क्या करें जब आकाशीय बिजली गिरने का डर हो? | आसमानी बिजली से बचने का तरीक़ा | Asmani bijli se bachne ka tarika
दोस्तों बरसात के दिनों में आप सभी ने आसमान में बिजली चमकते हुए ज़रूर देखा होगा। फ़िर तो आपने आकाशीय बिजली से होने वाले नुक़सान के बारे में भी देखा और सुना होगा। सचमुच बरसात के दिनों में आकाशीय बिजली बड़ी ही जानलेवा साबित होती है।
बरसाती बिजली गिरने से प्रभावित होने वाले लोगों में ज़्यादातर लोग, खेतों में काम करने वाले, पेड़ों के नीचे पनाह लेने वाले, तालाब में नहाने वाले, टेलीफ़ोन या तार से सटकर खड़े रहने वाले लोग ही होते हैं।
अधिकांश लोगों को बरसाती बिजली से बचने के लिए क्या करना चाहिए? इस बात की ज़रा भी जानकारी नहीं होती। जिसके चलते मौसम बदलने पर ख़ुद किसी प्रकार की सुरक्षा अपनाने से चूक जाते हैं। पर कुछ उपाय ऐसे हैं जिन्हें अपनाने से कुछ हद तक इस आकाशीय बिजली से बचा जा सकता है। चलिए इससे पहले जान लेते हैं कि आकाशीय बिजली किसे कहते हैं? (akashiya bijli kise kahte hain?) और ये आसमानी बिजली कैसे बनती है (Asmani bijli kaise banti hai?)
आकाशीय बिजली क्या है? | Akashiya bijli kya hai?
सामान्य रूप से भयंकर कड़क के साथ आसमान से गिरने वाली बिजली को तड़ित कहते हैं। बरसात के दिनों में यह ज़्यादातर देखने मिलती है। आकाश में बादलों के बीच जब टक्कर होती है, तब उनके बीच ज़बरदस्त घर्षण होता है। परिणास्वरूप इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज निकलती है, जो कि बड़ी ही तेज़ी से आसमान से ज़मीन की तरफ़ आती है। इस दौरान हमें बड़ी ज़ोर से कड़क की आवाज़ सुनाई देती है और बिजली की स्पार्किंग की तरह तेज़ प्रकाश दिखाई देता है। इस पूरी प्रक्रिया को आसमानी बिजली या आकाशीय बिजली या तड़ित (lightning) कहते हैं।
वैज्ञानिक भाषा में कहें तो बरसात के दिनों में ठंडी हवाओं के संघनन से जब बादल बनते हैं। बादलों में अंदर गर्म हवा की गति और उनके नीचे ठंडी हवा की गति से बादलों में ऊपर धनावेश (positive charge) एवं नीचे ऋणावेश (negative charge) उत्पन्न हो जाता है। बादलों में इन्हीं दोनों आवेशों के मिलने से विद्युत (electric) पैदा होती है। इस तरह आकाशीय बिजली (akashiya bijli) बनती है।
यह धरती के पास पहुंचकर बेहतर कंडक्टर जैसे कि कोई धातु या पेड़ तलाशती है, जिनसे होकर ज़मीन के अंदर जा सके। इन्हीं साधनों के माध्यम से यह ज़मीन में जाने का रास्ता चुनती है।
आकाशीय बिजली इतनी ख़तरनाक होती है कि इसके गिरने से इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों तक की मौत हो जाती है, हरे पेड़ तक तहस-नहस होकर गिर जाते हैं। लेकिन इस प्राकृतिक आपदा से बचाव संभव है। इसे जानने के लिए इस लेख के अंत तक बने रहिए।
हम इस लेख में आकाशीय बिजली से बचने के उपाय (akshiya bijli se bachne ke upay) बता रहे हैं। जिन्हें अपनाकर आप खुद को सुरक्षित कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि ये बिजली से बचने के उपाय (bijli se bachne ke upay) क्या हैं?
आसमानी बिजली से बचने के उपाय (Asmani bijli se bachne ke upay)
बरसात के मौसम में जब भी तेज़ बारिश हो और बादलों कि गड़गड़ाहट के बीच बिजली भी कड़क रही हो तो आप नीचे दिए गए तरीक़े अपनाकर ख़ुद को सुरक्षित कर सकते हैं -
• इस दौरान यदि आप घर के भीतर हों -
• तूफ़ान आने से पहले घर के सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे टीवी, पंखे, कूलर, फ़्रीज आदि के प्लग, बोर्ड से फ़ौरन निकाल दें।
• तार वाले टेलीफ़ोन का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें। हो सके तो ऐसे समय में मोबाइल का इस्तेमाल करने से बचें। (मोबाइल का डाटा हमेशा ऑन रखने के कौन कौन से नुक़सान हैं?)
