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो हृदय रोग होने की संभावना बेहद कम हो जाती है। एक ख़ास बात और कि आप इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल को संतुलित कर सकते हैं। साथ ही अपना बीपी (blood pressure) भी नियंत्रण में रख सकते हैं। इसलिए अखरोट को अपनी डाइट में शामिल करें।
(16) बादाम को करें अपनी डाइट में शामिल- बादाम भी आपके दिल को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को दूर करना हो तो बादाम का सेवन विशेष तौर पर करना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि हर रोज़ बादाम भिगोकर खाने से हृदय रोग का ख़तरा कम हो जाता है। दरअसल यह रक्त कोशिकाओं को पूरी तरह स्वस्थ रखने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
(17) अलसी का करें सेवन- अलसी के बीज यानि कि फ़्लेक्स सीड्स का सेवन भी हृदय के लिए जरूरी आहार होता है। फ़्लेक्स सीड्स में ओमेगा 3 फैटी एसिड है जो गुड फैट होता है। इससे दिल को मज़बूती मिलती है। इसलिए अलसी का सेवन किसी भी रूप में जरूर करें।
(18) टमाटर का सेवन करें- हर रोज़ अपने खाने और सलाद के रूप में टमाटर का इस्तेमाल ज़रूर करें। वैसे आप टमाटर का सूप बनाकर भी पी सकते हैं। रिसर्च में पाया गया है कि टमाटर बैड कोलेस्ट्रॉल कम करता है और ख़ून को जमने (blood clotting) से भी बचाता है।
(19) गाजर का करें सेवन- गाजर का जूस और सलाद भी बेहद फ़ायदेमंद होता है। इसमें विटामिन C, K, B1, B2 और B6 के साथ कैल्शियम और पोटैशियम फ़ाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होता है। साथ ही इसमें अल्फा और बीटा कैरोटीन होता है जो दिल की बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसलिए गाजर को अपनी डाइट में शामिल करने का प्रयास ज़रूर करें।
(20) पालक को करें डाइट में शामिल- हरी पत्तेदार सब्ज़ियों और ख़ासतौर पर पालक आपके हृदय को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पालक में एंटीऑक्सीडेंट और फ़ाइबर होता है जिससे आपका दिल मज़बूत होता है। इसलिए संभव हो तो पालक को अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें।
(21) अंडे और मछलियां डाइट में करें शामिल- अंडे और मछलियां भी दिल को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। ख़ासतौर पर सालमन मछली काफी फ़ायदेमंद होती है। हम आपको बता दें कि सलमान मछली में काफी मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा पायी जाती है। इसलिए अगर आप माँसाहारी हैं तो इन्हें अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें।
दोस्तों कोरोना काल में हमने जाना कि हमें इम्यून सिस्टम के साथ-साथ दिल की सेहत को भी सही रखना बेहद ज़रूरी है। अनियंत्रित रक्तचाप और ख़राब हृदय कोविड के गंभीर लक्षणों को शरीर पर हावी करने लगता है। इसलिए हम सभी को इस दौर में अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। heart attack na aane ke upay हम सभी को ज्ञात होने चाहिए ताकि पहले से ही हम अपनी दिनचर्या में बेहतर तालमेल बना सकें।
उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गयी यह जानकारी अवश्य उपयोगी लगी होगी। आशा करते हैं आप सभी खुश रहिए, स्वस्थ रहिए, सावधान रहिए। बस हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाइए और जितना हो सके अपना immunity power मज़बूत बनाये रखिये।
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