• खिड़कियों व दरवाज़ों से दूर रहें। बाहर वरांडा (छपरी) में खड़े होने ऐसी गल़ती बिल्कुल भी न करें।
• घर के अंदर नल का, वाशबेसिन का, यानि कि नल के पानी का इस्तेमाल उस समय बिल्कुल भी न करें।
• इस दौरान यदि आप घर से बाहर हों -
• घर अथवा किसी भवन में आश्रय लें। टिन अथवा धातु से बनी छत वाले मकानों से दूर रहें।
• यदि आप कार, बस या किसी ढके हुए वाहन के अंदर हैं। तो वहीं रहना सुरक्षित है, उसके बाहर न निकलें।
• यदि आप खुले आसमान के नीचे हों, तो तुरंत दुबक जाएं। ज़मीन पर न लेटें और ना ही हाथ लगाएं।
• घर के बाहर किसी भी धातु की वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। बिजली तथा टेलीफोन के खंभों से दूर रहें।
• यदि आप किसी पानी वाली जगह में हैं तो वहां से फौरन बाहर निकल जाएं।
• यदि आप हरे पेड़ों, मोबाइल टॉवर, खंभों के पास खड़े हैं तो फ़ौरन वहां से दूर हट जाएं।
• यदि आप भीड़ में हैं तो एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें। एक दूसरे का हाथ पकड़कर बिल्कुल भी न रहें।
बिजली से प्रभावित होने पर क्या इलाज है?
बिजली का झटका लगे व्यक्ति का यदि ज़रूरी हो तो सीपी आर (कार्डियो पल्मनरी रीसू साइटेशन) करें। जैसे कृत्रिम सांस देना। उसे जल्द से जल्द डॉक्टरी मदद प्रदान करें।
उम्मीद है अब आप, भारी बरसात के दिनों में आसमानी बिजली से अपने आपको सुरक्षित करने के उपाय जान चुके होंगे। हम आशा करते हैं कि आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को भी आसमानी बिजली से बचाव के तरीक़े (Asmani bijli se bachav ke tarike) ज़रूर बताएंगे। सुरक्षित रहिए, स्वस्थ रहिए। और इसी तरह की जानकारी पाने के लिए हमारी वेबसाइट chahalpahal के साथ बने रहिए।
FAQ : -
1. क्या कार पर भी आकाशीय बिजली गिर सकती है?
Ans - गाड़ी का ऊपरी भाग चालक पदार्थ का होता है। चूंकि चालक पर आवेश केवल उसकी ऊपरी सतह पर ही होता है। इसलिए करंट नहीं लगता।
2. क्या मोबाइल फोन पर भी बिजली गिर सकती है?
Ans - मोबाइल की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड आकाशीय बिजली को अपनी ओर आकर्षित करने का गुण रखती है। ऐसे मौसम में अगर आप खुले स्थान पर मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हैं तब बिजली गिरने का ख़तरा बढ़ जाता है।
3. क्या हमारे आसपास बिजली गिरने से पहले हमारा शरीर हमें कोई संकेत देता है?
Ans - जब भी हमारे आसपास बिजली गिरने वाली हो, तो हमारा शरीर कुछ सेंकड पहले ही हमें संकेत देने लगता है। तेज़ बारिश और बिजली कड़कने के बीच अगर आपकी गर्दन के पीछे वाले हिस्से या सिर के बाल ऊपर की तरफ़ एकाएक खड़े होने लग जाएं, त्वचा में झुनझुनी सी होने लगे। तब फ़ौरन समझ जाइए कि कुछ ही क्षणों बाद आपके आसपास ही बिजली गिर सकती है। इस संकेत को समय पर समझकर, हमें किसी पक्के मकान या छत के नीचे चले जाना चाहिए
4. सबसे ज़्यादा आसमानी बिजली कहां गिरती है?
Ans - नासा के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पूर्वी भारत की ब्रम्हपुत्र घाटी अप्रैल से मई के बीच में औसतन हर महीने में सबसे ज़्यादा बिजली गिरती है। यह गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हो चुका है।
- by alok
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